बीमारियों का नाम सुन अच्छे से अच्छा धुरंधर भी सिहर उठता है। आज हम खुद को स्वस्थ रखने के लिए लाख जतन करते हैं फिर भी बीमारियां किसी न किसी रूप में हम पर हावी हो ही जाती हैं। बीमारियां कुछ ऐसी हैं जो बहुत जल्दी ठीक हो जाती हैं तो कुछ ऐसी जो काफ़ी लम्बे समय तक अपना असर दिखाती हैं, कुछ ऐसी जिनके तमाम इलाज हैं तो कुछ लाइलाज। एड्स उन्हीं कुछ लाइलाज बीमारियों में एक है। हर साल लाखों जानें लेने वाली इस बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया है। इसके रोकथाम के लिए उचित जागरूकता को मद्देनज़र रखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हर वर्ष विश्व एड्स दिवस मनाने का फैसला लिया।
आज इस लेख के माध्यम से हम विश्व एड्स दिवस के बारे में जानेंगे। आशा करता हूँ कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो।
1) एड्स एक लाइलाज महामारी है जो HIV नाम के खतरनाक वायरस के कारण फैलता है।
2) हर साल 1 दिसंबर को वैश्विक रूप में सभी देशों के आपसी सहमति और सहयोग से विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
3) एड्स दिवस पर विश्व भर में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
4) लोगों को इस बीमारी से जागरूक करने के लिए विश्व एड्स दिवस सन् 1988 से संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के बाद मनाया जा रहा है।
5) रेड रिबन (Red Ribbon or Red Cross) एड्स दिवस का प्रतीकात्मक चिन्ह है।
6) लाल रिबन एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता और समर्थन का प्रतीक है।
7) हर साल एक नए थीम के साथ विश्व भर में एड्स दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
8) वर्ष 2020 में एड्स रोकथाम के लिए ‘एचआईवी/एड्स महामारी का अन्त: लचीलापन और प्रभाव’ के थीम पर एड्स दिवस मनाया गया था।
9) एड्स बीमारी के प्रति बड़े स्तर के साप्ताहिक कार्यक्रम की शुरुआत सैन फ्रांसिस्को द्वारा 1984 में किया गया था।
10) बहुत से देशों में 1 दिसंबर विश्व एड्स दिवस के आसपास 1 हफ्ते का एड्स जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है।
1) एड्स दिवस दुनिया में लोगों को इस बीमारी की रोकथाम, उपाय और एड्स के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
2) भारत में 1986 में एड्स का पहला मामला सामने आया था और 1990 के बाद एड्स रोगियों की संख्या में काफी वृद्धि हो गई।
3) भारत में एड्स की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको-NACO) नामक संस्था का गठन किया गया है।
4) यह संगठन विश्व विद्यालयों में युवाओं को प्रोत्साहित करते हैं और युवाओं ने मिलकर रेड रिबन क्लब की स्थापना किया है।
5) विश्व एड्स दिवस मनाने की कल्पना सबसे पहले WHO में कार्यरत जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर द्वारा 1987 में की गई थी।
6) रेड रिबन क्लब युवाओं का एक सामूहिक संगठन है जिसके तहत विश्व भर में युवाओं द्वारा एड्स जागरूकता कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
7) इस क्लब से अधिक से अधिक युवा जुड़ते हैं और क्षेत्रीय स्तर पर लोगों में एड्स के रोकथाम और जागरूकता फैलाने का प्रयास करते हैं।
8) भारत में एड्स पर रोकथाम के उद्देश्य से 1992 में ‘राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम’ की शुरूआत की गई थी।
9) शुरुआत में एड्स दिवस के कार्यक्रम केवल बच्चों से संबंधित थे पर बाद में यह कार्यक्रम सभी वर्गों के लिए होने लगा।
10) कई समाजसेवी संस्थाएँ हैं जो एड्स रोगियों के उपचार और सहायता के लिए कार्य करते हैं।
एड्स जैसी बीमारी से लड़ने के लिए सभी देशों को एक साथ कार्य करना होगा और यह सभी कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर होना चाहिए। इस महामारी से निपटने के लिए बहुत से प्रयास किए भी जा रहें हैं और हाल के कुछ वर्षों में काफी अच्छे परिणाम भी देखने को मिले हैं। एड्स के सबसे ज्यादा रोगी भारत के महाराष्ट्र राज्य में हैं। पिछले कुछ साल के आँकड़े थोड़े संतोषजनक है क्योंकि धीरे-धीरे ही सही पर भारत में एड्स पर नियंत्रण किया जा रहा है।
आशा करता हूँ विश्व एड्स दिवस पर 10 लाइन (10 Points on World Aids Day) आपको पसंद आया होगा और आपने अच्छे से इसे समझा होगा।
उत्तर– 2020 के अन्त तक विश्व भर में लगभग 79 मिलियन लोग एच.आई.वी. से पीड़ित हुए और लगभग 36 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गई।
उत्तर– आंकड़ों के मुताबिक लगभग 152 देशों में एड्स से पीड़ित मरीज पाए गए हैं।