आतंकवादी समूहों का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच आतंक पैदा करना होता है और वे लोगों को निरंतर इसी डर और खौफ के साथ देखना पसंद करते हैं तथा इस उद्देश्य पुरा करने के लिए वो समय-समय पर विभिन्न छोटी-बड़ी आतंकवादी गतिविधियां करते रहते हैं। भारत में लगभग 100 से भी अधिक आतंकवादी संस्थाए चल रही हैं और वे देश में तनाव और भय का माहौल उत्पन्न करने में सफल भी हो रही हैं। इन आतंकवादी समूहों द्वारा कई आतंकवादी गतिविधियां की गई हैं। भारत अपने पड़ोसी देश द्वारा मुख्य रूप से पाकिस्तान द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्यों से बहुत हानि हुई है।
भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठन
भारत में संचालित कुछ प्रमुख आतंकवादी समूह यहां दिए गए हैं:
परन्तु विडमबना यह है कि इन आतंकवादी समूहो द्वारा किये गये बम धमाको और आंतकवादी गतिविधियो के बावजूद भी, ज्यादेतर समय सरकार इन तक पहुंचने और इनके विरुद्ध कड़ी कारवाई करने में असफल साबित हुई है।
भारत में आतंकवाद का कारण
भारत में व्यापक प्रसार आतंकवाद के कई कारण हैं। भारत में मुख्य रूप से चार प्रकार के आतंकवाद हैं। इसमें धार्मिक आतंकवाद, नार्को आतंकवाद, वामपंथी आतंकवाद और एथनो-राष्ट्रवादी आतंकवाद शामिल हैं। विभिन्न आतंकवादी संगठनो से जुड़े आतंकवादी अलग-अलग कारणों से एक जुट हो सकते हैं, परन्तु उनके अधीन चल रहे सभी आतंकवादी संगठनो का मुख्य उद्देश्य समान ही होता है और यह आम जनता के बीच बड़े स्तर पर भय और दहशत पैदा करने के लिए सदैव तैयार रहते है।
भारत में आतंकवाद के कुछ मुख्य कारण यहां दिए गए हैं:
धर्म
भारत विभिन्न धर्मों की भूमि है। विभिन्न धर्मों के लोग बड़े पैमाने पर देश में शांति और सद्भाव के साथ रहते हैं, वहीं कई ऐसी धार्मिक चरमपंथी संगठन भी हैं जो उनके बीच दरार पैदा करना चाहती हैं। ये समूह अपने धर्म की शिक्षाओं के बारे में झुठा दावा करती हैं और यह साबित करने का प्रयास करती हैं कि उनका धर्म दूसरों के धर्म से श्रेष्ठ है। अतीत में इन समूहों द्वारा किए गए कई हिंसक आंदोलनों ने देश की शांति और सद्भाव को भंग भी किया है और इस प्रकोप के कारण कई लोग को नुकसान भी हुआ है, जिसमे कई लोगो को अपनी जीवन भी गवाना पड़ा हैं।
एथनो-राष्ट्रवादी
चरमपंथी समूहों द्वारा इस प्रकार के आतंकवाद को सदैव उकसाया जाता है। जब एक राज्य की आबादी का प्रमुख हिस्सा खुद को अलग करने तथा अपना अलग राज्य/देश बनाने की इच्छा व्यक्त करता हैं तो वो आतंकवाद को बढ़ावा देता हैं। पंजाब में खालिस्तान आंदोलन इस प्रकार के आतंकवाद के उदाहरणों में से एक है। इस तरह के आतंकवाद के कारण कश्मीर जैसा सुंदर भारतीय राज्य भी इससे पीड़ित है क्योंकि कुछ कश्मीरी इस्लामी समूह कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा बनाना चाहते हैं। उसी तरह नागालैंड, त्रिपुरा, असम और तमिलनाडु भी इस प्रकार के आतंकवाद से पीड़ित हैं।
राजनीतिक परिदृश्य
सरकार तथा देश की राजनीतिक व्यवस्था से असंतुष्ट लोग आतंकवादी समूह का गठन करते हैं। भारत में वामपंथी उग्रवादियों को नक्सलवाद के नाम से जाना जाता हैं। अतीत में नक्सलवादीयों ने देश की राजनीतिक व्यवस्था से निराश होकर कई आतंकवादी हमले भी किए हैं। उन्होंने सशस्त्र विद्रोह के साथ सरकार को उखाड़ फेकने का लक्ष्य बनाया है, जिससे वह स्वंय की सत्ता का निर्माण कर सके।
सामाजिक-आर्थिक असमानता
भारत अपने सामाजिक-आर्थिक असमानता के लिए जाना जाता है। जहां अमीर और अमीर होते जा रहे हैं तथा गरीब और गरीब। ये गरीब वर्ग के बीच असमानता की भावना पैदा करता है। जिसके कारण ये ऊपरी वर्ग के लोगों को नष्ट करने के लिए आतंकवादी संगठनो में शामिल हो जाते हैं। वे ज्यादातर सत्ता लोगों तथा उच्चवर्गीय इलाकों को लक्ष्य बना कर आतंकवादी हमले करते हैं।
भारत में आतंकवाद का प्रभाव
आतंकवाद ने देश पर व्यापक प्रभाव डाला है। भारत में आतंकवाद के प्रभावों पर एक नज़र:
लोगों के बीच घबराहट
भारत में आतंकवाद ने आम जनता के बीच आतंक पैदा किया है। हर समय देश में एक विस्फोट, फायरिंग या अन्य प्रकार की आतंकवादी गतिविधियां होती रहती है। इसके कारण, कई लोग असामयिक रूप से मरे जाते हैं और अन्य कई लोगों को अपना बाकी का जीवन विकलांग के रुप में गुजारना पड़ता हैं। इन हमलों के कारण आम जनता के बीच तनाव और चिंता का माहौल तथा डर पैदा हो जाता है और लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर लगने लगता हैं।
पर्यटन उद्योग पर प्रभाव
लोग, आतंकवादी हमलों से ग्रस्त स्थानों पर जाने से डरते हैं। बाहरी और अंदरुनी आतंकवादी संगठनो के आतंकवादी गतिविधियो के वजह से भारत के पर्यटन उद्योग और शांति व्यवस्था पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। आंतकवादी गतिविधियो के वजह से पर्यटन उद्योग कई महीनो के लिये ठप पड़ जाता है।
विदेशी निवेश
विदेशी निवेशक भारत और अन्य आतंकवाद से ग्रस्त देशों में निवेश से पहले कई बार सोचते हैं, क्योंकि ऐसे जगहो पर जोखिम काफी अधिक होता हैं और वे सुरक्षित विकल्पों की तलाश में होते हैं। जिससे भारतीय कारोबारीयों को भी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है।
अर्थव्यवस्था पर संकट
भारत की अर्थव्यवस्था पर आतंकवाद का प्रतिकूल असर देखने को मिलता है। कई भारतीय प्रमुख शहरों पर आतंकवादी हमलों का प्रभाव पड़ा हैं, जिससे संपत्ति और व्यवसायों का नुकसान हुआ है, वहीं ऐसे मामलों में पुनरुत्थान लागत काफी अधिक होता है। उत्पादक कार्यों में उपयोग की जा सकने वाली देश की संपत्ति, आतंकवादी हमलों के कारण होने वाली हानि को भरने में निवेश की जाती है। इसके अलावा, पर्यटन उद्योग में गिरावट, भारत में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों की कमी और भारत में आतंकवाद के परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दरों में वृद्धि, देश की अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालता है।
प्रतिभा पलायन
भारत में कई प्रतिभाशाली युवा, देश की निम्न गुणवत्ता और आतंकवादी हमलो के अनिश्चितताओं के कारण देश में नहीं रहना चाहते। वे संयुक्त राष्ट्र, कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे विकसित देशों में स्थानांतरित हो जाते हैं जो आतंकवादी हमलो से कम प्रभावित होते हैं तथा आर्थिक रूप से मजबूत होते हैं। इस कारण से, आतंकवादी गतिविधियों के कारण प्रतिभा पलायन में वृद्धि हुई है।
वैश्विक आतंकवाद
आतंकवाद सिर्फ भारत देश तक ही सीमित नहीं है बल्कि ये पुरे विश्व की समस्या बन चुकी है। विभिन्न देशों तथा भारत में आतंकवादी समूहों के गठन के कारण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। पर इन कारणों में मुख्य रूप से सामाजिक-आर्थिक असमानता, भेदभाव/अलगाव, सत्तारूढ़ दल, धार्मिक उग्रवाद और जातीय राष्ट्रवाद के कामकाज से असंतोष शामिल हैं।
इस दुनिया में लगभग हर देश, ऊपर बताये गये एक या अन्य समस्याओं से पीड़ित है और इसके कारण इन देशों के भीतर विभिन्न आतंकवादी संगठनो का गठन हुआ है। ये आतंकवादी संगठन आम जनता के बीच डर का माहौल बनाये रखने के लिए समय-समय पर देश के भीतर आतंकवादी हमले करते रहते हैं तथा विभिन्न देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को जन्म देती है। जिससे धार्मिक उन्माद, आर्थिक असमानता, विकासशील देशों को प्रदान की जाने वाली सहायता में अंतर के कारण प्रतिद्वंद्विता या घृणा की भावना विकसित हो जाती है। पाकिस्तान द्वारा भारत और विभिन्न देशों पे किये गये हमले अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का स्पष्ट उदाहरण हैं।
पाकिस्तान, सीरिया, भारत, रूस, मिस्र, इराक, लीबिया, नाइजीरिया, इज़राइल, फिलीपींस, कोलंबिया, सोमालिया, थाईलैंड, तुर्की, यमन और नेपाल जैसे देश पिछले दो दशकों में कई आतंकवादी हमलों से प्रभावित हुए हैं तथा वे दोनों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हमलों से पीड़ित हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई 9/11 की घटना विश्व देश में सबसे जघन्य और प्रमुख आतंकवादी हमलों में से एक रही है।
भारत में आतंकवादी हमला
भारत ने कई आतंकवादी हमलों को देखा है जिन्होंने जनता के बीच भय तथा डर खौफ पैदा किया है और बड़े पैमाने पर विनाश का कारण बना है। यहां कुछ प्रमुख आतंकवादी हमलों के बारे में जानकारी दी गयी हैं जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारत को बुरी तरीके से प्रभावित किया हैं:-
भारत में आतंकवाद से लड़ने के लिए कुछ प्रमुख एजेंसिया-
भारत में कई पुलिस, खुफिया और सैन्य संगठनों ने देश में आतंकवाद से लड़ने के लिए विशेष एजेंसियां बनाई हैं।
एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस)
महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के भारतीय राज्यों में आतंकवाद विरोधी दल (एटीएस) संचालित है। यह एक विशेष पुलिस बल है जिसने भारत में कई आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए विभिन्न प्रकार की रणनीतियां अपनाई हैं।
रीसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ)
वर्ष 1968 में स्थापित, रॉ भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी है। यह आतंकवादी साजिशो को नाकाम करने में अपना योगदान देती है तथा काउंटर प्रसार को बढ़ावा देता है और भारत के परमाणु कार्यक्रम की रखवाली करता हैं।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)
ये एजेंसी देश में आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा स्थापित की गई है। दुर्भाग्यपूर्ण 2008 इसकी शुरुआत मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद हुई। इस एजेंसी को राज्यों से किसी विशेष अनुमति के बिना, किसी भी भारतीय राज्य में होने वाले आतंकवादी समूहों/गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त है।
निष्कर्ष
आतंकवाद ने भारत को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है। आतंकवादी हमलों की वजह से हजारों निर्दोषों की जान गई हैं। आतंकवाद विरोधी एजेंसियों और उनकी उच्च रणनीतियों के गठन के बावजूद भी, आतंकवादी समूह अभी भी आतंकवादी गतिविधियों को पूरा करने में सफल हैं।
आतंकवादी हमलों के लिए भारत सरकार की प्रतिक्रिया कभी भी उतनी कठोर नहीं है जितनी होनी चाहिए। आतंकवादी गतिविधियों के लिए उचित रणनीतिक प्रतिक्रिया के अभाव, आतंकवादी संगठनो को निडरता से ऐसी गतिविधियों को करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
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