देव दीपावली एक मुख्य हिन्दू त्यौहार है। दीपावली की तरह ही इसे भी रोशनी का पर्व कहा जाता है। यह दीपावली की तरह ही मनाया जाता है पर दीपावली से थोड़ा भिन्न है। देव दीपावली कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है और दीपावली कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है की इसी दिन देवतागण वाराणसी के घाटों पर आये थे. इस दिन गंगा स्नान, पूजा-पाठ किये जाते हैं।
आज इस लेख के माध्यम से हम वाराणसी की संस्कृति की झलक दिखाने वाले विशेष पर्व देव दीपावली के बारे में जानेंगे।
1) देव दीपावली उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में मनाया जाने वाला विशेष महापर्व है।
2) यह पर्व प्रतिवर्ष हिंदी कैलेंडर के कार्तिक माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
3) देव दीपावली भगवान शिव द्वारा ‘त्रिपुरासुर’ नामक राक्षस को पराजित करने का उत्सव है।
4) इसके नाम से ही स्पष्ठ हो जाता है की यह देवताओं की दीपावली है।
5) देव दीपावली के कार्यक्रमों की शुरुवात 1985 में काशी के पचगंगा घाट से हुआ है।
6) इस दिन वाराणसी में सुबह पूर्णिमा के गंगा स्नान के लिए दूर-दूर से तीर्थयात्री आते हैं।
7) इस पर्व पर घाटों पर प्रकाश उत्सव(Light-show) व संगीत कार्यक्रम किये जाते हैं।
8) इस महापर्व पर बनारस के सभी घाटों पर लोगों द्वारा करोड़ों संख्या में मिट्टी के दिये जलाये जाते हैं।
9) प्रतिवर्ष देव दीपावली के दिन वाराणसी के घाटों पर बहुत ही भव्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
10) इस अवसर पर वाराणसी में हजारों की संख्या में स्थानीय और विदेशी पर्यटकों की भीड़ होती है।
1) देव दीपावली का पर्व मुख्य दीपावली के 15 दिनों के बाद मनाया जाता है।
2) ग्रेगोरियन कैलेंडर में यह त्यौहार अक्टूबर से नवम्बर महीने में आता है।
3) मुख्यतः वाराणसी का यह महापर्व हिन्दू त्योहारों में एक विशेष स्थान रखता है।
4) देव दीपावली पर घाटों का अद्भुत नजारा देवलोक के सामान दिखने लगता है।
5) देव दीपावली के कार्यक्रमों का आनंद मुख्य रूप से नौका विहार द्वारा लिया जाता है।
6) इस दिन औरतें और कन्याएं तुलसी पूजा, व्रत, दान और गंगा स्नान करती हैं।
7) लोग अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ घूमकर देव दीपावली का आनंद लेते हैं।
8) देव दीपावली प्राचीन शहर वाराणसी की संस्कृति और परंपरा का मुख्य हिस्सा है।
9) वर्तमान में उत्तर प्रदेश के श्रीराम मंदिर अयोध्या के घाटों पर भी देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है।
10) देव दीपावली प्रकाश का त्यौहार है और सभी धर्म-संप्रदाय के लोग घाटों पर इसका आनंद लेते हैं।
देव दीपावली का यह उत्सव भी दीपावली की तरह ही पटाखों और मिठाइयों के साथ मनाया जाता है। कार्तिक माह की पूर्णिमा का गंगा स्नान बहुत ही शुभ और फलदायी माना जाता है। अतः पूर्णिमा के 1 दिन पहले से ही दूर-दूर से बहुत से भक्तों की भीड़ वाराणसी के घाटों पर जमा हो जाती है। देव दीपावली के दिन मुख्य रूप से भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।