भारत की 76वीं स्वतंत्रता दिवस समारोह के एक दिन पूर्व 14 अगस्त 2021 को भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को भारत विभाजन के कारण अपनी जान गवाने वाले लोगों की याद में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए “विभाजन विभीषिका स्मृतिदिवस” के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। भारत विभाजन के समय हुआ नरसंहार और विनाश विश्व के सबसे बड़े नरसंहारों में से एक है। स्थिति इतनी भयावह थी कि लोग मूक (चुप) होकर अपनी बहन-बेटियों की आबरू लुटते देखते रहे।
मासूम बच्चों, बुजुर्गों एवं महिलाओं तक को मार दिया गया। पाकिस्तानियों द्वारा किए इस नरसंहार ने पूरे देश में दंगे भड़का दिए। आईए हम इन वाक्यों के माध्यम से “विभाजन भयावह स्मृति दिवस” के तत्कालीन स्थितियों के बारे में जानते हैं।
1) 14 अगस्त को भारत में ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
2) यह दिन स्वतंत्रता के बाद भारत-पाकिस्तान बटवारे में मारे गए लोगों की याद में मनाया जाता है।
3) “विभाजन भयावहता स्मृति दिवस” को भारत में 14 अगस्त 2021 से मनाया जा रहा है।
4) यह दिन लोगों में एकता, सद्भाव और देशप्रेम की भावना को मजबूत करेगा।
5) इस दिन को मनाने की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गयी।
6) 75वीं स्वतंत्रता दिवस वर्षगांठ की पूर्वसंध्या 14 अगस्त 2021 को यह घोषणा की गयी।
7) धर्म के आधार पर हुए भारत विभाजन ने हालात को और ज्यादा बिगाड़ दिया था।
8) भारत विभाजन के समय लगभग 5 से 10 लाख लोग मारे गये थे।
9) सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए गांधी जी बंगाल में अनशन पर बैठ गए और स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल नहीं हुए।
10) भारत के विभाजन में लाखों मासूम और निर्दोष मारे गए, विभाजन के उस दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
1) “विभाजन भायवहता स्मरण दिवस” 14 अगस्त 1947 में हुए भारत विभाजन की याद दिलाता है।
2) विभाजन की स्थिति इतनी भयावह थी कि करीब 10 लाख लोगों ने जान गवाई और 2 करोड़ लोग विस्थापित हुए।
3) भारत विभाजन और पाकिस्तान की मांग मोहम्मद अली जिन्ना ने की थी।
4) भारत विभाजन का वर्णन भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 में किया गया।
5) विभाजन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन की देख-रेख में हुआ अतः इसे माउंटबेटन योजना भी कहते हैं।
6) भारत-पाकिस्तान की विभाजन रेखा सर सिरिल रैडक्लिफ (Cyril Radcliffe) द्वारा बनाई गयी।
7) 14 अगस्त को भारत को विभाजित कर एक नया मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान बनाया गया।
8) सांप्रदायिक बटवारे में लोगों के विस्थापन से पूर्व ही नए राष्ट्र निर्माण ने दंगे भड़का दिए।
9) 15 अगस्त को भारत और 14 अगस्त को पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है।
10) भारत की यह विनाशकारी स्थिति अंग्रेजों की ‘फूट डालो राज करो’ नीति का नतीजा था।
भारत विभाजन का दौर देश और देश के लोगों के लिए सबसे कष्ट वाला दौर था। अनगिनत लोगों को अपना घर, जमीन सब कुछ छोड़ना पड़ा और अपने ही देश में शरणार्थी बन कर रहना पड़ा। लूट-पाट और कत्लेआम की भयानक स्थिति ने देश को घेर लिया था। कुछ सत्ता के भूखे लालची लोगों के चलते देश की आजादी के लिए बलिदान हुए शहीदों का सपना अधुरा रह गया। इतने सालों के बाद भी विभाजन में अपने लोगों को खोने वालों का दर्द के किस्से सुनाई दे जाते हैं। ऐसे ही अनगिनत लोगों की याद में प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को यह दिन मनाया जायेगा।