एक उच्च स्तर के नेतृत्वकर्ता और देश को एक धागे में पिरोने वाले सरदार पटेल द्वारा देश के लिए किए गए बलिदानों की श्रद्धांजलि के रूप में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को बनाया गया है। भारत में बनी यह प्रतिमा काफी मजबूत बनाई गई है और ये विश्व में अबतक की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इस प्रतिमा को बनाने की घोषणा, इनका शिलान्यास और इस प्रतिमा का उद्घाटन नरेन्द्र मोदी द्वारा ही किया गया था।
आइए आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर 10 लाइन (10 Lines on Statue of Unity) के माध्यम से हम भारत में स्थित विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में जानते हैं।
1) भारत के पहले गृहमंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की प्रतिमा को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के नाम से जानते हैं।
2) सरदार पटेल की यह प्रतिमा नर्मदा नदी के किनारे, केवड़िया (गुजरात) पर स्थित है।
3) यह प्रतिमा सरदार सरोवर बांध के सामने स्थित है, जो गुजरात राज्य का दूसरा सबसे बड़ा बांध है।
4) गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2010 को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी योजना की घोषणा की थी।
5) एकता का प्रतीक कहे जाने वाले इस प्रतिमा का निर्माण कार्य 31 अक्टूबर 2013 को आरम्भ किया गया था।
6) सरदार पटेल की इस प्रतिमा का उद्घाटन 2018 में उनके जन्मोत्सव के दिन 31 अक्टूबर को किया गया था।
7) लगभग 597 फीट (182 मी) लम्बी यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में जानी जाती है।
8) अब तक की इस सर्वोच्च प्रतिमा को लगभग 300 इंजीनियर और 3000 श्रमिकों के अथक प्रयास से बनाया गया था।
9) इस विशाल प्रतिमा को बनाने में लगभग 2989 करोड़ रुपये की लागत लगी थी।
10) स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन पद्म पुरस्कार से सम्मानित श्री राम वी सुतार के द्वारा बनाया गया था।
1) सरदार पटेल की यह विशालकाय प्रतिमा नर्मदा नदी पर साधु द्वीप पर बनाई गई है।
2) इस मूर्ति को पूर्णतया तराशने में लगभग 5 वर्षों का समय लगा था।
3) इस प्रतिमा को मजबूत बनाने के लिए कांसे की क्लेडिंग व स्टील की फ्रेमिंग से बनाया गया है जिस पर पीतल का लेप किया गया है।
4) इस प्रतिमा को बनाने में 6500 टन स्टील, 25000 टन लोहा, 1850 टन कांस्य और 90000 टन सीमेंट के साथ-साथ कुछ अन्य सामग्रियों का इस्तेमाल हुआ है।
5) इस प्रतिमा के आधार की ऊंचाई 58 मीटर है, इसे मिलाकर यह प्रतिमा कुल 240 मीटर ऊंची है।
6) इस प्रतिमा को इतने प्रभावी ढंग से बनाया गया है कि यह 6.5 रिक्टर के भूकंप को भी झेल सकती है।
7) इस प्रतिमा को इस प्रकार से बनाया गया है कि यह 180 किमी प्रति घंटे से अधिक रफ्तार की हवा का सामना कर सकती है।
8) इस प्रतिमा का आधार एक विशाल हाल है जिसमें प्रदर्शनी चलाकर सरदार पटेल के योगदानों और उनका जीवन दर्शन कराया जाता है।
9) इस प्रतिमा को बनाने के लिए लगभग 5000 मीट्रिक टन लोहा किसानों से जुटाया गया था, हालांकि उसका इस्तेमाल अन्य निर्माणों में किया गया।
10) भारत को एक राष्ट्र का रूप देने वाले सरदार पटेल की याद में उनके इस प्रतिमा को एकता की प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) नाम दिया गया।
देश की स्वतंत्रता की लड़ाई से लेकर देश को एक करके भारत संघ के निर्माण करने और देश के विकास को एक नई राह प्रदान करने के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल के बलिदानों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में उनकी एक भव्य प्रतिमा बनाई गई है जो भारत के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक है। यह प्रतिमा एक उच्च कलाकारी का प्रदर्शन करती है।
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उत्तर – स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (182 m) भारत व विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति है।
उत्तर – चाइना में स्थित वसंत बुद्ध मंदिर (Spring Temple Buddha – 153m) विश्व की दूसरी सबसे ऊंची मुर्ति है।
उत्तर – स्टैचू ऑफ यूनिटी की स्थापना 31 अक्टूबर 2018 को हुई।