हर किसी के जीवन में कभी सुख तो कभी दुःख का फेरा लगा रहता है। जीवन सदैव एक जैसा नहीं रहता। ठीक इसी प्रकार रिश्तों में भी उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। अक्सर लोग अपने जीवन में किसी न किसी समस्या से परेशान रहते हैं कुछ रिश्तों को लेकर तो कुछ अन्य समस्याओं को लेकर। कभी-कभी रिश्तों में आया बदलाव, जीवन के मिठास को कम कर देता है। यह वास्तव में देखा गया है की जिस व्यक्ति से आपको बहुत उम्मीदें होती हैं या जिसपर आप सबसे अधिक भरोसा करते हैं वही आपको धोका दे जाता है।
कभी-कभी रिश्ते बोझ लगने लगते हैं और इससे आपके जीवन में कई परिवर्तन आने लगते हैं। जब एक व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान रहता है तो उसका अपने काम में मन नहीं लगता, कुछ भी अच्छा नहीं लगता, व जीवन में कई अन्य कार्य खुद ब खुद बाधित होने लगते हैं। मैंने एक लेख रिश्तों पर लिखा है जिसमें मैंने आपके पत्नी के भावनात्मक संबंधों के बारे में चर्चा की है और इसे सुलझाने के उपाय भी बताये हैं। मुझे आशा है की यह आपके लिये बहुत ही उपयोगी होगा और आपके जीवन को वापस उसी रफ़्तार पर ला देगा।
देखा जाये तो यह एक कठिन कार्य है जिसमे बहुत ही धैर्य की आवश्यकता होती है। जीवन के कुछ मुद्दों को कई बार प्रेम से सुलझाना पड़ता है और इसमें बहुत धैर्य की आवश्यकता होती है। अगर आपकी पत्नी किसी और में दिलचस्पी रखती है, तो यह उसकी गलती नही है। ऐसी स्थिति में गलती आपकी होती है, क्यों की वह आपके साथ अब उतनी सुरक्षित या जुड़ी हुई महसूस नहीं करती। और अगर आपने ये सब पहले ही किया होता तो शायद वो किसी के पास जाती ही नहीं।
मुझे पता है की यह थोड़ा मुश्किल है परंतु ठन्डे दिमाग से काम लें और सोचें की आखिर ऐसा क्या था जो आपकी पत्नी को किसी और के पास जाना पड़ा। उनसे उंची आवाज में बात न करें, इससे वे समझने के बजाय आहत ही होंगी। शांति से उनसे पूछें की क्या वजह है या ऐसा क्या है जो उन्हें किसी के पास जाना पड़ा? वे कौन से विशेष गुण हैं जिसने उन्हें आकर्षित किया? उनसे अलग-अलग प्रशन करें जिससे वे खुद सोचें और मूल्यांकित करें की जो भी वे कर रहीं हैं वह सही है या नहीं।
उन्होंने जो भी किया बस आपके उपस्थित न होने की वजह से इस लिये उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें। उनसे बातें करें उन खूबसूरत पलों को याद करें जो आपने पहले साथ बिताए थे। उन्हें बताएं की आप उनके लिये कितनी महत्वपूर्ण हैं, अपने प्यार का इजहार करें और उन्हें अपने साथ सुरक्षित महसूस कराएं। इससे उन्हें अपने पुराने दिन याद आयंगे, आपका प्यार, अहमियत सब उन्हें समझ आने लगेगा और हो सकता है की वे किसी दूसरे व्यक्ति के विचार को त्याग दें।
उन्हें डांटने और जलील करने के बजाय उन्हें बताएं की आपका रिश्ता कितना महत्वपूर्ण है और इसे बचाने के लिये उनको अपने इमोशनल अफेयर को खत्म करना होगा। उन्हें वो सारी संभावनाएं बताएं जो आप दोनों के रिश्ते के टूटने से हो सकता है। उनके पति होने के नाते आप उनके इमोशनल अफेयर को ख़तम करने में मदद भी कर सकते हैं। हमेशा उनके आस-पास रहें, उन्हें प्यार करें, सेक्स करें। इस प्रकार वे आसानी से किसी को भी भूल जाएँगी।
आप अपने रिश्ते को इतना मजबूत बनायें की आप दोनों आपस में कोई भी बात आसानी से साझा कर सकें। जब आप अच्छे दोस्त होंगे तो आपको समझने में भी आसानी होगी की आपकी पत्नी क्या चाहती हैं उनकी इच्छाएं क्या है। इससे आप उनके और करीब आजायंगे और एक औरत के लिये इससे अच्छी बात और कोई हो ही नहीं सकती, की उसका पति ही उसका सबसे अच्छा दोस्त हो। वे आपके पास सुरक्षित और खुश रहेंगी तो किसी और के पास जाने की नौबत ही नहीं आएगी।
आपका गुस्सा और निराश होना संभव है, लेकिन इस स्थिति में एक तो आप पहले ही उनसे दूर हो चुके हैं और ऊपर से आप उनसे उंची आवाज में या गुस्सा हो जायंगे, तो शायद आप उनको पूरी तरह खो सकते हैं। इस लिये उनकी सराहना करना शुरू करें जैसे की उनके कपड़ों की या खाने की। अगर वो कोई विचार रखती हैं तो, इससे उनके अन्दर आपके प्रति सम्मान बढ़ेगा और उनको अपना खोया प्यार याद आ जायेगा। कहते हैं की प्यार कभी मरता नहीं है और इससे आप उनको वापस पा सकते हैं।
यह आपकी ही लापरवाही है की वे आपसे दूर हुई क्योंकी अपेक्षित सराहना या सम्मान न मिलने पर किसी भी इंसान को बुरा लग सकता है और यही सराहना जब कही और से मिलने लगे तो मनुष्य भटक जाता है।
किसी भी रिश्ते के कुछ अहम् पहलु होते हैं और उनमें से एक है भरोसा। इस भरोसे को बनाने के लिये आपस में सच बोला बहुत ही जरुरी होता है। सच बोलें और एक दूसरे के प्रति सदैव वफादार रहें। यह आदत आपके रिश्ते को कभी फीका नहीं पड़ने देगी और इससे एक फायदा यह होगा की आपके साथी के मन में जो भी होगा वह आपको सब सच-सच बता देगी और आप उनको इससे बाहर लाने में मदद कर सकते हैं।
आप अपनी पत्नी को न बताएं की वो सही कर रही है या गलत। उससे बस अपनी भावनाओं को व्यक्त करें उसे अपने सारी बातें साझा करें। इससे उन्हें खुद ब खुद अपनी गलती का एहसास होने लगेगा और वे वापस आजाएंगी। इस प्रकार वे भावनात्मक तौर पर वापस आपके पास आजाएंगी।
अपने पत्नी को कहें की वे अपनी भावनाओं को लिखें और अपने पति और उस नए साथी की तुलना करे। इससे उन्हें सब साफ़-साफ़ नजर आजायेगा की आपके साथ उन्होंने कितने सुखद पल गुजारे हैं। कुछ दिनों का रिश्ता कभी ज्यादा देर तक नहीं टिकता, इस लिये चिंता न करें और बस उन्हें अपना प्यार याद दिलाते रहें इससे वे पुरानी सभी बातें याद आजाएंगी और आप उन्हें वापस अपने जीवन में लाने में भी सफल हो जायंगे।
इमोशनल अफेयर क्या है (What is an Emotional Affair)
यह एक ऐसी मनः स्थिति है जब एक साथी किसी अन्य के बारे में सोचने लगता है और उससे अधिक निकट और जुड़ा हुआ सा महसूस करने लगता है। वे उनसे वे सारी बातें साझा करते हैं, जो शायद उन्हें नहीं करनी चाहिए। वे अपने रहस्य, समस्याएं, भावनाएं, आदि साझा करती हैं। वे केवल उनके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाते, इसके अलावा बाकी सब कुछ साझा कर लेते हैं।
कभी-कभी वे अपने शादी से दिलचस्पी खो देते हैं और एक नए व्यक्ति के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। किसी अन्य के प्रति आकर्षित होते हैं और अधिक जुड़ाव महसूस करने लगते हैं। यह आम तौर पर एक साधारण दोस्ती से शुरू होती है और धीरे-धीरे बात आगे बढ़ने लगती है।
भावनात्मक संबंधों के कई दुष्प्रभाव हैं और एक व्यक्ति को अच्छे संबंध और एक बुरे संबंध के बीच का अंतर पता होना चाहिए। एक शादीशुदा व्यक्ति को सदैव अपने रिश्ते को अहमियत देना चाहिए। आज कल होने वाले ज्यादातर तलाक में लोगों के दूसरे संबंध आम है। जब भावनात्मक संबंध हद से अधिक बढ़ जाये तो विकराल रूप ले लेती है, इसलिये समय रहते अपने साथी के बदले हाव-भाव को पहचानें और उनको गलत राह पर जाने से रोकें। और यह तभी संभव है जब आप खुद इस रिश्ते को अहमियत देंगे।
अगर आपकी पत्नी की ज्यादातर आदतें ऊपर लिखित में से मिलती हों तो हो सकता है की कोई और उनके जीवन में आया हो और किसी भी नतीजे पर पहुँचने के लिये पहले पूरी तरह जान लें की वाकई में ऐसा कुछ है और है तो वो कौन है उसके बाद ही कोई भी कदम उठायें।
निष्कर्ष
आज-कल ज्यादातर रिश्तों के टूटने की वजह बातचीत की कमी है। पति-पत्नी के बीच सदैव बातें होती रहनी चाहिए यदि आपको कोई बात बुरी लगे तो दोनों को एक दूसरे से बताना चाहिए। आप दोनों को पहले अपने रिश्ते को जीवन में सबसे अधिक महत्त्व देना चाहिए, उसमे कभी किसी तीसरे का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। हेमशा आप एक दूसरे को बताएं की आप लोग एक दूसरे के बारे में क्या सोचते हैं, इससे दोनों को खुद को सुधारने का मौका मिलेगा और रिश्तों में कभी खटास आएगी ही नहीं। उम्मीद करती हूं की आपको यह लेख अवश्य पसंद आया होगा और ऐसे ही कई उपयोगी लेख पढ़ने के लिये हमसे सदैव जुड़े रहें।