10 वाक्य

जीएसटी पर 10 वाक्य (10 Lines on GST in Hindi)

कर को दो भागों में विभाजित किया गया है जिसमें पहला प्रत्यक्ष कर है जो व्यक्ति अपनी आय के अनुसार भुगतान करता है और दूसरा अप्रत्यक्ष कर है जिसे किसी उत्पाद या सेवा का लाभ उठाने पर भुगतान किया जाता है। केंद्र और राज्य द्वारा अलग-अलग लगाए गए अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर अब केवल एक कर “जीएसटी” लागू किया गया है। 2017 में लागू होने के बाद जीएसटी नियमों में कई सुधार और संशोधन करके इसे लोगों के लिए सरल बनाने का प्रयास किया जाता रहा है।

GST पर 10 लाइन (Ten Lines on GST in Hindi)

आईए आज इस लेख के माध्यम से हम वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।

GST par 10 Vakya – Set 1

1) जीएसटी (GST) एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है, जो हम किसी वस्तु को खरीदने या किसी सेवा का लाभ लेने पर चुकाते हैं।

2) किसी वस्तु या सेवा पर लगाए गए कई करों के स्थान पर केवल एक कर GST को लागू किया गया है।

3) भारत में सन् 2000 में GST का मसौदा तैयार करके वस्तु एवं सेवा कर (Goods & Service Taxes) विधेयक की नींव रखी गई थी।

4) ‘वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम’ भारतीय संसद में 29 मार्च 2017 को पारित हुआ।

5) वर्ष 2017 में 6 अप्रैल को इस विधेयक को राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई, जिसके बाद 1 जुलाई 2017 को यह लागू कर दिया गया।

6) वर्तमान में वस्तुओं के आधार पर 5 प्रकार की GST दरे लागू की गई है- 0%, 5%, 12%, 18%, और 28%।

7) कुछ वस्तुएं जैसे पेट्रोलियम उत्पाद, बिजली और मादक पेय पदार्थों को GST के अंतर्गत नहीं रखा गया है।

8) जीएसटी एक बहुस्तरीय कर का रुप है क्योंकि उत्पादन के विभिन्न चरणों पर अलग-अलग दर से जीएसटी लगाया गया है।

9) कई करों को हटाकर एकल कर प्रणाली से कर चोरी और भ्रष्टाचार कम करने में भी सहायता मिलेगी।

10) भारत में जीएसटी लागू होना, देश में चल रहे कर प्रणाली में सुधार के रूप में भी जाना जाता है।

GST par 10 Vakya – Set 2

1) भारत में वस्तु एवं सेवा कर का शुभारम्भ भारतीय जनता पार्टी द्वारा किया गया था।

2) लोकसभा में कुल 336 मतों के साथ जीएसटी बिल को पारित किया गया था।

3) GST से संबंधित सभी मामलों के लिए केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रालय के समन्वय से एक जीएसटी परिषद का गठन किया गया है।

4) भारत सरकार के वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के अध्यक्ष होते हैं।

5) जरूरत की वस्तुओं को कई श्रेणियों में बाटकर उन पर अलग-अलग प्रकार के एक निश्चित कर लगाए गए हैं।

6) GST को 4 भागों में बाटा गया है- Central GST, State GST, Union Territory GST, Integrated GST।

7) जीएसटी में रोजाना उपयोग की जाने वाली वाली सामान्य वस्तुओं की दर में कमी की गई है।

8) जीएसटी से एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार करने पर कई करों के स्थान पर केवल एक कर चुकाते हैं।

9) GST के लागु होने से इलेक्ट्रॉनिक, स्वास्थ्य, यातायात आदि कई वस्तुएं और सेवाएं महंगी हुई हैं।

10) इस कर के लागू होने से कर की चोरी के मामले घटे हैं और सरकार की आमदनी में भी वृद्धि हुई है।

निष्कर्ष

जीएसटी (GST-Goods & Service Taxes) प्रणाली में अंतिम उपभोक्ता को ही पूरा कर का भुगतान करना होता है। जीएसटी से पहले वस्तु एवं सेवाओं पर केंद्र तथा राज्य अपने-अपने हिसाब से कई प्रकार के कर लगाते थें। इन सभी करों को मिलाकर एक कर का रूप दिया गया जिससे कर भुगतान करना और प्राप्त करना दोनो आसान हुआ है। एक तरफ जहां जीएसटी के कई फायदे हैं तो दूसरी तरफ कुछ नुकसान भी हैं जिनका असर मध्यम वर्गीय जनता पर भी पड़ता है।

आशा करता हूँ कि वस्तु एवं सेवा कर 10 वाक्य (10 Points on GST) आपको पसंद आया होगा।

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जीएसटी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न : Frequently Asked Questions on GST.

प्रश्न 1 – भारत में GST कब से लागू किया गया?

उत्तर – 1 जुलाई 2017।

प्रश्न 2 – GST का फुल फॉर्म क्या है?

उत्तर – गुड्स एंड सर्विस टैक्स (वस्तु एवं सेवा कर)।

प्रश्न 3 – भारत में जीएसटी सबसे पहले कहाँ लागू हुआ?

उत्तर- 12 अगस्त 2016 को असम राज्य में।

प्रश्न 4 – सबसे पहले जीएसटी कौन से देश में लागू हुआ था?

उत्तर – सन् 1954, फ्रांस में।

Shubham Singh

राजनितिशास्त्र से स्नातक एवं इतिहास से परास्नातक करने के पश्चात् शुभम सिंह लेखन कार्य से जुड़ गये। लेखन से पूर्व किये गये गहन अन्वेषण इनके लेखों में साफ़ दिखाई देते है। उत्कृष्ठ लेखन के साथ-साथ ये युवाओं को उनके शिक्षा एवं भविष्य से सम्बंधित मार्गदर्शन भी करते है। इनका मानना है की सही दिशा में किया गया परिश्रम व्यक्ति को हमेशा सफल बनाता है।

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