भारत हमेशा से ही वीर भूमि और वीरों का देश रहा है, जब-जब किसी ने इस वीर भूमि की वीरता को क्षीण करने का प्रयास किया है तब-तब इस भूमि की कोख से वीर सपूतों ने जन्म ले इसकी शान और सम्मान पर जरा भी आँच नहीं आने दी है। इन्हीं वीर सपूतों में एक थे हमारे नेताजी सुभाष चन्द्र जी जिन्होंने भारत भूमि की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लोहा ले आजादी की लड़ाई में अपना बहुमूल्य योगदान दिया। वीर और पराक्रमी का पर्याय माने जाने वाले नेताजी बोस के जन्मदिवस को पूरा भारतवर्ष आज “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाता है।
आइए नीचे दिए गए पराक्रम दिवस पर 10 लाइन/वाक्यों (10 Lines on Parakram Divas- Day of Valour) के माध्यम से हम इस दिन और इसके महत्व को अच्छे तरीके से जानते व समझते हैं।
पराक्रम दिवस की पूरी जानकारी सरलतम शब्दों में मिले लेखक ने इस बात का पूरा ध्यान रखते हुए यह लेख ऐसे लिखा है कि हर वर्ग के विद्यार्थियों के विद्यालय संबंधी कार्यों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हो।
1) पराक्रम दिवस (Day of Valour) महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के सम्मान में मनाया जाता है।
2) पराक्रम दिवस हर वर्ष जनवरी महीने की 23 तारीख को मनाया जाता है।
3) यह दिन नेताजी जयंती या नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
4) वर्ष 2021 में नेताजी सुभाष चंद्र की 125वीं जयंती से भारत सरकार ने इसे पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
5) ‘पराक्रम’ यह शब्द सुभाष चंद्र बोस के असीम वीरता और साहसी व्यक्तित्व को पूर्णतः सुशोभित करता है।
6) पराक्रम दिवस देश के सभी हिस्सों में पूरे सम्मान के साथ मनाया जाता है।
7) यह दिन हमें नेताजी सुभाष चंद्र जी जैसा वीर और साहसी बनने के लिए प्रेरित करता है।
8) ममता बनर्जी द्वारा नेताजी जयंती को देशनायक दिवस (Day of National Hero) के नाम से मनाने का सुझाव दिया गया था।
9) बोस जी के परिवारजनों ने इस दिन को देशप्रेम दिवस (Day of Patriotism) के रूप में मनाने की मांग की थी।
10) इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में एक स्थायी प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
1) पराक्रम दिवस पर याद किए जाने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को कटक (ओडिशा) में हुआ था।
2) पराक्रम के प्रतीक नेताजी बचपन से ही अत्यंत साहसी और सच्चे देशभक्त थे।
3) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2021 को ‘पराक्रम वर्ष’ के रूप में चिन्हित किया गया है।
4) संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा 19 जनवरी, 2021 को बोस जयंती को पराक्रम दिवस के नाम से मनाने की घोषणा की गई।
5) पराक्रम वर्ष 2021 के दौरान पूरे देश भर में नेता जी से जुड़े कार्यक्रमों का मंचन किया जाना तय किया गया।
6) अब तक नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती के रूप में मनाये जाने वाले इस दिन पर अनेक शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों में देशप्रेम जागृत किया जाता है।
7) भारत सरकार इस दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी को विशेष श्रद्धा सुमन अर्पित करती है।
8) इस दिन को देश के कुछ राज्यों (झारखण्ड, इत्यादि) में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है।
9) पराक्रम दिवस भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है।
10) पराक्रम दिवस, खासकर देश के युवा वर्ग को अपने जीवन में साहस और दृढ़ता लाने को प्रेरित करता है।
निष्कर्ष
“जय हिंद”, “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दुँगा”, इत्यादि जैसे नारे सुनते ही याद आ जाने वाले सुभाष चंद्र बोस जी का जीवन अत्यंत संघर्षरत था पर उन्होंने इसके बाद भी अपने देशप्रेम और साहस को बरकरार रखते हुए आजादी की लड़ाई लड़ी। प्रतिकूल परिस्थितियों को अपनी दृढ़ता की शक्ति से धूल चटा देने वाले नेताजी की अदम्य वीरता और साहस से हमें केवल पराक्रम दिवस पर ही नहीं अपितु हर रोज प्रेरणा लेनी चाहिए।
आशा करता हूँ पराक्रम दिवस पर 10 वाक्य (10 Points on Parakram Diwas) लेख आपको पसंद आया होगा और आपके लिए उपयोगी सिद्ध हुआ होगा।
धन्यवाद!
ये भी पढ़े:
उत्तर- नेताजी सुभाष चंद्र बोस।
उत्तर- पहले पराक्रम दिवस (2021) पर “Book: Letters of Netaji (1926-1936)” का विमोचन किया गया।