कविता

दिवाली पर कविता

दिवाली प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश का त्योहार है, यही कारण है इस दिन चारो ओर उजियारा ही देखने को मिलता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्री राम 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या वापस लौटे थे और उन्हीं के स्वागतोत्सव में इस दिन अयोध्या वासियों द्वारा घी के दीपक जलाये गये थे। आमतौर पर दिवाली के त्योहार की तैयारी कई दिन पहले शुरु हो जाती है और लोग अपने घरो, दुकानो तथा कार्यलयों की साफ-सफाई के कार्य में लग जाते है। दिपावली के दिन को देवी लक्ष्मी की कृपा और पूजा-अर्चना वाला दिन भी माना जाता है, इसलिए इस दिन लोगो द्वारा काफी खरीददारी भी की जाती है। यही कारण है, इसे देश के सबसे बड़े व्यापारिक पर्वो में से एक माना जाता है।

दिवाली पर छात्रों के लिए भाषण | दिवाली पर शिक्षकों के लिए भाषण

दिवाली पर कवितायें (Poems on Diwali in Hindi)

कविता 1

‘कोरोना काल में दिवाली का जश्न’

बाजारों में है लौटी रौनक, बहुत दिनों के बाद

हर घर में छाई खुशियां, बहुत दिनों के बाद।

त्योहारों का मौसम आया, बहुत दिनों के बाद

बुझे चेहरों पर मुस्कुराहट आई, बहुत दिनों के बाद।।


कोरोना के इस काल में, सब लोग हो गये थे बेबस

जहां-तहां था सन्नाटा पसरा, बाजारें हो गई थीं बंद।

दिवाली ने फिर से जलाया, उम्मीदों की किरण

हर घर फिर से सजेगा, अब दियों के संग।।


बच्चे अब घर से बाहर दिखते, बहुत दिनों के बाद

सूनी गलियों में अब सोनू दिये बेचता, बहुत दिनों के बाद।

दिवाली अपने संग खुशियां लाया, बहुत दिनों के बाद

चलो मिलकर त्योहार मनाएं, बहुत दिनों के बाद।।


कुछ बातों का ध्यान तुम रखना, जब जाना बाजार

मास्क पहनना मत भूलना, सैनिटाइजर भी रखना पास।

चाहें दिये ले आना या मिठाइयां, सब डब्बों को करना साफ

फिर दियों में बाती लगाकर, दीवाली मनाना तुम खास।।


चलो आज फिर भारत को सजाएं, बहुत दिनों के बाद

इसकी रुकी अर्थव्यवस्था को बढ़ाएं, बहुत दिनों के बाद।

कोरोना में अब कमी आ रही, बहुत दिनों के बाद

धीरे-धीरे स्कूल खुल रहे, बहुत दिनों के बाद।।


घर-आंगन को स्वच्छ रखें, रखें सफाई का ध्यान

जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं का करें अभ्यास।

अपकी दिवाली स्वदेशी दियों से ही हम मनाएंगे

उसकी लौ से हर बुराई को हम दूर भगाएंगे।।


शुभ दिवाली, सुरक्षित दिवाली।।

——-Kanak

कविता 2

‘दिवाली का त्योहार’

आ गया दिवाली का त्योहार,

लाया सबके लिए खुशियों की भरमार।

हमारा यह दिवाली का त्योहार,

लाता सबके लिए खुशिया और प्यार।


अपनो को पास ले आता,

बिछड़ो और रुठो से मिलाता।

आओ सब मिलकर इसे मनाये,

खुशियो के सब दिप जलायें।


इस दिन चारों ओर होता उजियाला,

इस दिन हर ओर सजती खुशियों की माला।

इस पर्व की मनमोहक छंटा निराली,

हर ओर फैली यह दिपों की आवली।


पर इस बार हमें यह करना है संकल्प,

इको फ्रेंडली दिवाली है पर्यावरण रक्षा का विकल्प।

इस बार हमें यह उपाय अपनाना है,

पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाना है।


तो आओ मिलकर झूमे गाये,

दिवाली का यह त्योहार मनाये।

——-Yogesh Kumar Singh

कविता 3

‘दिवाली की खुशियाँ’

आओ सब मिलकर दिवाली मनाते है,

साथ मिलकर खुशी के गीत गाते है।

इन रंगबिरंगे दिपो को जलाते है,

दिवाली की मनमोहक खुशियाँ मनाते है।

दिवाली का यह त्योहार अनोखा,

जो लाता है खुशियों का झरोखा।


इस दिन सब-सबको गले लगाते है,

सारे गिले-शिकवों को भूलाते है।

यह दिन बिछड़ो को अपनों से मिलाता है,

छुट्टी का यह दिन अपनो को पास लाता है।

इसी लिए तो इसे कहते हैं दिपो की आवली,

क्योंकि इसकी मनमोहक खुशिंया है निराली।


सब मिलकर मानते हैं दिवाली का यह त्योहार,

क्योंकि यह विशेष त्योहार वर्ष में आता एक बार।

जहा देखो हर ओर दीपक और पटाखे जल रहे,

हर ओर खुशियों की छंटा बहार को मिल रही।

तो आओ हम सब मिलकर खुशियों के दीप जलाये,

दिवाली के इस त्योहार को अपने ह्रदय में बसाये।

——-Yogesh Kumar Singh


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Yogesh Singh

Yogesh Singh, is a Graduate in Computer Science, Who has passion for Hindi blogs and articles writing. He is writing passionately for Hindikiduniya.com for many years on various topics. He always tries to do things differently and share his knowledge among people through his writings.

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Yogesh Singh