उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा 11 जुलाई 2021 को विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश की बढ़ती जनसंख्या को मद्देनजर रखते हुए एक जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम का मसौदा जनता के सामने प्रस्तुत की है। इस मसौदे को उत्तर प्रदेश के विधि आयोग के अध्यक्ष ए. एन. मित्तल के नेतृत्व में तैयार किया गया है। इस मसौदे में “टू चाइल्ड पॉलिसी” का समर्थन करते हुए जनता को इसके अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रकार के नियमों के बारे में बहुत ही आसान और स्पष्ट रूप से बताने की कोशिश की गई है। इस मसौदे से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियम निम्नलिखित है-
जनसंख्या नियंत्रण ड्राफ्ट बिल 2021 के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Some Important Facts about Population Control Draft Bill 2021 in Hindi)
- इस विधेयक के पारित होने के बाद इसे “उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) अधिनियम 2021” कहा जाएगा।
- यह विधेयक, राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से एक वर्ष के बाद कानून के रूप में पूरे उत्तर प्रदेश में लागू होगा।
- यह अधिनियम एक विवाहित जोड़े पर लागू होगा जहां लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं है।
- इस मसौदे में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि यह विधेयक पारित होकर कानून का रूप लेता है, तो इसे मानने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य की कोई भी जनता किसी भी प्रकार से बाध्य नहीं होगी।
- बशर्ते उन्हें कुछ सुविधाओं से वंचित रहना होगा, जो उन लोगों को प्राप्त होगा, जिन्होंने दो बच्चों की प्राप्ति के बाद इस कानून को मानने के लिए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किया है या स्वेच्छा से नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरे हैं।
- कोई भी राज्य सरकार का कर्मचारी जो इस मसौदे के अंतर्गत आने वाले सुविधाओं का लाभ उठा रहा है और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर चुका है, यदि इस कानून का उलंधन करके दो से अधिक बच्चे करता है तो उसे तत्काल प्रभाव से उसके पद से निष्कासित कर दिया जाएगा और वह भविष्य में राज्य सरकार की किसी भी नौकरी में आवेदन करने के लिए योग्य नहीं रहेगा।
- इस अधिनियम के पारित होने के बाद कोई भी व्यक्ति जो दो से अधिक बच्चे करता है, वह राज्य सरकार की किसी भी नौकरी में आवेदन करने के योग्य नहीं रहेगा और न ही सरकार से मिलने वाली किसी भी प्रकार की सब्सिडी का लाभ उठा पाएगा।
- यदि किसी व्यक्ति, चाहे वह राज्य सरकार की किसी नौकरी में हो या न हो, के पास इस अधिनियम के पारित होने के पहले से ही दो या उससे अधिक बच्चे हैं तो उस व्यक्ति पर इस अधिनियम के अंतर्गत आने वाले किसी भी लाभ या प्रतिबंध का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन व्यक्तियों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहले के जैसे ही मिलता रहेगा।
- इस अधिनियम के पारित होने के बाद यदि कोई व्यक्ति दो से अधिक बच्चे करता है तो वह किसी भी प्रकार के चुनाव में उम्मीदवार के लिए योग्य नहीं रहेगा।
- इस अधिनियम के पारित होने के बाद कोई व्यक्ति भले ही दो से अधिक बच्चे क्यों न करे लेकिन वह अपने राशन कार्ड पर सिर्फ़ चार लोगों का ही राशन प्राप्त कर पाएगा।
उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक 2021 के पारित होने के बाद क्या होगा
- यदि किसी दम्पत्ति के पहले प्रसव से एक बच्चा होता है और दूसरे प्रसव से एक से अधिक बच्चों का जन्म होता है तो उसे इस अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।
- यदि किसी दम्पत्ति के पहले प्रसव से एक से अधिक बच्चों का जन्म हुआ है और वह दम्पत्ति अपने दूसरे प्रसव से अगले बच्चे को जन्म देता है तो इसे इस अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा।
- यदि किसी दम्पत्ति के पास दो बच्चे हैं और दोनों बच्चे विकलांगता की श्रेणी में आते हैं तो वह दम्पत्ति अपने अगले बच्चे को जन्म देने के लिए स्वतंत्र है।
- यदि किसी दम्पत्ति के पास कोई बच्चा नहीं है तो वह दो बच्चों को गोद ले सकता है परंतु यदि किसी दम्पत्ति के पास पहले से ही एक या दो बच्चे हैं तो वह सिर्फ़ एक बच्चा ही गोद ले सकता है।
- यदि किसी दम्पत्ति के दो बच्चों में से एक या फिर दोनों की मृत्यु हो जाती है तो वह अगला बच्चा करने के लिए स्वतंत्र है।
- यदि कोई पुरुष एक से अधिक विवाह करता है तो उस स्थिति में वह सभी पत्नियों से कुल मिलाकर दो बच्चे ही कर सकता है। एक प्रसव में एक से अधिक बच्चे होने की दसा में ही दो से अधिक बच्चे मान्य है।
- यदि कोई पुरुष एक से अधिक विवाह करता है और उसकी पहली पत्नी से उसे दो बच्चे तथा दूसरी पत्नी से उसे और दो बच्चे होते हैं, तो उस पुरुष को इस अधिनियम के विरुद्ध माना जाएगा और उसे मिलने वाली सुविधाओं से वंचित कर दिया जाएगा जबकि उसकी दोनों पत्नियों को इस अधिनियम के विरुद्ध नहीं माना जाएगा और वे सभी सुविधाओं को प्राप्त कर सकेंगी।
- इसी प्रकार से यदि कोई महिला एक से अधिक विवाह करती है तो उसपर भी नियम 6 और 7 लागू होगा।
इस अधिनियम को मानने वाले लोगों को मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं
- यदि कोई व्यक्ति जो राज्य सरकार का कर्मचारी है, दो बच्चों की प्राप्ति के बाद शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है और स्वेच्छा से खुद या अपने साथी के नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरता है तो –
- उन्हें अपनी नौकरी के दौरान दो अतिरिक्त पदोन्नति दी जाएगी।
- हाउसिंग बोर्ड या विकास प्राधिकरण से प्लॉट, हाउस साइट या फिर निर्मित घर की खरीद के लिए सब्सिडी दी जा सकती है।
- कम से कम ब्याज दरों पर घर बनाने या खरीदने के लिए सॉफ्ट लोन भी देने का प्रावधान है।
- पानी, बिजली तथा गृह कर जैसी जरूरी चीजों के शुल्क पर छूट दिया जा सकता है।
- वेतन और भत्तों में बिना कटौती के मातृत्व या पितृत्व अवकाश पूरे 12 महीने का दिया जाएगा।
- राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि भी की जाएगी।
- जीवनसाथी को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और बीमा कवरेज दिया जाएगा।
2. यदि कोई व्यक्ति जो राज्य सरकार का कर्मचारी है, एक बच्चे की प्राप्ति के बाद शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है और स्वेच्छा से खुद या अपने साथी के नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरता है तो-
- उस व्यक्ति को दो अतिरिक्त पदोन्नति के अलावा दो और पदोन्नति (कुल चार अतिरिक्त पदोन्नति) दिए जाने का प्रावधान है।
- बीस वर्ष की आयु प्राप्त करने तक एकलौते बच्चे को मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और बीमा कवरेज दिए जाने का प्रावधान है।
- भारतीय प्रबंधन संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान सहित आदि सभी शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में एकलौते बच्चे को वरीयता दी जाएगी।
- स्नातक स्तर तक एकलौते बच्चे को मुफ्त शिक्षा और यदि एकलौता बच्चा लड़की है तो उसे उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।
- सरकारी नौकरियों में एकलौते बच्चे को वरीयता भी दी जाएगी।
3. यदि कोई व्यक्ति जो राज्य सरकार का कर्मचारी नहीं है और दो बच्चों की प्राप्ति के बाद शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है और स्वेच्छा से खुद या अपने साथी के नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरता है तो उसे भाग 1 के अंतर्गत आने वाली (c), (d) तथा (e) सुविधाएं देने का प्रावधान है।
4. यदि कोई व्यक्ति जो राज्य सरकार का कर्मचारी नहीं है और एक बच्चे की प्राप्ति के बाद शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है और स्वेच्छा से खुद या अपने साथी के नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरता है तो उसे भाग 2 के अंतर्गत आने वाली (b), (c), (d) तथा (e) सुविधाएं देने का प्रावधान है।
5. यदि कोई दम्पत्ति जो गरीबी रेखा के नीचे आते हैं, एक बच्चे की प्राप्ति के बाद शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है और स्वेच्छा से खुद या अपने साथी के नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरता है, तो उनको सिर्फ़ एक बार 80 हजार रुपए दिए जाने का प्रावधान है यदि एकलौता बच्चा लड़का है और 1 लाख रुपए दिए जाने का प्रावधान है यदि एकलौता बच्चा लड़की है।
11 जुलाई 2021 को जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम को एक मसौदे के रूप में जनता के सामने प्रस्तुत किया गया था जिसके बाद 19 जुलाई तक उत्तर प्रदेश की जनता से इस मसौदे पर अपना सुझाव प्रदेश की ईमेल आईडी statelawcommission2018@gmail.com पर भेजने को कहा गया है। सभी के सुझावों को प्राप्त करने के बाद सरकार इसमें आवश्यकता अनुसार कुछ बदलाव करेगी। पूरी तरह से तैयार मसौदे को अगस्त के दूसरे सप्ताह में सरकार के सामने पेश किया जाएगा और दोनों सदनों में पास होने के बाद ये एक कानून का रूप प्राप्त कर लेगा। इस मसौदे को कानून बनने की तारीख से 1 वर्ष बाद उत्तर प्रदेश की पूरी जनता पर लागू कर दिया जाएगा। यह अधिनियम पूरी तरह से नागरिकों के हित में हैं और इससे हमारी आने वाली पीढ़ी को एक अच्छा भविष्य मिल सकेगा।
FAQs: Frequently Asked Questions
उत्तर – भारत की वर्तमान जनसंख्या (2021 में) लगभग 136.64 करोड़ है।
उत्तर – जनसंख्या की दृष्टि से विश्व में भारत का दूसरा स्थान है।
उत्तर – भारत की प्रतिवर्ष जनसंख्या वृद्धि दर 1.2% है।
उत्तर – भारत की जनसंख्या विश्व का 17.56 प्रतिशत है।
उत्तर – उत्तर प्रदेश भारत का सबसे घनी आबादी वाला राज्य है।