वर्तमान में पूरे विश्व की सबसे बड़ी और गंभीर समस्या “प्रदूषण” है जिसका सबसे महत्वपूर्ण कारक ‘प्लास्टिक प्रदूषण’ है। प्लास्टिक कचरा बहुत ही धीमे अपघटित होने वाला कचरा होता है जिसके कारण जितना यह नष्ट नहीं होता उससे ज्यादा और उत्पन्न हो जाता है। शहरों में नालों में जमा प्लास्टिक कचरा कई बीमारियों का कारण बनता है। यही कचरा सड़ते सड़ते आगे नदियों में बहता है जिससे नदियां प्रदूषित होती हैं। पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीवों के लिए स्वस्थ पर्यावरण बहुत जरूरी है।
प्लास्टिक प्रदूषण पर 10 लाइन (Ten Lines on Plastic Pollution in Hindi)
आज इस लेख के माध्यम से हम प्रदूषण के सबसे प्रमुख कारकों में से एक प्लास्टिक प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों के बारे में जानेंगे।
Plastic Pradushan par 10 Vakya – Set 1
1) हमारे पर्यावरण में फैला प्लास्टिक निर्मित कचरा ही प्लास्टिक प्रदूषण कहलाता है।
2) भूमि, नदी, नालों व तालाबों में इकट्ठे प्लास्टिक अपशिष्ट, प्लास्टिक प्रदूषण फैलाते हैं।
3) प्लास्टिक ऐसे यौगिकों से बना है जिसे पूर्णतया नष्ट होने में 500 वर्ष तक लग जाते हैं।
4) प्लास्टिक प्रदूषण हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को बहुत तेजी से दूषित कर रहा है।
5) भूमि पर प्लास्टिक कचरे के जमा होने से धीरे-धीरे भूमि बंजर होती जाती है।
6) प्लास्टिक कचरे से होने वाले रिसाव जल, भूमि और वायु में मिलकर प्रदूषण फैलाते हैं।
7) प्लास्टिक का अत्यधिक इस्तेमाल मानव जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
8) प्लास्टिक की वस्तुओं में रखे खाद्य व पेय पदार्थों के सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है।
9) भूमि के साथ प्लास्टिक प्रदूषण नदियों से समुद्र में फैलकर एक विशाल रूप ले लिया है।
10) प्लास्टिक प्रदूषण केवल एक देश का ही नहीं पूरे विश्व के लिए खतरा बन चुका है।
Plastic Pradushan par 10 Vakya – Set 2
1) प्लास्टिक से बनी बोतले, थैले, डब्बे आदि वस्तुओं का अधिक प्रयोग प्लास्टिक प्रदूषण का कारण है।
2) प्लास्टिक कई रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है जो जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं।
3) प्लास्टिक कचरे से रिसने वाले हानिकारक रसायन जल में घुलकर उसे दूषित कर देते हैं।
4) विश्व में होने वाली तेज़ जनसंख्या वृद्धि ने भी प्लास्टिक प्रदूषण को बढ़ावा दिया है।
5) प्रतिवर्ष समुद्र में फेका जा रहा लगभग 8 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा जलीय जीवनतंत्र पर गंभीर परिणाम डाल रहा है।
6) प्लास्टिक प्रदूषण के कारण हर वर्ष लगभग 10 करोड़ जलीव जीव मर जाते हैं।
7) प्लास्टिक को जलाने पर स्टाइरीन गैस निकलती है जो अत्यंत विषैली गैस होती है।
8) गाय, भैंस व अन्य पशु-पक्षी भोजन की तलाश में प्लास्टिक खा लेते है जो उनकी मृत्यु का कारण भी बनता है।
9) प्लास्टिक प्रदूषण पृथ्वी के वातावरण को बहुत बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
10) हानिकारक प्लास्टिक की जगह हमें बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग करना चाहिए।
भूमि पर तो मनुष्य के कार्यों ने प्रदूषण को फैलाया ही है साथ ही समुद्र में निस्तारित किए जाने वाला प्लास्टिक प्रदूषण आज एक विशाल रूप ले लिया है। प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए सभी देशों को एकसाथ काम करने की आवश्यकता है। जीवन के लिए प्रकृति को उसके स्वरूप में रखना अत्यंत आवश्यक है। प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के लिए प्लास्टिक को कूड़ेदान में न फेककर रीसायकल के लिए प्रयुक्त करना चाहिए।