विश्व तंबाकू निषेध दिवस

तंबाकू निषेध दिवस

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 (World No-Tobacco Day)

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 पूरी दुनिया में लोगों के द्वारा 31 मई, सोमवार को मनाया गया।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2019 विशेष

विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम  2019  में  “तंबाकू और फेफड़ो का स्वास्थ्य”  का था। इस बार का विषय “फेफड़ों पर तंबाकू का खतरा”  पर केंद्रित है, जो कैंसर और पुरानी सांस की बीमारियों की ओर संकेत करता है।

डब्ल्यूएचओ ने स्वास्थ्य पर तंबाकू के नकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियानका आयोजन किया,  खासकर फेफड़ों पर। यह फेफड़ों के महत्वता पर भी ध्यान केंद्रित करता है और इस बात पर भी प्रकाश डालता है की, कैसे यह एक व्यक्ति के जीवन में समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने एक अभियान चलाया,जिसके अंतर्गत तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया ताकि स्कूलों और कॉलेजों के आस-पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री को रोका जाये। येलो लाइन ’नाम केअभियान ने स्कूल और कॉलेज से 100 गज की दूरी पर एक पीले रंग की रेखा को चित्रित कियाऔर इसे तंबाकू मुक्त क्षेत्र के रूप में दर्शाया।

औरंगाबादमें, तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया था। इस रैली को कलाबाई काले फाउंडेशन, महोरा और यूनाइटेड सिग्मा अस्पताल जैसे संस्थानों ने समर्थन दिया।

तंबाकू निषेध दिवस

विश्व तंबाकू निषेध दिवस

पूरे विश्व के लोगों को तंबाकू मुक्त और स्वस्थ बनाने के लिये तथा सभी स्वास्थ्य खतरों से बचाने के लिये तंबाकू चबाने या धुम्रपान के द्वारा होने वाले सभी परेशानियों और स्वास्थ्य जटिलताओं से लोगों को आसानी से जागरुक बनाने के लिये पूरे विश्व भर में एक मान्यता-प्राप्त कार्यक्रम के रुप में मनाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पहली बार विश्व तंबाकू निषेध दिवस को आरम्भ किया गया।

रोग और इसकी समस्याओं से पूरी दुनिया को मुक्त बनाने के लिये डबल्यूएचओ द्वारा विभिन्न दूसरे स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं जैसे एड्स दिवस, मानसिक स्वास्थ्य दिवस, रक्त दान दिवस, कैंसर दिवस आदि। बहुत ही महत्वपूर्ण ढंग से पूरी दुनिया में सभी कार्यक्रम आयोजित और मनाये जाते हैं। इसे पहली बार 7 अप्रैल 1988 को डबल्यूएचओ की वर्षगाँठ पर मनाया गया और बाद में हर वर्ष 31 मई को तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की गयी। डबल्यूएचओ के सदस्य राज्यों के द्वारा वर्ष 1987 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में इसका सृजन किया गया था।

पूरे विश्व से किसी भी रुप में तंबाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने या कम करने के लिये लोगों को बढ़ावा देने और जागरुकता के विचार से इसे मनाया जाता है। दूसरों पर इसकी जटिलताओं के साथ ही तंबाकू इस्तेमाल के नुकसानदायक प्रभाव के संदेश को फैलाने के लिये वैश्विक तौर पर लोगों का ध्यान खींचना इस उत्सव का लक्ष्य है। इस अभियान में कई वैश्विक संगठन शामिल होते हैं जैसे राज्य सरकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन आदि विभिन्न प्रकार के स्थानीय लोक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

निकोटीन की आदत स्वास्थ्य के लिये बहुत हानिकारक है जो कि जानलेवा होता है और मस्तिष्क “अभावग्रस्त” रोग के रुप में जाना जाता है जो कभी भी उपचारित नहीं हो सकता है हालाँकि पूरी तरह से गिरफ्तार किया जा सकता है। दूसरे गैर-कानूनी ड्रग्स, मेथ, शराब, हीरोइन आदि की तरह ये मस्तिष्क डोपामाइन पथ को रोक देता है। दूसरे उत्तरजीविता क्रियाएँ जैसे खाना और पीने वाले भोजन और द्रव की तरह शरीर के लिये निकोटीन की जरुरत के बारे में गलत संदेश भेजने के लिये ये दिमाग को तैयार करता है।

उनके जीवन को बचाने के लिये धरती पर पहले से इस्तेमाल करने वालो की मदद के लिये स्वास्थ्य संगठनों के द्वारा विभिन्न प्रकार के निकोटीन की लत छुड़ाने के तरीके उपलब्ध हैं। “तंबाकू मुक्त युवा” के संदेश अभियान के द्वारा और 2008 का विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने के दौरान इसके उत्पाद या तंबाकू के प्रचार, विज्ञापन और प्रायोजन को डबल्यूएचओ ने प्रतिबंधित कर दिया है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस कैसे मनाया जाता है और इसके क्रिया-कलाप कैसे क्रियान्वित होते हैं

तंबाकू के इस्तेमाल के द्वारा होने वाले सभी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति लोगों को जागरुक बनाने के लिये डबल्यूएचओ और इसके सदस्य राज्यों सहित गैर-सरकारी और सरकारी संगठनों के द्वारा वार्षिक आधार पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस आयोजित किया जाता है।

कुछ क्रिया-कलाप इस दिन को मनाने के लिये किया जाता है वो हैं, सार्वजनिक मार्च, प्रदर्शनी कार्क्रम, बड़े बैनर लगाना, शिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विज्ञापन अभियान, धुम्रपान रोकने और छोड़ने के लिये आम जनता से सीधा संवाद, शामिल अभियानकर्ताओं के लिये सभा आयोजित करना, मार्च, लोगों के बीच बहस, तंबाकू निषेध क्रिया-कलाप, लोक-कला, स्वास्थ्य कैंप, रैली और परेड, खास क्षेत्रों में तंबाकू को प्रतिबंधित करने के लिये नये कानूनों को लागू करना और भी बहुत सारी गतिविधियाँ हो सकती है जो देश को तंबाकू मुक्त बनाने में सहायक होगी। इसे सार्वजनिक या आधिकारिक अवकाश के तौर पर घोषित नहीं किया गया है हालाँकि, इसे ढ़ेर सारी प्रभावशाली मुहिमों के साथ मनाया जाता है।

ये बहुत जरुरी है कि वैश्विक स्तर पर तंबाकू सेवन के प्रयोग पर बैन या इसे रोका जाये क्योंकि ये कई सारी बीमारियों का कारण बनता है जैसे दीर्घकालिक अवरोधक फेफड़ों संबंधी बीमारी (सीओपीडी), फेफड़े का कैंसर, हृदय घात, स्ट्रोक, स्थायी दिल की बीमारी, वातस्फीति, विभिन्न प्रकार के कैंसर आदि। तंबाकू का सेवन कई रुपों में किया जा सकता है जैसे सिगरेट, सिगार, बीड़ी, मलाईदार तंबाकू के रंग की वस्तु (टूथ पेस्ट), क्रिटेक्स, पाईप्स, गुटका, तंबाकू चबाना, सुर्ती (हाथ से मल के खाने वाला तंबाकू), तंबाकू के रंग की वस्तु, जल पाईप्स, स्नस आदि। इसलिये तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल पर भी रोक लगाने के लिये ये बहुत जरुरी है।

बढ़ती माँग के अनुसार 7 अप्रैल 1988 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस कहे जाने वाले एक वार्षिक कार्यक्रम को मनाने के लिये 15 मई 1987 को डबल्यूएचओ द्वारा एक प्रस्ताव पास हुआ था, “तंबाकू के इस्तेमाल पर रोक” जो बाद में 31 मई 1989 को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रुप में मनाने के लिये 17 मई 1989 को आगे दूसरे प्रस्ताव के अनुसार बदला गया था।

तंबाकू इस्तेमाल से होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरुक करने के लिये दूसरे लोगों का ध्यान खींचने के लिये विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने में सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों सहित आम जनता सक्रियता से शामिल होती है। सक्रियता से भाग लेने के लिये उत्सव की ओर लोगों के दिमाग को आकर्षित करने के लिये लोग अलग-अलग प्रकार के प्रतीकों का प्रयोग करते हैं। कुछ प्रतीक चिन्ह है, फूलों के साथ साफ ऐस्ट्रे, तंबाकू इस्तेमाल से नुकसान पहुँचाने वाले मुख्य शारीरिक अंगों को उभारना (जैसे हृदय, फेफड़ा, गुर्दा आदि), तंबाकू निषेध के चिन्ह को प्रदर्शित करना, धुम्रपान के कारण मस्तिष्क की मृत्यु को दिखाना, इंटरनेट का प्रयोग करके प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष पोस्टर प्रदर्शित करना, ब्लॉग आदि दूसरे माध्यमों से लोगों को जागरुक बनाना।

डबल्यूएचओ एक मुख्य संस्था है जो पूरे विश्व में विश्व तंबाकू निषेध दिवस को आयोजित करने के लिये एक केन्द्रिय हब के रुप में कार्य करती है। तंबाकू उपभोग को घटाने में इस अभियान के लिये पूरी सक्रियता और आश्चर्यजनक रुप से अपना योगदान देने वाले विभिन्न संगठनों और व्यक्तित्वों को बढ़ावा देने के लिये डबल्यूएचओ द्वारा 1988 से पुरस्कार समारोह भी आयोजित किया जाता है जो इस पुरस्कार समारोह के दौरान किसी भी देश और क्षेत्र के संगठनों और व्यक्तियों को खास अवार्ड और पहचान सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास

तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिये आम जनता को बढ़ावा और प्रोत्साहन देने के लिये पूरे विश्व भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाना मुख्य लक्ष्य है क्योंकि ये हमें कुछ घातक बीमारियों की ओर अग्रसर करता है जैसे (कैंसर, दिल संबंधी समस्याएँ) या मृत्यु भी हो सकती है। देश के विभिन्न क्षेत्रों से व्यक्ति, वैश्विक सफलता प्राप्ति के लिये अभियान मनाने में बहुत ही सक्रियता से गैर-लाभकारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन भाग लेते हैं तथा विज्ञापन बाँटने में शामिल होते हैं, नयी थीम और तंबाकू इस्तेमाल या इसके धुम्रपान संबंधी उत्पादों के बुरे प्रभावों से संबंधित जानकारी पर पोस्टर की प्रदर्शनी की जाती है।

अपने उत्पादों के उपभोग को बढ़ाने के लिये इसके उत्पाद या तंबाकू के खरीद, बिक्री या कंपनियों के विज्ञापन पर भी लगातार ध्यान देने का इसका लक्ष्य है। अपनी मुहिम को असरदार बनाने के लिये, डबल्यूएचओ विश्व तंबाकू निषेध दिवस से संबंधित वर्ष के एक विशेष थीम को बनाता है। पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त बनाने के साथ ही विश्व स्तर पर तंबाकू के उपभोग से बचाने के लिये सभी प्रभावशाली कदम की वास्तविक जरुरत की ओर लोगों और सरकार का ध्यान खींचने में ये कार्यक्रम एक बड़ी भूमिका निभाता है।

तंबाकू के सेवन से हर वर्ष 10 में कम से कम एक व्यक्ति की मौत जरुर हो जाती है जबकि पूरे विश्व भर में 1.3 बिलियन लोग तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं। 2020 तक 20-25% तंबाकू के इस्तेमाल को घटाने के द्वारा हम लगभग 100 मिलीयन लोगों की असामयिक मृत्यु को नियंत्रित कर सकते हैं। जो कि सभी धुम्रपान विरोधी प्रयासों और कदमों को लागू करने के द्वारा मुमकिन है जैसे तंबाकू के लिये टीवी या रेडियो विज्ञापन पर बैन लगाया जाये, खतरों को दिखाते नये और प्रभावकारी लोक जागरुकता अभियान की शुरुआत और सार्वजनिक जगहों में धुम्रपान को रोकने की जरुरत है। आँकड़ों के अनुसार, ये ध्यान देने योग्य है कि 1995 में लगभग 37.6% धुम्रपान करने वाले लोगों की संख्या में कमी आयी है जबकि 2006 में ये 20.8% है।

ये ध्यान दिया गया कि चीन में 50% पुरुष धुम्रपान करते हैं। हरेक देश की सरकार को इस बुरी स्थिति के प्रभाव को कम करने के लिये राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरुरत है। धुम्रपान विरोधी नीतियों के द्वारा ये हो सकता है जैसे तंबाकू पर टैक्स लगाना, बिक्रि, खरीद, विज्ञापन, तंबाकू और इसके उत्पादों के प्रचार और प्रायोजक को सीमित करना, धुम्रपान के खतरों का आँकलन करने के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य कैंप आयोजित करना आदि।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर डबल्यूएचओ द्वारा उठाये गये कदम / घटनाक्रम

विश्व स्तर पर विभिन्न दूसरे स्वास्थ्य जागरुकता अभियानों और विश्व तंबाकू निषेध दिवस कहे जाने वाले कार्यक्रम के स्थापना के द्वारा तंबाकू या इसके उत्पादों के इस्तेमाल को रोकने या घटाने में डबल्यूएचओ ने कई कदम उठाये हैं। तंबाकू सेवन नहीं करने की ओर डबल्यूएचओ के द्वारा कुछ खास कदम उठाये गये जो यहाँ दिये गये है वो इस प्रकार है-

  • तंबाकू के इस्तेमाल को छोड़ने या कम करने के लिये पूरे विश्व में तंबाकू इस्तेमाल करने वालो को जागरुक और निवेदन करने के लक्ष्य को लेकर इसके 40वीं वर्षगाँठ पर 1988 में 7 अप्रैल को “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” कहे जाने वाले एक कार्यक्रम को मनाने के लिये 1987 में डबल्यूएचए40.38 के नाम से डबल्यूएचओ ने प्रस्ताव पास किया था।
  • हर वर्ष 31 मई को वार्षिक तौर पर विश्व तंबाकू निषेध दिवस कहे जाने वाले एक कार्यक्रम को मनाने के लिये 1988 में डबल्यूएचए42.19 कहे जाने वाले एक दूसरे प्रस्ताव को डबल्यूएचओ ने पास किया था। विभिन्न कार्यक्रमों और तंबाकू संबंधित विषयों को आयोजित करने के द्वारा इसने भी उत्सव को समर्थन दिया।
  • तंबाकू इस्तेमाल के वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं की ओर लोगों का ध्यान खींचने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय संसाधनों पर ध्यान केन्द्रित करने के लक्ष्य लिये 1998 में तंबाकू मुक्त पहल (टीएफआई) के नाम से एक दूसरे कार्यक्रम की स्थापना डबल्यूएचओ ने की थी। प्रभावशाली तंबाकू नियंत्रण के लिये वैश्विक तौर पर लोगों के लिये स्वास्थ्य नीतियों को बनाने में इसने मदद की है, समाज में लोगों को प्रोत्साहन दिया है आदि।
  • तंबाकू के अंत के लिये नीतियों को लागू करने के समझौते के रुप में 2003 में वैश्विक तौर पर स्वीकार किया गया एक दूसरा सार्वजनिक स्वास्थ्य संधि डबल्यूएचओ एफसीटीसी है।
  • “तंबाकू मुक्त युवा” लक्ष्य का निर्माण करने के द्वारा 2008 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस की संध्या पर डबल्यूएचओ ने तंबाकू विज्ञापन, प्रायोजन और प्रचार पर बैन घोषित किया था।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस थीम

विश्व तंबाकू निषेध दिवस को पूरे विश्व भर में प्रभावशाली तरीके से मनाने के लिये, अधिक जागरुकता के लिये लोगों में एक वैश्विक संदेश फैलाने के लिये केन्द्रिय अंग के रुप में हर साल एक खास विषय का डबल्यूएचओ चुनाव करता है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उत्सव को आयोजित करने वाले सदस्यों को इस विषय पर दूसरे प्रचारक वस्तुएँ जैसे ब्रौचर, पोस्टर, फ्लायर्स, प्रेस विज्ञप्ति, वेबसाइट्स आदि भी डबल्यूएचओ के द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।

1987 से लेकर 2019 के विषय (थीम) वर्ष के आधार पर दिये गये हैं:

  • वर्ष 1987 का थीम था “प्रथम धुम्रपान रहित ओलंपिक (1988 ओलंपिक शीत ऋतु- कैलगैरी)।”
  • वर्ष 1988 का थीम था “तंबाकू या स्वास्थ्य: स्वास्थ्य को चुनें।”
  • वर्ष 1989 का थीम था “तंबाकू और महिलाएँ: महिला धुम्रपान करने वाली: जोखिम को बढ़ाती हुयी।”
  • वर्ष 1990 का थीम था “बचपन और युवा बिना तंबाकू के: बिना तंबाकू के बड़ा होना।”
  • वर्ष 1991 का थीम था “सार्वजनिक स्थल और परिवहन: तंबाकू मुक्त बेहतर होता है।”
  • वर्ष 1992 का थीम था “तंबाकू मुक्त कार्यस्थल: सुरक्षित और स्वास्थ्यकर।”
  • वर्ष 1993 का थीम था “स्वास्थ्य सेवा: एक तंबाकू मुक्त विश्व लिये हमारी खिड़की।”
  • वर्ष 1994 का थीम था “मीडिया और तंबाकू: संदेश को सभी ओर भेजो।”
  • वर्ष 1995 का थीम था “आपकी सोच से ज्यादा होता है तंबाकू की कीमत।”
  • वर्ष 1997 का थीम था “तंबाकू मुक्त विश्व के लिये एकजुट हों।”
  • वर्ष 1998 का थीम था “तंबाकू के बिना बड़ा होना।”
  • वर्ष 1999 का थीम था “डिब्बे को पीछे छोड़ो।”
  • वर्ष 2000 का थीम था “तंबाकू मारता है, बेवकूफ मत बनो।”
  • वर्ष 2001 का थीम था “दूसरों से प्राप्त धुँआ मारता है।”
  • वर्ष 2002 का थीम था “तंबाकू मुक्त खेल।”
  • वर्ष 2003 का थीम था “तंबाकू मुक्त फिल्म, तंबाकू मुक्त फैशन।”
  • वर्ष 2004 का थीम था “तंबाकू और गरीबी, एक पापमय वृत।”
  • वर्ष 2005 का थीम था “तंबाकू के खिलाफ स्वास्थ्य पेशेवर।”
  • वर्ष 2006 का थीम था “तंबाकू: किसी भी रुप या वेश में मौत।”
  • वर्ष 2007 का थीम था “अंदर से तंबाकू मुक्त।”
  • वर्ष 2008 का थीम था “तंबाकू मुक्त युवा।”
  • वर्ष 2009 का थीम था “तंबाकू स्वास्थ्य चेतावनी।”
  • वर्ष 2010 का थीम था “महिलाओं के लिये व्यापार पर जोर के साथ लिंग और तंबाकू।”
  • वर्ष 2011 का थीम था “तंबाकू नियंत्रण पर डबल्यूएचओ रुपरेखा सम्मेलन।”
  • वर्ष 2012 का थीम था “तंबाकू उद्योग हस्तक्षेप।”
  • वर्ष 2013 का थीम था “तंबाकू के विज्ञापन, प्रोत्साहन और प्रायोजन पर बैन।”
  • वर्ष 2014 का थीम था “तंबाकू पर ‘कर’ बढ़ाओ।”
  • वर्ष 2015 का थीम था “तंबाकू उत्पादों के अवैध व्यापार को रोकना।”
  • वर्ष 2016 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “प्लेन पैकेजिंग के लिए तैयार हो जाओ” था।
  • वर्ष 2017 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “तंबाकू – विकास के लिए एक खतरा” था।
  • वर्ष 2018 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “तंबाकू और हृदय रोग” था।
  • वर्ष 2019 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “तंबाकू और फेफड़ो का स्वास्थ्य” था।
  • वर्ष 2020 में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए थीम “युवाओं को उद्योग के हेरफेर से बचाना और उन्हें तंबाकू और निकोटीन के उपयोग से रोकना (Protecting youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use)” था।
  • विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2021 का थीम -“छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध” (“Committed to Leave”)

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कथन

  • “तंबाकू छोड़ना इस दुनिया का सबसे आसान कार्य है। मैं जानता हूँ क्योंकि मैंने ये हजार बार किया है।”- मार्क तवैन
  • “तंबाकू मारता है, अगर आप मर गये, आप अपने जीवन का बहुत महत्वपूर्ण भाग खो देंगे।”- ब्रुक शील्ड
  • “तंबाकू का वास्तविक चेहरा बीमारी, मौत और डर है- ना कि चमक और कृत्रिमता जो तंबाकू उद्योग के नशीली दवाएँ बेचने वाले लोग हमें दिखाने की कोशिश करते हैं।”-डेविड बिर्न
  • “ज्यादा धुम्रपान करना जीवित इंसान को मारता है और मरे सुअर को बचाता है।”- जार्ज डी प्रेंटिस
  • “सिगरेट छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका है तुरंत इसको रोकना- कोई अगर, और या लेकिन नहीं।”- एडिथ जिट्लर
  • “सिगरेट हत्यारा होता है जो डिब्बे में यात्रा करता है।”- अनजान लेखक
  • “तंबाकू एक गंदी आदत है जैसे कथन के लिये मैं समर्पित हूँ।”- कैरोलिन हेलब्रुन