डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस 2022

डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस 2022 में मंगलवार, 6 दिसम्बर को मनाया जायेगा। इस साल 67वां डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस (पुण्यतिथि) मनाया जायेगा।

डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस

बाबासाहेब अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिन

डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर की मृत्यु 6 दिसम्बर 1956 को हुई थी यही कारण है कि डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिन या पुण्यतिथि हर साल उन्हें 6 दिसम्बर को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिये मनाया जाता है। उन्हें, “भारतीय संविधान का जनक” कहा जाता है। भारत के लोग सुंदर ढंग से सजायी गयी प्रतिमा पर फूल, माला, दीपक और मोमबत्ती जलाकर और साहित्य की भेंट करके उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन लोगों की बड़ी भीड़ उन्हें सम्मान और आदर देने के लिये सुबह संसद भवन परिसर में आती है और एक सबसे प्रसिद्ध नारा “बाबा साहेब अमर रहें” लगाते हैं। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु सहित कुछ लोग कई पवित्र गीत भी गाते हैं।

देश भर से लोगों की एक बड़ी भीड़ भारत के संविधान के महान वास्तुकार, डॉ बाबासाहेब अंबेडकर के लिए श्रद्धा अर्पण करने के लिए दादर में “चैत्य भूमि” (डॉ अम्बेडकर के स्मारक) पर जमा हो जाते हैं। सभी तरह की सुविधाएं जैसे शौचालय, पानी के टैंकर, वाशिंग कमरे, फायर स्टेशन, टेलीफोन केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, आरक्षण काउंटर आदि लोगों को आसानी से चैत्य भूमि पर इस दिन पर उपलब्ध हो जाती है।

उनके बेटे की पत्नी (पुत्र-वधू) मीरा ताई अम्बेडकर द्वारा 5 दिसंबर को आधी रात को समता सैनिक दल सलाम लिया जाता है। सलामी देने के बाद, उनकी शिक्षाओं को सस्वर पढ़ा जाता है और फिर स्तूप फाटक सभी के लिए खोल दिया जाता है।

डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस क्यों मनाया जाता है?

डॉ अम्बेडकर महापरिनिर्वाण दिवस हर साल देश के प्रति डॉ भीमराव अम्बेडकर के महान योगदान को मनाने के लिए नगर निगम और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघ द्वारा एक समारोह का आयोजन करके मनाया जाता है। उनके महान प्रयास ने देश को एकजुट रखने में बहुत मदद की है। डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखित भारत का संविधान अभी भी देश का मार्गदर्शन कर रहा है और आज भी ये कई संकटों के दौरान सुरक्षित रूप से बाहर उभरने में मदद कर रहा है।

भारत सरकार द्वारा डॉ अंबेडकर फाउंडेशन (वर्ष 1992 में मार्च 24 को) स्थापित किया गया, ताकि पूरे देश में लोग सामाजिक न्याय का संदेश प्राप्त कर सकें।

डॉ अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा प्रदर्शन की जाने वाली गतिविधियॉं

डॉ अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा निम्नलिखित गतिविधियॉं की गयी है:

> जनपथ पर डॉ अम्बेडकर नेशनल पब्लिक लाइब्रेरी की स्थापना।

> हिन्दी सहित सभी क्षेत्रीय भाषाओं में डॉ बी आर अम्बेडकर के कामों के व्याख्यान को उपलब्ध करा रहें हैं।

> डॉ अंबेडकर के जीवन के मिशन के साथ ही विभिन्न सम्मेलनों, कार्यशालाओं, प्रदर्शनियों, व्याख्यान, सेमिनार, संगोष्ठी और मेलों का आयोजन।

> समाज के कमजोर वर्ग के लिए डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार और सामाजिक परिवर्तन के लिए डॉ अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार देना।

> हर साल डॉ अम्बेडकर की 14 अप्रैल को जन्मोत्सव और 6 दिसंबर पर पुण्यतिथि का आयोजन।

> अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के मेधावी छात्रों के बीच में पुरस्कार वितरित करने के लिए डॉ अम्बेडकर नेशनल मेरिट अवार्ड योजनाएं शुरू करना।

> हिन्दी भाषा में सामाजिक न्याय संदेश की एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन।

> अनुसूचित जाति से संबंधित हिंसा के पीड़ितों के लिए डॉ अंबेडकर राष्ट्रीय राहत देना।

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