राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस)
हर वर्ष 12 जनवरी को भारत में पूरे उत्साह और खुशी के साथ राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) मनाया जाता है। इसे आधुनिक भारत के निर्माता स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को याद करने के लिये मनाया जाता है। राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने के लिये वर्ष 1984 में भारतीय सरकार द्वारा इसे पहली बार घोषित किया गया था। तब से (1985), पूरे देश भर में राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में इसे मनाने की शुरुआत हुई।
युवा दिवस 2023
इस वर्ष भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस (स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस) 12 जनवरी 2023, गुरुवार के दिन मनाया गया।
राष्ट्रीय युवा दिवस 2023 विशेष
इस वर्ष यह महोत्सव 12 जनवरी से 16 जनवरी तक पांच दिवसीय इवेंट के रूप मे “विकसित युवा – विकसित भारत” थीम पर कर्नाटक के हुबली-धारवाड़ में आयोजित किया गया, जिसमें देश के सभी युवाओं को विवेकानंद के विचारों और दर्शन से परिचित व प्रोत्साहित कराया गया। कई जगहों पर और भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जैसे भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन सहित कई सारे रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।
राष्ट्रीय युवा दिवस पर झारखंड में हुआ स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण
झारखंड के रांची में युवा दिवस कार्यक्रम के अवसर पर बड़े तालाब में स्वामी विवेकानंद की 33 फीट उंची प्रतिमा का अनावरण किया गया। कांसे से बनी इस प्रतिमा को बनाने में 17 करोड़ से ज्यादे का खर्च आया है। इस विषय में बात करते हुए प्रदेश मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सरोवर झारखंड का एक वैचारिक पर्यटन स्थल बनेगा। इसका मुख्य उद्देश्य लोगो में स्वामी विवेकानंद के विचारों को लोगो तक पहुचाना होगा।
मंचन किया गया। इस दौरान जिला युवक समन्वयक डॉ. आर.आर. सिंह ने राष्ट्रीय युवा दिवस के महत्व के विषय में लोगो को जानकारी प्रदान की और युवाओं से राष्ट्रीय विकास में अपनी सहभागिता बढ़ाने की भी अपील की।
इस वर्ष होगा राष्ट्रीय युवा सप्ताह का आयोजन
इस वर्ष स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर 12 जनवरी से 19 जनवरी तक विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय युवा सप्ताह के कार्यक्रम मनाया जायेगा। इस दौरान पूरे हफ्ते भर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा, इसके अंतर्गत श्रमदान कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिता व्यवसायिक कुशलता कार्यक्रम, चेतना दिवस आदि जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय युवा सप्ताह के विभिन्न दिनों में आयोजित किये जायेंगे।
राष्ट्रीय युवा दिवस का इतिहास
यह सर्वज्ञात है कि 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने के लिये भारतीय सरकार ने घोषित किया था। स्वामी विवेकानंद का दर्शन और उनके आदर्श की ओर देश के सभी युवाओं को प्रेरित करने के लिये भारतीय सरकार द्वारा ये फैसला किया गया था। स्वामी विवेकानंद के विचारों और जीवन शैली के द्वारा युवाओं को प्रोत्साहित करने के द्वारा देश के भविष्य को बेहतर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिये राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप में स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को मनाने का फैसला किया गया था।
इसे मनाने का मुख्य लक्ष्य भारत के युवाओं के बीच स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों के महत्व को फैलाना है। भारत को विकसित देश बनाने के लिये उनके बड़े प्रयासों के साथ ही युवाओं के अनन्त ऊर्जा को जागृत करने के लिये यह बहुत अच्छा तरीका है।
राष्ट्रीय युवा दिवस उत्सव
पौष कृष्णा सप्तमी तिथि में वर्ष 1863 में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। स्वामी विवेकानंद का जन्म दिवस हर वर्ष रामकृष्ण मिशन के केन्द्रों पर, रामकृष्ण मठ और उनकी कई शाखा केन्द्रों पर भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार मनाया जाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस पर गतिविधिया (क्रिया-कलाप)
खेल, सेमिनार, निबंध-लेखन, के लिये प्रतियोगिता, प्रस्तुतिकरण, योगासन, सम्मेलन, गायन, संगीत, व्याख्यान, स्वामी विवेकानंद पर भाषण, परेड आदि के द्वारा सभी स्कूल, कॉलेज में युवाओं के द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जन्म दिवस) मनाया जाता है। भारतीय युवाओं को प्रेरित करने के लिये विद्यार्थियों द्वारा स्वामी विवेकानंद के विचारों से संबंधित व्याख्यान और लेखन भी किया जाता है।
उनके आंतरिक आत्मा को प्रोत्साहन, युवाओं के बीच भरोसा, जीवन शैली, कला, शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये देश के बाहर के साथ ही पूरे भारत भर के कार्यक्रमों में भाग लिये लोगों के द्वारा विभिन्न प्रकार के दूसरे कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी होती है।
उत्तर प्रदेश में मिशन भारतीयम के द्वारा सभी उम्र समूह के लिये एक दो दिनी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में दर्जनों क्रियाएँ शामिल है और इसे बस्ती युवा महोत्सव के नाम से जाना जाता है। इस दिन को सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन के साथ ही कॉरपोरेट समूह अपने तरीके से मनाते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत भोर में पवित्र माता श्री शारदा देवी, श्री रामाकृष्णा, स्वामी विवेकानंद और स्वामी रामकृष्णनंदा के पूजा के साथ होती है। भक्तों और पूजारियों के द्वारा पूजा के बाद एक बड़ा होम (हवन) किया जाता है। उसके बाद भक्तगण पुष्प अर्पित करते हैं और स्वामी विवेकानंद की आरती करते हैं। और अंत में प्रसाद वितरण किया जाता है।
राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है
स्वामी विवेकानंद के विचार, दर्शन और अध्यापन भारत की महान सांस्कृतिक और पारंपरिक संपत्ति हैं। युवा देश के महत्वपूर्णं अंग हैं जो देश को आगे बढ़ाता है इसी वजह से स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और विचारों के द्वारा सबसे पहले युवाओं को चुना जाता है। इसलिये, भारत के सम्माननीय युवाओं को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के लिये हर वर्ष राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की शुरुआत हुई। कार्यक्रम को उत्साह पूर्वक मनाने के लिये स्कूल और कॉलेज को रुचिकर ढंग से सुसज्जित करते हैं।
स्वामी विवेकानंद एक महान इंसान थे जो हमेशा देश की ऐतिहासिक परंपरा को बनाने और नेतृत्व करने के लिये युवा शक्ति पर विश्वास करते थे और मानते थे कि विकसित होने के लिये देश के द्वारा कुछ उन्नति की जरुरत है।
युवा दिवस की थीम
- 2011 की थीम थी “सबसे पहले भारत।”
- 2012 की थीम थी “विविधता में एकता का जश्न।”
- 2013 की थीम थी “युवा शक्ति की जागरुकता।”
- 2014 की थीम थी “ड्रग्स मुक्त संसार के लिये युवा।”
- 2015 की थीम थी “यंगमंच और स्वच्छ, हरे और प्रगतिशील भारत के लिये युवा।” “(इसका नारा था, ‘हमसे है नयी शुरुआत’)”।
- 2016 की थीम है “विकास, कौशल और सद्भाव के लिए भारतीय युवा।”
- वर्ष 2017 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “डिजिटल इंडिया के लिए युवा” था।
- वर्ष 2018 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “संकल्प से सिद्ध” था।
- वर्ष 2019 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “राष्ट्र निर्माण में युवा शक्ति का इस्तेमाल” था।
- वर्ष 2020 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “वैश्विक कार्य के लिए युवाओं की भागीदारी” था।
- वर्ष 2021 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “युवा – उत्साह नए भारत का”
- वर्ष 2022 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “यह सब दिमाग में है”, “युवाः उत्साह नए भारत का” था।
- वर्ष 2023 में राष्ट्रीय युवा दिवस के लिए थीम “विकसित युवा – विकसित भारत” था।
युवा दिवस पर कथन
राष्ट्रीय युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद द्वारा कहे गये कथन निम्न प्रकार हैं:
- “उच्चतम आदर्श को चुनो और उस तक अपना जीवन जीयो। सागर की तरफ देखों न कि लहरों की तरफ।”- स्वामी विवेकानंद
- “कुछ सच्चे, ईमानदार और ऊर्जावान पुरुष और महिलाएं एक वर्ष में एक सदी की भीड़ से अधिक कार्य कर सकते हैं।” – स्वामी विवेकानंद
- “धर्म आदमी में पहले से ही देवत्व की अभिव्यक्ति है।” – स्वामी विवेकानंद
- “धन पाने के लिये कड़ा संघर्ष करों पर उससे लगाव मत करो।”– स्वामी विवेकानंद
- “जो गरीबों में, कमजोरों में और बिमारियों में शिव को देखता हैं, वो सच में शिव की पूजा करता हैं।”– स्वामी विवेकानंद
- “प्रत्येक आत्मा संभावित परमात्मा है।”– स्वामी विवेकानंद
- “दिन में एकबार खुद से बात अवश्य करों……नहीं तो आप संसार के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति से मिलने से चूक जाओंगे।”– स्वामी विवेकानंद
- “मेरा विश्वास युवा पीढ़ी में है, आधुनिक पीढी से मेरे कार्यकर्ता आ जायेगें।”– स्वामी विवेकानंद
- “काम, काम, काम – बस यही आपके जीवन का उद्देश्य होना चाहिये।”– स्वामी विवेकानंद
- “पृथ्वी का आनंद नायकों द्वारा लिया जाता हैं – ये अमोघ सत्य हैं। एक नायक बनो और सदैव कहो “मुझे कोई डर नहीं है।””– स्वामी विवेकानंद
- “महसूस करो कि तुम महान हो और तुम महान बन जाओगें।”– स्वामी विवेकानंद
- “मेरी भविष्य की आशाएँ युवाओं के चरित्र, बुद्धिमत्ता, दूसरों की सेवा के लिए सभी का त्याग और आज्ञाकारिता– खुद को और बड़े पैमाने पर देश के लिए अच्छा करने वालों पर निर्भर है।”– स्वामी विवेकानंद
- “मृत्यु तो निश्चित हैं, एक अच्छे काम के लिये मरना सबसे बेहतर हैं।”– स्वामी विवेकानंद
- “हमारे देश को नायकों की जरुरत हैं, नायक बनों, तुम्हारा कर्तव्य हैं काम करते जाओ और फिर सभी तुम्हारा खुद अनुसरण करेंगे।”– स्वामी विवेकानंद
- “उठो, जागों और जब तक मत रुकों तब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हों।”– स्वामी विवेकानंद
- “आप भगवान में जब तक विश्वास नहीं कर सकते जब तक कि आप खुद में विश्वास नहीं करते।”– स्वामी विवेकानंद
- “जब एक विचार यदि मन में आये तो ये वास्तविक शारीरिक या मानसिक स्थिति में तब्दील हो जाता है।”– स्वामी विवेकानंद
- “युवाओं के बीच काम करना सबसे अच्छा हैं जिनमें तुम्हारी आशाएँ रहती हैं – धैर्य, व्यवस्थित रुप से और बिना शोर के।”– स्वामी विवेकानंद
- “एक बच्चा इंसान का पिता होता हैं” “एक बूढ़े आदमी के लिये ये कहना कहा तक उचित हैं कि बचपन पाप हैं या युवा अवस्था पाप है।”– स्वामी विवेकानंद