बारावफ़ात (मीलाद-उन-नबी) पर 10 वाक्य (10 Lines on Barawafat Festival in Hindi)

इस्लाम धर्म के संस्थापक कहे जाने वाले पैगंबर हजरत मुहम्मद का जन्म लगभग 570 ई में सऊदी अरब के मक्का में हुआ था और कहते हैं कि 632 ई में उसी तारीख को सऊदी अरब के मदीना में उनकी मृत्यु भी हुई थी। बारावफात के दिन ही मुसलमान उनके जन्म का उत्सव मनाते हैं। उनका मानना है कि पैगंबर अमर हैं और हमेशा हमारे बीच हैं इसलिए मुसलमान धर्म में उनके मृत्यु का दु:ख नही मनाया जाता है। यह पर्व हर साल वैश्विक रूप से मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है।

बारावफात पर 10 लाइन (Ten Lines on Barawafat Festival/Milad un Nabi in Hindi)

आज इस लेख के माध्यम से हम इस्लामिक त्यौहारों में से एक बारावफात के बारे में जानेंगे। आशा करता हूँ कि ये लेख आप सभी के लिए ज्ञानवर्धक हो।

Barawafat par 10 Vakya – Set 1

1) बारावफात मुख्य रूप से दुनियाभर में मनाया जाने वाला एक प्रमुख मुस्लिम त्यौहार है।

2) इस दिन को मुसलमान, इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं।

3) यह त्यौहार प्रतिवर्ष इस्लामिक कैलेंडर के तीसरे महीने ‘रबी-अल-अव्वल’ के बारहवें दिन पर मनाया जाता है।

4) ऐसा माना जाता है कि इसी दिन पैगंबर मोहम्मद का जन्म और मृत्यु दोनों हुई थी।

5) लोग एक दूसरे के घर जाकर मिठाई देकर बधाई देते हैं और इस दिन का आनंद लेते हैं।

6) दुनिया के सभी मुसलमान बारावफात का जश्न बड़े ही उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं।

7) मिस्र के फातिमिद वंश के मुसलमान शाषकों ने 11वीं सदी से इस पर्व को मनाना आरम्भ किया।

8) ‘मिलाद-उन-नबी’ या बारावफात के इस पर्व को  बहुत से स्थानों पर ‘ईद-ए-मिलाद’ के नाम से भी मनाया जाता है।

9) वर्ष 2021 में 19 अक्टूबर के दिन मिलाद उन नबी या बारावफात का त्यौहार मनाया जाएगा।

10) इस दिन मुसलमान घर और मस्जिदों में नमाज़ अदा करते हैं तथा गरीब व जरूरतमंद लोगों को दान करते हैं।

Barawafat par 10 Vakya – Set 2

1) यह पर्व विश्वभर में मुसलमानों द्वारा बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास की भावना के साथ मनाया जाता है।

2) मुस्लिम समुदाय के लोग इस दिन पवित्र स्थानों के दर्शन करते हैं और सामूहिक रूप से कुरान का पाठ करते हैं।

3) इस्लाम धर्म के अनुसार पैगंबर मोहम्मद धरती पर शान्ति के प्रसार के उद्देश्य से भेजे गए अन्तिम नबी माने जाते हैं।

4) शिया समुदाय के मुसलमान इस माह के 17वें दिन को पैगंबर मोहम्मद की जन्म तिथि मानते हैं।

5) सुन्नी मुसलमान लोगों का मानना है कि पैगंबर मोहम्मद का जन्म रबी-अल-अव्वल महीने के 12वें दिन मनाते हैं

6) कुछ मुस्लिम संप्रदायों को छोड़कर विश्व के सभी मुसलमानों द्वारा बारावफात या मीलाद-उन-नबी का जश्न मनाया जाता है।

7) मोहम्मद पैगंबर की रबी-अल-अव्वल माह में 12 दिनों तक बिमारी के बाद मृत्यु हो गई इसलिए इस दिन को बारावफ़ात के नाम से जाना जाता है।

8) इस दिन को मुसलसान ईदों की ईद कहते है क्योंकि इसी दिन मोहम्मद पैगंबर ने दुनिया के उत्थान के लिए धरती पर जन्म लिया।

9) लोगों को इस दिन मोहम्मद पैगंबर के बताए गए आदर्शों और रास्तों पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है।

10) बारावफात का यह पर्व सऊदी अरब और कतर को छोड़कर लगभग अन्य सभी देशों में मनाया जाता है।


यह दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के किसी माह में प्रतिवर्ष निश्चित रूप से नहीं आता है, यह अक्सर ही बदलता रहता है। इस्लामिक धर्म में यह एक पवित्र दिन माना जाता है और इस माह को भी पवित्र मानते हैं। सन् 1588 से मुसलमानों द्वारा यह पर्व हर साल अपनी-अपनी मान्यताओं के अनुसार मनाया जा रहा है।

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