आत्मनिर्भर भारत पर निबन्ध (Self Reliant India Essay in Hindi)

आत्मनिर्भर भारत का अर्थ है स्वयं पर निर्भर होना, यानि खुद को किसी और पर आश्रित न करना। कोरोना महामारी के दौरान लाकडाउन मे सारे विश्व मे हर किसी के लिए खाने, पीने और रहने मे परेशानी पैदा कर दी है। महामारी की इस संकट को देखते हुए भारत को आत्मनिर्भर होने की जरुरत है। भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है, और इस कड़ी मे आत्मनिर्भर बनकर आप खुद के परिवार के साथ-साथ आप अपने देश को फिर से प्रगति के मार्ग पर खड़ा करने मे मदद कर सकते है। यहां नीचे आत्मनिर्भरता और आत्मनिर्भर भारत के कुछ महत्वपुर्ण बातों पर मैने तीन अलग-अलग निबन्ध दिये है आइएं उनपर नजर ड़ालते है।

आत्मनिर्भर भारत पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Self Reliant India in Hindi, Atmanirbhar Bharat par Nibandh Hindi mein)

निबन्ध 1 (250 शब्द) – आत्मनिर्भर भारत

प्रस्तावना

आत्म निर्भरता मुख्यतः पांच तत्वों पर निर्भर करती है – अर्थव्यवस्था, मांग, जनसँख्या, तंत्र और संरचना। भारत की कला और संस्कृति को देखते हुए यह बात स्पष्ट होती है कि भारत प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर रहा है। आज हमे कोरोना महामारी की इस संकट मे खुद को आत्मनिर्भर बनाने की जरुरत है। आत्मनिर्भर होने का मतलब है कि आपके पास जो हुनर है उसके माध्यम से एक छोटे स्तर पर खुद को आगे की ओर बढ़ाना है या फिर बड़े स्तर पर अपने देश के लिए कुछ करना है।

आत्मनिर्भर भारत योजना

कोरोना काल में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत 12 मई 2020 को की गई। यह अभियान कोरोना काल के दौरान भारत को इस संकट से लड़ने के लिए तैयार करने के लिए बनाया गया था। इस अभियान के तहत छोटे वर्ग के लोग जो कोई बिज़नेस करना चाहते है उन्हें सस्तेदर पर लोन उपलब्ध कराया जायेगा। विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी जाएगी जिससे उनके अंदर कौशल का विकास हो ताकि वो रोजगार प्राप्त कर सके।

आत्मनिर्भर भारत के लाभ

इस तरह से हम भारत को आत्मनिर्भर भारत के रुप मे देख सकते है। कुटीर उद्योग, मत्स्य पालन इत्यादि आत्मनिर्भर भारत के कुछ उदाहरण है। कुटीर उद्योग या घर मे बनाए गए सामानों को अपने आस-पास के बाजारों मे ही बेचा जाता है, यदि किसी की सामाग्री अच्छी गुणवत्ता का हो तो, अन्य जगहों पर भी इसकी मांग होती है।

निष्कर्ष

आप स्वयं के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की राह मे अपना योगदान दे सकते है, और हम सब मिलकर एक आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण सपने को मजबूत बनाने मे सहयोग कर सकते है। आप खुद को आत्मनिर्भर बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेगें और इसके साथ ही आप अपने राष्ट्र मे भी अपना योगदान दे सकेगें।

निबन्ध 2 (400 शब्द) – आत्मनिर्भर भारत का सपना

प्रस्तावना

हर किसी का सपना होता है कि वो आत्मनिर्भर बने और यह वास्तव मे किसी व्यक्ति मे सबसे अच्छा गुण होता है। यदि कोई व्यक्ति आत्मनिर्भर बनता है तो वह हर मुंश्किलों का सामना करके आगे बढ़ता है और मुसीबतों से खुद को आसानी से निकाल लेता है। हर व्यक्ति खुद मे आत्मनिर्भर बनकर अपनी, अपने परिवार के साथ-साथ अपने देश के उत्थान मे भी अपना पूरा सहयोग कर सकता है।

आत्मनिर्भर भारत बनने की जरुरत क्यो

भारत प्राचीन काल से ही संसाधनों से परिपूर्ण देश रहा है। यहां हर प्रकार के चीजों को बनाने और उसका अपने जीवन मे उपयोग कर अपने राष्ट्र निर्माण मे मदद कर सकता है। पूरे विश्व मे केवल भारत ही ऐसा देश है जहां सबसे अधिक प्राकृतिक संसाधन पाये जाते है, जो कि बिना किसी देश की मदद से जीवन से लेकर राष्ट्र निर्माण की वस्तुएं बना सकता है और आत्मनिर्भर के सपने को पूरा कर सकता है।

  • हालाकि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का सपना नया है। यह सपना महात्मा गांधी ने आजादी के बाद ही स्वदेशी वस्तुओं के इस्तेमाल और आत्मनिर्भरता पर जोर दिया था, पर गरीबी और भुखमरी के कारण उनका सपना साकार न हो सका।
  • करोना महामारी के कारण पिछले कई महीनों से सारा विश्व बन्द पड़ा है, जिसके कारण छोटे लोगों से लेकर पूंजीपतियों तक को भारी नुकसान और परेशानीयों का सामना करना पड रहा है। खासतौर से हमारे छोटे और मध्यम वर्ग के परिवारों को कमाने खाने की समस्या काफी बढ़ गयी है।
  • कोरोना महामारी के कारण किसी भी देश से सामानों का आदान-प्रदान बन्द है। इसलिए मई के महीने मे तालाबन्दी के दौरान हमारे प्रधानमंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनने का आह्वाहन किया है। उन्होने “लोकल फॉर वोकल” का भी नारा दिया। जिसका अर्थ है कि लोकल मे बनी वस्तुओं का उपयोग और उनका प्रचार करना और एक पहचान के रुप मे आगे बढ़ना।
  • महामारी के दौरान ही चीन ने भारत के डोकलाम सीमा क्षेत्र मे कब्जा करने की कोशिश की, जिसमे भारत के लगभग 20 जवान शहीद हो गए। सीमा के इस विवाद मे भारत के सैनिकों की क्षति के कारण देश के हर कोने से चीनी सामान को बैन करने की माँग के साथ ही, चीनी सामानो को बन्द कर दिया गया और प्रधानमंत्री ने सारे देश को आत्मनिर्भर बनने का मंत्र दिया। उन्होने कहा कि आत्मनिर्भर बनकर घरेलु चीजों का इस्तेमाल करें ताकि हमारा राष्ट्र मजबूती के साथ खड़ा हो सके।
  • पिछले कुछ महीनों से विश्व कोरोना वायरस महामारी के कारण बन्द पड़ा है। इसके कारण सारे विश्व मे वित्तीय संकट के बादल छाएं है। इसी कड़ी मे भारत ने खुद को आत्मनिर्भर बनाने और राष्ट्र को आगे ले जाने फैसला किया है। विश्व बन्दी के कारण सारे विश्व के उत्पादों पर भारी असर हुआ है, इसलिए भारत ने स्वयं को आत्मनिर्भर बनाकर देश की तरक्की पर अपना कदम आगे बढ़ाया है।

इन सभी स्थितियों को देखते हुए और भारत की मूल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री ने भारत के लोगों से आत्मनिर्भरता से लेकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने को देशवासीयों से अपील की है। भारत इस ओर धीरे-धीरे अग्रसर भी हो रहा है।

निष्कर्ष

कोरोना की महामारी काल मे सभी देश अपने आन्तरिक स्थितीयों और समस्याओं, बेरोजगारी, भुखमरी, चिकित्सा और कई अन्य समस्याओं से जुझ रहा है और भारत भी उनमे से ही एक है। भारत को इन समस्याओं से लड़ने और देश को तरक्की की राह पर आगे ले जाने के लिए आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने मे अग्रसर है।

निबन्ध 3 (600 शब्द) – आत्मनिर्भर भारत अभियान और इसके फायदे

प्रस्तावना

विश्व मे कोरोना महामारी के संकट से लड़ने और देश के आंतरिक स्थिति बनाएं रखने और इसे अच्छा करने के लिए भारत ने खुद को आत्मनिर्भर भारत बनाने का फैसला किया है। भारत काफी मात्रा मे चीजों का आयात विदेशो से करता था, पर इस महामारी के चलते सारे विश्व के आयात-निर्यात पर भारी असर पड़ा है, और इस स्थिति को सामान्य और देश की हर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनना बहुत आवश्यक है।

आत्मनिर्भर भारत बनाने का अभियान

कोरोना काल मे आपदा को अवसर मे बदलने के लिए प्रधानमंत्री ने देश-वासियों से आह्वाहन किया है। संकट की इस घड़ी मे सभी को आत्मनिर्भर बन राष्ट्र की सेवा और तरक्की मे हर किसी को योगदान देने की अपील की है। देश आत्मनिर्भर होगा तभी इस संकट की घड़ी मे हम राष्ट्र को तरक्की के लिए आगे खड़ा कर सकते है।

भारत प्राचीन काल से ही संसाधनों का देश रहा है। आजादी के बाद भारत की गरीबी और भुखमरी को देखते हुए महात्मा गांधी नेदेश को आत्मनिर्भर बनानेका सपना देखा था, पर उस स्थिति मे सुविधाओं की कमी के कारण ये पूरी तरह से संभव न हो सका, लेकिन जहां तक हो सका लोगों ने खुद को आत्मनिर्भर बनाया। महामारी की इस संकट मे फिर से महात्मा गांधी के आत्मनिर्भरता के उस सपने को याद कराते हुए प्रधान मंत्री ने अपील की है। भारत मे संसाधनों की कोई कमी नही है और अब भारत किसी भी चीज का निर्माण करने मे सक्षम है, इसके लिए उसे किसी और से मदद लेने की आवश्यकता नही है।

आत्मनिर्भर भारत बनने का तात्पर्य है कि हमारे देश को हर क्षेत्र मे खुद पर ही निर्भर होना होगा। भारत को देश मे ही हर वस्तु का निर्माण करना होगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि भारत के संसाधनों से बनी वस्तुओं को भारत मे ही उपयोग मे लाना है। आत्मनिर्भर भारत से अपने यहां के उद्योगों मे सुधार करना और युवाओं के लिए रोजगार, गरीबों के लिए पर्याप्त खाना ही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

आत्मनिर्भर भारत फायदे

यदि हमारा भारत आत्मनिर्भर बनता है तो देश को इससे कई सारे फायदे होगें जो लोगों और देश की तरक्की मे बहुत सहायक होंगें।

  • आत्मनिर्भर भारत से हमारे देश मे उद्योगों की संख्या मे वृद्धि होगी।
  • हमारे देश को और देशो से सहायता कम लेनी होगी।
  • हमारे देश मे रोजगार के अधिक अवसर पैदा होगें।
  • इससे देश मे बेरोजगारी के साथ-साथ गरीबी से मुक्ति मे सहायता मिलेगी।
  • भारत की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत हो सकेगी।
  • आत्मनिर्भर बनने के साथ भारत चीजों का भंड़ारण काफी अधिक कर सकता है।
  • देश आगे चलकर अन्य देशों से आयात कम और निर्यात ज्यादा कर सकेगा।
  • आपदा की स्थिति मे भारत बाहरी देशों से मदद की मांग कम होगी।
  • देश मे स्वदेशी वस्तुओं का निर्माण कर देश की तरक्की को शीर्ष तक ले जाने मे सहायता मिलेगी।

आत्मनिर्भर भारत बनने के महत्वपूर्ण बातें

आत्मनिर्भर भारत की घोषणा के तहत भारत के प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता के लिए पांच महत्वपूर्ण चीजे बाताई है।

  1. इंटेंट यानी इरादा करना।
  2. इन्क्लूजन या समावेश करना।
  3. निवेश या इन्वेस्टमेन्ट करना।
  4. इन्फ्रास्ट्रक्चर यानी सार्वजनिक ढ़ाचे को मजबूत करना।
  5. नयी चीजों का खोज करना।

आत्मनिर्भर भारत बनने का अवसर

सारे विश्व के साथ-साथ भारत भी कोरोना की माहामारी के दौर से गुजर रहा है, इसलिए इसके साथ ही भारत को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्राप्त हुआ है। इस महामारी के दौरान कुछ हद तक हमने आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया है और बिना अन्य देश की मदद से इस महामारी से लड़ने के लिए हमने देश मे ही चीजों का निर्माण करना शुरु कर दिया है।

जहां हमने पीपीई किट, वेन्टिलेटर, सेनेटाइजर और के.एन.-95 मास्क का निर्माण अपने देश मे ही शुरु कर दिया है। पहले यही चीजे हमे विदेशों से मंगानी पड़ती थी। इन सभी चीजों का निर्माण भारत मे करना ही आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का पहला कदम है। इनके उत्पादन से हमे अन्य देशों की मदद भी नही लेनी पड़ रही है, और भारत आत्मनिर्भरता की ओर आगे कदम बढ़ा रहा है।

निष्कर्ष

आत्मनिर्भरता की ओर भारत ने पीपीई किट, वैन्टिलेटर इत्यादि चीजों को बनाकर आत्मनिर्भरता की ओर  अपना पहला कदम बढ़ा दिया है और हमे भी इसमे अपना योगदान देकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना होगा। हमे ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने की आवश्यकता है। जिससे कि हम अपने देश को आत्मनिर्भर और अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाने मे अपना योगदान कर सके।

Essay on Aatmanirbhar Bharat

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