कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैसा कि शब्द से ही पता चलता है, बुद्धिमत्ता को कृत्रिम रूप से बनाया जाता है ताकि मशीनों को बुद्धिमत्ता के प्रसंग में, मनुष्यों की तरह व्यवहार करने के लिए बनाया जा सके। मशीनों को यदि बुद्धिमत्ता के आदेशों के साथ प्रक्रिया में लाया जाता है, तो वे 100 प्रतिशत परिणाम देते हैं, क्योंकि वे कुशल हैं। मानव मस्तिष्क उसी तरह की क्षमता के लिए सक्षम हो सकता है या संभव है कि नहीं भी हो सकता है क्योंकि यह उस दौरान मस्तिष्क के कार्य करने पर निर्भर करता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता जिसे हम अंग्रेजी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी कहते हैं उसका जन्म वर्ष 1950 में हुआ था। जॉन मैकार्थी पहली बार कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसा कोई शब्द बनाने वाले पहले व्यक्ति थे, इसलिए उन्हें एआई (AI) का जनक माना जाता है। यह कंप्यूटर को एक इंसान के रूप में सोचने, समझने, और प्रदर्शन करने में सक्षम बनाने की प्रक्रिया है साथ ही डेटा को इनपुट्स और कमांड के रूप में विकसित करके प्रदर्शन किया जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बारे में और भी अधिक विस्तार से जानने के लिए हम यहाँ पर आपके लिए अलग अलग शब्द सीमा में कुछ निबंध लेकर आये हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Artificial Intelligence in Hindi, Kritrim Buddhimatta par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (250 शब्द) – कृत्रिम बुद्धिमत्ता
परिचय
ईश्वर ने मनुष्य को सोचने और प्रतिक्रिया करने या काम करने की शक्ति प्रदान की है। इस तरह से बुद्धिमत्ता और प्रतिक्रिया देने की क्षमता को समझना इंसानों में जानवरों से काफी अलग है। बुद्धिमत्ता सीखने की, तर्कशक्ति की और समस्या को सुलझाने की क्षमता है। जब यही सारे काम मशीनों के समन्वय द्वारा किए जा रहे हैं, तो इसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता – एक सामान्य विचार
कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों की क्षमता को बढ़ा रहा है ताकि वह उसी तरह से काम कर सके जिस तरह से कोई इंसान करता है। विभिन्न उभरती हुई प्रौद्योगिकियां कृत्रिम बुद्धिमत्ता को उत्कृष्ट बनाने में अपेक्षाकृत मदद कर रही हैं। कंप्यूटर, मोबाइल, और अन्य उपकरणों के रूप में मशीन एक सहायक उपकरण होते हैं। मशीन को दिए गए इनपुट के रूप में डेटा का अलग सेट किसी भी कार्य को करने में मदद करता है। इसलिए एक बेहतर तरीके से, हम आपको यह बता सकते हैं कि कृत्रिम शिक्षण में डेटा या एल्गोरिदम का एक सेट विकसित करके मानव बुद्धि के साथ मशीनों को अंतर्निहित किया जाता है।
यहाँ पर कृत्रिम शिक्षा के तमाम उदाहरण हैं। केवल बोलकर किसी भी चीज की खोज करना वाकई में एक स्मार्ट तरीका है, साथ ही समय की बचत करना भी है। लेकिन परिणाम देने से पहले मशीन उसका विश्लेषण भी करती है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता में कई तरह की उन्नति हो रही हैं। यह मापदंड शोधों में भी काफी ज्यादा उपयोगी हैं।
निष्कर्ष
तकनीक निरंतर रूप से आगे बढ़ते जा रही है। वे इस बात को साबित कर रहे हैं कि ये मानव जाति के लिए एक वरदान हैं। वे किसी भी काम को सरल बनाते हैं, और आगे चलकर मानव तरीके से एक समस्या को हल करने में मदद भी करते हैं। हर तकनीक का अपना सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव दोनों ही होता है और इसी तरह से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के भी हैं। विभिन्न उद्योगों और अनुसंधान क्षेत्रों में इसका काफी महत्व होता है लेकिन गलत तरीके से इस्तेमाल किए जाने पर यही कृत्रिम बुद्धिमत्ता अभिशाप भी साबित होता है और मानव जाति के लिए खतरा बन सकता है।
निबंध 2 (400 शब्द) – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
परिचय
कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर विज्ञान में हो रही प्रगति में से एक है, इसलिए इसे कंप्यूटर विज्ञान की ही एक शाखा के रूप में देखा जा सकता है। यह मशीनों की बुद्धिमत्ता है। आमतौर पर, हम इंसानों की बुद्धिमत्ता को ही समझते हैं, लेकिन जब इसी को मशीन द्वारा दर्शाया जाता है, तो उसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहा जाता है।
एक मशीन तभी कार्य करती है जब उसे निर्देश दिया जाता है लेकिन अगर उसी मशीन में मानव जैसी सोच और विश्लेषण, समस्या को सुलझाने की क्षमता, आवाज पहचानने की क्षमता आदि को स्थापित कर दिया जाए, तो वही इसे स्मार्ट साबित करता है। मानवीय बुद्धिमत्ता कुछ संसाधित निर्देशों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। मशीनों के निर्देश के रूप में कई संसाधित कमांड हैं ताकि वे मनचाहे परिणाम दे सकें।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रकार
मुख्य रूप से दो प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता होती है, जो इस प्रकार से हैं :
श्रेणी 1
- संकुचित कृत्रिम बुद्धिमत्ता – ये सिर्फ एकल कार्य कर सकते हैं, उदाहरण – आवाज की पहचान करना।
- सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता – इस तरह की बुद्धिमत्ता में मानव जैसे कार्यों को करने की क्षमता होती है। फिलहाल आज की तारीख तक, ऐसी कोई मशीन विकसित नहीं हुई है।
- उत्कृष्ट कृत्रिम बुद्धिमत्ता – एआई एक इंसान से बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखता है। हालाँकि इस पर अभी भी शोध जारी है।
श्रेणी 2
- प्रतिक्रियाशील मशीन – यह मशीन किसी परिस्थिति के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया करती है। यह वर्तमान या भविष्य के उपयोग के लिए किसी भी डेटा को स्टोर करने में सक्षम नहीं है। यह फीड किए गए डेटा के अनुसार काम करता है।
- सीमित स्मरणशक्ति – यह मशीन एक सीमित अवधि के लिए कम मात्रा में डेटा इक्कठा कर सकती है। इसके उदाहरण सेल्फ ड्राइविंग कार और वीडियो गेम हैं।
- मन का सिद्धांत – ये ऐसी मशीनें हैं जो मानवीय भावनाओं को समझती हैं, ये काफी ज्यादा समझदार होती हैं। हालाँकि इस प्रकार की मशीनें अभी तक विकसित नहीं हुई हैं। इसलिए अवधारणा पूरी तरह से काल्पनिक है।
- आत्म जागरूकता – इस प्रकार की मशीनें इंसानों की तुलना में बेहतर काम करने का गुण रखती हैं। ये दूसरी बात है कि आज की तारीख तक, ऐसी कोई मशीन विकसित नहीं की गई है। हालाँकि इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: मानव जाती के लिए खतरा
विकासशील तकनीक के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता एक वरदान साबित हो रही है। यह कार्यभार को कम करने के साथ-साथ इसे विशेष रूप से हल करके उक्त कार्य को और भी ज्यादा आसान बना सकता है। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके एक व्यक्ति अपने कार्य में कई तरह के लाभ उठा सकता है। चूंकि इस दुनिया में हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव हैं, और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ भी कुछ ऐसा ही है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कई नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। यदि इस तकनीक का उपयोग नकारात्मक मानसिकता के साथ किया जाता है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सम्पूर्ण मानव जाति को नष्ट भी कर देगा। किसी भी तकनीक को विकसित करने का मतलब यह कभी नहीं होता है कि हमें काम करना बंद कर देना चाहिए, वे केवल हमारे काम को आसान बनाने के लिए हैं। लेकिन अगर हम इस बात को भूल जाते हैं तो हमारे हाथ निराशा के अलावा और कुछ भी नहीं लगेगा।
निष्कर्ष
कृत्रिम बुद्धिमत्ता की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाली कई मशीनें आज की तारीख में उपलब्ध हैं, जो हमारे काम को आसान बनाती हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लैस तमाम उपकरणों के विकास के कारण कम ज्ञान वाले लोगों को भी काफी मदद मिल जाती हैं। आपराधिक मामलों को सुलझाने के लिए भी कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास का उपयोग किया जा सकता है।
निबंध 3 (600 शब्द) – कृत्रिम बुद्धिमत्ता: एक विशेषाधिकार या नुकसान
परिचय
मशीनें हमारे काम को सरल और आसान बनाती हैं, लेकिन अगर मशीनों में इंसान जैसी समस्याओं को सुलझाने और परिणाम देने की क्षमता आ जाती है तो यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहलाता है। यह कंप्यूटर विज्ञान की उन्नत शाखाओं में से एक है। मशीनों में मानव बुद्धिमत्ता की विभिन्न विशेषताओं को विकसित करने पर ध्यान देने की दिशा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को परिभाषित किया जा सकता है। इन विशेषताओं को विभिन्न डेटा, बुद्धिमत्तापूर्ण एल्गोरिदम के माध्यम से विकसित किया जा सकता है जिन्हें इनपुट के रूप में उपयोग किया जाना है। वर्तमान में हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ तमाम तरह के उपकरणों से घिरे हुए हैं, उदाहरण के लिए, एयर कंडीशनर, कंप्यूटर, मोबाइल, बायोसेंसर, वीडियो गेम, आदि। व्यापाक रूप से कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास से मानव जाति को विभिन्न पहलुओं में लाभ होगा।
संकुचित, सामान्य और उत्तम कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है
संकुचित कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- यह एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता है जो कार्य विशिष्ट होती है यानी किसी एक काम को करने के लिए बना होना।
- किसी एक कार्यक्रम को करने की क्षमता होना।
- आमतौर पर यह व्यापक रूप से उपलब्ध है।
- उदाहरण के लिए, आवाज पहचाना, चेहरा पहचाना, आदि।
सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- इस प्रकार की कृत्रिम बुद्धिमत्ता में मानवीय भावनाओं को समझने की क्षमता होती है जैसे- दुःख, सुख, क्रोध, आदि।
- काम के वक़्त इंसान जितना बेहतर साबित होगा, हालाँकि इस तरह की बुद्धिमत्ता वाली मशीन को विकसित करने की कोशिशें जारी हैं।
उत्तम कृत्रिम बुद्धिमत्ता
- एक प्रकार का कृत्रिम बुद्धिमत्ता जो समस्या-समाधान और अन्य कार्यों में मनुष्य से बेहतर प्रदर्शन के लिए जाना जाता है।
- इसपर शोध प्रक्रिया अभी भी जारी है। ऐसा कोई उपकरण आज तक विकसित नहीं हुआ है, फिलहाल यह काल्पनिक है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता: एक विशेषाधिकार या नुकसान
मशीन में मानव बुद्धि को विकसित करने के लिए, कार्य को सरल बनाने के लिए, कंप्यूटर विज्ञान ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में उन्नति की है। यह विशेष अधिकार या नुकसान के रूप में पहचान करने के लिए उपयोग के मानदंडों पर निर्भर करता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमें अपने काम को आसान बनाने के लिए सहायता प्रदान करने में हमारी मदद कर रहा है,
- यदि यह शिक्षा के साथ है, तो तेजी से सीखने के विभिन्न तरीकों के साथ ऊपर उठने में मदद करता है, बिना किसी गलती के अधिक मात्रा में डेटा संकलित करता है।
- चिकित्सा क्षेत्र में, यह विभिन्न तरह के निदान के लिए डेटा व्याख्या की सुविधा प्रदान करता है, किसी तरह के प्रयास की उम्मीद किये बिना यह विभिन्न रोगियों का विवरण प्राप्त करना, आगे चलकर किसी भी बीमारी से संबंधित प्रश्नों या रोगियों की काउंसलिंग के बारे में चर्चा के लिए एक सामान्य मंच साबित करने में मदद करता है। रूटीन चेकअप की निगरानी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के साथ अन्य कई उपकरण भी उपलब्ध हैं।
- यह दैनिक गतिविधियों में भी काफी उपयोगी है, आगे अनुसंधान और विकास क्षेत्र को बहुत मदद प्रदान करता है।
जिस तरह से हम अपने जीवन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लागू करते जा रहे हैं इससे यह तय होते जा रहा है कि यह एक विशेषाधिकार होगा या फिर नुकसान होगा।
सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जो कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से है और वह ये है कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण के अनुकूल नहीं है। यह ई-कचरे को जन्म देता है जो सड़ने योग्य नहीं माना जाता है और अगर इसे डंप भी किया जाता है, तो यह तमाम तरह की विषाक्त भारी-भरकम धातुओं को छोड़ देगा, जिससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता ख़त्म हो जाएगी।
- प्रौद्योगिकियों के उपयोग पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता मनुष्य में आलस्य का कारण बनती जा रही है। अलग-अलग बीमारियों को न्यौता देने के साथ-साथ आपके काम करने की क्षमता भी वक़्त के साथ कम होते जाती है। इसलिए किसी को इन उपायों पर पूरी तरह से निर्भर नहीं होना चाहिए।
- वह दिन दूर नहीं जब मशीन इंसानों से ज्यादा बेहतर हो जायेंगे।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जब उचित तरीके से उपयोग की जाती है, तो इसके अच्छे परिणाम आते हैं, लेकिन अगर मशीन को दिए गए निर्देश नकारात्मक या विध्वंसक हैं, तो इससे समुदाय को नुकसान हो सकता है।
- प्रौद्योगिकियां दिन-प्रति-दिन आगे बढ़ती जा रही हैं, और इस तरह वह समय नजदीक होगा जब इन प्रौद्योगिकियों के माध्यम से किया गया हर कार्य मानव को विलुप्त होने की ओर ले जाएगा।
निष्कर्ष
इसमें कोई संदेह नहीं है कि तकनीकी उन्नति, मानव जाति के विकास में एक सहायक रणनीति साबित हो रही है। आज इंसान चाँद पर बसने की योजना बना रहा है। जब कृत्रिम बुद्धिमत्ता को उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता स्तर पर विकसित किया जाता है, तो उससे काफी अधिक तकनीकी सहायता मिलेगी। रोबोटिक्स जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता की एक विकासशील शाखा है, इसके उच्च योगदान हो सकते हैं। प्रशिक्षित रोबोट को परीक्षण और निगरानी गतिविधियों के लिए अलग-अलग नमूने प्राप्त करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा जा सकता है। इसलिए कुल मिला जुला कर, यह कहा जा सकता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता मानव जाति को लाभान्वित करने की दिशा में है यदि उसका उपयोग उचित और सकारात्मक तरीके से किया जाए।