2020 एक यादगार वर्ष कैसे है पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

हर नया वर्ष एक नई आशाओं, नई ऊर्जा और एक सुंदर भविष्य का उपहार लेकर आता है। हर बार हम नए साल की शुरुआत बहुत ही गर्मजोशी के साथ स्वागत करते हैं और पुराने साल को उनकी यादों के साथ अलविदा करते हैं। वर्ष 2019 के बाद एक नए वर्ष 2020 का शुभारम्भ हुआ। यह वर्ष बहुत सारी सकारात्मकता और सभी के लिए नया उत्साह साथ में लेकर आया, लेकिन महामारी के कारण यह वर्ष भविष्य में भी याद किये जाने वाला वर्ष बन गया है।

साल 2020 को लेकर सभी के लिए अपना-अपना अनुभव हो सकता है। वर्ष 2020 को विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर मेरे द्वारा यहां एक लंबा निबंध प्रस्तुत किया गया है। यह छात्रों को इस विषय पर लेख लिखने और उचित जानकारी मुहैया करवाएगा।

2020 एक यादगार वर्ष कैसे है पर दीर्घ निबंध (Long Essay on 2020 is a Year to be Remembered in Hindi, 2020 Ek Yadgar Varsh kaise hai par Nibandh Hindi mein)

1450 Words Essay

परिचय

हर साल अच्छी और बुरी यादों का एक मिश्रण होता है। 2020 एक लिप वर्ष था और इसकी शुरुआत बुधवार के दिन के रूप में हुई। 2020 एक असाधारण वर्ष था, अन्य वर्षों के विपरीत इस वर्ष की शुरुआत दिल दहला देने वाली यादों के साथ शुरू हुई। यह पूरा साल पूरी दुनिया के लिए बुरी खबरों से भरा रहा। साल की शुरुआत और इसका अंत बड़ी ही नकारात्मकता के साथ गुजरा और यह मानवों के लिए एक बड़ा संदेश दे गया।

2020: असाधारण परिवर्तन का वर्ष

साल 2020 की शुरुआत में ही आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी गंभीर आग की बुरी खबर के रूप में आई। इसमें 500 मिलियन से भी ज्यादा जानवर मारे गए। बाद में 2020 में दुनिया कोविड-19 से होने वाली महामारी के झटके से प्रभावित हुआ और साथ ही सयुक्त राज्य अमेरिका में नस्लीय समानता और उसके न्याय के लिए मोर्चे भी निकाले गए।

कोविड-19 महामारी के परिणाम बहुत ही भयानक रूप लेकर सामने आया, इसने दुनिया को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। महामारी के चलते लोगों को अपने घरों में रहने के सलाह दी गयी और पूरी दुनिया में लॉकडाउन लगाना पड़ा। सड़के, बाजार और व्यस्त स्थान जैसे- रेलवे और बस स्टेशन बिना लोगों के प्रतिबंधित रहें। दुनिया में विभिन्न देशों द्वारा लगातार लॉकडाउन को बढ़ाया गया। जीवन में चहल-पहल दुनिया से जैसे गायब ही हो गयी। सब कुछ बहुत ही अचानक और अनिश्चित के साथ हुआ। इस साल कोई भी शादियां, पार्टियां, समारोह इत्यादि जैसी सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया।

इस महामारी के चलते पूरी दुनिया को भारी मंदी का सामना करना पड़ा। इस दौरान दुनिया के कई देशों को आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ा। वर्ष 2020 में होने वाले विभिन्न आयोजनों को भी रद्द कर दिया गया। कुल मिलकर यह कहा जा सकता है कि एक पल में ही सब कुछ रुक सा गया और हम विकास की दौड़ में 10 साल पीछे चले गए।

साल 2020 की कड़वी यादें

वर्ष 2020 पूरी दुनिया के लिए बेहद भयावह और विनाशकारी समय रहा है। ऐसा लग रहा था जैसे समय का लगातार चल रहा पहिया थम सा गया है। इस वर्ष को अब तक का सबसे दर्दनाक घटनाओं में से सबसे बुरा समय बताया गया। कोविड-19 महामारी के कारण लाखों लोगों की मौत की वजह से कई लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों को खो दिया।

उद्योग, कारखाने, व्यवसाय, स्कूल, कार्यालय सभी को लंबी अवधि तक के लिए बंद करना पड़ा था। इस महामारी के चलते कई लोगों की नौकरी चली गई और वे पूरी तरह से असहाय हो गए। छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे थे और उनकी पढ़ाई पर बहुत बुरा असर पड़ा है। महामारी के दौरान दुनिया की खबरों को जानने का केवल एकमात्र विकल्प मीडिया था। इस पूरे साल मीडिया में केवल कोविड-19 की खबरे ही छाई रही।

इस वर्ष ने बाढ़ और चक्रवात जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव का भी सामना किया। उत्तरी अमेरिका में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों और आस्ट्रेलियाई झाड़ियों में भयंकर आग जैसे प्राकृतिक आपदा का भी सामान इस साल करना पड़ा है। वर्ष 2020 में त्योहारों को लोगों ने घरों में रहकर शांतिपूवर्क और सुरक्षित रूप से मनाया।

2020 में शिक्षा नीतियों में बदलाव

पढ़ने वाले बच्चे हमेशा ही छुट्टियों के आने का इंतिजार करते हैं। वे स्कूल और कक्षाओं में जाने के बजाय खेलना अधिक पसंद करते हैं। देशव्यापी तालाबंदी के कारण सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद किये गए थे। शुरुआत से ही स्कूल और शैक्षणिक संस्थान बंद किये गए थे, इस कारण बच्चों के पढ़ने और सीखने की प्रक्रिया/गतिविधियां जारी नहीं रह सकी। छात्रों को बहुत ही लंबी छुट्टी से गुजरना पड़ा।

हालात जल्दी ठीक होने वाले नहीं थे, इसलिए हालात को देखते हुए सरकार और शिक्षण संस्थानों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा पद्धति को अपनाया गया। इस माध्यम से छात्रों को स्कूली कक्षाओं में जाने के बजाय ऑनलाइन कक्षाओं में उपस्थित होना पड़ता था। यह कदम छात्रों के लिए फायदेमंद साबित हुआ क्योंकि इस माध्यम से छात्रों की पढाई बाधित नहीं हुई और उनकी शिक्षा जारी ही रही।

इस दौरान सबसे ज्यादा समस्या गरीब छात्रों के साथ हुई थी, जो आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे। इस कारण वे ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने के लिए असमर्थ थे उनके पास अलग से स्मार्टफोन या लैपटॉप इत्यादि की सुविधा नहीं थी। जिस परिवार में दो या दो से अधिक बच्चे थे उस परिवार में ये समस्या ज्यादा देखने-सुनने को मिली। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने टेलीविजन के माध्यम से गरीब छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करवाई। इसमें भी खराब नेटवर्क के चलते कई छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के व्याख्यान में भाग लेने से वंचित भी होना पड़ा था। जिसके कारण उन्हें ऑनलाइन कक्षाओं से भी अनुपस्थिति रहना पड़ा।

वर्ष 2020 द्वारा दिया गया संदेश

इस धरती पर सभी प्राणी ईश्वर द्वारा समान रूप से बनाया गया है। मनुष्य जाति इन सभी बातों को भूल गया और मनुष्य खुद को सबसे शक्तिशाली समझने लगे। मानवों द्वारा संसाधनों के अवैध और अनुचित उपयोग के कारण ये सभी पर्यावरणीय समस्याएं पैदा हो रही हैं। यह महामारी मनुष्य के कर्मों के लिए एक सबक जैसी है। हमें प्रकृति की समझने और उसकी देखभाल करनी की आवश्यकता है, जो हमें ईश्वर द्वारा प्रदान की गयी एक तोहफे की तरह है। हम मनुष्यों ने जो गलतियां की हैं हम उसी के भुक्तभोगी हैं।

कुदरत स्वयं ही खुद को ठीक करती है और इस तालाबंदी के दौरान यह बात देखने को मिली। इस दौरान जानवर खुले आम शहरों की सड़कों पर घूमते देखे गए, इस बीच कई अप्राकृतिक चीजें भी देखने को मिली। लॉकडाउन के दौरान गंगा नदी में डॉल्फिन देखी गई थी। उन दिनों प्रदुषण का स्तर काफी निचे की ओर आ गया था, क्योंकि इस बीच वाहनों और कल-कारखाने सभी बंद पड़े थे। यह महामारी मानव जाति के लिए एक चेतावनी है, कि यदि मनुष्य ने पर्यावरण और जीवित जीवों की परवाह की होती तो आज इस हद तक हमें यह पीड़ा नहीं उठानी पड़ती।

इस महामारी को ध्यान में रखते हुए हमें भविष्य में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहने की आवश्यकता है। हम उन कोरोना योद्धाओं को सलाम और उनका आभार व्यक्त करते हैं, जो इस महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किये बगैर हमारे लिए हमेशा खड़े रहे। मास्क और सैनिटाइजर अब हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह स्वच्छ और एक स्वस्थ जीवन को अधिक बढ़ावा देता है। यह बात हमेशा से ही कही जाती है कि “इलाज से बेहतर है उसकी रोकथाम” करना।

क्या वर्ष 2020 चुनौतियों और बदलाव का साल था?

वर्ष 2020 विश्व के इतिहास में एक उल्लेखनीय वर्ष रहा है। तालाबंदी के चलते ट्रेनों और हवाई जहाजों सहित परिवहन के सभी साधनों को बंद करना पड़ा था। दुनिया भर के अधिकांश देशों में देश व्यापी बंदी की गई थी। किसी ने भी इस स्थिति के बारे में कल्पना तक नहीं की थी। इस दौरान जो जहां था वही रहा, कई तो अपने परिवार और अपनों से दूर ही रहें।

ऐसे में अपने परिवार तक सुरक्षित पहुंचने के लिए मीलों तक पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों की मजबूरी देखने को मिली, जिस कारण कई मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों की मृत्यु रास्ते में ही हो गयी। यह स्थिति आज तक की सबसे दयनीय स्थिति थी। इस महामारी के कारण स्थिति दिन-ब-दिन बदतर ही होती जा रही थी। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि वर्ष 2020 ने हमारे जीवन जीने का तरीका और दुनिया को बदल कर रख दिया। यह सभी के लिए चुनौतियों और परिवर्तनों से भरा समय था। इसने हमें पारिवारिक जीवन के महत्त्व, प्राकृतिक और अन्य जीवित जीवों को महत्व देना हमें सिखाया है।

निष्कर्ष

वर्ष 2020 ने हमें अलग-अलग अविस्मरणीय यादें दी और यह साल बीत गया। साल 2020 हमारे लिए हमेशा ही याद करने वाले वर्ष के रूप में रहेगा। इस महामारी के दौरान बंद की गई गतिविधियां वर्ष के अंतिम महीनों में सुरक्षा और सावधानियों के साथ धीरे-धीरे फिर से शुरू की गई। भविष्य में परिवर्तन हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन जाएगी। हमें आगे भी इस प्रकार की चुनौतियों के लिए और उससे निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता हैं।

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