स्वस्थ कैसे रहें पर निबंध (How to Keep Healthy Essay in Hindi)

हमेशा से ही कहा जाता रहा है कि ‘सेहत’ ही इंसान की असली दौलत होती है। हमारे शरीर की फिटनेस और स्वास्थ्य ही हमें अपने जीवन में हर समय ऊर्जावान बनाये रखने में मदद करती है। इन दिनों हम देख रहे हैं, कि हम में से कई लोग स्वास्थ्य संबंधी किसी न किसी समस्या से पीड़ित हैं। यह सब हमारे स्वास्थ्य के प्रति हमारी लापरवाही और खानपान के कारण होती है। अपने शरीर को स्वस्थ रखने और अच्छे जीवन को पाने के लिए हमें विभिन्न चीजों के पालन करने की आवश्यकता हैं।

मैंने इस निबंध के माध्यम से स्वस्थ और फिट रहने के कुछ सामान्य तरीके को दर्शाया है। मैं आशा करता हूं कि यह निबंध आपको आपके जीवन में इन आदतों को विकसित करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

स्वस्थ रहने के तरीके पर दीर्घ निबंध (Long Essay on How to Keep Healthy in Hindi, Swasth rahane ke tarike par Nibandh Hindi mein)

1500 Words Essay

परिचय

स्वास्थ्य होने का मतलब केवल बाहरी यानी शारीरिक रूप से स्वस्थ होने से नहीं होता है। इसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वस्थ होना भी बहुत ही आवश्यक है। अच्छा स्वस्थ हमें अधिक ऊर्जा और कार्य करने की क्षमता से लाभान्वित करता है। हममें से हर कोई स्वस्थ और फिट रहने की इच्छा रखता है। लेकिन आपको खुद को स्वस्थ और फिट रहने के लिए बहुत ही प्रयास करने की आवश्यकता होती है। शरीर की देखभाल करने और स्वस्थ रहने का भाव हमारे मन में तभी आता है, जब हम स्वस्थ की समस्याओं से पीड़ित होते हैं। एक स्वस्थ शरीर हमें तनाव से मुक्त रखने में हमारी मदद करता है और तनाव से मुक्त रहकर हम अपने जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की उत्पत्ति

बहुत तेज गति से चल रही हमारी व्यस्त जीवन शैली में हमारे जीवन में आने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हमारे लिए बहुत ही चिंता का विषय होती है। तनाव और परेशानियां हमारे इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी का हिस्सा बन गयी हैं। यह हमारे मन और शरीर के संतुलन को बिगाड़ देता है। हमारे व्यस्त भरी जिंदगी में, हमारे पास अपना ख्याल रखने तक का समय भी नहीं होता है। हमारे स्वास्थ्य के प्रति यही लापरवाही हमारे शरीर को बेढंग और हमारे लिए अनेक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती है।

हम अपने स्वस्थ जीवन शैली को जीना तक भूल जाते हैं। आज के समय में मोबाइल भी हमारी स्वास्थ्य समस्या का मूल कारण में से एक है। हममें से बहुत से लोग अपना भोजन, व्यायाम आदि दिनचर्या को भुलाकर केवल इसी मोबाईल की दुनिया में ही व्यस्त रहते हैं। अस्वास्थ्यकारी भोजन करने की आदत भी हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां और समस्याएं पैदा करती है। इस पीढ़ी के युवाओं में धूम्रपान, शराब पीने और नशीली दवाओं के उपयोग की आदत बहुत तेजी से बढ़ रही है और यही आज की युवा पीढ़ी में विभिन्न गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा करने का एक प्रमुख कारण बन गई है।

स्वस्थ रहने के कुछ आवश्यक तरीके

स्वास्थय के प्रति लापरवाही ही हमारे अस्वस्थ होने का कारण होती है। इसका एहसास हमें तब होता है, जब हम विभिन्न स्वास्थय समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। हमारी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं और इस प्रकार हम किसी भी प्रकार की बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए बहुत ही धैर्य और प्रयास की आवश्यकता होती है। ऐसा करना मुश्किल अवश्य है पर असंभव नहीं है। हमें खुद ही अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। इसलिए हमें खुद को स्वस्थ रखने के लिए कई रणनीतियों का अपनाने की आवश्यकता हैं। खुद को स्वस्थ रखने के लिए मैंने यहां निचे कुछ उपायों को दर्शाया है, जो की हमें स्वस्थ रखने में मददगार साबित होंगी।

  • पौष्टिक भोजन करें

स्वस्थ शरीर के लिए हमें अपने आहार में स्वस्थ भोजन को अपनाना चाहिए। हमें अपने भोजन में पत्तेदार हरी सब्जियां, अनाज, दालें, फल आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ विटामिन, प्रोटीन, खनिज और अन्य पौष्टिक आहार, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक होते है, ये सभी घटक इन खाद्य पदार्थों में शामिल होते हैं। हमें जंकफूड खाने और कोल्ड ड्रिंक्स पिने से खुद को बचाना चाहिए, क्योंकि इनमें कोई भी पोषक तत्व नहीं होते हैं। ये खाद्य पदार्थ केवल टेस्ट या स्वाद के लिए अच्छे होते हैं लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। ये हमारे मोटापे की समस्या का मुख्य कारण हैं, जिसके कारण आजकल बहुत से लोग इससे पीड़ित हैं।

कोविड-19 के इस महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारे राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभागों द्वारा भोजन में पौष्टिक आहार लेने और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की सलाह पहले ही दी जा चुकी है। यह हमें इस घातक महामारी से बचाव और कई अन्य रोगों से बचाने में हमारी मदद करती है। इस तरह के भोजन से हम खुद को रोग मुक्त और अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।

  • रोजाना व्यायाम करें

हमें अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ समय अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करने की आवश्यकता हैं। रोजाना 20-30 मिनट का वर्कआउट और फास्ट वॉकिंग हमें किसी भी तरह की बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या को दूर करने में हमारी सहायता करती है। यह हमारी सहनशीलता को बढ़ाने और हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में हमारी मदद करती है। यह तनाव को रोकने में भी हमारी मदद करती है और हमें अच्छी नींद देती है। योग और ध्यान से भी हमें अपने शारीर को फिट और उर्जावान बनाये रखने में मदद मिलती हैं।

  • भरपूर पानी का सेवन

हमें नियमित रूप से अधिक पानी पिने की आदत को अपनाना चाहिए। पानी के नियमित सेवन करने से हमारे शरीर से विषाक्त और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। खूब पानी पीना भी स्वस्थ जीवन शैली का एक हिस्सा है। रोजाना कम पानी पीना भी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती है।

  • सुबह जल्दी उठना

हमें हमेशा से ही यह सलाह दी जाती है कि – “जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठाना व्यक्ति को स्वस्थ, धनी और बुद्धिमान बनाता है”। हम सभी को सुबह जल्दी उठने की आदत को विकसित करना चाहिए। सुबह की सैर या जॉगिंग हमारे शरीर को ताजी ऑक्सीजन युक्त हवा से समृद्ध कराती है। सुबह जल्दी उठने से हम खुद को अधिक सक्रीय और ऊर्जावान महसूस करते है। हम अपने अलग-अलग काम को समय से पूरा कर सकते हैं, और इससे देर होने के अनावश्यक तनाव से भी बचा जा सकता है। एक अच्छी नींद जो हमारे दिमाग और शरीर को आराम देती है, जो की एक स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है।

  • अपने भोजन को ठीक से चबाकर खाये

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम में से बहुत से लोग खाना ठीक से चबाए बिना ही जल्दी से खा लेते हैं। हमें भोजन को ठीक से चबाकर खाना बहुत ही आवश्यक है। चबाया हुआ भोजन शरीर द्वारा आसानी से पचाया जा सकता है और इस प्रकार हमें अधिक पोषण और ऊर्जा प्राप्त होती है। ठीक से चबाकर खाया हुआ भोजन हमारे शरीर को अधिक पोषण और शक्ति प्रदान करता है। अगर हम खाना ठीक से चबाए बिना खाते हैं, तो इससे पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं और इसके कारण पेट में सूजन और वजन बढ़ सकता है।

  • स्वच्छ जीवन

हमें स्वयं को विभिन्न रोगों से मुक्त रखने के लिए अच्छी स्वछता बहुत ही आवश्यक है। अस्वच्छ रहन-सहन कई बार हमारी गंभीर बीमारियों का कारण बन जाती है। हमें नहाने, खान से पहले हाथ धोने और अपने आस-पास के पर्यावरण को साफ़ और स्वच्छ रखने की अच्छी आदत विकसित करनी चाहिए। अच्छी स्वच्छता बनाए रखना स्वस्थ जीवन शैली का एक आवश्यक अंग है।

  • मोबाइल फोन का सीमित उपयोग करें

आजकल मोबाइल फोन आलस्य और लापरवाही का कारण बन गया है। कई बार हम डायनिंग टेबल पर भी इसका इस्तेमाल नहीं छोड़ते हैं। हमें मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने की आवश्यकता हैं, ताकि हम अपने शरीर और उसकी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इससे हमें अपने काम को समय पर पूरा कर सकेंगे और अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी काफी सहायता मिलेगी।

क्या अमीरी की जगह अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए?

आजकल लोग आमतौर पर पैसा कमाने और सफलता के पीछे भागने पर अधिक ध्यान देते हैं। वे सभी अपने स्वास्थ्य की परवाह किये बिना ही कड़ी मेहनत करते हैं। इस तरह से हमारी इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती है और साथ ही हमारे स्वास्थ पर इसका काफी असर होता है। इन दिनों हममें से ज्यादातर लोगों को मोटापा, मधुमेह, कैंसर, फेफड़ों की समस्या, अस्थमा, उच्च रक्तचाप आदि जैसे कई गंभीर समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को देखा जा सकता हैं। यह बदलाव हमारे व्यस्त जीवन शैली और हमारे अस्वस्थ खाने की आदतों के कारण होती है।

मुझे लगता है कि इस तरह से पैसे कमाने का कोई फायदा नहीं है, जिसके कारण हमारा स्वास्थ्य ही खराब हो जाए। पैसा स्वास्थ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि एक बार जब हम बीमार हो जाते हैं तो पैसा हमारे स्वास्थ्य और फिटनेस को वापस नहीं कर सकता है। इसलिए स्वास्थ्य को पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण समझा जाता है, क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य हमें खुश रखता है और हमें विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से भी मुक्त रखता है। यदि हम खुद को स्वस्थ रखते है तो हम जीवन भर पैसे कमा सकते हैं लेकिन स्वास्थ्य खराब हो जाने पर ये पैसे दोबारा हमें कभी वैसा स्वास्थ्य नहीं दे सकते है।

निष्कर्ष

स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन और विचार का वास होता है। सकारात्मक सोच हमारे स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है, क्योंकि यह हमारे मन और शरीर में नकारात्मकता और अवांछित तनाव से छुटकारा दिलाने में हमारी मदद करते है। शरीर के स्वास्थ्य स्थिति के बारे में नियमित रूप से सूचित करने के लिए हमें अपने शरीर की नियमित जांच कराने की आवश्यकता है।

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