युवा वह अवस्था होती है जब कोई लड़का बचपन की उम्र को छोड़ धीरे-धीरे वयस्कता की ओर बढ़ता है। इस उम्र में अधिकांश युवा लड़कों में एक जवान बच्चे की जिज्ञासा और जोश तथा एक वयस्क के ज्ञान की उत्तेजना होती है। किसी भी देश का भविष्य उसके अपने युवाओं पर निर्भर होता है। इस प्रकार बच्चों का सही तरीके से पोषण करने पर बहुत जोर दिया जाना चाहिए ताकि वे एक जिम्मेदार युवा बन सकें।
युवा पर छोटा व बड़ा निबंध (Long and Short Essay on Youth in Hindi, Yuva par Nibandh Hindi mein)
युवा पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द)
परिचय
युवा किसी राष्ट्र के विकास के आधार हैं। वे राष्ट्र के सबसे ऊर्जावान भाग हैं और इसलिए उनसे बहुत उम्मीदें हैं। सही मानसिकता और क्षमता के साथ युवा राष्ट्र के विकास में योगदान कर सकते हैं और इसे आगे बढ़ा सकते हैं।युवा ऊर्जा से भरी नदी की तरह है, जिसके प्रवाह को एक सही दिशा की आवश्यकता है।
आधुनिक युवा
आज का युवा प्रतिभा और क्षमता वाला है। आज का युवा सीखने और नई चीजों को तलाशने के लिए उत्सुक हैं। युवा पीढ़ी आज विभिन्न चीजों को पूरा करने की जल्दबाजी में है और अंत में परिणाम प्राप्त करने की दिशा में इतना मग्न हो जाता है कि उन्होंने इसका चयन किस लिए किया इसकी ओर भी ध्यान नहीं देते हैं।
युवा में निहित शक्ति
विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित, वास्तुकला, इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों में बहुत प्रगति हुई है, जिसमें युवाओं का सर्वाधिक योगदान रहा है। युवाओं की सोच रचनात्मक होती है। वे नए प्रयोग करने से पीछे नहीं हटते। युवा में निहित शक्ति किसी राष्ट्र के निर्माण या पतन का प्रमुख कारण होती है।
निष्कर्ष
माता-पिता का कर्तव्य है कि वे अपने बच्चों का पोषण करें और उन्हें अच्छा इंसान बनने में मदद करें। देश के युवाओं के निर्माण में शिक्षक भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी गंभीरता से निभानी चाहिए। ईमानदार और प्रतिबद्ध व्यक्तियों को पोषित करके वे एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर रहे हैं।
निबंध 2 (400 शब्द)
परिचय
युवा किसी भी राष्ट्र का अभिन्न अंग होते हैं। एक राष्ट्र जो ऊर्जावान, जिज्ञासु और मेहनती युवकों से भरा है और उन्हें काम के लिए पर्याप्त अवसर प्रदान करने में सक्षम हो वह अपने विकास के लिए मजबूत आधार बनाता है।
भारत का युवा
लगभग 65% भारतीय जनसंख्या युवाओं की है। हमारे देश में कई प्रतिभाशाली और मेहनतकश युवा हैं जिन्होंने देश को गर्व की अनुभूति कराई है। भारत में युवा पीढ़ी उत्साहित और नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक हैं। चाहे वह विज्ञान, प्रौद्योगिकी या खेल का क्षेत्र हो – हमारे देश के युवा हर क्षेत्र में श्रेष्ठ हैं।
युवाओं को क्यों सशक्त बनाए?
यहां कुछ कारण बताए हैं कि क्यों देश के युवाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है:
- अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के लिए ज्ञान और कौशल प्राप्त करने में उनकी सहायता करने के लिए।
- अपनी रूचियों का पता लगाने में उनकी सहायता करने के लिए।
- उनमें छिपी संभावितता को पहचानने के लिए
- उन्हें समाज की समस्याओं के बारे में संवेदनशील बनाने और उन्हें यह शिक्षित करने के लिए कि वे कैसे इन समस्याओं के उन्मूलन के लिए योगदान कर सकते हैं।
- देश के विभिन्न भागों के साथ-साथ विभिन्न देशों के युवाओं के बीच आदान-प्रदान को सक्षम करने के लिए।
भारत में युवाओं का सशक्तिकरण
भारत सरकार का भी लक्ष्य युवाओं के नेतृत्व वाले विकास पर है। निष्क्रिय होकर बैठने की बजाए युवाओं को देश के विकास और प्रगति में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। युवा दिमाग को प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के लिए देश की सरकार ने राष्ट्रीय युवा नीति शुरू की है। इसका उद्देश्य युवाओं की सही दिशा में संभावित रूप से निर्देशित करना है जो संपूर्ण रूप से राष्ट्र को मजबूत करने में मदद करेगा।
देश में हर बच्चे को शिक्षा मिले यह सुनिश्चित करने के लिए भी कई शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। भारत सरकार लिंग भेदभाव नहीं करती है। देश में लड़कियों को सशक्त बनाने के इरादे से सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम शुरू किया है।
युवा मामलों का विभाग युवाओं के सशक्तिकरण में भी सक्रिय रूप से शामिल है। इसने देश में युवाओं के नेतृत्व के गुण और अन्य कौशल को बढ़ाने के लिए कई पहले कीं हैं।
जब देश के युवा अपने कौशल और क्षमता का पूरी तरह उपयोग करेंगे तो देश निश्चित रूप से विकास और उन्नति करेगा और इसे दुनिया भर में एक नई पहचान मिलेगी।
निष्कर्ष
एक राष्ट्र जो अपने युवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है और उन्हें विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के माध्यम से अधिकार देता है वह सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत मजबूत और बुद्धिमान युवाओं के निर्माण के लिए काम कर रहा है। हालांकि हमें अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है।
निबंध 3 (500 शब्द)
परिचय
पुरानी पीढ़ियां अक्सर युवाओं को आवेगपूर्ण और गुस्सैल स्वभाव के कारण गंभीरता से नहीं लेती हैं। वे यह नहीं समझ पाते हैं की उनका यह स्वभाव मुख्य रूप से इस चीज़ का परिणाम है कि उनकी कैसे परवरिश की गई है। इस प्रकार प्रत्येक पीढ़ी का अपनी अगली पीढ़ी को शिक्षित करने का कर्तव्य है ताकि वे उन्हें और राष्ट्र को गर्व करने का मौका दे सकें।
जिम्मेदार युवा कैसे तैयार करें?
इस दुनिया में मुख्य रूप से दो प्रकार के लोग हैं – पहले वो जो जिम्मेदारी से काम करते हैं और निर्धारित मानदंडों का पालन करते हैं और दूसरे वो जो मानदंडों पर सवाल उठाते हैं और गैर जिम्मेदार रूप से काम करते हैं। हालांकि तर्क के आधार पर मानदंडों पर सवाल उठाने में कुछ भी गलत नहीं है लेकिन गैर जिम्मेदारियों से कार्य करना स्वीकार्य नहीं है। आज के युवाओं में बहुत सी क्षमताएं हैं और यह माता-पिता और शिक्षकों का कर्तव्य है कि वे सही दिशा में उनकी रचनात्मकता और क्षमता को निर्देशित करें। यहां कुछ चीजें बताई हैं जिनसे आप जिम्मेदार युवाओं को तैयार कर सकते हैं:
- प्रारंभिक शुरुआत करें
अपने बच्चे को नैतिक मूल्यों या और काम सिखाने के लिए उनकी 10 या 10 साल से अधिक की उम्र के लिए इंतजार न करें। इसकी शुरुआत तब करें जब वे बच्चे हो। उन्हें सिखाएं कि कैसे सार्वजनिक रूप से व्यवहार करें, अलग-अलग कार्य और अन्य चीजों को एक शुरुआती उम्र से कैसे संभाले। बेशक उन्हें कुछ भी पढ़ाते वक्त या उनके द्वारा किए किसी कार्य को जांचने के दौरान उनकी आयु को ध्यान में रखें।
- नैतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करें
यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने बच्चों को क्या सही है और क्या गलत है इसके बारे में सिखाएं। उनकी उम्र के आधार पर उन्हें समय-समय पर नैतिक शिक्षा दें। इसके साथ ही उन्हें बुरे व्यवहार या कार्यों के परिणाम पता करें।
- उन्हें मदद करने की अनुमति दें
अपने बच्चों को हर समय लाड़-प्यार करने की बजाए उन्हें आपकी सहायता करने दें। छोटे कार्यों को उन्हें करने दें जैसे कि आप खाने की मेज व्यवस्थित करने या फलों और सब्जियों को अलग करने या खिलौने को सही जगह पर रखने में उनसे मदद ले सकते हैं। यह उनमें ज़िम्मेदारी की भावना को जन्म देता है और उन्हें जीवन में बड़ी जिम्मेदारियों को लेने के लिए तैयार करता है।
- सराहना
अपने बच्चों के अच्छे काम की सराहना करें। यह उन्हें बार-बार अच्छे व्यवहार को करने के लिए प्रोत्साहित करने मदद करेगा और यही अंततः उनके व्यवहार में शामिल हो जाएगा। हर बार उन्हें इनाम देने की कोशिश न करें।
- कठोर ना बने
जैसे-जैसे आप उन्हें बताएंगे कि सही और क्या गलत है, उन्हें नैतिक शिक्षा देंगे और कार्य सौंपगें तो उनके प्रति बहुत कठोर ना बनें। आपको यह समझने की ज़रूरत है कि ऐसा वक़्त भी हो सकता है जब वे आपकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरेंगे और इसमें कोई बुराई नहीं है।
समाज में युवाओं की भूमिका
अगर देश में युवाओं की मानसिकता सही है और उनके नवोदित प्रतिभाओं को प्रेरित किया गया तो वे निश्चित रूप से समाज के लिए अच्छा काम करेंगे। उचित ज्ञान और सही दृष्टिकोण के साथ वे प्रौद्योगिकी, विज्ञान, चिकित्सा, खेल और अन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से और पेशेवर रूप में विकसित करेगा बल्कि पूरे राष्ट्र के विकास और प्रगति के लिए भी योगदान देगा। दूसरी ओर यदि देश के युवा शिक्षित नहीं हैं या बेरोजगार हैं तो यह अपराध को जन्म देगा।
निष्कर्ष
युवाओं में एक राष्ट्र को बनाने या बिगाड़ने की शक्ति है। इसलिए युवा दिमाग का पोषण बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए ताकि उनमें जिम्मेदार युवाओं को विकसित किया जा सके।
निबंध 4 (600 शब्द)
परिचय
युवा उस पीढ़ी को संदर्भित करता है जिन्होंने अभी तक वयस्कता में प्रवेश नहीं किया है लेकिन वे अपनी बचपन की उम्र को पूरी कर चुके हैं। आधुनिक युवक या आज के युवा पिछली पीढ़ियों के व्यक्तियों से काफी अलग हैं। युवाओं की विचारधाराओं और संस्कृति में एक बड़ा बदलाव हुआ है। इसका समाज पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ा है।
आधुनिक युवकों की संस्कृति
मानसिकता और संस्कृति में परिवर्तन के लिए एक कारण पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव है और दूसरा तकनीक के क्षेत्र में बढ़ती उन्नति है।
पहले ज़माने के लोग एक-दूसरे की जगह पर जाते थे और साथ में अच्छा वक्त बिताते थे। जब भी कोई ज़रूरत होती थी तो पड़ोसी भी एक-दूसरे की मदद के लिए इक्कठा होते थे। हालांकि आज के युवाओं को यह भी पता नहीं है कि बगल के घर में कौन रहता है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे लोगों से मिलना जुलना पसंद नहीं करते हैं। वे सिर्फ उन्हीं लोगों के साथ मिलते-जुलते हैं जिनसे वे सहज महसूस करते हैं और ज़रूरी नहीं कि वे केवल किसी के रिश्तेदार या पड़ोसी ही हो। तो मूल रूप से युवाओं ने आज समाज के निर्धारित मानदंडों पर संदेह जताना शुरू कर दिया है।
आधुनिक युवक अपने बुजुर्गों द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप नहीं चलते हैं। वे अपने माता-पिता और अभिभावकों का साथ तो चाहते हैं लेकिन हर कदम पर उनका मार्गदर्शन नहीं चाहते। आज की युवा पीढ़ी नई चीजें सीखना चाहती है और दुनिया में खुद को तलाश करना चाहती है। आज के युवा काफी बेसब्र और उतावले भी हैं। ये लोग तुरन्त सब कुछ करना चाहते हैं और अगर चीजें उनके हिसाब से नहीं चलती हैं तो वे जल्द नाराज हो जाते हैं।
हालांकि आधुनिक युवाओं के बारे में सब कुछ नकारात्मक नहीं है। मनुष्य का मन भी समय के साथ विकसित हुआ है और युवा पीढ़ी काफी प्रतिभाशाली है। आज के युवक उत्सुक और प्रेरित हैं। आज के युवाओं का समूह काफ़ी होशियार है और अपने लक्ष्य को हासिल करना अच्छी तरह से जानता है। वे परंपराओं और अंधविश्वासों से खुद को बांधे नहीं रखते हैं। कोई भी बाधा उन्हें उन चीज़ों को प्राप्त करने से नहीं रोक सकती जो वे चाहते हैं।
आज के युवा और प्रौद्योगिकी
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उन्नति के साथ-साथ विभिन्न गैजेट्स के आगमन से जीवन शैली और जीवन के प्रति समग्र रवैया बदल गया है और आबादी का वह हिस्सा जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है वह युवा है।
इन दिनों युवा अपने मोबाइल फोन और सोशल मीडिया में इतने तल्लीन रहते हैं कि वे यह भूल गए हैं कि इसके बाहर भी एक जीवन है। आज के युवा स्वयं के बारे में बहुत चिंतित होते हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से वह सब कुछ दिखाना और बताना चाहते हैं जो उनके पास है। हर क्षण का आनंद लेने की बजाए वह यह दिखाना चाहते हैं कि उनका जीवन कैसा रहा है। ऐसा लगता है कि कोई भी वास्तव में खुश नहीं है लेकिन हर कोई दूसरे को यह बताना चाहता है कि उसका जीवन बेहद दूसरों की तुलना में अच्छा और मज़ेदार है।
मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के अलावा जो आधुनिक युवाओं के जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल रहे हैं वह है अन्य गैजेट्स और अन्य तकनीकी रूप से उन्नत उपकरण जिन्होंने लोगों की जीवन शैली में बहुत बड़ा बदलाव लाया है। आज के युवा सुबह पार्क में घूमने की बजाए जिम में कसरत करना पसंद करते हैं। इसी प्रकार जहाँ पहले ज़माने के लोग अपने स्कूल और कार्यस्थल तक पहुंचने के लिए मीलों की दूरी चलकर पूरी करते थे वही आज का युवा कार का उपयोग करना पसंद करता है भले ही उसे छोटी सी दूरी का रास्ता पूरा करना हो। सीढ़ियों के बजाए लिफ्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, गैस स्टोव की बजाए माइक्रोवेव और एयर फ्रायर्स में खाना पकाया जा रहा है और पार्कों की जगह मॉल पसंद किये जा रहे हैं। सारी बातों का निचोड़ निकाले तो तकनीक युवाओं को प्रकृति से दूर ले जा रही है।
निष्कर्ष
पश्चिमी चकाचौंध से अंधे हो चुके भारत के युवाओं को यह एहसास नहीं है कि हमारी भारतीय संस्कृति हमेशा से बहुत अच्छी थी। हालांकि अंधविश्वासों से अपने आप को बाँधना अच्छा नहीं है लेकिन हमें हमारी संस्कृति से अच्छे संस्कार लेने चाहिए। इसी तरह किसी के जीवन में विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए। हमें प्रौद्योगिकी का गुलाम नहीं बनना चाहिए।