पूरे मानव बिरादरी की बड़ी गलती को सुलझाने के साथ ही साल दर साल इस जनसंख्या विस्फोट के कारण को जानने और एक मंच पर लोगों को बुलाने के लिये पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस के रुप में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जागरुकता अभियान मनाया जाता है। इस समस्या का सामना करने में मदद करने और उस पर पूरा ध्यान दिलाने के लिये सभी गहराई से सोए हुए लोगों की नींद को तोड़ने के साथ ही वैश्विक तौर पर एक जनसंख्या क्रांति को लाने के लिये इस महान जागरुकता अभियान को लाया गया।
विश्व जनसंख्या दिवस 2021 (World Population Day)
पूरे विश्व में लोगों द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई, 2021 रविवार को मनाया गया।
विश्व जनसंख्या दिवस विशेष
विश्व जनसंख्या दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जागरूकता अभियान है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है ताकि जागरूकता मिसन के तौर पे लोगो को जनसँख्या में हो रहे वृद्धि के खिलाफ जागरूक किया जा सके, एवं साल-दर-साल इस विस्फोट का कारण जानने के साथ-साथ पूरी मानव बिरादरी की बड़ी गलती को हल करने का समाधान हासिल हो सके। यह महान जागरूकता अभियान विश्व स्तर पर जनसंख्या क्रांति लाने के साथ-साथ सभी गहरी नींद में सोए लोगों की नींद तोड़ने के लिए तथा अपना पूरा ध्यान देने और इस जनसंख्या मुद्दे से निपटने
में मदद करने के लिए है।
इस वर्ष के उत्सव के लिए इस बार कोई आधिकारिक विषय नहीं है, यह मिसन बड़े पैमाने पर सरकार, संगठनों और जनता से कहता है कि यह महसूस करने की जरुरत है कि, जनसंख्या राष्ट्र के विकास में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, (कम जनसंख्या, पर्याप्त
संसाधन) कम जनसंख्या का अर्थ है सभी के लिए पर्याप्त संसाधन और किसी राष्ट्र की बेहतर सामाजिक-आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण योगदान ।
विश्व जनसंख्या दिवस को दुनिया भर में मनाया जाता है; हालाँकि, इसकी गतिविधियाँ जगह- जगह भिन्न होती हैं। किन्तु इसका मुख्य कार्यक्रम यूएनएफपीए (UNFPA) (जनसंख्या गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र कोष) के कार्यालय में आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष भी जनसंख्या वृद्धि और इसके पतनशील प्रभावों के बारे में लोगो में जागरूकता बढ़ाने के लिए निबंध प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिताओं, पोस्टर और बैनर डिजाइनिंग आदि, जैसे कई रोचक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
भारतीय शहरों में नागरिक समाजों और सरकारी संगठनों द्वारा कई विभ्भिन रैलियां आयोजित की जाती हैं, विशेष तौर पर जनसंख्या वृद्धि के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए। कई समूहों ने इस अवसर पर प्रतिज्ञा अभियान की भी योजना बनाई जहां वे लोगो को सिर्फ एक बच्चा या दो उससे अधिक नहीं होने की सपथ ग्रहण करवाए। विश्व जनसंख्या दिवस 2020 की कार्यक्रम को ट्विटर पर #worldpopulationday पर देखा जा सकता है।
विश्व जनसंख्या दिवस का इतिहास
11 जुलाई को सालाना पूरे विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस के रुप में एक महान कार्यक्रम मनाया जाता है। पूरे विश्व में जनसंख्या मुद्दे की ओर लोगों की जागरुकता को बढ़ाने के लिये इसे मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद के द्वारा वर्ष 1989 में इसकी पहली बार शुरुआत हुई। लोगों के हितों के कारण इसको आगे बढ़ाया गया था जब वैश्विक जनसंख्या 11 जुलाई 1987 में लगभग 5 अरब (बिलीयन) के आसपास हो गयी थी।
2012 विश्व जनसंख्या दिवस उत्सव के थीम (विषय) के द्वारा पूरे विश्व भर में ये संदेश “प्रजनन संबंधी स्वास्थय सुविधा के लिये सार्वभौमिक पहुँच” दिया गया था जब पूरे विश्व की जनसंख्या लगभग 7,025,071,966 थी। लोगों के चिरस्थायी भविष्य के साथ ही ज्यादा छोटे और स्वस्थ समाज के लिये सत्ता द्वारा बड़े कदम उठाये गये थे। प्रजनन संबंधी स्वास्थ देख-रेख की माँग और आपूर्ति पूरी करने के लिये एक महत्वपूर्णं निवेश किया गया है। जनसंख्या घटाने के द्वारा सामाजिक गरीबी को घटाने के साथ ही जननीय स्वास्थ्य बढ़ाने के लिये कदम उठाये गये थे।
ये विकास के लिये एक बड़ी चुनौती थी, जब वर्ष 2011 में पूरे धरती की जनसंख्या 7 बिलीयन के लगभग पहुँच गयी थी। वर्ष 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संचालक परिषद के फैसले के अनुसार, ये अनुशंसित किया गया था कि हर साल 11 जुलाई को वैश्विक तौर पर समुदाय द्वारा सूचित करना चाहिये और आम लोगों के बीच जागरुकता बढ़ाने के लिये विश्व जनसंख्या दिवस के रुप में मनाना चाहिये तथा जनसंख्या मुद्दे का सामना करने के लिये वास्तविक समाधान पता करना चाहिये। जनसंख्या मुद्दे के महत्व की ओर लोगों का जरुरी ध्यान केन्द्रित करने के लिये इसकी शुरुआत की गयी थी।
विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है
समुदायिक लोगों के जननीय स्वास्थ्य समस्याओं की ओर महत्वपूर्णं ध्यान दिलाना संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद का लक्ष्य है क्योंकि खराब स्वास्थ्य का ये मुख्य कारण है साथ ही पूरे विश्व में गर्भवती महिलाओं की मृत्यु का भी कारण है। ये आम हो गया है कि एक बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में रोजाना लगभग 800 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। जननीय स्वास्थ्य और परिवार नियोजन की ओर विश्व जनसंख्या दिवस का अभियान पूरे विश्व के लोगों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाता है।
लगभग 18 बिलीयन युवा अपने जननीय वर्ष में प्रवेश कर रहें है और ये बहुत जरुरी है कि जननीय स्वास्थ्य के मुख्य भाग की ओर उनका ध्यान दिलाया जाये। ये ध्यान देने योग्य है कि 1 जनवरी 2014 को विश्व जनसंख्या 7,137,661,1,030 तक पहुँच गयी। सच्चाई के बारे में लोगों को जागरुक बनाने के लिये ढ़ेर सारे क्रियाकलाप और कार्यक्रम के साथ सालाना विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की योजना बनायी जाती है।
इस विशेष जागरुकता उत्सव के द्वारा, परिवार नियोजन के महत्व जैसे जनसंख्या मुद्दे के बारे में जानने के लिये कार्यक्रम में भाग लेने के लिये लोगों को बढ़ावा देना, लैंगिक समानता, माता और बच्चे का स्वास्थ्य, गरीबी, मानव अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, लैंगिकता शिक्षा, गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल और सुरक्षात्मक उपाय जैसे कंडोम, जननीय स्वास्थ्य, नवयुवती गर्भावस्था, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, यौन संबंधी फैलने वाले इंफेक्शन आदि गंभीर विषयों पर विचार रखे जाते हैं।
ये बहुत जरुरी है कि 15 से 19 वर्ष के किशोरों के बीच लैंगिकता से संबंधित मुद्दे को सुलझाया जाये क्योंकि एक आँकड़ों के अनुसार ये देखा गया कि इस उम्र के लगभग 15 मिलीयन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया साथ ही 4 मिलीयन ने गर्भपात कराया।
यहाँ नीचे कुछ विश्व जनसंख्या दिवस को मनाने का लक्ष्य दिया गया है:
- ये लड़का और लड़की दोनों की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिये मनाया जाता है।
- अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह समझने के काबिल होने तक शादी को रोकना तथा लैंगिकता संबंधी पूरी जानकारी देना।
- तर्कसंगत और युवा अनुकूलन उपायों के द्वारा अनचाहे गर्भ से बचने के लिये युवाओं को शिक्षित करना चाहिये।
- समाज से लैंगिकता संबंधी रुढ़िवादिता को हटाने के लिये लोगों को शिक्षित करना है।
- समय से पहले माँ बनने के खतरे को लेकर लोगों को शिक्षित करें।
- विभिन्न इंफेक्शन से बचने के लिये यौन संबंधों के द्वारा फैलने वाली बीमारियों के बारे में उनको बताना चाहिये।
- लड़कियों के अधिकारों को बचाने के लिये कुछ असरदार कानून और नीतियों की माँग हो।
- लड़के-लड़कियों की एक-समान प्राथमिक शिक्षा तक पहुँच हो।
- हर जोड़े के लिये आधारित प्राथमिक स्वास्थ्य के भाग के रुप में हर जगह जननीय स्वास्थ्य सेवा की आसान पहुँच हों।
विश्व जनसंख्या दिवस कैसे मनाया जाता है
बढ़ती जनसंख्या के मुद्दों पर एक साथ कार्य करने के लिये बड़ी संख्या में लोगों के ध्यानाकर्षण के लिये विभिन्न क्रियाकलापों और कार्यक्रमों को आयोजित करने के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। सेमिनार, चर्चा, शैक्षिक प्रतियोगिता, शैक्षणिक जानकारी सत्र, निबंध लेखन प्रतियोगिता, विभिन्न विषयों पर लोक प्रतियोगिता, पोस्टर वितरण, गायन, खेल क्रियाएँ, भाषण, कविता, चित्रकारी, नारें, विषय और संदेश वितरण, कार्यशाला, लेक्चर, बहस, गोलमोज चर्चा, प्रेस कॉन्प्रेंस के द्वारा खबर फैलाना, टीवी और न्यूज चैनल, रेडियो और टीवी पर जनसंख्या संबंधी कार्यक्रम आदि कुछ क्रियाएँ इसमें शामिल हैं। कॉन्प्रेंस, शोधकार्य, सभाएँ, प्रोजेक्ट विश्लेषण आदि को आयोजित करने के द्वारा जनसंख्या मुद्दों का समाधान करने के लिये विभिन्न स्वास्थ्य संगठन और जनसंख्या विभाग एक साथ कार्य करते हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस का थीम
- विश्व जनसंख्या दिवस 2021 की थीम – “कोविड-19 महामारी का प्रजनन क्षमता पर प्रभाव” (Impact of the COVID-19 pandemic on fertility)
- वर्ष 2020 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए थीम “COVID-19 महामारी के दौरान महिलाओं और लड़कियों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों और कमजोरियों को सुरक्षित रखना (Putting the brakes on COVID-19: how to safeguard the health and rights of women and girls now)” था।
- वर्ष 2019 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए थीम “फैमिली प्लानिंग: इम्पावरिंग पीपल, डिवेलपिंग नेशन्स” था।
- वर्ष 2018 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए थीम “परिवार नियोजन एक मानव अधिकार है” था।
- वर्ष 2017 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए थीम “परिवार नियोजन: लोगों को सशक्त बनाना, राष्ट्र विकसित करना” था।
- वर्ष 2016 में विश्व जनसंख्या दिवस के लिए थीम “किशोर लड़कियों में निवेश” था।
- 2015 का थीम था “आपातकाल में अतिसंवेदनशील जनसंख्या”।
- 2014 का थीम था “जनसंख्या प्रचलन और संबंधित मुद्दे पर चिंता के लिये एक समय” और “युवा लोगों में निवेश करना”।
- 2013 का थीम था “किशोर पन में गर्भावस्था पर ध्यान”।
- 2012 का थीम था “जननीय स्वास्थ्य सेवा के लिये विश्वव्यापी पहुँच”।
- 2011 का थीम था “7 बिलीयन कार्य”।
- 2010 का थीम था “जोड़े जाओ: कहो क्या चाहिये तुम्हे”।
- 2009 का थीम था “गरीबा से लड़ो: लड़कियों को शिक्षित करो”।
- 2008 का थीम था “अपना परिवार नियोजन करो: भविष्य नियोजन करो”।
- 2007 का थीम था “मनुष्य कार्य पर है”।
- 2006 का थीम था “युवा होना कठिन है”।
- 2005 का थीम था “समानता से सशक्तिकरण”।
- 2004 का थीम था “10 पर आईसीपीडी”।
- 2003 का थीम था “1,000,000,000 किशोरवस्था”।
- 2002 का थीम था “गरीबी, जनसंख्या और विकास”
- 2001 का थीम था “जनसंख्या, पर्यावरण और विकास”।
- 2000 का थीम था “महिलाओं का जीवन बचाना”।
- 1999 का थीम था “6 बिलीयन के दिन से गिनना शुरु करें”।
- 1998 का थीम था “आनेवाला 6 बिलीयन”
- 1997 का थीम था “किशोर जननी स्वास्थ्य देख-रेख”।
- 1996 का थीम था “जननीय स्वास्थ्य और एड्स”।
विश्व जनसंख्या दिवस पर विचार
- विश्व जनसंख्या को स्थिर करने के लिये “हमें जरुर 350,000 व्यक्तियों को प्रति दिन हटाना चाहिये”। – जैक्स इविस कॉस्टीयु
- “लगभग एक बिलीयन लोगों से आसपास- विश्व जनसंख्या का 1/8 भाग- अभी भी भूखा है। हर वर्ष कुपोषण से 2 मिलीयन बच्चों की मौत हो जाती है। ये उस समय हो रहा है जब ब्रिटेन के लोगों को डॉक्टर मोटापे से बचने की सलाह दे रहा है। हमलोग बहुत ज्यादा खाते हैं जबकि दूसरे भूखे रहते हैं”।– जोनाथन सैक्स
- “आप शक्ति के द्वारा जनसंख्या को रोक नहीं सकते बल्कि इसे खर्च के द्वारा ध्यान हटाया जा सकता है”।– नोआम चोमस्की
- “इंसान के लिये भोजन उत्पादन करने के लिये अनिश्चित काल तक धरती से ज्यादा शक्ति जनसंख्या में है”।– थॉमस मालथुस
- “एक सीमित दुनिया केवल सीमित जनसंख्या को मदद कर सकती है, इसलिये, जनसंख्या वृद्धि जरुर अंतत: शून्य के बराबर होनी चाहिये”।– गैरेट हार्डिन
- “मानव अधिकार के निरंतर उल्लंघन और मृत्यु, साथ ही मानवतावादी संकट के परिणामों से, चाहे वो प्राकृतिक या इंसानी हो से अपनी जनसंख्या को बचाने का पहला कर्तव्य राज्य का है”।– पोप बेन्डिक्ट् 16वें
- “जनसंख्या, जब अनियंत्रित होती है, एक ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है”।– थॉमस मालथुस
- “जनसंख्या, जब अनियंत्रित होती है एक ज्यामितीय अनुपात में बढ़ती है” या हर 25 वर्ष खुद से दोगुना हो जाती है”।– थॉमस मालथुस
- “विश्व की लगभग आधी से ज्यादा जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में और ज्यादातर एक गरीबी की स्थिति में होते हैं ऐसी असमानता मानव विकास में एक प्रमुख कारण है अशांति का और विश्व के कुछ भागों में हिंसा भी है”।– एपीजे अब्दुल कलाम
- “जनसंख्या को स्थिरता प्रदान करने की मुख्य वजह गरीबी को घटाना या कम करना है”।– रोजर बेंगस्टन
- “अगर हमने दया और न्याय के साथ जनसंख्या पर रोक नहीं लगाई तो ये प्रकृति हमारे लिये, क्रूरता और बिना दया के और उजड़ी हुई दुनिया छोड़ जायेगा”।– नोबल विजेता डॉ हेनरी डब्ल्यु केंडाल
- “जब परिवार छोटा होता है, चाहे जितना भी कम उनके पास है वो उसे बाँटने में सक्षम है, वहाँ शांति है”।– फिलीफ निजुंगा
- “एक बार ये जरुरी था कि लोगों को जनसंख्या वृद्धि करना चाहिये और अस्तित्व में रहने के लिये अगर प्रजाति लाभदायक हों। लेकिन अब प्रजाति का संरक्षण करने के लिये ये जरुरी है कि प्रजनन की शक्ति वापस ली जाये”।– हेलेन केलर
- “एक महिला नेता के रुप में, मेरा विचार मैं एक अलग प्रकार का नेतृत्व ले आयी। मेरा रुझान महिलाओं के मुद्दों में है, जनसंख्या वृद्धि दर को घटाना… एक महिला के रुप में, मैंने राजनीति में प्रवेश विभिन्न आयामों के साथ किया- जैसे कि एक माँ”।– बेनजीर भुट्टो
- “तीव्र जनसंख्या वृद्धि और तकनीकी नवाचार, हमारी समझ की कमी के बारे में जुड़ा है कि कैसे प्राकृतिक व्यवस्था जिसके हमलोग कार्यशील भाग है, गड़बड़ी उत्पन्न कर दी है”।– डेविड सुजुकी
- “जैसा कि जनसंख्या घनत्व बढ़ता जा रहा है, प्राकृतिक रसायनिक और जैविक पुनर्चक्रण प्रक्रिया का भार अधिक हो गया है, संपत्ति के अधिकारों को पुर्नपरिभाषित करने के लिये आह्वान”।– गैरेट हार्डिन
- “भोजन कुछ ऐसा है कि विश्व के ज्यादातर नेताओं के द्वारा स्वीकृत के लिये लिया गया है इस तथ्य के बावजूद कि विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या भूखी है”।– नॉरमन बोरलाँग
- “जनसंख्या वृद्धि धरती के संसाधनों को अंतिम बिन्दु तक दबाव दे रही है, और लड़कियों को शिक्षित करना एक मात्र महत्वपूर्णं कारक है इसको स्थिर करने में। जैसे कि महिलाओं को मदद करने से राजनीतिक और आर्थिक शक्ति और उनके प्रजननीय अधिकारों की सुरक्षा”।– अल गोर
- “जनसंख्या वृद्धि और खर्च में वृद्धि की जोड़ी एक खतरा है कि हमलोग तैयार नहीं है उसके लिये और कोई चीज हमें वैश्विक सहयोग में जरुरत होगी”।– मॉरिस स्ट्राँग