मजदूर दिवस पर स्लोगन (नारा)

Labour Day

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 1 मई को विश्व भर में कामगारो के अधिकारों के लिए मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1 मई 1886 को अमेरिका से हुई थी, जहां उस दिन मजदूरो के अधिकारों के लेकर भीषण प्रदर्शन हुए थे। किसी भी देश के कामगारो की मेहनत उनके देश के तरक्की को सीधे तौर से प्रभावित करती है, इसलिए यह काफी आवश्यक है कि उनके अधिकारों की रक्षा हो और उन्हें भी समाज में बराबर का सम्मान मिले।

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मजदूर दिवस पर नारा (Slogans on Labour Day in Hindi)

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Unique and Catchy Labour Day Slogans in Hindi Language

 

मजदूरों को उनका पूरा हक दें, उन्हें सताने वाले को अच्छा सबक दें।

 

मजदूरों को उनका पूरा हक दें, उन्हें सताने वाले को अच्छा सबक दें।

 

मजदूर है वो पर इंसान है, उसके भी हक में सम्मान है।

 

मजदूर है वो पर इंसान है, उसके भी हक में सम्मान है।

 

मजदूरों की होती है बस एक इच्छा, अपने परिवार की खुशी और बच्चों की शिक्षा।

 

मजदूरों की होती है बस एक इच्छा, अपने परिवार की खुशी और बच्चों की शिक्षा।

 

मजदूरों के संग निर्दयी व्यवहार होते हैं, और हम भूल जाते हैं की उनके भी संसार होते हैं।

 

मजदूरों के संग निर्दयी व्यवहार होते हैं, और हम भूल जाते हैं की उनके भी संसार होते हैं।

 

मजदूर दिवस पर हाथ मिलाएं, खुशियां उनके साथ मनाएं।

 

मजदूर दिवस पर हाथ मिलाएं, खुशियां उनके साथ मनाएं।

 

 

मजदूर जिसे बनाने में अपना चैन सुकून खोता है, उस मकान में अमीर बड़े चैन से सोता है।

 

मजदूर जिसे बनाने में अपना चैन सुकून खोता है, उस मकान में अमीर बड़े चैन से सोता है।

 

शायद वो मजबूर है, इसीलिए मजदूर है।

 

शायद वो मजबूर है, इसीलिए मजदूर है।

 

दिन भर मेहनत से ईमानदारी के बीज बोता है, इसलिए मजदूर रात में सुकून से सोता है।

 

दिन भर मेहनत से ईमानदारी के बीज बोता है, इसलिए मजदूर रात में सुकून से सोता है।

 

समाज के हर निर्माण की जरुरत हैं, मजदूर मेहनत और ईमानदारी की मूरत हैं।

 

समाज के हर निर्माण की जरुरत हैं, मजदूर मेहनत और ईमानदारी की मूरत हैं।

 

मजदूर नहीं होगा तो मेहनत कौन करेगा, बेरंग दुनिया में रंग कौन भरेगा।

 

मजदूर नहीं होगा तो मेहनत कौन करेगा, बेरंग दुनिया में रंग कौन भरेगा।

 

 

चलो ये अभियान चलाएं दुनिया भर में, इसबार दिवाली पर दीप जलाएं मजदूर के घर में।

 

वो भी किसी का भाई किसी की बहन होगी, मजदूरों की बेइज्जती अब और न सहन होगी।

 

श्रमिक दिवस मनाओ, श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक बनाओ।

 

21वीं सदी कर रही पुकार, बंद करो श्रमिकों पर अत्याचार।

 

मजदूर दिवस पर लो संकल्प किसान हो या नौकरीपेशा, जीवन की भौतिक सुविधाओं का अधिकार मिले सबको एक जैसा।

 

मजदूरों के भी अधिकार है हमारे समान, उन्हें परेशान कर ना करो उनका अपमान।

 

श्रमिक अपने खून-पसीने से देश की तरक्की को सींचते है, दिन-रात मेहनत कर देश को प्रगति के मार्ग पर आगे खींचते है।

 

जब श्रमिको का होगा विकास, तब देश में तरक्की का होगा प्रकाश।

 

आवाज तुम यह बुलंद करो, मजदूर हैं देश का आधार इनके साथ भेदभाव बंद करो।

 

देश में गणतंत्र की सरकार है, मजदूरों को अपनी मांगो को रखने का अधिकार है।

 

मजदूर कौन? जो दिन भर काम करता और रहता मौन।

 

मजदूर कौन? जो काम करता दिन-रात मौन।

 

मजदूरों के भी अधिकार हैं, उनका भी घर परिवार है।

 

देश की तरक्की की खातिर हम अपना पसीना बहाते है, ज्यादे कुछ नही इस मजदूर दिवस हम भी अच्छा व्यवहार चाहते है।

 

1 मई को यही है लक्ष्य, मजदूरो के आवाज को उठाना है हमारा कर्तव्य।

 

जो अपना काम पूरी निष्ठा से करते है, देश के लिए कार्य करके उसके सपनों में रंग भरते है।

 

देश के कामगार अपनी मेहनत से देश को विकास के पथ पर आगे खींचते हैं, अपने कार्य से देश के तरक्की को सींचते है।

 

उम्मीद करता हूँ इस मजदूर दिवस पर सबकी मांगे हो पूरी, ना रह जाये किसी की इच्छाएं अधूरी।

 

सांमती शासको का राज गया अब है गणतंत्र की सरकार, मजदूर हो या व्यापारी सबको मिलना चाहिए उनका अधिकार।

 

कार्यो के लिए जैसी इच्छा लेते हो साक्षात्कार, तब हमें भी दो हमारी इच्छा का सेवाभार।

 

ना छीनो हमारे अधिकारों को सत्ता का ना करो तुम दंभ, क्योंकि देश में गणतंत्र के साथ हो चुका है नवयुग का आरंभ।

 

जब मिलेगा मजदूरो को उनका अधिकार और हटेगा हर भेद, तभी देश में तरक्की होगी और मिटेगा सभी के ह्रदयों से खेद।

 

देखो काम कर रहे हम दिन भर जीवन है हमारा व्यस्त, फिर भी ना जाने क्यों दूसरो के तरह हमको सुविधाएं ना मिल रही समस्त।

 

मजदूर और किसान देश की शक्ति हैं, इसलिए पूरी हो इनकी इच्छाए यही मेरी अभिव्यक्ति है।

 

क्यो रहते हो मौन जब देश में कामगारो का दमन होता है, ऐसे मौको पर कैसे तुमसे चुप रहना सहन होता है।

 

यदि किसी देश में मजदूर को पूरे अधिकार नही मिलते, तो उस देश की प्रगति रुक जाती है।

 

देश की तरक्की के लिए मजदूरों के अधिकारों को सुनिश्चित करना आवश्यक है।

 

यदि भारत में मजदूरो का दमन होगा, तो एक तरह से यह मानवाधिकारों का हनन होगा।

 

मजदूर दिवस पर यही है निश्चय-करेंगे एक-दूसरे का सहयोग, अपने हुनर को संवारकर देश के तरक्की में करेंगे इसका उपयोग।

 

जब देश के मजदूर और कामगार वर्ग को उनके अधिकार मिल जायेंगे, देश स्वंय उन्नत हो जायेगा।

 

आशा करता हूँ इस मजदूर दिवस हो सबकी समस्याएं समाप्त, सबकी हो इच्छाएं पूरी और जीवन में हो खुशी व्याप्त।

 

कामगर वह हैं जो मानते हैं अपने काम को अपना धर्म, इस दुनिया में सबसे प्रिय बस उनको अपना कर्म।

 

मजदूर वह है जो भारत निर्माण को पूरा करते है, अपने मेहनत से सबके सपनों में रंग भरते है।

 

 

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