अब्राहम लिंकन पर निबंध (Abraham Lincoln Essay in Hindi)

एक व्यक्ति, जिसका पूरा जीवन एक प्रेरणा है, उनकी शिक्षा से शुरू होते हुए उनके लिए कुछ भी आसान नहीं था, फिर भी उनका विश्वास और उनके दृढ़ निश्चय ने उनके लिए चीजों को आसान बना दिया। एक व्यक्ति, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था, उन्होंने गुलामी को समाप्त किया और अमेरिका को नया जन्म दिया। यहां दिए गए कुछ निबंधों को पढ़ें और संबंधित विषय पर अपने कार्य को पूरा करने के लिए अपना खुद का एक विषय बना सकते हैं।

अब्राहम लिंकन पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Abraham Lincoln in Hindi, Abraham Lincoln par Nibandh Hindi mein)

अब्राहम लिंकन पर निबंध – 1 (250 शब्द) – Abraham Lincoln par Nibandh

परिचय

यह 12 फरवरी, 1809 का दिन था जब एक राष्ट्रपति का जन्म हुआ था और उनका नाम अब्राहम लिंकन था। वह अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने अमेरिकी गृहयुद्ध को समाप्त कर दिया और लोगों को गुलामी से मुक्त कराया। वह एक अनूठे व्यक्ति थे जिनके जीवन के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है।

उनके जीवन के बारे में कुछ तथ्य

  • अब्राहम एक गरीब परिवार में पैदा हुए थे और उन्हें कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी शिकायत नहीं की और हमेशा उससे सीखा।
  • उनके पिता थॉमस लिंकन और माता नैन्सी लिंकन थे और दोनों ही पढ़े-लिखे नहीं थे।
  • वह केवल एक वकील नहीं थे, वह इलिनोइस राज्य के विधायक भी थे और अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य भी थे।
  • वह संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले रिपब्लिकन पार्टी के पहले सदस्य थे।
  • लिंकन कई चुनाव हारे थे और उनका पहला चुनाव भी असफल रहा लेकिन उनकी असफलताओं ने उन्हें कभी नहीं रोका।
  • वर्ष 1860 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।
  • एन रुटलेज, यह उनका पहला प्यार थीं, लेकिन टाइफाइड की वजह से उनकी मृत्यु हो गई, एक बार फिर से उनकी मुलाकात एक अन्य महिला ओवेन्स से हुई मगर उसने लिंकन को छोड़ दिया। फिर भी, उन्होंने अपनी उम्मीद कभी नहीं खोई और आखिरकार मैरी टॉड से शादी कर ली और उनके 4 बेटे हुए।
  • 15 अप्रैल 1865 को उनकी हत्या कर दी गयी और वह हमेशा के लिए सो गए लेकिन इन विचारों के रूप में वह हमेशा हमारे भीतर जीवित रहेंगे।

“जीवन कठिन है, लेकिन बेहद खूबसूरत है” – अब्राहम लिंकन

निष्कर्ष

जीवन हमेशा अनुचित नहीं होता है, यह निश्चित रूप से आपको एक मौका देगा और यह आपके ऊपर है कि आप इसे कैसे लेते हैं। इसलिए, हमेशा तैयार रहें और अपने कौशल पर ध्यान केंद्रित करें क्योंकि मजबूत कौशल वाला व्यक्ति कभी भी पराजित नहीं हो सकता है। “मुझे एक पेड़ को काटने के लिए छह घंटे का समय दें और शुरुवाती चार घंटे मैं कुल्हाड़ी को तेज करने में खर्च करूंगा।” – अब्राहम लिंकन

इसे यूट्यूब पर देखें : Abraham Lincoln

निबंध 2 (400 शब्द) – अब्राहम लिंकन: जीवन एंड कैरियर

परिचय

एक व्यक्ति जिसने ढेर सारे साहस और ज्ञान के साथ एक, पूरी दुनिया को बदल दिया और कुछ उल्लेखनीय बदलाव लेकर आया और वह अभी भी हमारे दिलों में जीवित है। उनका जन्म 12 फरवरी, 1809 को हार्डिन काउंटी, केंटकी में हुआ था। उनके माता-पिता नैंसी लिंकन और थॉमस लिंकन थे, वह उनके दूसरे बच्चे थे। यह उनके दादा थे जिन्होंने उन्हें अब्राहम नाम दिया था।

उनका प्रारंभिक जीवन

अब्राहम के दो भाई-बहन थे लेकिन उनमें से एक की जन्म के कुछ वक़्त बाद ही मृत्यु हो गई। उनकी बड़ी बहन सारा उनसे 2 साल बड़ी थीं। जब वह 9 साल के थे तो उनकी मां ने उन्हें छोड़ दिया, मिल्क सिकनेस के कारण मां की मृत्यु हो गई थी। तब उनके पिता ने एक विधवा, सारा बुश जॉनसन से शादी की जिसके पहले से ही 3 बच्चे थे। सारा एक अच्छी महिला थीं और उन्होंने अब्राहम को हमेशा वही करने के लिए प्रोत्साहित किया जो उसे पसंद था।

अब्राहम को अपना ज्यादातर समय पढ़ने, लिखने और अन्य साहित्यिक कार्यों में बिताना पसंद था। वह बहुत अच्छी पृष्ठभूमि से नहीं थे; उनके पिता एक गरीब किसान थे। अब्राहम केवल कुछ महीनों के लिए ही स्कूल जा पाए थे और बाद में उन्होंने स्व-शिक्षा पर ही ध्यान केंद्रित किया। वह सीखने और ज्ञान प्राप्त करने में विश्वास करते थे।

उनका करियर

उन्होंने अपने किशोरावस्था में ही अपने पिता की मदद करनी शुरू कर दी थी, वह ज्यादा पैसे कमाने और अपने परिवार की मदद करने के लिए एक ही समय में दो-दो नौकरियां करते थे। वे अपनी जरूरतों को पूरी कर पाने के लिए बहुत ही संघर्ष करते थे इसलिए उन्होंने कमाई के तरफ कदम बढ़ाया। एक महामारी के कारण, वर्ष 1830 में वह अपने परिवार के साथ इलिनोइस चले गए। हालाँकि वह अपने परिवार के साथ यहाँ आये थे, लेकिन उन्होंने अकेले न्यू सलेम, इलिनोइस में अपना घर बनाया।

1839 में उनकी मुलाकात मैरी टॉड से हुई, वह एक अमीर और लोकप्रिय वकील रॉबर्ट स्मिथ टॉड की बेटी थीं। उन्होंने उससे शादी की और उन्हें उससे उनके पिता की तरह वकील बनने की प्रेरणा मिली। बाद में उन्होंने चुनावों में भाग लिया और बुरी तरह हार मिली; पैसे की कमी, अच्छे दोस्तों की कमी और उचित शिक्षा का अभाव ये सब उनकी हार के मुख्य कारण थे।

बाद में उन्होंने ब्लैक हॉक वॉर में एक कप्तान के रूप में काम किया और अपने भाषण के दौरान उन्होंने अपनी लोकप्रियता देखी। उन्होंने 300 में से 277 वोट जीते जो कहीं से भी एक खराब स्कोर नहीं था। उन्होंने न्यू सलेम के पोस्टमास्टर के रूप में सेवा की और कभी भी सीखना बंद नहीं किया। उन्होंने पढ़ना और लिखना शुरू किया, साथ ही साथ वे कानून की पढ़ाई करना चाहते थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और लॉ की पढ़ाई की। इसके बाद, उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूवात की।

निष्कर्ष

यह हर कोई नहीं होता जो अमीर घर में पैदा होता है, लोग संघर्ष करते हैं, और फिर वे धन या फिर नाम कमाते हैं। कई प्रसिद्ध लोगों की बहुत दुखद और संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी थी, लेकिन, आखिर में, वे जीते और उनके संघर्ष दूसरों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। वाकई में लिंकन एक दृढ़ संकल्प वाले अद्भुत व्यक्ति थे। हालाँकि उसका अतीत दुखद था, लेकिन हमने उन्हें कभी भी निरंकुश नहीं पाया। एक समय था जब उन्होंने अपने बच्चों को खो दिया था और तब वे बिखर गए थे लेकिन उनकी गरीबी ने उन्हें कभी प्रभावित नहीं किया। उनकी कहानी हमें प्रेरित करती है और हमें सिखाती है कि हमें अपनी समस्याओं से कैसे निपटना है।

निबंध 3 (600 शब्द) – क्यों आज भी अब्राहम लिंकन हम सभी के बीच जीवित हैं

परिचय

उनके नाम में ही एक सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता था और उन्हें किसी तरह के परिचय की जरूरत नहीं होती थी। एक मेहनती व्यक्ति जिसमे सच्चे संकल्प के साथ समाज को सुधारने की उत्सुकता थी।

कौन थे अब्राहम लिंकन

लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे, उन्होंने गुलामी को भी समाप्त किया और संयुक्त सरकार को बढ़ावा दिया। इन परिवर्तनों की वजह से, वह अभी भी अमेरिका के सबसे अच्छे राष्ट्रपतियों में से एक माने जाते है।

उनका जन्म और परिवार

अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी, 1809 को हुआ था और उनके माता-पिता नैंसी लिंकन और थॉमस लिंकन थे। वे एक औसत परिवार से ताल्लुख रखते थे और खेती करके अपनी जीविका का प्रबंधन करते थे। अब्राहम अपने माता पिता की दूसरी संतान थे और उनकी एक बड़ी बहन सारा थी। उनका एक छोटा भाई भी था लेकिन जन्म के ठीक बाद उसकी मृत्यु हो गई थी।

वर्ष 1818 में अब्राहम की माँ की मिल्क सिकनेस की वजह से मृत्यु हो गई और परिणामस्वरूप वे बिखर गए। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 9 वर्ष थी, तब उनके पिता ने एक विधवा से विवाह किया जिसके 3 बच्चे थे। सभी एक साथ रहने लगे और उसने अब्राहम को भी अपने बच्चे की तरह माना।

उनकी शिक्षा और कैरियर

अब्राहम कभी स्कूल नहीं गए, एक बार उन्होंने शुरू किया भी तो यह केवल कुछ महीनों तक जारी रह पाया। लेकिन वह पढ़ाई के बेहद शौकीन थे और उन्होंने खुद को शिक्षित करने का फैसला किया। वे किताबें पढ़ते थे, कविताएँ लिखते थे, किताबें हमेशा से उसकी चहेती रही हैं। उनकी सौतेली माँ ने हमेशा उन्हें ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। वह एक पुस्तक लेने के लिए मीलों पैदल जाते थे और यह उनका दृढ़ संकल्प था, उनके पड़ोसी भी उनकी प्रशंसा करते थे।

वह राजनीति में अपने करियर की शुरूवात करना चाहते थे; उन्होंने अपने जीवन में कई बार गुलामी का सामना किया और वो एक मजबूत विरोधी थे। यह 1832 का वक़्त था जब पहली बार उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और इलिनोइस जनरल असेंबली में भाग लिया मगर वे विफल हुए और उन्होंने देखा कि उनकी शिक्षा, पैसे की कमी और दोस्त उनकी विफलता के पीछे मुख्य कारण थे।

जल्द ही ब्लैक हॉक वॉर में उन्होंने 300 में से 277 सीटें जीतीं और न्यू सलेम के पोस्टमास्टर के रूप में काम किया। उन्होंने कभी खुद को शिक्षित करना और पढ़ना नहीं छोड़ा और उनकी शिक्षा जारी रही। जल्द ही वह एक वकील बन गए और उन्होंने अपनी बेहतरीन सेवाएं भी दीं।

उन्होंने उन लोगों की मदद की जिनके पास पैसे नहीं होते थे और किसी मामले को कुछ इस तरह से संभालते थे कि वो बहुत जल्द सभी के बीच लोकप्रिय हो जाते। उन्होंने किसी भी मामले के लिए कभी भी ज्यादा पैसे नहीं मांगे। एक बार एक आदमी ने उसे अतिरिक्त पैसे दिए लेकिन उसने आवश्यक राशि ली और अतिरिक्त पैसे वापस लौटा दिए। वह वास्तव में एक महान व्यक्ति थे और यह कोई पद नहीं है जो किसी व्यक्ति को महान बनाता है, यह उनका व्यक्तित्व है जो किसी पद को महान बनाता है।

लिंकन ने गुलामी को कैसे ख़त्म की

यह 1860 का वक़्त था जब सम्पूर्ण अमेरिका संघर्ष कर रहा था; उन्हें अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। कुछ लोग गुलामी के समर्थन में थे और दूसरे राज्य बनाने के लिए तैयार थे जबकि कुछ ने इसका विरोध किया। गोरे दक्षिणी राज्यों में बड़ी भूमि के मालिक थे और वे अपने खेतों में काम कराने के लिए अफ्रीका से काले लोगों को ला रहे थे और उन्हें अपने गुलाम के रूप में उपयोग करते थे। जबकि उत्तरी राज्यों के लोग इसके खिलाफ थे और वे गुलामी को खत्म करना चाहते थे।

अमेरिका दो हिस्सों में बंटने वाला था, लेकिन अब्राहम कभी ऐसा नहीं करना चाहते थे और वह भी गुलामी के सख्त खिलाफ थे। लेकिन उनका यह फैसला बहुत सारे लोगों को प्रभावित कर सकता था।

जल्द ही उत्तर और दक्षिण में लोगों के बीच एक विभाजन हुआ और अब्राहम भी इस युद्ध का एक हिस्सा थे और कहा गया कि “एक राष्ट्र आधा मुक्त और आधा गुलाम नहीं रह सकता है”। उन्होंने लोगों को समझाने की अपनी पूरी कोशिश की और आखिरकार उन्होंने यह युद्ध जीत लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी संविधान भी समानता पर आधारित है। परिणामस्वरूप, राष्ट्र एकजुट हुआ और गुलामी अब अमेरिका का हिस्सा नहीं था। हालांकि, इस तथ्य को पचाने में कई वर्ष लग गए, लेकिन इसे अवैध बताया गया।

निष्कर्ष

सफल होना इतना आसान नहीं है; आपको एक आकृति प्राप्त करने के लिए आग में लोहे की तरह संघर्ष करना पड़ता है। लिंकन को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हमेशा उनसे सीखा। उनके बेटे की मृत्यु के अलावा, किसी भी अन्य समस्या ने उन्हें प्रभावित नहीं किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए, अपने करियर के लिए, प्यार के लिए, देश के लिए, हर चीज के लिए संघर्ष किया। फिर भी, उन्होंने कभी किसी से शिकायत नहीं की और यह वास्तव में हमें बहुत बड़ी प्रेरणा देता है। हालाँकि, उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, फिर भी आज वे हमारे बीच जीवित हैं। हम एक व्यक्ति को मार सकते हैं लेकिन उसके विचारों और शब्दों को नहीं।

Essay on Abraham Lincoln

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