पुस्तक पर निबंध (Book Essay in Hindi)

पुस्तक हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमारे सच्चे मार्गदर्शक कहलाते हैं। हम ताउम्र उनसे सीखते हैं और विरासत के रूप में उन्हें सहेज के भी रखते हैं। पुस्तकों के आ जाने के बाद ज्ञान के आदान-प्रादान में क्रांति सी आ गयी, जो की मानव विकास के लिये बहुत ही निर्णायक साबित हुई।

पुस्तक पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on Book in Hindi, Pustak par Nibandh Hindi mein)

पुस्तक पर निबंध – 1 (300 शब्द)

परिचय

पुस्तक हमारी जानने की उत्सुकता को पूरा करते है। पुस्तक हमारे सच्चे दोस्त होते हैं जिनके रहते जीवन को एक सही दिशा मिलती है। पुस्तक हमे वर्णमाला से लेक कर जीवन के कठिन सवालों तक के जवाब बड़े आसानी से दे देते हैं।

पुस्तक के प्रयोग

नई जानकारियां प्राप्त करना हमारी आधारभूत जरूरत है, जिसे पुस्तक के द्वारा पूरा किया जाता है। पुस्तकों की उपयोगिता हमारे जीवन में बहुत अधिक है, वे हर क्षेत्र में मार्गदर्शन करती हैं और बदले में हमसे कुछ लेती भी नहीं है। पहले के ज़माने में पुस्तक नहीं हुआ करते थे और गुरूजी बच्चों को सब कंठस्थ कराया करते थे। पुस्तकें ज्ञान का भंडार होते हैं और इनका साथ आपके जीवन में कई परिवर्तन ला सकता है। बच्चों के लिये उनसे संबंधित, बड़ो के लिये उनसे संबंधित। एक पुस्तक कभी आपको धोखा नहीं देता और सदैव आपके ज्ञान को बढाता ही है।

पुस्तक के महत्व

आप इसमें रोचक कहानियां, देश दुनिया में होने वाली गतिविधियाँ, कुछ नया सीखने का तरीका, आदि आसानी से सीख सकते हैं। पुस्तक पढ़ना एक अच्छी आदत है और हम सबको इन्हें अवश्य पढ़ना चाहिए। हमारे इतिहास में कई महापुरुष रहे हैं और उनके वक्तव्य और ज्ञान भरी बातों को हम आसानी से पुस्तकों में पढ़ सकते हैं। जैसे की गांधीजी, जो भले आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी विचार धारा अभी भी जिन्दा है।

निष्कर्ष

पुस्तकों के आविष्कार के कारण ही हम अपने इतिहास को जान पाए। हम सभी को पुस्तक पढ़ने की आदत डालनी चाहिए और अपने ज्ञान को सभी के साथ साझा करना चाहिए।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

परिचय

देखा जाये जो पुस्तकों की मौजूदगी का सबूत हमारे वेद और पुराण देते हैं, लेकिन इनका सही मायनों में विकास कई वर्षों बाद हुआ। पुस्तकों का उपयोग हम ज्ञान के संग्रहण के लिये करते हैं। पहले के ज़माने में लोग मौखिक रूप से शिक्षा लिया करते थे। गुरु अपने गुरुओं से जो ज्ञान प्राप्त करते थे वही अपने शिष्यों को भी दिया करते थे। परंतु यह तो निश्चित ही था की, इस प्रकार कुछ न कुछ ज्ञान छूट ही जाया करता होगा। फिर कागज की खोज के बाद, लोग अपनी कक्षा में सीखी गयी बातों को लिख लिया करते थे। और शायद यही वजह है की आगे चल कर हमे अपने इतिहास संबंधित जानकारी आसानी से प्राप्त हो पाई।

पुस्तक का इतिहास

एक बार पन्नों का आविष्कार हो जाने के बाद, लोगों ने लिखना शुरू कर दिया और पहले पुस्तक हस्तलिखित ही हुआ करते थे। सन् 1440 में फ़्रांस में प्रिंटिंग प्रेस की शुरुआत हुई और धीरे-धीरे पूरे विश्व में इसका प्रचलन हो गया। इसके बाद पुस्तकों का मुद्रित माध्यम समाज में उपलब्ध होने लगा। 1455 में पहला पुस्तक छपी जो की बाइबिल थी।

पुस्तकों का उपयोग

पुस्तक बच्चों से लेकर बड़ो तक सब के लिये महत्त्वपूर्ण होते हैं। बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा पुस्तकों के माध्यम से लेते हैं, तो वही बुजुर्ग उसे अपने मनोरंजन के साधन के रूप में या धार्मिक कार्यों की पूर्ती हेतु करते हैं। अर्थात वे हर क्षेत्र और उम्र में जरुरी होते हैं।

आज कल पुस्तक कई प्रकार के मिलने लगे हैं, जैसे की ऑनलाइन और ऑफ़लाइन। वे पुस्तक जिन्हें आप अपने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर पढ़ सकते हैं, वे ऑनलाइन वाले होते हैं। ये बहुत ही बेहतरीन होते हैं और इनको आप आराम से अपने फोन या लैपटॉप में पढ़ सकते हैं। इनके कही भी ले जाना बड़ा आसान होता है और फटने और कीड़े लगने से सुरक्षित भी रखा जा सकता है।

दुसरे होते है मुद्रीत यानी ऑफलाइन, ऐसे पुस्तक जो हम अपने स्कूलों और घरों में अक्सर देखते हैं। जो कागज के बने होते हैं। इनके भी अपने फायदे हैं जैसे की कभी कोई निशान लगाना हुआ तो लोग पढ़ते-पढ़ते इनपर निशान भी लगा लेते हैं और कुछ लिख भी सकते हैं। कई लोग इसे पढ़ना पसंद करते हैं तो कुछ ऑनलाइन पुस्तकों को।

निष्कर्ष

जमाना चाहे जो भी हो, पुस्तकें सदैव जरुरी रहे हैं और रहेंगे। सदैव पढ़ने की आदत डाले क्यों की यह एक बहुत अच्छी आदत है और हमे इसे अवश्य अपनाना चाहिए। इससे आप कभी निराश नहीं होंगे और यह आपको सदैव कुछ नया ही सिखाती है। तो पढ़ते रहें और लोगों को पढ़ने के लिये प्रेरित करते रहें।

निबंध – 3 (500 शब्द)

परिचय

पुस्तक ज्ञान का सागर होता है और इसे पढ़ने के बाद आपको कभी हीरा तो कभी मोती जैसे जवाहरात प्राप्त होते हैं। कई बार ये हमारे विषय होते हैं जैसे की विज्ञान, गणित, उपन्यास, साहित्य, आदि। ये आपके अवश्यकता के अनुसार आप कोई भी विषय चुन सकते हैं। जरुरी नहीं की ये आपके पाठ्य क्रम से संबंधित हों, कई बार लोग अपने ज्ञान को बढ़ाने हेतु विभिन्न पुस्तकें पढ़ते हैं।

पुस्तकों का महत्त्व और विकास

पुस्तक ज्ञान के साधन के साथ-साथ मनोरंजन का भी माध्यम होते हैं। कुछ पुस्तकें आपको हँसा सकती हैं, तो वहीँ कुछ अपनी रोचक कहानियों के साथ आपको रुला भी सकती हैं। जैसे की दुनिया में अलग-अलग क्षेत्र होते हैं वैसे ही पुस्तकें भी होती हैं। जैसे की डॉक्टरों के लिये अलग किताबें होती हैं और इंजीनियरिंग के लिये अलग।

आप चाहे जिस क्षेत्र में भी जाएँ वे पुस्तकें ही हैं जो आपके सच्चे साथी के रूप में हर जगह काम आयंगे। आज हम अपने इतिहास को पुस्तकों की वजह से ही जानते हैं। हम विकास कैसे करते हैं? इन पुस्तकों के माध्यम से, क्यों की जब हमे पता होगा की ‘अ’ और ‘ब’ को मिलाने से ‘अब’ बनता है तभी न हम आगे के वाक्य पर ध्यान देंगे। नहीं तो हर नए युग के साथ नयी भाषा की ही खोज करते रह जाते।

पुराने काल में लोग मौखिक ज्ञान लिया करते थे और सबसे पहले पत्तों पर लिखा गया जो धीरे-धीरे कागज में परिवर्तित हो गया। और उसी का परिवर्तित रूप का उपयोग आज हम पन्नों के रूप में लिखने एवं पढ़ने दोनों के लिये करते हैं। जो की पहले हस्तलिखित रूप में उपलब्ध थे, और धीरे-धीरे प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार के बाद पुस्तकों का मुद्रण किया जाने लगा।

पुस्तक आपके सच्चे साथी

पुस्तक आपका साथ कभी नहीं छोड़ते, कई बार आपने स्वयं को अकेला पाया होगा और कभी-कभी ऐसे स्थिति में हमारे परम मित्र भी साथ नहीं होते, लेकिन पुस्तक सदैव आपके साथ होते हैं। उनके रहते न तो आपको अकेलापन महसूस होता है और न तो वे कभी आपको धोका देते हैं। कभी वे अपने मजेदार कहानियों के माध्यम से आपको गुदगुदाते हैं तो कभी कथानायक की पीड़ा आपके आँखों में आसूं ला देती है। एक बार अगर आपने पुस्तकों को अपने साथी के रूप में चुन लिया तो उसके बाद न तो कभी आपको अकेलापन सताता है और न ही किसी के समय अनुसार आपको समायोजित करना पड़ता है।

निष्कर्ष

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की पुस्तक आपके अच्छे साथी होते हैं, उनका विकास समय के अनुसार होता चला गया और दिन प्रति दिन नए-नए विकास होते चले जा रहे हैं जैसे की अब आप ऑनलाइन भी पुस्तक पढ़ सकते हैं, चाहे वो बच्चों का पञ्चतंत्र की कहानियां हो या अरस्तु का नाट्य शास्त्र। सब कुछ ऑनलाइन मिल जाते हैं और आप आराम से पढ़ सकते हैं। इनकी खासियत यह होती है की ये खराब नहीं होते और इन्हें आसानी से अपने फ़ोन में भी सुरक्षित रखा जा सकता है। इन्हें आप अपने साथ कही भी ले जा सकते हैं और इनका आनंद उठा सकते हैं।

Essay on Book in Hindi

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