बच्चे किसी भी देश के भविष्य होते हैं। यही बच्चे बड़े होकर समाज और राष्ट्र के जिम्मेदार नागरिक बनते हैं। स्वच्छता हर किसी के लिए बहुत ही जरूरी होती है, और स्वच्छता का महत्त्व राष्ट्र के हर बच्चे में होना चाहिए। स्वच्छता हमारे जीवन के लिए अच्छे स्वास्थ्य, स्वच्छता और समृद्धि के लिए बहुत ही आवश्यक है। बाल स्वच्छता अभियान सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, ताकि बच्चे स्वच्छता के महत्त्व को समझ सके और अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का श्रोत और संदेश दें। मैंने यहां इस विषय पर एक लंबा निबंध प्रस्तुत किया है, जो स्कूलों, कालेजों और प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों के लिए बहुत ही सहायक सिद्ध हो सकती है।
क्या बाल स्वच्छता अभियान एक सफल अभियान है पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Is Bal Swachhta Abhiyan Successful in Hindi, Kya Bal Swachhta Abhiyan Ek Safal Abhiyan hai par Nibandh Hindi mein)
1400 Words Essay
परिचय
किसी भी राष्ट्र की समृद्धि के लिए स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण है। स्वच्छता की कमी विभिन्न बीमारियों, खराब वातावरण और हमारे चारों ओर फैली गंदगी का मूल कारण होती है। बाल स्वच्छता अभियान राष्ट्र के बच्चों में स्वच्छता के मूल्य और उसके महत्त्व को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के रूप में शुरू किया गया है। हर माता-पिता को चाहिए कि वो अपने बच्चों में स्वच्छता की आदत को बढ़ावा दें।
बाल स्वच्छता अभियान
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गयी थी। इस अभियान के द्वारा नरेंद्र मोदी ने खुले में शौच, गंदगी, और कचरे के ढेरों को खत्म करने के लिए इस स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गयी थी। बाल स्वच्छता अभियान को भारत के स्वच्छ भारत अभियान के हिस्से के रूप में शुरू किया गया है। इस अभियान की देख-रेख महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की जाती है। इसे केंद्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी द्वारा 14 नवंबर 2014 को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्म तिथि पर लांच किया गया था।
हर साल 14 नवंबर को जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस को ‘बाल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस अभियान को बाल दिवस के दिन ही शुरू किया गया था ताकि इसे महत्वूर्ण और उपयोगी बना सके। 14 से 19 की अवधि को बाल स्वच्छता सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। सभी बच्चे बाल दिवस को बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं, इसलिए इस उत्सव के साथ ही बच्चे स्वच्छता के महत्त्व को अधिक समझ सकेंगे।
माता-पिता और शिक्षक बच्चों को व्यक्तिगत सफाई और पर्यावरणीय सफाई या अपने आसपास की सफाई के बारे में सिखाते और बताते हैं। बहुत से स्कूलों और कालेजों के छात्र इस दिन लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए रैलियां भी निकालते हैं। ये बच्चे आंगनवाणी, स्कूलों, सड़कों, पार्कों इत्यदि की सफाई भी करते हैं, ताकि समाज के सामने सफाई की मिशाल पेश की जा सके और पर्यावरण को भी साफ रखा जा सके।
छात्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए भाषण, निबंध लेखन, पोस्टर बनाने, प्रश्नोत्तरी और नुक्कड़ नाटकों आदि कार्यक्रमों का आयोजन इस दिन स्कूली बच्चों द्वारा विभिन्न जगहों पर किया जाता हैं, और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाता हैं।
बाल स्वच्छता अभियान का खाका
बाल स्वच्छता अभियान को सफलता पूर्वक पूरा करने के लिए निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया गया है। स्वच्छता सप्ताह के इन पांच दिनों में स्वच्छता के विभिन्न योजनाओं को शामिल किया गया हैं। स्वच्छता के सभी पहलुओं और स्वच्छता के महत्त्व पर जोर देने के लिए छात्रों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जिनको की निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जाता है-
- स्कूल और उसके आस-पास की सफाई
इस अभियान के तहत स्कूल का पहला दिन छात्रों द्वारा स्कूल के आसपास की सफाई के लिए समर्पित होता है। हमारे आस-पास एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण हमें अच्छा महसूस करने में हमारी मदद करेगा और हमें स्वस्थ रखेगा।
- स्वच्छ भोजन
दूसरा दिन भोजन करने से पहले की स्वच्छ्ता और सफाई से जुडी होती है। खाने से पहले हर छात्र को अपने हाथ अवश्य धोने चाहिए। यह छात्रों को रोगाणु मुक्त रखेगा और स्वस्थ रखने में उनकी मदद करेगा।
- खुद की सफाई
तीसरा दिन आत्म-स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है। एक बेहतर और स्वस्थ जीवन जीने के लिए व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत ही महत्वपूर्ण और आवश्यक है।
- स्वच्छ पेयजल
चौथे दिन स्वच्छ पिने के पानी पर जोर दिया जाता है। अशुद्ध पानी हमारे अंदर कई प्रकार की बीमारियों के मूल कारण होते है। हमें जल प्रदूषण को नियंत्रित करने की आवश्यकता है ताकि हम सभी तक स्वच्छ जल पहुंच सके।
- स्वच्छ शौचालय
पांचवे दिन शौचालय को स्वच्छ रखने के लिए बताया जाता है। शौच के बाद फ्लश कर गंदगी को अच्छी तरह से साफ कर देना चाहिए। स्वच्छ शौचालय हमें अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छता का संदेश देती हैं।
बाल स्वच्छता अभियान का लक्ष्य
बच्चे ही राष्ट्र के भविष्य होते हैं। छोटी सी उम्र से ही बच्चों को सिखाई गयी सफाई की अवधारणा, जीवन पर्यंत उनके साथ रहेगी। विशेष रूप से गांवों के कई स्कूलों में उचित साफ-सफाई, सुरक्षित पेयजल या शौचालयों की सुविधा नहीं होती है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता और आस-पास की साफ-सफाई के बारे में बच्चों और लोगों के अंदर समझ और जागरूकता पैदा करना है।
यह छात्रों की स्वच्छता और उनके अच्छे स्वास्थ्य के रख-रखाव पर केंद्रित होती है। स्वच्छता और स्वच्छता के मूल्य और महत्त्व को बढ़ावा देने वाले छात्रों और अन्य लोगों के लिए एक उदहारण प्रस्तुत करती हैं। लोगों को कुछ भी समझाने का सबसे अच्छा तरीका है उसे व्यावहारिक उदाहरण के रूप में उनके लिए प्रस्तुत करना। छात्र स्किट, नुक्कड़ नाटकों, पोस्टर प्रदर्शन इत्यादि के द्वारा इस अभियानको बढ़ावा दे रहे हैं।
बाल स्वच्छता अभियान के लाभ
बाल स्वच्छता अभियान के लाभ कुछ इस प्रकार है-
- इस अभियान के द्वारा बच्चों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता हैं।
- इससे बच्चों में अपने आस-पास सफाई की आदत को बढ़ावा मिलता हैं।
- बच्चों को देखकर अन्य बड़े लोगों में भी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वो अपने आस-पास के साफ-सफाई पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे।
- आस-पास सफाई होने पर गंदगी और बीमारियां दोनों ही कम होंगी और सभी स्वस्थ रहेंगे।
- स्वच्छ भोजन, पीने का पानी, और स्वच्छ शौचालय की आदत बच्चों में बढ़ेगी तो आगे चलकर वो अपने स्वस्थ जीवन को सही ढंग से जी सकेंगे।
इस अभियान के तहत छात्र इतने जागरूक हुए है, कि वो कचरे और रैपरों को यहां-वहां फेकने के बजाय इसे कचरे के डब्बे में फेकने की आदत को विकसित किया है। अब वे सभी स्वच्छ शौचालय का उपयोग करना पसंद करते हैं और शौच के उपयोग के बाद उसे फ्लश करना नहीं भूलते हैं। बच्चे और लोग स्वच्छता और अस्वच्छता के परिणामों से अब अवगत हो चुके हैं। वे सभी अस्वच्छता के कारण होने वाली विभिन्न बीमारियों को जान चुके हैं, और इसलिए वे सभी स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हैं।
बाल स्वच्छता अभियान सफल है या असफल?
बाल स्वच्छता अभियान, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत आता है और यह स्वच्छता अभियान भारत के सबसे बड़े अभियानों में से एक है। बाल स्वच्छता अभियान मुख्य रूप से स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य, साफ-सफाई और स्वच्छता पर केंद्रित है। यह स्वच्छता को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक लोगों तक इसे पहुंचाने और इसे अपनाने के बारे में है। यदि किसी भी अभियान को उसके मूल आधार और उसके कारणों का सर्वेक्षण करने के बाद ही उसे लागू किया जाए तो वह अवश्य ही सफल सिद्ध होता है।
बाल स्वच्छता अभियान अब तक का सबसे सफल अभियान है। यह इसलिए सफल साबित हुआ है क्योंकि अधिकांश लोग अपनी उच्च भावना के साथ विभिन्न स्कूलों के छात्रों संग इस क्रायक्रम में भाग ले रहे हैं। बाल स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने में हमारे प्रधानमंत्री, उच्च अधिकारी, स्वास्थ्य सेवी संगठन, विभिन्न स्कूलों के अधिकारी भी शामिल हैं। इसलिए हम कह सकते है कि कोई भी अभियान तब तक सफल नहीं होता है जब तक कि उसे सही तरीके से उचित दिशा में लागू न किया जाए।
इस अभियान के चलते स्कूली बच्चों खासतौर से ग्रामीण इलाकों के बच्चों में स्वछता के प्रति जागरूकता काफी बढ़ी हैं। जिसके कारण वे स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं को अच्छी तरह से अपनाते है, और लोगों को भी इनसे प्रेरणा मिली है और वे सभी भी स्वच्छता को अपनाने लगे हैं। इसलिए हम यह कह सकते है कि बाल स्वच्छता अभियान पूर्णतया सफल साबित हुआ है, परंतु हमें अपने प्रयासों को आगे भी जारी रखने की आवश्यकता हैं।
निष्कर्ष
बाल स्वच्छता अभियान मूल रूप से बच्चों की स्वच्छता और उनकी साफ-सफाई के बारे में है। यह अभियान देश के छात्रों और युवाओं को गंदगी और अस्वच्छता के बुरे परिणामों से जागरूक करने का सबसे अच्छा तरीका है। छात्र स्वच्छता के नियमों को अपनाने के साथ ही दूसरों को भी स्वच्छता के अच्छी आदतों और उसके महत्त्व को बताएंगे। इस अभियान को सफल बनाने के लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम और सभाओं का आयोजन किया जाता हैं।