मेरा शहर सिर्फ इतना ही नहीं है जितना मैं अपनी जगह पर रहता हूं बल्कि वह मेरी पहचान का एक अनिवार्य हिस्सा भी है। प्रत्येक व्यक्ति की अपने शहर की अच्छी यादें जुड़ी हैं और वे हमेशा किसी व्यक्ति के जीवन का हिस्सा बनी रहती हैं। मेरे लिए मेरा शहर एक ऐसा स्थान है जहां मैंने अपने बचपन का अधिकांश समय गुज़ारा है। यह एक ऐसी जगह है जिससे मैं प्यार करता हूं और मेरा सारा जीवन गुज़ारना चाहता हूं। यह एक ऐसी जगह है जिससे मैं जुड़ा हुआ हूं।
मेरे शहर पर छोटा व बड़ा निबंध (Long and Short Essay on My City in Hindi, Mere Shahar par Nibandh Hindi mein)
निबंध 1 (300 शब्द)
प्रस्तावना
मैं सिर्फ 2 साल का था जब मेरे माता-पिता नोएडा में स्थानांतरित हो गए थे। नोएडा एक नियोजित शहर है जो कि भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का एक हिस्सा है। यह शहर 17 अप्रैल 1976 को अस्तित्व में आया था और दिन से हर साल इस दिन को नोएडा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
मेरा शहर मेरी लाइफ़लाइन
मैं पिछले 12 वर्षों से नोएडा में रह रहा हूं। मुझे अभी भी हमारा पुराना घर याद है जहां मैंने अपने जीवन के 3 साल बिताए थे। यद्यपि मैं उस समय बहुत ही छोटा था पर अभी भी मेरे मन में अपने दोस्तों की यादें ताज़ा हैं जो हमारे पड़ोस में रहते थे।
हम पहले 3 वर्षों के लिए किराए के आवास में रहे और फिर एक सभी सोसाइटी में हमारे अपने फ्लैट में चले गए जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद थी। मेरा विद्यालय मेरे घर से सिर्फ 3 किमी की दूरी पर है और मेरे माता-पिता का कार्यालय भी करीब है।
मॉल भ्रमण
नोएडा अपने बड़े मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के लिए जाना जाता है। दिल्ली और एनसीआर के अन्य हिस्सों के लोग विशेष रूप से इन मॉलों में अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने के लिए आते हैं। मैंने इन सभी मॉल को देखा है और यहाँ व्यतीत किए गए मजेदार समय का आनंद लिया है। हम फ़िल्में देखने, गेम खेलने और परिवार के रात्रिभोज के लिए इन मॉल में जाते थे। चूंकि पिछले कुछ महीनों से मेरे माता-पिता ने मुझे दोस्तों के साथ मॉल में जाने की इजाजत देनी शुरू कर दी है हालांकि वे मुझे मेरे घर से ले जाते हैं और मुझे यहीं छोड़ जाते हैं। इन मॉल की यात्रा बेहद रोमांचक हैं। मुझे विशेष रूप से इन मॉल पर बोलिंग और एयर हॉकी जैसे विभिन्न गेम खेलने से प्यार है।
नोएडा फूड़ीज़ डिलाईट
नोएडा निश्चित रूप से फूड़ीज़ डिलाईट है। आस-पास के कई कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों की वजह से नोएडा स्वादिष्ट सड़क भोजन का केंद्र है। सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ, लखनऊ कबाब से चीनी मोमोस तक – यहां उपलब्ध सभी चीजें बहुत स्वादिष्ट हैं।
निष्कर्ष
मेरा शहर देश के सबसे अधिक रोमांचक शहरों में से एक है। सब कुछ यहाँ बहुत मज़ेदार है। मैं चाहता हूं कि यहां की सरकार महिला सुरक्षा को भी मजबूत करे।
निबंध 2 (400 शब्द)
प्रस्तावना
लखनऊ शहर में मेरा जन्म हुआ है। यह वह जगह है जहां मेरा परिवार और विस्तारित परिवार रहता है। जब मैं 10 साल का था तब से हम यहाँ रह रहे हैं लेकिन लगभग 2 साल पहले हमें मेरे पिताजी के व्यवसाय की वजह से राजस्थान में स्थानांतरित होना पड़ा। मैं और मेरे माता-पिता उदयपुर, राजस्थान में रहने लगे लेकिन मेरे दादा दादी लखनऊ में ही रहते थे। हालांकि मेरे पिता की परियोजना पूरी हो चुकी है और जल्द ही हम लखनऊ लौट जाएंगे। मैं अपने तेरहवें जन्मदिन को अपने ही शहर में मनाऊंगा और इसके बारे में मैं बेहद उत्साहित हूं।
लखनऊ की मेरी प्रारंभिक यादें
हम एक संयुक्त परिवार में रहते थे। मैं अपने माता-पिता और दादा दादी के साथ रहता था। लखनऊ की मेरी शुरुआती यादें मेरे दादा-दादी, उनकी कहानियों, लखनऊ की सड़कों और आसपास के बाजारों की सप्ताहांत यात्राओं से संबंधित हैं। मुझे याद है कि मैं सुबह दादाजी के साथ घूमने जाता था जहाँ वे अपने बचपन के अनुभवों के बारे में बताते थे। मुझे बोगनविले प्लांट की ताजगी आज भी याद है जो हमारे पिछवाड़े में लगा हुआ था। मुझे अपनी दादी के साथ शाम को सुंदर सफेद संगमरमर मंदिर पर जाना आज भी याद है। मैं हमारे पड़ोस में सड़क की दुकान पर ताजा तैयार कबाब परमानों की खुशबू आज भी महसूस करता हूँ। अपने माता-पिता के साथ बाज़ार में सप्ताहांत की यात्राओं की याद मेरे जेहन में आज भी ताज़ा हैI हमने खरीदारी की और साथ में खाना खायाI ऐसा करने में हमें बहुत मज़ा आया।
लखनऊ में मेरा पसंदीदा स्थान
लखनऊ अपने बाजारों, अपने शानदार भोजन और सुंदर स्मारकों के लिए जाना जाता है। लखनऊ में मेरा पसंदीदा स्थान इमाम बारा, मरीन ड्राइव, हज़रत गंज बाजार और भूतनाथ बाजार है। मेरे जेहन में इन जगहों की बहुत यादें ताज़ा हैं।
मैंने कई बार इमाम बारा का दौरा किया है। पहली बार जब मैं अपने माता-पिता के साथ इस जगह पर गया था तब मैं बहुत छोटा था। कुछ साल बाद मैंने अपने स्कूल भ्रमण की यात्रा के रूप में इस जगह का दौरा किया। हम उस स्थान भी गए जब मेरी मामी और ममेरे भाई हमारे पास आए थे। मैं इमाम बारा बार-बार जाता हूं और अभी भी इससे बोर नहीं हुआ हूँ।
हम अक्सर शाम में मरीन ड्राइव जाते थे। नदी की तरफ टहलना बेहद मनोरंजक था। मुझे अपनी मां के साथ भूतनाथ और हज़रत गंज बाजार में खरीदारी करना बहुत पसंद थाI हम दोनों प्यार से खरीदारी करते हैं और विभिन्न प्रकार की चीज़ों को खरीदते थे जो वाकई अद्भुत थीI
निष्कर्ष
मैं नवाबों के शहर में वापिस जाने का इंतजार नहीं कर सकता। मैं लखनऊ के स्वादिष्ट कबाब और कोरमा खाने के लिए तरस रहा हूं। मैं शहर में अपनी सभी पसंदीदा जगहों पर जाकर अपने पुराने दोस्तों से मिलना चाहता हूं।
निबंध 3 (500 शब्द)
प्रस्तावना
मैं चंडीगढ़ में रहता हूं। मैं यहाँ पैदा हुआ और बड़ा हुआ तथा मुझे इस जगह की हर चीज़ पसंद है। हमारे देश में सबसे सुंदर मेरा शहर है। यह भारत में सात संघ शासित प्रदेशों में से एक है और यह पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी भी है।
शहर का इतिहास और उत्पत्ति
चंडीगढ़ भारत का पहला योजनाबद्ध शहर है। इसकी उत्पत्ति स्वतंत्रता के बाद हुई थी। भारत के विभाजन के दौरान पंजाब को दो भागों में बांटा गया था। पंजाब की राजधानी लाहौर को नवगठित पाकिस्तान का एक हिस्सा बनाया गया जिससे राज्य के दूसरे हिस्से के पास कोई राजधानी नहीं रही। पंजाब को राजधानी देने के उद्देश्य से चंडीगढ़ की योजना बनाई गई थी। 1966 में पूर्वी पंजाब से एक नया राज्य बनाया गया था। इसे हरियाणा के रूप में जाना जाने लगा। चंडीगढ़ शहर पंजाब और हरियाणा की राजधानी के रूप में कार्य करता है।
चंडीगढ़ शहर – योजनाबद्ध और संगठित
चंडीगढ़ एक अच्छी तरह से योजनाबद्ध के तहत बनाया जाने वाला शहर जाना जाता है। दुनिया भर में इसके डिजाइन और वास्तुकला के लिए इसकी सराहना की जाती है। चूंकि यह तत्कालीन भारतीय प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के सपनों का शहर था। अमेरिकन आर्किटेक्ट अल्बर्ट मेयर को विशेष रूप से इसे डिजाइन करने के लिए कहा गया था। लोकप्रिय फ्रांसीसी वास्तुकार ले कोर्बुज़िए ने विभिन्न इमारतों की रचना की और शहर की वास्तुकला में योगदान दिया। शहर को विभिन्न क्षेत्रों में बांटा गया है और प्रत्येक क्षेत्र का अपना बाजार और आवासीय क्षेत्र है। शहर में सुंदर पेड़ों की एक किस्म को एक साथ अच्छी तरह से लगाया गया है।
चंडीगढ़ का मुख्य आकर्षण सुखना झील है जो सेक्टर 1 में बनी एक कृत्रिम झील है। यह 1958 में बनाई गई थी और तब से शहर में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक रही है।
जिस तरह से यह बनी थी उस तरह के व्यवस्थित दृष्टिकोण के साथ चंडीगढ़ के लोगों ने इसे बनाए रखा है। न केवल शहर को अच्छी तरह से डिजाइन किया गया है बल्कि यह हर तरह से बहुत साफ भी रखा जाता है। जैसा कि देश के अन्य भागों में कूड़ा देखा जाता है वैसा आपको इस शहर में कोई कूड़ा नहीं मिलेगा। शहर में यातायात पुलिस अत्यंत सतर्क है। कोई भी यहां यातायात नियमों को तोड़ने की हिम्मत नहीं कर सकता। प्रत्येक स्तर पर अनुशासन बनाया रखा जाता है। लोग यहां शांति और सद्भाव में रहते हैं।
सुखना झील – मेरा पसंदीदा स्थान
शहर में मेरा पसंदीदा स्थान निश्चित रूप से सुखना झील है। यह जगह दिन में देखने लायक होती है। सुबह का वातावरण शाम को पूरी तरह से अलग होता है। सुबह में यह जगह शांत और ताज़ी हवा से भर जाती है। यह आराम करने और खेलने का सबसे अच्छा स्थान है। शाम को यहाँ नाव की सवारी का आनंद ले रहे लोगों और नाश्ते करने वाले लोगों की भारी भीड़ होती है। बच्चों के लिए इलेक्ट्रॉनिक झूलों को भी स्थापित किया गया है। यह जगह शाम के वक़्त लोगों की हलचल के साथ भर जाती है। मित्रों और साथियों के साथ बाहर जाने के लिए यह अच्छी जगह है। मैं सुबह में जल्दी और शाम को इस जगह पर जा सकता हूं। जब यह जगह शांत हो जाती है और जब यह लोगों से भरी होती है तब मैं इसे प्यार करता हूँ।
निष्कर्ष
चंडीगढ़ सिर्फ मेरा शहर ही नहीं है बल्कि यह मेरी जीवन रेखा भी है। मैं यहां अपने सारा जीवन व्यतीत करना चाहता हूं। मुझे नहीं लगता कि मैं किसी अन्य शहर में इतनी खुशी और शांति से जिंदगी जीने में सक्षम हो पाउँगा।
निबंध 4 (600 शब्द)
प्रस्तावना
जब मैं 3 साल का था तब से मैं दिल्ली में रहता हूं और मैं इस शहर को बहुत प्यार करता हूं। यहां जीवन बहुत तेज़ है, यहां लोग जोश से भरे हुए हैं और जो भोजन आप यहां प्राप्त करते हैं वह बहुत लज़ीज़ है। भारत की राजधानी दिल्ली का अतीत ऐतिहासिक और सुंदर है।
दिल्ली का ऐतिहासिक अतीत
दिल्ली का इतिहास 12वीं शताब्दी का है। यह केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में सबसे पुराने बसे शहरों के रूप में जाना जाता है। दिल्ली में इब्राहिम लोदी, जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर, शेर शाह सूरी, पृथ्वी राज चौहान, कुलाब-उद-दीन अयबक, जलाल-उद-दीन फिरोज खिलजी, शाह आलम बहादुर शाह प्रथम और अकबर शाह द्वितीय समेत अनेक शक्तिशाली राजाओं ने शासन किया है। शहर को विभिन्न सम्राटों द्वारा कई बार तहस-नहस किया गया और फिर से बनाया गया।
यह माना जाता है कि पांडव भी देश के इस हिस्से में रहते थे। उस युग के दौरान दिल्ली शहर इंद्रप्रस्थ नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि उस समय के दौरान पुराने किले का निर्माण किया गया था।
दिल्ली के सुंदर स्मारक
दिल्ली अपने सुंदर स्मारकों के लिए जाना जाता है। शताब्दियों से यहाँ कई शानदार स्मारक स्थापित किए गए हैं। कई नए भवनों का निर्माण बाद में किया गया है और वे बहुत शानदार भी हैं। दुनियाभर के पर्यटकों ने इन स्मारकों को देखने के लिए दिल्ली की यात्रा की है। यहां मेरे शहर के कुछ सबसे लोकप्रिय स्मारकों पर एक नजर डाली गई है:
- लाल क़िला
लाल किला दिल्ली में सबसे पुराना स्मारकों में से एक है। लाल बलुआ पत्थर से बने किले में विभिन्न संग्रहालय शामिल हैं। 16वीं शताब्दी में मुगलों द्वारा वास्तुकला का यह शानदार नमूना स्थापित किया गया था। मुग़ल सम्राट लगभग 200 वर्षों तक यहां रहे थे।
- हुमायूँ का मकबरा
ऐसा कहा जाता है कि हुमायूं का मकबरा अद्भुत ताजमहल की प्रतिकृति है। यह लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर से बना है। कब्र इस्लामी वास्तुकला की फारसी शैली का एक उदाहरण है। कब्र 47 मीटर ऊंची और 91 मीटर चौड़ी है और सुंदर फारसी-शैली वाले बगीचे से घिरी हुई है।
- लोटस टेम्पल
जैसा कि नाम से पता चलता है यह मंदिर कमल के आकार में बनाया गया है। इसमें सफेद संगमरमर से बनी 27 पंखियां हैं। इसमें नौ दरवाजे हैं जो मुख्य हॉल में खुलते हैं। इसकी क्षमता एक बार में 2500 लोगों को समायोजित करने की है। यह शानदार भवन काफी बड़ा है।
लोटस टेम्पल पूजा का एक घर है लेकिन यह हर धर्म से संबंधित लोगों के लिए खुला है।
- क़ुतुब मीनार
एक और अन्य वास्तुशिल्प प्रतिभा का नमूना कुतुब मीनार है जो लाल रेत से बना है। यह कुतुब उद-दीन-ऐबक द्वारा बनाई गई थी। यह 73 मीटर लंबी इमारत एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। इसमें टेढ़ी-मेढ़ी सीढ़ियों के माध्यम से जुड़ी पांच मंजिलें शामिल हैं।
- इंडिया गेट
इंडिया गेट शहर के एक अन्य ऐतिहासिक स्मारक है जो दुनिया भर के कई पर्यटकों को आकर्षित करता है। शहीदों के नाम इस स्मारक पर उत्कीर्ण हैं। इस स्मारक पर अमर जवान ज्योति जलाई गई है जो भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है।
- अक्षर धाम मंदिर
अक्षर धर मंदिर भक्ति और पवित्रता का एक स्थान है। यह दिल्ली में स्मारकों की सूची में नवीनतम है। यह वर्ष 2005 में जनता के लिए खोला गया था। सुंदर नक्काशीदार मंदिर और अन्य अद्भुत इमारतों के अलावा अक्षरधाम परिसर में हरे-भरे बागान और जल निकाय शामिल हैं।
मैं इन सभी जगहों पर गया हूं और इन्हें बार-बार फिर से देखना चाहता हूं। मेरे पास इन जगहों की सुंदर यादें हैं।
निष्कर्ष
ऐतिहासिक स्मारकों के अलावा दिल्ली में कई जगहों के आसपास भी खरीदारी करने के लिए बाज़ार भी शामिल हैं। यह निश्चित रूप से दुकानदार को खुशी दे सकता है। मुझे अलग-अलग बाज़ारों में जाना अच्छा लगता है जो मुझे अच्छी चीजें खरीदने का अवसर ही नहीं देते हैं बल्कि मुझे स्ट्रीट फ़ूड का आनंद लेने का मौका भी देते हैं। मैं दिल्ली के अलावा कहीं रहने की कल्पना भी नहीं कर सकता हूं।