हम सभी को अपनी भूख मिटाने और अपने जीवन के अस्तित्व को बचाने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। जब भी हम अपने खाने और उसे पैदा करने वाले के बारे में सोचते हैं तो मन में केवल एक ही तस्वीर आती है और वो है किसान की। किसान ही हमारे अन्नदाता हैं जो हमारे लिए अन्न पैदा करते है। शहरों में रहने वाले लोग किसानों के जीवन और उनके महत्त्व से थोड़े अनभिज्ञ हैं। वो इन किसानों को उतना महत्त्व नहीं देते।
किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण क्यों हैं पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Why are Farmers Important in Hindi, Kisan hamare liye Mahatvapurna kyon hai par Nibandh Hindi mein)
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है और मैंने इस निबंध में उनके महत्त्व के हर पहलू पर चर्चा करने की कोशिश की हैं। यह छात्रों के लिए अवश्य ही बहुत लाभकारी होगा।
किसान इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर निबंध – 1 (250-300 शब्द)
प्रस्तावना
किसान भारत की अर्थव्यवस्था के रीढ़ की हड्डी है। भारत की 50% अर्थव्यवस्था किसानो पर निर्भर करती है। फिर भी वर्तमान में किसानों की स्थिति दयनीय है। किसानो को उनकी मेहनत का उचित लाभ नहीं मिल पाता है। हमारे राष्ट्र की आधी अर्थव्यवस्था को चलाने वाले तंत्र को मजबूत बनाना हम सभी का कर्तव्य है। किसान की शक्ति और आत्मविश्वास ही इस नीव को मजबूत बनाये रख सकता है।
आर्थिक महत्व
किसान की मेहनत से हमें फल, फूल , अनाज , सब्जियां , दूध इत्यादि मिलते है जिनसे हमें आर्थिक लाभ होता है। किसानों की ही देन है कि आज हम इतने बड़े पैमाने पर उत्पादन कर पा रहे है। किसानो की ही देन है की आज हमारा देश गेहूँ, चावल, दाल, दूध आदि के उत्पादन में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। हमारी अर्थव्यवस्था के तीन भाग है – प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक। किसान जो भी उत्पादित करते है, वह द्वितीयक भाग में तैयार होता है और उसे लोगो तक पहुंचाया जाता है। इस तरह किसान हमारे अर्थव्यवस्था की नींव है।
पर्यावरणीय महत्व
किसान मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी नियमित करते है और हमारा वातावरण संतुलित रहता है। किसानों के द्वारा कृषि क्षेत्र में दिए गए योगदान से ग्लोबल वार्मिंग, पर्यावरणीय परिवर्तन, अल्पवृष्टि आदि पर नियंत्रण होता है। किसान हमारी प्रकृति के सबसे आज्ञाकारी संतान है। किसानों का होना प्रकृति के संरक्षण के लिए जरुरी है।
निष्कर्ष
हम सभी को किसानों के महत्व को गंभीरता से समझने की जरुरत है। अगर देश का किसान समर्थ होगा तभी हमारा देश विकास कर सकता है।सरकार को कुछ नियम लाने की आवश्यकता है जो किसानो को उनका हक़ दिला सके। हम सभी को अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्त्व को देखते हुए उन्हें प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, ताकि राष्ट्र का विकास हो सके।
किसान इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं पर दीर्घ निबंध (1500 शब्द)
परिचय
हमारा भारत एक ऐसा देश है, जहां कृषि को सबसे अधिक प्राथमिकता दी जाती है। इसमें कोई संदेह नहीं की हमारे किसानों के माध्यम से ही हमारा देश और दुनिया के अन्य राष्ट्र भी फल फूल रहे है। लगभग 60% की आबादी हमारे देश में कृषि के रूप में हैं, जो अपने मेहनत से फसलों को पैदा करते है और पूरे राष्ट्र के भोजन की आवश्यकता को पूरा करते हैं।
किसान
हमारे देश में कृषि को एक महान पेशे के रूप में जाना जाता है, ऐसे पेशे में शामिल लोगों को अपनी आजीविका चलाने के लिए खेतों में काम करना पड़ता है, और ऐसे लोगों को ही किसान कहा जाता है। इन्हीं किसानों को देश का अन्नदाता कहा जाता है। किसान ही वह इंसान है, जो सूरज की तेज गर्मी, बारिश या तेज ठण्ड की परवाह किये बिना ही वह अपने खेतों पर फसलों को अपनी मेहनत से उगाने का काम करते हैं।
अपने परिश्रम से वह कई किस्म के अन्न, फल, सब्जियों इत्यादि को खेतों में उगाता हैं, और एक उचित मूल्य पर इसे बाजारों में बेचते हैं। किसानों की कड़ी मेहनत द्वारा उगाये इन खाद्य सामग्रियों और सब्जियों का उपयोग देश का हर व्यक्ति अपने खाने के रूप में करता है।
किसानों की जीवनशैली
किसानों का जीवन बहुत ही कठिनाइयों और मेहनत से भरा होता है। तरह-तरह की फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसान अपने खेतों में कड़ी मेहनत करता हैं। ताकि फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके और फसलों की अच्छी पैदावार हो सके। किसान दिन-रात एक चौकीदार की तरह अपने खेतों की फसलों की देखभाल में लगा रहता हैं।
हर दिन वह सुबह उठकर कड़ी मेहनत से खेतों में काम करता हैं, और देर रात तक अपने खेतों की रखवाली करते हुए सोता हैं। थोड़े आराम और खाना खाने के वक्त ही किसान अपने काम को थोड़ा आराम देते हैं। हमारी तरह वो चैन की नींद भी नहीं ले पाते है, और न ही अपने भाग्य पर निर्भर रहते हैं। किसान अपने कड़े परिश्रम पर भरोसा करता हैं, और किसी अन्य पर नहीं। वह मौसम के किसी भी परिस्थिति की परवाह किये बिना खेतों में कड़ी मेहनत से अपना काम करता हैं।
किसान सारे राष्ट्र को कई किस्मों के भोजन देने के बावजूद भी वह बहुत ही सरल भोजन करते हैं, और एक सादगी भरा जीवन जीते हैं। वो खेतों में उगाये अपनी फसलों को बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं। अपनी अच्छी फसलों को बेचने के बावजूद भी उन्हें उनकी अच्छी कीमत नहीं मिलती है। यही छोटी सी कीमत ही उनके सालभर की मेहनत और उनकी कमाई के रूप में होती है।
किसान अपना पूरा जीवन फसलों को उगाने में लगा देते हैं और उनके मेहनत और परिश्रम का उचित फल भी नहीं मिल पाता। अपनी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए वह साल भर उनकी देखभाल और मेहनत करने में लगा देते हैं, और धैर्यपूर्वक उस फसल के होने का इंतजार करते हैं। इस चक्र को वह बार-बार दोहराते हैं, पर उन्हें अपने मेहनत का सच्चा फल कभी भी नहीं मिल पाता।
भारत में किसानों की वास्तविक स्थिति
कृषि प्रधान देश होने के कारण भारत को दुनिया में अन्नदाता के रूप में जाना जाता है। पूरी दुनिया में भारत की सराहना का श्रेय केवल हमारे किसानों को ही जाता है। किसान देश के ऐसे व्यक्ति के रूप में है जिनके कारण ही भारत को विश्व भर में कृषि प्रधान राष्ट्र के पहचान दिलाते हैं, पर वास्तविक रूप में किसान बहुत ही गरीब और पीड़ित अवस्था में रहने के लिए मजबूर हैं।
मुझे यह बताते हुए बड़ा दुःख हो रहा है कि भारत का किसान आर्थिक रूप से बहुत ही कमजोर हैं। सारा दिन खेतों में मेहनत कर फसल उगाने वाला यही किसान बड़ी मुश्किल से अपने परिवार को दो वक्त की रोटी दे पाता हैं। हम सभी ने पैसे की कमी और कर्ज से दबे होने के कारण कई किसानों की आत्महत्या की खबरों के बारे में अवश्य ही सुना होगा। जो हमारे देश का अन्नदाता है, उसे अपने बच्चों की पढाई, उनकी शादी, खेती के बीज व घर में खाने के लिए साहूकारों और बैकों से सूत पर पैसे लेने पड़ते है।
उनका पूरा जीवन उन्हीं कर्ज को खत्म करने में ही बीत जाता है। हमारे समाज में सम्मानजनक किसानों की ऐसी स्थिति वास्तव में काफी चिंताजनक और दर्दनाक है। हमारी सरकार को उनके लिए यह अवश्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता है जिस सम्मान के वास्तविक रूप से वो हकदार हैं।
किसान हमारे लिए जरूरी क्यों हैं?
देश के हर व्यक्ति के जीवन में किसान बहुत ही महत्त्व रखता हैं। कोई भी किसान के महत्त्व को नकार नहीं सकता। किसान हमारे जीवन में कितना महत्त्व रखते है मैंने निचे उसे सूचीबद्ध किया है।
- राष्ट्र के खाद्य प्रदाता
किसान हमारे लिए विभिन्न प्रकार की फसलों को उगाते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों की आवश्यकता के अनुसार मुर्गी पालन, मत्स्य पालन, इत्यादि करते हैं। इसके अलावा वो इन सभी चीजों को बाजारों में बेचने के लिए खुद ही जाते हैं। इस तरह किसान देश के हर व्यक्ति को भोजन प्रदान करते हैं। भोजन हर व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकता है।
हमें विभिन्न प्रकार के कार्य करने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है जिससे की हमें ऊर्जा मिलती है। जब भी हमें भूख लगती है हमें भोजन की आवश्यकता होती है, और यह भोजन हमें केवल किसान ही उपलब्ध कराते हैं। लेकिन किसानों द्वारा उपलब्ध कराये गए भोजन के इस महान कार्य को हम कभी सराहना नहीं करते हैं।
- राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में योगदान
विभिन्न प्रकार के अन्न, फल, फूल, सब्जी, मांस, इत्यादि अनेक प्रकार के भोजन किसानों द्वारा पैदा किये और बाजारों में बेचे जाते हैं। ये सभी चीजें राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान करते है। इन्हीं किसानों द्वारा उगाये फसलों व अन्य भोजनों के कारण ही भारत दुनिया भर में एक कृषि अर्थव्यवस्था के रूप में जानी जाती है।
देश के कृषि उत्पादन मुख्य रूप से हमारे राष्ट्र के अर्थव्यवस्था में अपना मूल योगदान देती है। इसके अलावा कृषि उत्पादों का विदेशों में निर्यात भी राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। इस तरह से यह कहना गलत नहीं है कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
- लोगों के लिए एक प्रेरणा श्रोत
किसान स्वभाव से बहुत ही मेहनती, अनुशासित, समर्पित और सरल का होता हैं। किसान के जीवन में उसके हर क्षण का महत्त्व होता हैं, इसलिए वह अपने खेती का हर काम समय और सही ढंग से कर पाते हैं। यदि वो अपने जीवन में समय के पाबंद न रहे तो उन्हें खेती में उपज में कमी या फसलों की क्षति का सामना भी करना पड़ सकता हैं। वो हर बार अपने खेतों में कड़ी मेहनत करके फसल बोते हैं, और कई महीनों तक का लम्बा इंतजार करते हैं, जब तक की फसल पूरी तरह से पक न जाये। कृषि उत्पाद उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। एक किसान के ये सभी गुण हमें प्रेरणा देते हैं।
- आत्मनिर्भर
किसान देश के सभी लोगों के लिए अन्न का उत्पादन करता हैं। वे वही खाते हैं जो उनके पास बचा रह जाता है, इसलिए वो बहुत ही आत्मनिर्भर होते हैं। वो किसी और पर निर्भर हुए बिना जो उनके पास होता है उसी से अपने जीवन पालन करते है। वो किसी से मंगाते नहीं है इसलिए वो खुद में बहुत ही आत्मनिर्भर व्यक्ति होते हैं।
क्या किसानों की स्थिति वाकई दयनीय है?
हम सभी के लिए किसान कितना महत्वपूर्ण है इसके बारे में सभी जानते है। भारत में किसानों की हालात खराब है। यह सुनना वास्तव में बहुत निराशाजनक है। भारत एक कृषि उत्पादक वाला देश है, जो हमारी अर्थव्यवस्था के जी.डी.पी. में 15% का योगदान देता है। इसको देखते हुए किसानों का देश की उन्नति में एक बहुत बड़ा योगदान हैं, और यदि किसानों के हालात खराब है तो यह बहुत दुख और उल्लेखनीय विषय हैं। भारत में किसानों द्वारा आज भी पुरानी कृषि तकनीक अपनाई जाती है।
सरकार को किसानों को खेती के आधुनिक तरीकों के बारे में बताने और उन्हें अपनाने को किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता हैं। जिससे उनकी उपज अधिक हो और उनकी मेहनत भी कम लगे। इससे किसानों के सामने आने वाली वित्तीय संकट से निपटने में उन्हें मदद मिलेगी। सरकार को उनके हित के लिए कई नए कार्यक्रमों और नीतियों का गठन करने की आवश्यकता हैं। जो देश भर के किसानों को लाभान्वित कर सकें। इससे हर किसानों की वर्तमान स्थिति में काफी सुधार आ सकता हैं।
निष्कर्ष
किसानों के कार्य, खेती के गुण, उनके समर्पण की भावना उन्हें समाज का एक सम्माननीय व्यक्ति बनाते हैं। खेतों से जो भी उन्हें प्राप्त होता है उसे ही बेचकर वो साल भर अपना और अपने परिवार का गुजरा करते है और उसी में वो खुश और संतुष्ट रहते हैं। हमारे देश में कई ऐसे महान नेता हुए जिन्होंने किसानों के उत्थान के लिए सराहनीय कदम उठाये है, इस क्रम में हमारे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और लाल बहादुर शास्त्री के योगदान को कभी भुलाये नहीं जा सकते हैं। ये किसान परिवार से ही ताल्लुक रखते थे। इसलिए इन्होंने किसानों के वास्तविक मूल्य को समझा और उनके हित में कई सराहनीय कदम भी उठाये जो आज तक उन्हें लाभान्वित करती हैं।