प्रकृति पर स्लोगन (नारा)

Nature

प्रकृति के अर्थ को परिभाषित करना एक बहुत ही विस्तृत वर्णन है। सामान्य रुप से हम कह सकते है कि सभी भौतिक और प्राकृतिक वस्तुएं प्रकृति का हिस्सा हैं, फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर पशु-पक्षी, पेड़-पौधे तथा पर्यावरण यह सब प्रकृति का हिस्सा हैं। हांलाकि मनुष्य भले ही प्रकृति का हिस्सा है परन्तु फिर भी मानवीय क्रियाओं को एक भिन्न श्रेणी में रखा गया और इन्हें प्राकृतिक नही माना जाता है। प्रकृति को मानव द्वारा माँ की संज्ञा दी गयी है, क्योंकि प्रकृति द्वारा ही जीवन की उत्पत्ति हुई है और इसके बिना जीवन की कल्पना करना भी असंभव है। इसके बावजूद भी वह मनुष्य ही हैं जिसके द्वारा सदैव प्रकृति और पर्यावरण को क्षति पहुंचायी जाती है।

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प्रकृति पर नारा (Slogans on Nature in Hindi)

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Unique and Catchy Slogans on Nature in Hindi Language

 

प्रकृति देती जीवन दान, हम भी इसका करें सम्मान।

 

प्रकृति देती जीवन दान, हम भी इसका करें सम्मान।

 

फूल खिले हो हर डाली और धरा पर हरियाली, यही है प्रकृति की सुंदरता जिनसे होती है खुशहाली।

 

फूल खिले हो हर डाली और धरा पर हरियाली, यही है प्रकृति की सुंदरता जिनसे होती है खुशहाली।

 

वायु और जल प्रकृति के वरदान, आओ करें हम इसका सम्मान।

 

वायु और जल प्रकृति के वरदान, आओ करें हम इसका सम्मान।

 

जहां है जीवन और मरण, आओ स्वच्छ करें वो पर्यावरण।

 

जहां है जीवन और मरण, आओ स्वच्छ करें वो पर्यावरण।

 

मुर्ख मानव अब तक न समझ पाया है कि हमने प्रकृति को नहीं प्रकृति ने हमे बनाया है।

 

मुर्ख मानव अब तक न समझ पाया है कि हमने प्रकृति को नहीं प्रकृति ने हमे बनाया है।

 

 

वृक्ष, हवा, धरती और जल, ये हैं हमारी जरुरतें हर पल।

 

वृक्ष, हवा, धरती और जल, ये हैं हमारी जरुरतें हर पल।

 

वृक्षारोपण करके प्रकृति रक्षा हेतु करो श्रमदान, जीवन का यह कार्य है सबसे महान।

 

वृक्षारोपण करके प्रकृति रक्षा हेतु करो श्रमदान, जीवन का यह कार्य है सबसे महान।

 

कई बिमारियों का हल, स्वच्छ हवा और निर्मल जल।

 

कई बिमारियों का हल, स्वच्छ हवा और निर्मल जल।

 

एक बात जो सबसे जरूरी है, प्रकृति हमारे जीवन की धुरी है।

 

एक बात जो सबसे जरूरी है, प्रकृति हमारे जीवन की धुरी है।

 

प्रकृति एक वरदान है, जिस पर हमें अभिमान है।

 

प्रकृति एक वरदान है, जिस पर हमें अभिमान है।

 

 

वायु, जल प्रकृति के वरदान; आओ करें हम इसका सम्मान।

 

प्रकृति में शामिल वो सब है, जिनके बिना जीवन दुर्लभ है।

 

प्रकृति देती जीवनदान, हम भी इसका करें सम्मान।

 

प्रकृति का जब रखेंगे ध्यान, तभी बनेगा देश महान।

 

प्रकृति का जो प्यार है, यही जीवन का आधार है।

 

प्रकृति की रक्षा मजबूरी नही जरुरी है।

 

वृक्षरोपड़ करके प्रकृति रक्षा हेतु करो श्रमदान, जीवन का यह कार्य है सबसे महान।

 

लोगो को हमें देना होगा प्रकृति की रक्षा का ज्ञान, इसके लिए हम सबको मिलकर चलाना होगा अभियान।

 

प्रकृति के रक्षा का उठाओ भार, इसकी सुरक्षा हेतु करो विचार।

 

प्रकृति के कुशलता का रखो ध्यान, क्योंकि यह है हमारे माँ समान।

 

प्रकृति का रखो ध्यान, भूलकर भी ना करो इसका अपमान।

 

जीवन में प्रकृति रक्षा हेतु उत्साह लाना होगा, हम सबको साथ मिलकर प्रकृति को बचाना होगा।

 

प्रकृति में बसा हुआ है मानव प्राण, इसके रक्षा द्वारा ही हो सकता है नवयुग का निर्माण।

 

प्रकृति की रक्षा को ना समझो तुम खेल, क्योंकि इसके कोप को नही पायेगी मानवता झेल।

 

प्रदूषण को दूर भगायेंगे, प्रकृति रक्षा के उपायों को अपनायेंगे।

 

प्रकृति है जीवन का मूल, कार्य करो इसके अनुकूल।

 

आओ मिलकर प्रदूषण मिटाए, प्रकृति के प्रति अपना प्रेम दिखलाएं।

 

प्रकृति को बचाने के लिए लगाओ जोर, प्रदूषण को मिटाने के लिए मचाओ शोर।

 

प्रदूषण को रोककर करो पर्यावरण का कायाकल्प, प्रकृति की रक्षा का नही है दूसरा कोई विकल्प।

 

प्रकृति की रक्षा है अनिवार्य, इसके लिए हमसब को मिलकर करना होगा कार्य।

 

यदि प्रकृति को पहुंचाओगे कष्ट, तो सब कुछ हो जायेगा नष्ट।

 

प्रकृति है माँ समान, प्रदूषण फैलाकर ना करो इसका अपमान।

 

यदि प्रकृति का फैलेगा कोप, तो मानवता का हो जायेगा लोप।

 

प्रकृति को बचाने हेतु पर्यावरण को बनाना होगा शुद्ध, प्रदूषण की समस्या से मिलकर करना होगा युद्ध।

 

सुनो प्रकृति माँ की धिक्कार, आओ मिलकर करें प्रदूषण का बहिष्कार।

 

आओ मिलकर लगाए प्रदूषण पर प्रतिबंध, पर्यावरण को स्वच्छ रखकर बनाये प्रकृति से मधुर संबंध।

 

स्वस्थ्य प्रकृति हमें दिखाती है अनगिनत बसंत, यदि ना किया इसका सम्मान तो हो जायेगा मानवता का अंत।

 

यदि समय रहते प्रकृति और पर्यावरण के रक्षा हेतु उपाय नही किये गये तो मानवता का पतन निश्चित है।

 

यदि प्रकृति को हम माँ की उपमा देते है तो प्रदूषण द्वारा हमें इसका अनादर नही करना चाहिए।

 

प्रकृति हमें अनगिनत तोहफे भेंट करती है, इसलिए इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।

 

 

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