समाचार पत्र पर स्लोगन (नारा)

Newspaper

समाचार पत्र वह पत्रिकाएं होती है, जिनमें सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक तथा अन्य कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रकाशित होती है। वैसे तो समाचार पत्र सामन्यतः दैनिक रुप से प्रकाशित होते है, पर कई सामाचार पत्र साप्ताहिक या मासिक रुप से भी प्रकाशित किये जाते हैं।

देखा जाये तो समाचार पत्रों का इतिहास काफी पुराना है। ऐसा माना जाता है कि पहला ज्ञात समाचार पत्र रोमन सम्राज्य में जूलियस सीसर द्वारा साधरण जनता को महत्वपूर्ण राजनैतिक और समाजिक घटनाओं के विषय में जानकारी प्रदान करने के लिए प्रेषित किया गया था। तब से लेकर अब तक समाचार पत्रों में अनगिनत परिवर्तन आये हैं।

आज के जमाने समाचार पत्रों का महत्व काफी ज्यादा है, क्योंकि इनके द्वारा समाज के विशेष मुद्दो, समस्याओं और जानकारियों को सामान्य जनता तथा सरकार तक पहुंचाया जाता है। एक लोकतंत्र में समाचार पत्र का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसीलिए समाचार पत्रों तथा मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है।

समाचार पत्र पर निबंध के लिए यहां क्लिक करें

समाचार पत्र पर नारा (Slogans on Newspaper in Hindi)

ऐसे कई अवसर आते हैं जब आपको समाचार पत्र से जुड़े भाषणों, निबंधो या स्लोगन की आवश्यकता होती है। यदि आपको भी समाचार पत्र से जुड़े ऐसे ही सामग्रियों की आवश्यकता है तो परेशान मत होइये हम आपकी मदद करेंगे।

हमारे वेबसाइट पर समाचार पत्र से जुड़ी तमाम तरह की सामग्रियां उपलब्ध हैं, जिनका आप अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सकते हैं।

हमारे वेबसाइट पर समाचार पत्र के लिए विशेष रुप से तैयार किए गये कई सारे स्लोगन उपलब्ध हैं। जिनका उपयोग आप अपने भाषणों या अन्य कार्यों के लिए अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सकते हैं।

ऐसे ही अन्य सामग्रियों के लिए भी आप हमारे वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं।

Unique and Catchy Slogans on Newspaper in Hindi Language

 

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

 

समाचार पत्र और मीडिया है लोकतंत्र के प्राण, इसके बिन हो जाता है देश निष्प्राण।

 

समाचार पत्र है न्याय और प्रेम का खंड, जिसे पढ़ने से हो जाता है ज्ञान अखंड।

 

समाचार पत्र है न्याय और प्रेम का खंड, जिसे पढ़ने से हो जाता है ज्ञान अखंड।

 

समाचार पत्र है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ और प्राण, जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।

 

समाचार पत्र है लोकतंत्र का चौथा स्तंभ और प्राण, जो करता है एक लोकतंत्र का निर्माण।

 

अखबारों की सच्चाई ही रोकती है निरंकुशता को आज, यही कारण है देश में बना हुआ है कानून का राज।

 

अखबारों की सच्चाई ही रोकती है निरंकुशता को आज, यही कारण है देश में बना हुआ है कानून का राज।

 

समाचार पत्रों की खबरें तोड़ती हैं बड़ो-बड़ो की दंभ, इसके ही कारण हुआ हैं देश में नवयुग का आरंभ।

 

समाचार पत्रों की खबरें तोड़ती हैं बड़ो-बड़ो की दंभ, इसके ही कारण हुआ हैं देश में नवयुग का आरंभ।

 

 

समाचार पत्र को पढ़ने से होता है ज्ञान का आदान-प्रदान, जागरुकता द्वारा यह लोगों में जगाता है अभिमान।

 

समाचार पत्र को पढ़ने से होता है ज्ञान का आदान-प्रदान, जागरुकता द्वारा यह लोगों में जगाता है अभिमान।

 

अखबारों में नही छुपता हैं कोई भेद, कई शुभ समाचार देकर यह मिटाते हैं सारे खेद।

 

अखबारों में नही छुपता हैं कोई भेद, कई शुभ समाचार देकर यह मिटाते हैं सारे खेद।

 

समाचार पत्र हम तक खबर पहुचाते पूरे वर्ष, दिखलाते देश की दशा और मानव संघर्ष।

 

समाचार पत्र हम तक खबर पहुचाते पूरे वर्ष, दिखलाते देश की दशा और मानव संघर्ष।

 

समाचार पत्र लोगों की आवाज उठाकर रखते हैं देश का मान, सच्चाई को बतलाने का चलाते हैं अभियान।

 

समाचार पत्र लोगों की आवाज उठाकर रखते हैं देश का मान, सच्चाई को बतलाने का चलाते हैं अभियान।

 

लोगों की आवाज उठाते हैं, समाचार पत्र हमतक सारी खबरें लाते हैं।

 

लोगों की आवाज उठाते हैं, समाचार पत्र हमतक सारी खबरें लाते हैं।

 

 

समाचार पत्र लोगो की आवाज उठाकर रखते है देश का मान, सच्चाई को बतलाने का चलाते है अभियान।

 

समाचार पत्रों ने आजादी के चिंगारी द्वारा तोड़ा अंग्रेजी हुकूमत का दंभ, इसी के कारणवश हुआ आजादी का आरंभ।

 

समाचार पत्र समझाते है लोकतंत्र का अर्थाभाव, दिखलाते है समाज की बुराइयों का कुप्रभाव।

 

समाचार और मीडिया बिन लोकतंत्र हो जायेगा विकराल, ये वे साधन है जो लोकतंत्र को बनाये रखते चिरकाल।

 

समाचार पत्र मनोरंजन द्वारा भरते जीवन में नये रंग, नये-नये खबरो द्वारा लाते हैं नये उमंग।

 

समाचार पत्र करते हैं राष्ट्र की तरक्की में सहयोग, इससे द्वारा नित्य की खबर पाते हैं लोग।

 

समाचार पत्रो द्वारा होता है जनहित का विस्तार, इसमें निहित होते हैं लोकतंत्र के विचार।

 

समाचार पत्रों तथा मीडिया के बिन हो जायेगा लोकतंत्र नष्ट, ये वे साधन हैं जो करते हैं देश की स्थिति को स्पष्ट।

 

भारत देश है कृषि प्रधान, समाचार पत्रों में यदि छपे सच्चाई तो हो सकता है किसानों का कल्याण।

 

समाचार पत्र करते सच्चे और मनोरंजक खबरो का चुनाव, यही कारण है कि लोग रखते हैं इनसे इतना लगाव।

 

बिन समाचार बिन अखबार लोकतंत्र बन जायेगा शक्तिहीन, यह है वह वस्तु जो लोकतंत्र को जीवन देती नवीन।

 

आजकल के समाचार पत्रों में हो रहा है सच्चाई का लोप, सिर्फ छप रहे है बेफिजूल अनर्गल आरोप।

 

समाचार पत्र वर्तमान में सभ्य मानव जीवन का अभिन्न अंग है।

 

समाचार पत्रों और मीडिया के बिना लोकतंत्र की कल्पना भी नही की जा सकती।

 

लोकतंत्र में सच्चाई और न्याय को बनाए रखने में समाचार पत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है।

 

समाचार पत्रों के खबरो द्वारा होता है लोकतंत्र का कायाकल्प, सुगमता से खबरों को जन-जन तक पहुंचाने का यह है मात्र विकल्प।

 

 

सम्बंधित जानकारी:

समाचार पत्र पर निबंध

समाचार पत्र पर भाषण

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *