गाँधी जयंती उत्सव पर निबंध (Gandhi Jayanti Celebration Essay in Hindi)

गाँधी जयंती का उत्सव प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। यह हमारे देश के सबसे प्रिय नेताओं में से एक महात्मा गाँधी का जन्म दिवस है। यह भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसके अलावा अन्य दो राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस है। गाँधी जयंती पूरे देश भर में काफी उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है।

गाँधी जयंती उत्सव पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Gandhi Jayanti Celebration in Hindi, Gandhi Jayanti Utsav par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द)

प्रस्तावना

गाँधी जयंती हर वर्ष 2 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है, यह दिन राष्ट्रीय महत्व का दिन है। महात्मा गाँधी के लिए भारतीयों के मन में काफी सम्मान है और यह दिन उनके जन्मदिन के दिन मनाया जाता है। यह उत्सव पूरे देश भर के विद्यालयों, कॉलेजों, कार्यालयों और अन्य कई जगहों पर काफी धूम-धाम से मनाया जाता है।

महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि

महात्मा गाँधी सबसे सम्मानित भारतीय क्रांतिकारियों में से एक थे। उनके कार्य करने की शैली उनके समय के कई नेताओं से भिन्न तथा कहीं आगे थी। एक तरफ जहाँ अधिकतर क्रांतिकारी समझते थे कि हिंसा और लड़ाई ही अंग्रेजो को देश से बाहर निकालने का रास्ता है, वहीं दूसरे ओर गाँधी जी का मानना था कि सत्य और अहिंसा द्वारा बड़े से बड़े शत्रु पर विजय पायी जा सकती है और वह अंहिसा मार्ग द्वारा बिना किसी को कोई शारीरिक नुकसान पहुंचाये, ब्रिटिश साम्राज्य की नीव को हिलाने में सफल रहे।

Gandhi Jyantoi Celebration

महात्मा गाँधी के विचार उनके समय में इतने प्रसिद्ध हो गये थे, कि उनका आज भी अनुसरण किया जाता है। गाँधी जयंती का यह पर्व बापू जैसे महान व्यक्ति को श्रद्धांजलि अर्पित करने का दिन है और यह हर भारतीय के लिए एक विशेष महत्व रखता है।

नयी पीढ़ी में देशभक्ति जगाना

हमारी नयी पीढ़ी का देश से कोई विशेष जुड़ाव नही है और ना हीवह स्वतंत्रता के वास्तविक महत्व को समझते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता के लिए पिछली पीढ़ीयों का संघर्ष नही देखा है। हमारी नयी पीढ़ी अपने देश पर गर्व और इसकी सेवी करने के बजाय विदेशों में बसने तथा अपने जीवन स्तर को सुधारने के मौके ढूढती है।

गाँधी जयंती और देश के दूसरे राष्ट्रीय पर्व युवा पीढ़ी को हमारे इतिहास की जानकारी देकर उनमें देशभक्ति जगाने का तरीका है। यह दिन वास्तव में लोगों के आगे आने और देशभक्ति में सराबोर होने का दिन है। क्योंकि यह दिन लोगो में देश के लिए कुछ अच्छा करने तथा उनमें विश्वास जगाने का कार्य करता है।

निष्कर्ष

गाँधी जयंती सभी भारतीयों के लिए एक विशेष दिन है। यह हमारे जेहन में गाँधी जी के संघर्षो और त्याग को ताजा करने का कार्य करता है। यह दिन हमारे लिए प्रेरणा का दिन है क्योंकि यह हमें देश के तरक्की के लिए और भी अच्छा कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

निबंध – 2 (400 शब्द)

प्रस्तावना

गाँधी जयंती का उत्सव देश भर के विद्यालयों में काफी उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व 2 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है, जो कि हमारे देश में एक राष्ट्रीय अवकाश है। इसलिए ज्यादेतर विद्यालय इसे एक दिन पहले यानी 1 अक्टूबर को ही मनाते है। इस दिन गाँधी जयंती के अवसर को देखते हुए विद्यालयों में कई सारे कार्यक्रम आयोजित कीये जाते है। जिसमें छात्रों के साथ-साथ शिक्षक भी हिस्सा लेते है।

स्कूल में गाँधी जयंती का उत्सव

ज्यादेतर स्कूलों में इस दिन बच्चे प्रथम पाली में विद्यालय की समय सारणी के अनुसार पढ़ते है और मध्यावकाश के बाद दूसरे पाली में गाँधी जयंती उत्सव के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते है। इन कार्यक्रमों में कुछ शिक्षक, विद्यार्थी तथा विद्यालय के दूसरे कर्मचारी साथ मिलकर विद्यालय को तिरंगे रंग के गुब्बारों, रिबनों, झण्डों और गाँधी जी के चित्रों आदि से सजाते हैं। इनमें से कुछ निम्नलिखित गतिविधियां गाँधी जयंती के अवसर पर मुख्यतः सभी विद्यालयों में की जाती है।

1.भाषण

विद्यार्थी इस दिन विद्यालय के मैदान या प्रेक्षागृह में इकठ्ठा हो जाते हैं। प्रधानाचार्य और विद्यालय के दूसरे सदस्य इस दिन छात्रों से मिलते है और महात्मा गाँधी पर भाषण देते है। इस दिन विद्यालयों में गाँधी जी के सिंद्धातों और विचारों पर भाषण दिये जाते हैं जो छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें सही मार्ग पर लाने का कार्य करते है। इसके साथ ही इस दिन गाँधी जी के संघर्षो और भारत को आजादी दिलाने के लिए उनके द्वारा किये गये कठिन परिश्रम के बारे में बताया जाता है। यह भाषण छात्रों को प्रेरणा प्रदान करने का कार्य करतें है।

2.प्रतियोगिताएं

इस दिन कई सारी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जैसे कि चित्रकला प्रतियोगिता, चर्चा-विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता आदि का आयोजन होता है। इन सभी प्रतियोगिताओं का विषय गांधी जी और देशभक्ति होती है। छात्रों को इन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इन कार्यक्रमों को आयोजित करने का मुख्य मकसद छात्रों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना होता है। इन प्रतियोगिताओं में सबसे मजेदार फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होती है, इस प्रतियोगिता में छोटे बच्चों को गाँधी जी के वेष में देखना काफी मनोरंजक होता है।

इन प्रतियोगिताओं में बढ़िया करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।

3.देशभक्ति गीत

इस दिन महात्मा गाँधी के प्रशंसा में देशभक्ति गीत भी गाये जाते है। छात्र मंच से गीत गाते है तथा इसमें दर्शक रुप में बैठे छात्रों और शिक्षको द्वारा भी उनका साथ दिया जाता है, जिससे पूरे विद्यालय का माहौल देशभक्ति से सराबोर हो उठता है। इस अवसर पर महात्मा गाँधी के पसंदीदा गीत रघुपति राघव राजा राम को आवश्यक रुप से गाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन छात्रों द्वारा महात्मा गाँधी के प्रशंसा में गीत प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।

निष्कर्ष

गाँधी जयंती के उत्सव के दौरान छात्रों में एक विशेष खुशी देखने को मिलती है, जिससे छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत होती है। इसके साथ ही यह दिन छात्रों को सत्य और अहिंसा के लिए प्रेरित करने का भी दिन होता है।

Essay on Gandhi Jayanti Celebration in Hindi

निबंध – 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना

पूरे भारत भर में 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी की जयंती मनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। लेकिन इसका मुख्य और सबसे बड़ा आयोजन देश की राजधानी नई दिल्ली स्थित महात्मा गाँधी के स्मारक के समीप होता है। इस दिन पूरे देश भर में गाँधी जी के मूर्तियों की साफ सफाई की जाती है। इस दिन बजारों और कार्यालयों, रिहायशी कालोनियों, विद्यालयों को झण्डों, फूलो और दूसरे सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

राजनेताओं द्वारा गाँधी स्मारक का दौरा

गाँधी स्मारक, जो कि देश के राजधानी के बीचो-बीच बसा है, यह वह जगह है जहा गाँधी जी को 30 जनवरी 1948 के दिन महात्मा गाँधी का अंतिम संस्कार किया गया था। यह स्मारक शांति, सत्य और अहिंसा का प्रतीक है। गाँधी जयंती के अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री और दूसरे नेताओ द्वारा राजघाट स्थित गाँधी स्मारक का दौरा करके महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इसके साथ ही श्रदांजलि समारोह के प्रर्थना के दौरान बापू को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए गीत भी गाये जाते है।

विद्यालय के छात्रों द्वारा गाँधी स्मारक का दौरा

दिल्ली और उससे सटे इलाको के कई विद्यालयों के बच्चे इस दिन महात्मा गाँधी के राजघाट स्थित स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि देने जाते है। विद्यालयों द्वारा बच्चों को गाँधी जयंती के एक दिन पहले ले जाया जाता है, जहा बच्चे बापू के स्मारक पर फूल चढ़ाते है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रर्थना करते है। इसके साथ ही इस दौरान छात्रों को महात्मा गाँधी के महान कार्यों के विषय में भी बताया जाता है।

देश की राजधानी में गाँधी जयंती के कार्यक्रम

गाँधी जंयती के अवसर पर देश के राजधानी में कई छोटे और बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

  • बाजारों के माहौल को देशभक्ति से सराबोर करने के लिए लाउड स्पीकर से देशभक्ति गाने बजाये जाते है। इसके साथ ही राजधानी के कई स्थानों में लाइव बैंड प्रदर्शन का भी आयोजन किया जाता है। इन बैंडो द्वारा देशभक्ति गीत गाकर पूरे दिन को और खुशनुमा बना दिया जाता है।
  • मॉल तथा अन्य व्यवासायिक प्रतिष्ठानों में कई सारे विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसके दौरान मेजबानों द्वारा सामान्य जनता से कई तरह के सवाल पूछे जाते है। इनमें से ज्यादेतर सवाल गाँधी जी के जीवन, कार्यों और विचारधाराओं पर आधारित होते है। इसके साथ ही इस दिन गायन और चित्रकला प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। जोकि इस अवसर को मनाने का बहुत ही अच्छा तरीका है।
  • इसके साथ ही रिहायशी कालोनियों में भी लोगो द्वारा कई प्रकार के छोटे-छोटे कार्यक्रमों को आयोजित किया जाता है। इस दौरान लोगो द्वारा गाँधी जी के याद में भाषण भी दिये जाते है। इसके साथ ही बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए चित्रकला और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
  • इस दिन राजनैतिक नेताओं के कार्यलय फूलो से सजे नजर आते है क्योंकि यह एक राष्ट्रीय छुट्टी का दिन होता है, इसलिए राजनेता इस दिन अपने कार्यों से आराम लेकर एक-दूसरे का साथ मिलते हैं और अपने विचार साझा करते है।
  • गाँधी जयंती के इस विशेष अवसर पर शिक्षण संस्थानो और कार्यलयों को भी सजाया जाता है। गाँधी जंयती के दिन राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण इन स्थानों पर गाँधी जयंती का कार्यक्रम एक दिन पहले ही मनाया जाता है।

निष्कर्ष

देश की राजधानी में लोगो को काफी व्यस्त जीवन जीने वाला माना जाता है, लेकिन यह देखकर अच्छा लगता है कि इस दिन लोग अपने व्यस्तता भरे कार्यों से समय निकालकर महात्मा गाँधी जैसे महान इंसान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

निबंध – 4 (600 शब्द)

प्रस्तावना

गाँधी जयंती प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है और यह हमारे देश के तीन मुख्य राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह महात्मा गाँधी की जयंती है जो देश के महान राजनैतिक नेताओं में से एक थे। इस दिन भी पूरा देश स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह देशभक्ति में सराबोर होता है। इसके साथ ही देश भर के स्कूल, कालेजों, कार्यालयों, राजनैतिक संस्थानो और कालोनियों में महात्मा गाँधी के सम्मान में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

विद्यालयों में गाँधी जंयती का उत्सव

देश भर के विद्यालयों में गाँधी जी का जन्म दिवस मनाया जाता है, जिन्हें हम प्रेम से महात्मा गाँधी के नाम से जानते हैं। गाँधी जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश होने के कारण विद्यालयों में यह कार्यक्रम एक दिन पहले ही मनाया जाता है। इस दिन विद्यालयों को कई प्रकार के सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।

इसके साथ ही हर साल गांधी जयंती के उत्सव पर कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें छोटे कक्षाओं के छात्र गांधी जी का वेष धारण करके और उनका पसंदीदा भजन, रघुपति राघव राजा राम गाते हुए आते हैं। इस दिन विशेष भाषण सभायें आयोजित की जाती है, जिसमें छात्रों को बापू पर भाषण देने और चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके साथ ही प्रधानाचार्य और अन्य शिक्षक भी गांधी जी और उनसे जुड़े विषयों पर भाषण देते हैं। वे इस कार्यक्रम तथा मंच का उपयोग छात्रों को विनम्रता, सत्य और अहिंसा की सीख देने के लिए करते हैं।

फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, बहस प्रतियोगिता और कविता पाठ प्रतियोगिता सहित कई प्रतियोगिताओं में स्कूलों में गांधी जयंती उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित किया जाता है। शिक्षक इसे एक कार्यक्रम के रुप में आयोजित करते है,ताकि बड़ी संख्या में छात्र इन प्रतियोगिताओं में भाग ले सके। इन कार्यक्रमों में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को महात्मा गांधी के जीवन और संघर्षो के विषय में और अधिक जानकारी प्राप्त हो सके। इसके साथ ही इन कार्यक्रमों में अच्छा प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार भी दिये जाते है।

रिहायशी कालोनियों में गाँधी जयंती का उत्सव

रिहायशी कालोनियों में भी गाँधी जयंती के अवसर को धूम-धाम से मनाया जाता है। यह उत्सव मुख्यतः सुबह के समय मनाया जाता है इस दौरान देशभक्ति गीत भी बजाये जाते है। यह लोगों में देशभक्ति जगाने और उन्हें प्रोत्साहित करने का एक अच्छा दिन होता है। इस दिन लोग सामान्यतः सोसाइटी पार्को या प्रेक्षागृहों में इकठ्ठा होते है और गाँधी जी को याद करते हैं। इसके साथ ही इस दिन रिहायशी कालोनियों द्वारा चित्रकला और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

यह कार्यक्रम ज्यादातर ब्रंच के बाद किये जाते है। इस तरह के कार्यक्रम स्थानीय लोगो का एक-दूसरे से मेल-मिलाप बढ़ाने का कार्य करते हैं। जिससे यह लोगों को एक-दूसरे से अपने विचार साझा करने और समाज की तरक्की में अपना योगदान प्रदान करने का अवसर देता है, जोकि देश को सही मार्ग पर ले जाने का कार्य करता है।

गाँधी जयंती उत्सव – गाँधीवादी विचारधारा के प्रचार-प्रसार का अवसर

इन दिनों हिंसा और अपराध का स्तर हर समय बढ़ता जा रहा है। लोगों में धैर्य रखने की क्षमता का अभाव होने के साथ ही क्रोध प्रवृत्ति भी बढ़ती जा रही है। आये दिन छोटे-मोटे विवादो पर लोगों को गोली मारने तथा हत्या करने की घटनाएं सुनाई देती हैं। यह बात हमें आने वाली पीढ़ियों को समझना बहुत आवश्यक है कि हिंसा हमेशा परेशानी का कारण बनती है और समस्याओं को प्रेम से हल करना ही उनका स्थायी समाधान है।

गांधी जयंती उत्सव का अवसर आज के समय में लोगों को सच्चाई और अहिंसा के महत्व का समझाने का एक शानदार अवसर है। गांधी जी का जीवन दूसरों को सच्चाई और अहिंसा के मार्ग का पालन करने के लिए प्रेरित करता है। उनकी विचारधाराओं को अपनाकर देश में हिंसा के स्तर को कम करने का कारगर प्रयास किया जा सकता है, क्योंकि सत्य और अहिंसा ही वह मार्ग है जो देश के युवाओं को सकारात्मक रुप से प्रभावित कर सकता है। हालांकि हमें गाँधी जी के विचारधाराओं का पालन सिर्फ गाँधी जयंती पर ही नही करना चाहिए बल्कि इन्हें खुद के जीवन में समाहित करके वर्ष भर इनका पालन करना चाहिए, जिससे की समाज को और भी ज्यादे शांतिमय और प्रगतिशील बनाये जा सके।

निष्कर्ष

गाँधी जयंती का अवसर हर भारतीय के लिए एक विशेष दिन होता है। इसे पूरे देश भर में काफी हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन प्रर्थना सभाओं का आयोजन होता है और बापू के प्रशंसा में गीत गाये जाते हैं, यह वह दिन होता है। जब हम देश के महानतम नेताओं में से एक महात्मा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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