मैं एक समाज सेवक क्यों बनना चाहता हूँ पर निबंध (Why I want to Become a Social Worker Essay in Hindi)

सामाजिक कार्य एक ऐसी चीज है जो हमारी आत्मा को संतुष्ट करती है और हम में से बहुत से ऐसे लोग हैं जो सामाजिक कार्यकर्ता बनना चाहते हैं। यह हमारे और हमारी क्षमता पर निर्भर है कि हम कितना कर सकते हैं? यह जरूरी नहीं है कि आप हमेशा पैसे से ही लोगों की मदद करें; आपको बस एक साफ़ ह्रदय और मददगार आत्मा की आवश्यकता है। आज हम आपके लिए इस विषय पर कुछ निबंध लेकर आये हैं और उम्मीद करते हैं कि आप इन्हें पसंद करेंगे:

मैं एक समाज सेवक क्यों बनना चाहता हूँ पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Why I want to Become a Social Worker in Hindi, Mai EK Samaj Sevak kyo banana chahata hu par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द) – मैं एक समाज सेवक क्यों बनना चाहता हूँ?

पारिचय

सामाजिक कार्य वो चीज है जो मुझे ख़ुशी देता है और एक तरह की संतुष्टि भी। दान आदि के महत्त्व के बारे में हमारी प्राचीन पौराणिक पुस्तकों में भी उल्लेख किया गया है। मगर यहाँ कुछ ही लोग हैं जो इसका पालन करते हैं। हममें से कुछ लोग दान आदि सिर्फ इसलिए करते हैं ताकि उन्हें स्वर्ग में जगह मिल सके। लेकिन सामाजिक कार्य या दान-पुण्य एक ऐसी चीज है जो ह्रदय से की जानी चाहिए और केवल उन लोगों द्वारा की जानी चाहिए जो वास्तव में दूसरों की मदद करना चाहते हैं।

मेरी प्रेरणा

हर किसी को अपने काम से प्यार करने की बस कोई एक वजह चाहिए होती है और मेरी वजह हैं मेरी माँ। मैंने उनसे सीखा है और मैं उनकी तरह ही बनना चाहता हूँ। मैंने उन्हें गरीबों और लाचारों को खाना खिलाते देखा है, जो असहाय थे। हमारे दरवाजे से कोई भी भूखा नहीं जाता था। ये सभी चीजें मुझे काफी ज्यादा प्रेरित करती हैं और में भी एक समाज सेवक के तौर पर कुछ करना चाहता हूँ।

मेरी माँ एक घरेलू महिला है, इसलिए वो शहर भर में बड़े स्तर पर दान आदि करने के लिए आ जा नहीं सकती हैं। उन्हें हमारा तो ध्यान रखना ही होता है साथ ही साथ हमारे पालतू जानवरों का भी। मगर मैंने ये फैसला कर लिया था की अपना स्कूल ख़त्म करने के बाद मैं उनकी सहायता करूँगा। मैं शहर के अलग अलग हिस्सों में तरह-तरह के स्टाल लगाऊंगा। इस तरह से हर जरूरतमंद को आसानी से खाना उपलब्ध हो सकेगा और कोई भी भूखा नहीं रहेगा। मैंने एक NGO खोलने का भी फैसला किया है। जहाँ पर मैं दूसरी जरूरी चीजें भी मुहैया करा सकूँगा जैसे कपड़े, बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा, आदि और सभी की मदद करूँगा। वाकई में यह बहुत ही शानदार महसूस होता है जब आप किसी की मदद करते हैं।

निष्कर्ष

हम में से सभी को थोड़ा वक़्त निकल कर समाज की मदद करनी चाहिए क्योंकि यहाँ कई ऐसे लोग भी है जो सबकुछ नहीं खरीद सकते। आप अपनी क्षमता के अनुसार उनकी कई तरह से मदद कर सकते हैं। यह एक असाधारण संतुष्टि देता है और मेरा यकीन कीजिये आपको यह बहुत ही अच्छा लगेगा।

निबंध 2 (400 शब्द) – सामाज सेवक की विशेषताएं

परिचय

चैरिटी जिसे कहीं-कहीं हिंदी भाषा में “दान” भी कहा जाता है जो गरीबों को दिया जाता है। इसके तरह तरह के मतलब होते हैं और यह किसी भी तरह का हो सकता है। दान का मतलब सिर्फ पैसे देना ही नहीं होता है। यह किसी भी तरह की मदद हो सकती है आपकी क्षमता के हिसाब से। हमारे बीच कुछ ऐसे लोग भी मौजूद हैं जिन्होंने अपना सारा जीवन दान आदि में बिता दिया और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते हैं। ये वो लोग हैं जो समाज और जरुरतमंदों के लिए जीते हैं।

समाज सेवक के कुछ अनोखे गुण

यहाँ कुछ ऐसे लोग हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं और पूरा देश यहाँ तक कि सम्पूर्ण विश्व उनका परिवार होता है। वे उनके लिए जीते हैं और दूसरों के लिए ही हर एक चीज करते हैं। उन्हें दूसरों की मदद करना और दूसरों को खुश रखना अच्छा लगता है, वे दूसरों के अधिकार के लिए लड़ते हैं और उन्हें न्याय दिलाते हैं। जीवन को बदलने वाले इन योद्धाओं के कुछ खास गुण इस प्रकार हैं:

  • वे किसी तरह का जोखिम लेने में कभी हिचकते नहीं हैं; वे दूसरों की मदद के लिए सब कुछ करते हैं और रिस्क लेने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। कभी-कभी सरकार या किसी बड़े संगठन के खिलाफ लोगों का समूह लड़ता है, और ये योद्धा लोगों को न्याय दिलाने के लिए सबकुछ करते हैं। हम उन्हें बहादुर भी कह सकते हैं।
  • वे नरम दिल होते हैं, ये उनका नरम दिल ही है जो उन्हें पिघला देता है और उन्हें दूसरों की मदद के लिए प्रोत्साहित भी करता है। वे गरीबों का दर्द समझते हैं और उनके लिए वो सबकुछ करते हैं जो भी वो कर सकते हैं।
  • एक समाज सेवक को बुद्धिमान होना चाहिए क्योंकि कई बार लोग उन्हें बेवकूफ बना जाते हैं, इसलिए उन्हें दान आदि करना तो चाहिए मगर इसके साथ ही उनके पास तेज दिमाग भी होना चाहिए ताकि वो सच का पता लगा सकें और उसपर जरूरी कार्यवाही कर सकें।
  • उनके पास बातचीत करने की बेहतर कला होनी बहुत ही आवश्यक है क्योंकि हर कोई अपनी समस्या को साझा नहीं कर पाता है। मगर इन योद्धाओं को बात करने का तरीका पता होना चाहिए कि ताकि दूसरों को उनके साथ सुरक्षित महसूस हो।
  • इन सब खूबियों के अलावा एक समाज सेवक को इमानदार होना चाहिए, उसके अन्दर सहने की बेहतर क्षमता होनी चाहिए, धैर्य होना चाहिए, आदि।

निष्कर्ष

ये हमारा काम है की हम जरुरतमंदों की मदद करें मगर हम ऐसा नही करते। सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए और ये निश्चित रूप से हमारी मदद करता है। चैरिटी सिर्फ केवल एक शब्द नहीं होता बल्कि ये एक तरह की भक्ति होती है। हमारे देश में तमाम NGO हैं मगर फिर भी हम कई गरीबों और बच्चों को सड़क पर देखते हैं। अब समय आ गया है और हमें सक्रीय होना पड़ेगा और हमारा एक कदम देश को बदल सकता है। हमें केवल इतना करना है कि जरूरतमंद को उचित जगह पर ले जाएँ उदाहरण के लिए अगर आप किसी बूढ़े व्यक्ति को सड़क किनारे देखते हैं तो उसे वृद्धाश्रम ले जाएँ। अगर आपके पड़ोस में किसी तरह की घरेलू हिंसा हो रही हो तो आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। यह भी एक तरह का सामाजिक कार्य है।

निबंध 3 (600 शब्द) – मैं एक समाज सेवक कैसे बन सकता हूँ?

परिचय

अगर आप किसी भी तरह से किसी की मदद करने में सक्षम हैं, तो यकीन मानिए आप सौभाग्यशाली हैं। हर किसी के पास दूसरों की मदद करने या कुछ देने का साहस नहीं होता है। या तो आप गर्मी के मौसम में अजनबियों को पानी पिला सकते हैं, या आप गरीबों को खाना खिला सकते हैं। ये सब अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य हैं। इसके अलावा अगर आप किसी सामाजिक मुद्दे या लोगों के समूह के खिलाफ आवाज उठाते हैं और उनकी मदद करते हैं। उस परिस्थिति में यह भी एक तरह का सामाजिक कार्य है। मैं सामाजिक कार्यों को एक ऐसे काम के रूप में परिभाषित कर सकता हूँ, जहां आपको इसके बदले में संतुष्टि और आशीर्वाद मिलता है।

विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यकर्ता

अपने निजी रूचि के आधार पर लोग अलग अलग तरह के सामाजिक कार्य करते हैं, मैंने उन्हें अलग अलग श्रेणियों में बाँट दिया है:

  • एक निश्चित समुदाय या संगठन के लिए काम करना: वे किसी समुदाय या संगठन के लिए काम कर सकते हैं; वे उन्हें सलाह दे सकते हैं या उनकी आवाज को इन समुदाय में आ रही किसी भी तरह की समस्या के खिलाफ उठा सकते हैं। कभी कभी उन्हें सरकार के खिलाफ भी लड़ना पड़ता है और तब एक समाज सेवक उन्हें न्याय दिलाने के लिए उनका साथ देता है।
  • बुजुर्गों के लिए सामाजिक मदद: कुछ संगठनों के अलावा ऐसे लोग भी हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि घर ना होने की वजह से कोई भी बूढ़ा व्यक्ति सड़क पर ना सोया हो। कभी-कभी लोग अपने बूढ़े माता-पिता को अपने घर से निकल देते हैं, हालांकि यह एक अमानवीय कृत्य है, फिर भी हर वर्ष सड़क पर तमाम वृद्ध लोग पाए जाते हैं। इस प्रकार के सामाजिक कार्यकर्ता इनकी बेहतरी के लिए अपनी शक्तियों को बढ़ाते हैं।
  • बच्चों के लिए सामाजिक कार्यकर्ता: बच्चे हर जगह सुरक्षित नहीं हैं, कुछ लोग हैं जो कुछ अमानवीय कार्य करते हैं और बच्चों को उनके मूल अधिकारों को प्राप्त करने की अनुमति नहीं देते हैं। ऐसे सामाजिक कार्यकर्ता बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और जब भी वे कुछ गड़बड़ महसूस करते या देखते हैं, तो वे कार्रवाई करते हैं या पुलिस को सूचित करते हैं।
  • महिलाओं और दिव्यांगों के लिए सामाजिक कार्यकर्ता: जब भी कोई मुसीबत में होता है, तो कई एनजीओ और लोग होते हैं जो उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन हम में से बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। इन सामाजिक कार्यकर्ताओं की नजरें हमेशा चौकन्नी रहती है और जब भी वे कुछ भी असामान्य महसूस करते हैं, तो वे तत्काल सहायता प्रदान करते हैं। इसी तरह, यहाँ ऐसे लोग और संगठन हैं जो महिलाओं के साथ-साथ शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए भी काम करते हैं।

एक समाज सेवक कैसे बनें

सामाजिक कार्यकर्ता होने के लिए सबसे पहले आवश्यक है आंतरिक संकल्प और दूसरों के लिए कुछ भी करने की इच्छा शक्ति। एक बार जब आप दूसरों की मदद करने के बारे में सुनिश्चित कर लेते हैं, तो आप नीचे दिए गए चरणों का पालन कर सकते हैं;

  • सामाजिक कार्य या समाजशास्त्र से अपना स्नातक पूरा करना चाहिए।
  • अधिक ज्ञान के लिए परास्नातक की डिग्री भी हो सकती है।
  • इसके लिए कई सर्टिफिकेट कोर्स उपलब्ध हैं और एनजीओ चलाने या प्रमाणित सामाजिक कार्यकर्ता होने के लिए आपको लाइसेंस के लिए भी आवेदन करना चाहिए।
  • शैक्षिक पृष्ठभूमि के अलावा, आपके पास कुछ कुछ खास गुण भी होने चाहिए जैसे कि संवेदनशील होना चाहिए, दयालु, मददगार स्वाभाव वाला, व्यवहार में विनम्र, इमानदार, आदि।

मान लीजिए कि आपके पास किसी तरह की कोई डिग्री नहीं है और आप अपने समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो आप बस दूसरों की अपने तरीके से मदद कर सकते हैं। अगर आपके पास पर्याप्त धन है तो आप दान कर सकते हैं, यदि आपके पास क्षमता है तो आप दूसरों को लाभ पहुंचा सकते हैं, यदि आपके पास शारीरिक शक्ति है तो आप गरीबों की विभिन्न तरीकों से मदद कर सकते हैं। अपनी क्षमता के आधार पर भी आप एक सामाजिक कार्यकर्ता हो सकते हैं।

निष्कर्ष

कभी-कभी लोगों को हद से ज्यादा मदद की ज़रूरत होती है और जब कोई उनकी मदद करता है, तो उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे भगवान ने उनकी मदद के लिए किसी को भेजा हो। उनकी खुशी को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। वास्तव में यह एक महान काम है और अगर आप ऐसा करने में सक्षम हैं तो कृपया दूसरों की मदद जरुर करें। भारतीय पौराणिक कथाओं में, यह उल्लेख किया गया है कि भगवान ने अमीर और गरीब दोनों को बनाया है। और अगर कोई अमीर है; उसे गरीबों की देखभाल करनी चाहिए और इस तरह से एक समाज विकसित होता है। यदि आप अकेले विकसित होते हैं तो आपका देश या शहर विकसित नहीं कहलायेगा। तब तक, जब तक कि हर व्यक्ति अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता।

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