बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ाने के 15 आसान और प्रभावी तरीके

How to Improve Self-Confidence in Child

15 Easiest and Effective Ways to Improve Self-Confidence in Children

आमतौर पर मानव मस्तिष्क का 90% भाग प्रारंभिक वर्षों में ही (पाँच साल की उम्र तक) विकसित हो जाता है। यदि आप चौकस हैं और हमेशा अपने बच्चे के लिए मौजूद रहते हैं, तो इससे आपके बच्चे के भीतर एक प्रकार का आत्मविश्वास पैदा होता है। वे सुरक्षित महसूस करते हैं और जब भी वे रोते हैं, तो उन्हें लगता है, कि कोई न कोई, उन्हें सम्भालने के लिए, उनके आस-पास है।

बच्चे कम उम्र से ही आत्मविश्वास का विकास करने लगते हैं, जब वे सुरक्षित और प्यार महसूस करते हैं। जैसे-जैसे वे बढ़ते हैं, वे अलग-अलग आदतें सीखते हैं और कुछ नए कौशल विकसित करते हैं, जैसे कि दोस्त बनाना, संगीत, कला, खेल आदि जैसे विभिन्न कौशल सीखना। जब वे कुछ करने में सक्षम महसूस करते हैं, तो उनमें आत्मविश्वास की भावना अपने आप विकसित होती है। आत्मविश्वास की उपस्थिति उनके आत्म-सम्मान को बढ़ाती है और उन्हें विभिन्न चीजों को संभालने में सक्षम बनाती है। इसलिए बच्चों में आत्मविश्वास विकसित करना बहुत महत्वपूर्ण है।

बच्चों में आत्म-विश्वास को कैसे बढ़ायें (How to Improve Self-Confidence in Child)

जैसा कि, हम सभी जानते हैं कि आत्मविश्वास, हमारे जीवन के सभी चरणों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसलिए, हमने आपके बच्चो में आत्मविश्वास सृजन के कुछ सरल तरीकों पर चर्चा की है।

  1. अपने बच्चे की प्रशंसा करें

आमतौर पर बच्चे हमेशा बहुत गर्व महसूस करते हैं, जब उनकी तारीफ की जाती है। वे तारीफ बटोरने के लिए कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करते हैं। इसलिए, अपने बच्चे की हमेशा तारीफ करें, किन्तु यह तारीफ झूठी नहीं होनी चाहिए। जब भी वह कुछ नया करता है, तो उसे अच्छा और प्रेरित महसूस कराइए। यदि वह किसी कार्य में असफल हो जाता है, तो डांट-फटकार करने से बचें और उसे अधिक प्रयास करने और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। कभी भी उसकी ज्यादा तारीफ न करें, क्योंकि इससे अति-आत्मविश्वास हो सकता है। किसी भी चीज की अति अच्छी नहीं होती, इसलिए हर चीज में संतुलन बनाएं रखें।

2. एक रोल मॉडल बनें

बच्चे दूसरों से सीखते हैं और उनका पहला स्कूल उनका घर होता है, इसलिए जब वे आपको काम करते हुए देखते हैं तो इससे वे प्ररित होते हैं और दिन भर के काम में आपका हाथ बँटाते हैं। वे ये सब इसलिए भी करते है, क्योंकि वो आपको अपना आदर्श मानते हैं।

3. जिम्मेदारी दें

आप अपने बच्चे को छोटी-छोटी जिम्मेदारी दें। जैसे उसके खिलौनों को साफ करने के लिए या उसकी किताबों को शेल्फ में सजाने के लिए। जब उसे कोई जिम्मेदारी का काम दिया जाता है, तो वह बहुत खुश होता है, और उसमें नई ऊर्जा का प्रवाह होता है। इस तरह, वह विभिन्न कार्यों को सीखेगा और अपना आत्म-सम्मान विकसित कर सकता है। वह आपके दिए सारे काम करेगा, क्योंकि वह आपको एक रोल मॉडल के रूप में देखता है।

4. पुराना कहावत ‘फिर कोशिश करो’

जीवन हमेशा एक सा नहीं रहता, इसलिए हमेशा उन्हें हर चीज के लिए तैयार करें; चाहे वो सफलता हो या अफलता। बहुत प्रसिध्द पुरानी कहावत है, “पुनः प्रयास करो”, इसे बार-बार दोहराते रहें, अपने वचनों में भी और कर्मों में भी। यह उन्हें जीवन भर मदद करेगा और उन्हें सभी नकारात्मक परिस्थितियों से निपटने में मदद करेगा। सकारात्मकता की किरण उनके जीवन को बदल सकती है, इसलिए हमेशा उनके गुरु बनें और नियमित अंतराल पर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाते रहें।

“अपने स्वयं के सामर्थ को समझकर और अपनी क्षमता में आत्मविश्वास कर, कोई भी एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकता है।” – दलाई लामा

5. विभिन्न गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करें

हमेशा विभिन्न कौशल और गतिविधियों का अभ्यास करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इसके माध्यम से आप उनके कौशल की पहचान कर सकते हैं और उसके अनुसार उन्हें प्रोत्साहित कर सकते हैं। बच्चे विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर बहुत खुश और ऊर्जावान महसूस करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जब हम कुछ अच्छा करते हैं तो यह अपने-आप हमारे व्यवहार में दिखने लगता है, इसलिए आपको अपने बच्चे की ताकत के साथ-साथ कमजोरियों को जानने के लिए विभिन्न गतिविधियों को करना चाहिए।

6. अति-प्रशंसा न करें

जब एक बच्चा प्यार और सुरक्षा महसूस करता है, तो वह स्वतः ही आत्मविश्वास महसूस करता है। लेकिन अति-प्रशंसा हानिकारक है, क्योंकि कभी-कभी जब वे असफल हो जाते हैं और उन्हें अच्छा करने के लिए उकसाने के बजाय, अगर हम उनकी हर बात की प्रशंसा करते हैं, तो इससे उन्हें आराम मिलेगा और वे खुद को बेहतर करने के लिए प्रयास नहीं करेंगे। इसलिए कभी भी उनकी ज्यादा और बेवजह तारीफ न करें। यह उनके लिए अच्छा नहीं है।

7. उन्हें अपनी पसंद खुद बनाने दें

चुनाव करने की क्षमता, बच्चों में आत्मविश्वास को बढ़ाती है। जैसे कि उन्हें मौसम के अनुसार क्या खाना या पहनना चाहिए, उन्हें खुद तय करने दें। कम से कम उन्हें अपनी पसंद-नापसंद की जिम्मेदारी लेने दें।

जब वे निर्णय लेने की क्षमता विकसित करते हैं, तो यह अपने आप उनमें आत्मविश्वास पैदा करता है।

8. उन्हें निस्वार्थ प्रेम दें

उन्हें बताएं कि आपका प्यार बिना शर्त के है, चाहे वो असफल हो या सफल। वास्तव में उनके साथ हमेशा खड़े रहें, उन्हें अच्छी चीजें करने के लिए प्रेरित करें। बच्चे आपके प्यार और गुस्से को आसानी से समझ सकते हैं, इसलिए उनके लिए हमेशा रहें, इससे वे प्रेरित रहेंगे। आपकी डांट-फटकार उन्हें आक्रामक बना सकती है।

9. उन्हें कोशिश करने दें

हमेशा उनके लिए सब कुछ बना-बनाया न परोसें, बल्कि उन्हें प्रयास करने दें। उदाहरण के लिए, उन्हें स्कूल के लिए खुद तैयार होने दें, अपने बैग को खुद व्यवस्थित करने दें, अपना नाश्ता उन्हें स्वयं करने दें, आदि। ये चीजें जब वो खुद करेंगे तो उनमें विश्वास पैदा होगा। एक बार जब वे ऐसी चीजों के आदी हो जाते हैं, तो वे दूसरों को सिखाने में काफी सक्षम महसूस कर सकते हैं, और यह उनका आत्मविश्वास बढ़ाता है।

10. उन्हें उनकी आयु के अनुसार काम दें

उन्हें कुछ जिम्मेदारियाँ दें, जैसे कि कुत्ते की देखभाल करना, पानी की बोतलें भरना, अपने छोटे भाई-बहनों की देखभाल करना, सोफा आदि साफ करना, आदि। इससे उनमें जिम्मेदारी और आत्मविश्वास की भावना विकसित होगी। आप उन्हें अपनी पसंद का कोई भी काम चुनने का मौका दे सकते हैं।

11. उनके सपनों का समर्थन करें

यदि आपका बच्चा आकाश में उड़ना चाहता है और एक पायलट बनना चाहता है या गायन से प्यार करता है, तो उसे अपने सपनों को पूरा करने दें और उसका समर्थन करें। क्योंकि जब माता-पिता भरोसा करते हैं और उनका समर्थन करते हैं तो उनके अंदर जिम्मेदारी और आत्मविश्वास का विकास होता है और वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं। उनका समर्थन करें कि आप हर स्थिति में उनके साथ हैं, चाहे सफलता हो या असफलता। इस तरह से, आप उनके आत्मविश्वास को बढ़ा सकते हैं।

12. तुलना न करें

हर बच्चे में कुछ विशिष्ट क्षमताएं होती हैं, इसलिए तुलना न करें। अगर एक अच्छा गा सकता है, तो दूसरा अच्छा नाच सकता है। हो सकता है, आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा न हो पर दूसरी चीजो में हो, इसलिए किसी से भी उसकी तुलना न करें। तुलना बहुत पीड़ा पहुंचाती है और साथ ही उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचा सकती है। वे निराशा महसूस कर सकते हैं और एकदम से सुस्त हो सकते हैं, जो उनके लिए अच्छा नहीं है।

13. हमेशा उनके आसपास रहें

वास्तव में उन्हें दिनभर घेरे रहने की जरुरत नहीं। केवल आप उन्हें ऐसा एहसास करायें, कि आप हर स्थिति में हमेशा उनके साथ हैं। उन पर अपना विश्वास जाहिर करें, उन्हें कहीं भी जाने दें और कुछ भी करने की आजादी दें, बस उन पर नज़र रखें। इसके माध्यम से, वे नई चीजों की कोशिश करने से डरेंगे नहीं, क्योंकि वे आपकी उपस्थिति का एहसास करते हैं और एक बार, वे इसके आदी हो गए। फिर यह उनके व्यवहार और आत्मविश्वास में भारी बदलाव ला सकता है।

14. उन्हें दोस्त बनाने दें

एक नए व्यक्ति से बात करने के लिए बहुत साहस की आवश्यकता होती है और जब कोई बच्चा ऐसा करता है, तो वे अपने भीतर एक प्रकार की ऊर्जा और आत्मविश्वास का एहसास करता है। ऐसे में वे किसी का भी सामना कर सकते हैं और लोगों के लिए समझ की भावना विकसित कर सकता है, जो बहुत आवश्यक है। इसलिए, उन्हें दोस्त बनाने और अपना आत्मविश्वास बनाने के लिए छूट दें।

15. सलाह मांगे

आप उनकी उम्र के अनुसार परिस्थिति बना सकते हैं और उनसे समाधान या सलाह मांग सकते हैं। इससे उनमें एक तरह का आत्मविश्वास विकसित होता है, और उन्हें लगता है कि वे भी परिवार का अहम हिस्सा है, और अपने बड़ों की मदद कर सकते हैं। यह उनमें आत्म-विश्वास की भावना भर देता है।

निष्कर्ष

कुछ बच्चों के लिए आत्मविश्वासी होना बहुत आसान है, जबकि कुछ के लिए यह एक मुश्किल काम है। शोध में पाया गया है कि एक भरोसेमंद बच्चा कई तरह की चुनौतियों और जिम्मेदारियों से बेहतर ढंग से निपट सकता है। इसलिए, एक अभिभावक के रूप में, आपके लिए अपने बच्चे का विश्लेषण करना, उसकी खूबियों और कमजोरियों को जानना बहुत जरूरी है। हमने आपके बच्चे के आत्मविश्वास को बेहतर बनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीकों पर चर्चा की है और आप चाहे तो, और तरीके भी खोज सकते हैं; जैसे कि योग का अभ्यास करना, कुछ चुनौतीपूर्ण खेल खेलना, उन्हें चर्चा में अपनी राय रखने की अनुमति देना, कुछ टीम गेम खेलना, आदि, ये सरल तरीके होंगे। यह उन्हें अपना आत्मविश्वास विकसित करने और अपने जीवन में सफल होने में मदद करेगा।

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