आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है – अर्थ, उदाहरण, उत्पत्ति, विस्तार, महत्त्व

अर्थ (Meaning)

‘आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है’ इस कहावत का मतलब ये है कि एक छोटा सा कार्य बड़ा बदलाव ला सकता है। तूफान के वक़्त एक छोटी सी चिंगारी जंगल में आग लगा सकती है, जो विकराल रूप लेकर पूरे जंगल को जला सकती है। इतिहास में झांके तो हम पायेंगे कि कई-कई जंगल सिर्फ एक चिंगारी से जल कर नष्ट हो गये।

ये इस कहावत का शाब्दिक अर्थ है, लेकिन व्यापक दृष्टिकोण से, इसका मतलब यह भी है कि छोटे कार्यों द्वारा अकल्पनीय रूप से बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं, ये अच्छे भी हो सकते हैं और बुरे भी।

उदाहरण (Examples)

एक अच्छी तरह से सोचा हुआ उदाहरण आपको इस कहावत की गहरी समझ देगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए मैं इस कहावत ‘आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है’ पर आधारित कुछ उदाहरण आपके लिए लेकर आया हूँ। ये सभी उदाहरण ताजा और वास्तविक जीवन के संदर्भ में हैं।

“प्राधिकारियों ने बताया कि जंगल में भयानक आग की वजह विदेशी द्वारा जमीन पर जलती हुई सिगरेट फेंकने से फैली थी। सच ही कहा गया है आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है।”

“बचपन में, मोहित को उसकी हकलाने की आदत के कारण उसके दोस्त अक्सर ही उसका मजाक उड़ाया करते थे। आज वो एक अच्छा वक्ता बन चुका है जिसका श्रेय वो उन तानों को देता है जिसे उसने झेला है। किसी ने सच ही कहा है आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है।”

“इतिहास के पन्नों में झाँका जाए तो कई बड़े बड़े आन्दोलनों की शुरुवात एक छोटी घटना से ही शुरू हुई थी। ये एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण होगा कि आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है।”

“किसी भी धर्म के भगवान के प्रति एक छोटी सी अपमानजनक कृत्य बड़े स्तर पर संप्रादायिक दंगा भड़का सकता है। इतिहास गवाह है कि इस तरह की घटनाएँ यह साबित करती हैं कि आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है।”

उत्पत्ति (Origin)

इस कहावत का श्रेय 13वीं शताब्दी के इटैलियन कवि दांते अलीघीरी को जाता है। वह मध्य इटली के फ्लोरेंस में पैदा हुए एक राजनीतिक सिद्धांतकार थे। इटली में, उन्हें अक्सर सर्वोच्च कवि के रूप में जाना जाता है। दिव्य कॉमेडी उनके उल्लेखनीय कार्यों में से एक है।

कहावत का एकदम सही सही तो नहीं मगर इससे मिलता जुलता कुछ इनके लेखन कार्य में दिखता है। वह कहावत कुछ इस तरह से है – “विशालकाय आग एक छोटी सी चिंगारी का अनुसरण कर सकती है: मेरे पास सिरहा के भगवान से सहायता के लिए प्रार्थना करने के बाद बेहतर आवाजें हो सकती हैं – वह जवाब दे सकता है।”

तब से ही यह कहावत चलन में आ गयी और तमाम लेखकों द्वारा समय समय पर इस्तेमाल की जाने लगी।

कहावत का विस्तार (Expansion of idea)

आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है यह कहावत कहती है कि बड़ी और विनाशकारी आग को केवल एक चिंगारी से शुरू किया जा सकता है। जाहिर है, विशाल आग की तुलना में एक चिंगारी बहुत छोटी होती है; फिर भी, यह इसके लिए एक कारण बन सकती है। इतिहास उन घटनाओं से भरा पड़ा है जब पेड़ की शाखाओं की रगड़ से उत्पन्न एक चिंगारी भी जंगल में बड़ी और अप्रिय आग की वजह बन चुके हैं।

व्यापक दृष्टिकोण से देखा जाये तो इस कहावत का यह मतलब भी निकलता है कि अक्सर छोटी सी शुरुवात से ही बड़े बदलाव लाये जाते है। इतिहास के कई आन्दोलन और बगावत एक छोटी घटना से ही शुरू हुए हैं।

संक्षेप में, यहाँ पर चिंगारी को आप प्रेरणा से तुलना कर सकते हैं। प्रेरणाभरी एक छोटी बातचीत या कार्य किसी को उसके लक्ष्य को हासिल करने में प्रोत्साहित कर सकता है।

महत्त्व (Importance)

इस कहावत का महत्त्व ये है कि ये हमें सिखाता है कि छोटे से छोटे बदलाव के प्रति भी सतर्क रहना चाहिए, हो सकता है वो किसी बड़े बदलाव का एक संकेत हो। ये हमें इस बात की चेतवानी भी देता है कि हमें कभी छोटे बदलाव को नजरंदाज नहीं करना चाहिए और उनपर जरूरी कार्यवाही कर लेनी चाहिए इससे पहले कि वो अपना सर उठा ले।

यह कहावत हमें अपने लक्ष्य की तरफ बिना डरे और हिचकिचाये आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती है। बड़े बदलाव के लिए छोटा कदम ही एक शुरुवात होती है। ये कहावत यही सिखाती है कि बड़े बदलाव छोटी कोशिश से ही आते हैं।

‘आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है’ पर लघु कथाएं (Short Stories on ‘A Spark can Start a Great Fire’)

मैं यहाँ पर कुछ बेहतर तरह से लिखी गयी कहानियां आपके लिए लेकर आया हूँ जो इस कहावत ‘आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है’ पर आधारित है। उम्मीद है ये कहानियां आपको इस कहावत को समझने में और भी मदद करेंगी।

लघु कथा 1 (Short Story 1)

एक जाने माने कॉलेज के हॉस्टल का वार्डन काफी ज्यादा सख्त था। यहाँ तक कि वह इतना ज्यादा कड़क था कि कोई भी छात्र उससे किसी तरह की सुविधा को लेकर सवाल तक नही पूछता था। मेस में जो भी खाना परोसा जाता था, छात्र उसे बिना कोई सवाल जवाब के खा लेते थे और यहाँ तक कि ख़राब हो गए वाटर कूलर और गन्दगी तक को लेकर कोई सवाल नहीं करता था। वे वार्डन तक जाने में डरते थे क्योंकि वो अपनी बयानबाजी से उन्हें धमकाया करते थे।

एक रोज हॉस्टल में एक नया लड़का आया। वह बहुत ही जोशीला था कुछ इस तरह कि अपने हिस्से से ज्यादा वो कभी लेता नहीं था। उसे मेस का खाना पसंद नहीं आया और ना ही साफ़ सफाई और बाकी की सुविधाएँ भी उसे पसंद नहीं थी। इसके सम्बन्ध में उसने वार्डन को एक पत्र लिखा और जाकर उन्हें दे आया। हमेशा की तरह, कोई कार्यवाही नहीं हुई; उलटे वार्डन ने उस लड़के को अपने ऑफिस में बुलाया और उसे डांट सुनाई और उसकी चिट्ठी उसके ऊपर फेंक दी।

बहुत ही शांत तरह से लड़के ने चिट्ठी उठाई और वार्डन के ऑफिस से बाहर चला आया। इसके बाद उसने जो किया वो आने वाले महीनों में एक बड़ा गेम चेंजर साबित हुआ। उसने वह पत्र हॉस्टल के नोटिस बोर्ड पर चिपका दिया और अपने हॉस्टल के साथियों से कहा की अगर वे बदलाव चाहते हैं तो उसपर हस्ताक्षर करें। शुरुवात में, छात्र थोड़ा हिचकिचाए मगर कुछ ही वक़्त के बाद उस लेटर पर तीन अंकों की संख्या में हस्ताक्षर थे। वार्डन ने उस लेटर को वहां से हटाने की कोशिश की मगर ऐसा करने में वो छात्रों द्वारा घेर लिया गया।

हॉस्टल के सभी छात्रों ने लेटर के साथ साथ वार्डन को भी कॉलेज के डीन के पास ले गए जिसके बाद वार्डन को हटा दिया गया। वार्डन को इस बात की जरा भी उम्मीद नहीं थी कि एक छोटा सा लेटर इतना बड़ा बदलाव ला सकता है। उसे पता होना चाहिए था कि आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है।

लघु कथा 2 (Short Story 2)

एक बार, छात्रों का एक समूह कुछ शिक्षकों के साथ पिकनिक पर गया था। उन्होंने जंगलों के बीच टेंट लगाकर रात में रुकने का इन्तजाम कर लिया। कुछ टहनियों को जुटाकर उसमे आग लगाकर वे खाना बना रहे थे। उन्होंने यह विचार किया था कि आग को सारी रात जलने देंगे ताकि रात में गलती से कोई जंगली जानवर उनकी तरफ आना चाहे तो न आ पाए।

उनमे से एक लड़का काफी ज्यादा लापरवाह किस्म का था। उसके लिए कुछ भी मुश्किल नहीं था और सभी चीजें उसके लिए छोटी ही होती थीं। उन सभी ने खाना खाया, मस्ती की, आग के पास बैठकर कई घंटों तक बातें भी की और फिर टेंट में सोने चले गए। उस लापरवाह बच्चे को सभी ने जिम्मेदारी दी थी कि आग को सारी रात जलाये रखना है और सुबह होते ही सबसे पहला काम उसे बुझा देना है।

किसी तरह से उस लापरवाह बच्चे ने सारी रात आग को जलाये रखा मगर हमेशा की तरह सुबह के वक़्त उसने लापरवाही दिखा दी। जब सुबह वो वहां से गया तब तक कुछ आग जल ही रही थी। वह लड़का इस बात को जानता था मगर उसने इसे नजरअंदाज कर दिया यह सोचकर कि आग अब बहत थोड़ी सी थी और कुछ देर बाद खुद ही बुझ जाएगी। मगर वह गलत था, दोपहर के वक़्त जब वे स्कूल पहुंच चुके थे तब उन्होंने समाचार में देखा कि किसी लापरवाह ने आग जलाई थी, जिसकी वजह से जंगल को काफी नुकसान हुआ और अब वो उसी जगह का दौरा कर रहे हैं जहा से इसकी शुरुवात हुई थी।

उस बच्चे को उसके टीचर ने बुलाया और पूछा कि क्या उसने वह आग पूरी तरह से बुझा दिया था। मगर लड़के के पास इसका कोई जवाब नहीं था क्योंकि वो जनता था यह उसकी गलती थी। टीचर ने उस बच्चे से कहा, बेटे, तुम्हे पता होना चाहिए “आग लगाने के लिए एक चिंगारी ही काफी है”।

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