योग पर 10 वाक्य (10 Lines on Yoga in Hindi)

योग की उत्पत्ति भारत में सिन्धु-सरस्वती सभ्यता के दौरान मानी जाती है। योग की सबसे व्यवस्थित प्रस्तुति सर्वप्रथम मुनि पतंजलि द्वारा की गयी थी। प्राचीन समय में योग का तात्पर्य ध्यान से होता था जो लोगों को उनके ईश्वर का ज्ञान कराता था और उनकी आतंरिक शक्तियों को उजागर करता था। वक्त के साथ योग का स्वरुप बदलता गया और  धीरे धीरे सामान्य लोगों में भी इसका प्रसार होने लगा। योग आध्यात्म प्राप्ति के साथ मन और शरीर के सकल विकास का एक रास्ता है। वर्तमान में 11 प्रकार के योगाभ्यास किए जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य

योग पर 10 लाइन (Ten Lines on Yoga in Hindi)

आज इस लेख के माध्यम से हम योग के विकास और जीवन में इसके महत्त्व के बारे में जानेंगे।

Yoga par 10 Vakya – Set 1

1) योग व्यक्ति को पूरे दिन फिट, सक्रिय और सकारात्मक रखने का एक सफल तरीका है।

2) योग वह अभ्यास है जो मन, शरीर और आत्मा को एक साथ करने में मदद करता है।

3) योग तनाव से लड़ने, प्रतिरक्षा प्रणाली, स्वास्थ्य और समग्र व्यक्तित्व में सुधार करता है।

4) ऐसा माना जाता है कि योग की उत्पत्ति लगभग 5000 वर्ष पहले हुई थी।

5) कई वर्षों से चले आ रहे योग का स्वरुप भी वर्तमान में बदलकर ‘योगा’ हो गया है।

6) आधुनिक योग के जनक मुनि पतंजलि को माना जाता है।

7) भारत में आधुनिक योग का विकास लगभग 17वीं शताब्दी के आस-पास माना जाता है।

8) ‘अनुलोम-विलोम’, ‘कपालभाति’, भ्रामरी योग, प्राणायाम आदि कई प्रकार की मुद्राओं में योगाभ्यास किया जाता है।

9) रोजाना योग या योगा करने से कई प्रकार के मानसिक और शारीरिक लाभ होते हैं।

10) 21 जून 2015 से प्रत्येक वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाते हैं।

योग के महत्व पर निबंध || योग पर निबंध || अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 पर निबंध

Yoga par 10 Vakya – Set 2

1) योग की उत्पत्ति प्राचीन भारत में सिन्धु-सरस्वती सभ्यता के समय हुई थी।

2) आधुनिक योग का प्रसार और विकास स्वामी विवेकानंद, स्वामी शिवानंद और तिरुमलाई कृष्णमचार्य के अधीन हुआ है।

3) ‘सूर्य नमस्कार’ योग एक प्रकार से कसरत का रूप है जिससे शरीर के प्रत्येक हिस्से को लाभ होता है।

4) ‘कमल मुद्रा’ या ‘पद्मासन’ तनाव और अनिद्रा जैसे कई समस्याओं के लिए लाभकारी होता है।

5) शरीर के लिए सबसे लाभकारी “शीर्षासन” या “शीर्षक” योग सभी योग मुद्राओं का राजा होता है।

6) “कुण्डलिनी” योगमुद्रा में ध्यान करने से व्यक्ति को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है, इसमें जीवन बदलने की शक्ति होती है।

7) ज्ञानयोग, कर्मयोग, राजयोग, मंत्रयोग, हठयोग और भक्तियोग ये योग की 6 शाखाएं हैं।

8) भारत की योग संस्कृति के करोडों अनुयायी कई अन्य प्रसिद्ध देशों में भी हैं।

9) योग से होने वाले मानसिक व शारीरिक लाभ के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए 21 जून को योग दिवस मनाते हैं।

10) योग न केवल हमारे मानसिक व शारीरिक विकारों को दूर करता है बल्कि यह मन और विचारों को पवित्र व शुद्ध करता है और हमें उर्जावान बनाता है।

वर्तमान में लोग योग को व्यायाम का दूसरा रूप समझते हैं परन्तु वास्तविकता में योग हमारे जीवन को बेहतर बनाने में बहुत मददगार होता है। योग से मनुष्य के भौतिक शरीर को लाभ ही नहीं आध्यात्मिक उर्जा भी प्राप्त होती है। योग कई प्रकार के रोग व दोषों से मुक्ति दिलाता है। योग के विदेशों में प्रसार को इसी से समझा जा सकता है कि एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में लगभग 16 मिलियन लोग योगाभ्यास करते हैं। यह अन्य कई देशों में भी इसी तरह फैला हुआ है।

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