योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस को विश्व योग दिवस भी कहते है। 11 दिसंबर 2014 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में 21 जून को संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने घोषित किया है। भारत में योग लगभग 5,000 हजार वर्ष पुरानी एक मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक प्रथा के रुप में देखा गया है। योग की उत्पत्ति प्राचीन समय में भारत में हुयी थी जब लोग अपने शरीर और दिमाग में बदलाव के लिये ध्यान किया करते थे। पूरे विश्वभर में योग अभ्यास की एक खास तारीख की और योग दिवस के रुप में मनाने की शुरुआत भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा संयुक्त राष्ट्र आम सभा से हुयी थी।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य
सभी के लिये योग बहुत ही जरुरी है और अगर इसे सुबह-सुबह रोजाना करें तो ये सभी के लिये फायदेमंद साबित होगा। इसका आधिकारिक नाम यूएन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है और इसे योगा दिवस भी कहा जाता है। योग, ध्यान, बहस, सभा, चर्चा, विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति आदि के माध्यम से सभी देशों के लोगों के द्वारा मनाये जाने वाला ये एक विश्व स्तर का कार्यक्रम है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 (International Day of Yoga)
विश्व योग दिवस या योग का अंतरराष्ट्रीय दिवस पूरे विश्व भर के लोगों द्वारा 21 जून 2022, मंगलवार को मनाया जायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 पर निबंध
विश्व योग दिवस 2022 पर विशेष क्या है?
1) 21 जून 2022 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का 8वां संस्करण होगा।
2) “मानवता के लिए योग” अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 का विषय होगा।
3) मुख्य कार्यक्रम मैसूर, कर्नाटक में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित किए जाने वाले हैं।
4) मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के सहयोग से, आयुष मंत्रालय कई कार्यक्रमों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 को बढ़ावा देगा।
5) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए 100 दिनों, 100 शहरों और 100 संगठनों के साथ एक अभियान 13 मार्च 2022 से 21 जून 2022 तक दुनिया भर में मनाया जाएगा।
6) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022, 13 मार्च 2022 को 100 वें दिन की उलटी गिनती के भाग के रूप में मनाया गया।
7) नई दिल्ली में लाल किले पर 75वें दिन उलटी गिनती का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
8) असम के शिवसागर में, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए 50 दिनों की उलटी गिनती आयोजित की गई थी।
9) तेलंगाना के हैदराबाद ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए 25वें दिन की उलटी गिनती मनाई।
10) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 उत्सव को गार्जियन रिंग नामक एक अभिनव कार्यक्रम में पूर्व से पश्चिम तक 75 देशों में प्रस्तुत किया जाएगा।
11) रिले योग की लाइव स्ट्रीमिंग दूरदर्शन पर उपलब्ध होगी।
12) आयुष मंत्रालय द्वारा योग के लगातार बढ़ते वैश्विक प्रभाव को प्रदर्शित करते हुए मैसूर, कर्नाटक में “डिजिटल योग प्रदर्शनी” आयोजित की जाएगी।
13) कॉमन योगा प्रोटोकॉल, आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में देश भर में 75 विरासत / प्रतिष्ठित स्थलों पर अपने भारत ब्रांडिंग कार्य का प्रदर्शन करेगा।
14) इस वर्ष के थीम द्वारा मंत्रालय ने ट्रांसजेंडर लोगों, महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष कार्यक्रम विकसित किए हैं।
15) सामान्य सेवा केंद्रों द्वारा आयोजन के प्रचार के कारण, केंद्र को इस वर्ष लाखों लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस थीम
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 का थीम –”मानवता के लिए योग” (“Yoga for Humanity”)
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 का थीम – “घर पर योग और परिवार के साथ योग” (Yoga at Home and Yoga with Family)
- विश्व योग दिवस 2020 का थीम था: “स्वास्थ्य के लिए योग – घर पर योग (Yoga for Health – Yoga at Home)”।
- विश्व योग दिवस 2019 का थीम था: “क्लाइमेट एक्शन”।
- विश्व योग दिवस 2018 का थीम था: “शांति के लिए योग”।
- विश्व योग दिवस 2017 का थीम था: “स्वास्थ्य के लिए योग”।
- विश्व योग दिवस 2016 का थीम था: “युवाओं को जोड़ें”।
- विश्व योग दिवस 2015 का थीम था: “सामंजस्य और शांति के लिये योग”।
योग पर 10 वाक्य || योग पर निबंध
विश्व योग दिवस का इतिहास
2014 में 11 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा हर वर्ष 21 जून को योग का अंतरराष्ट्रीय दिवस या विश्व योग दिवस के रुप में पूरे विश्वभर में योग दिवस को मनाने के लिये घोषित किया गया था। यू.एन. आम सभा के अपने संबोधन के दौरान 2014 में 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र आम सभा में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आह्वान के बाद योग दिवस मनाने की घोषणा की गयी थी। पूरे विश्वभर के लोगों के लिये योग के सभी फायदों को प्राप्त करने के लिये अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में हर वर्ष 21 जून को अंगीकृत करने के लिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा से उन्होंने आह्वान किया था।
अपने भाषण के दौरान नरेन्द्र मोदी ने यू.एन. की आम सभा से कहा कि “योग भारतीय परंपरा का एक अनमोल उपहार है।” ये मस्तिष्क और शरीर की एकता को संगठित करता है; विचार और कार्य; अंकुश और सिद्धि; मानव और प्रकृति के बीच सौहार्द; स्वास्थ्य और अच्छे के लिये एक पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। ये केवल व्यायाम के बारे में ही नहीं बल्कि विश्व और प्रकृति के साथ स्वयं एकात्मकता की समझ को खोजने के लिये भी है। अपनी जीवनशैली को बदलने और चेतना को उत्पन्न करने के द्वारा ये जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में मदद कर सकता है। चलिये एक अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अंगीकृत करने की ओर कार्य करें।
इतिहास में भारत के लिये अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की घोषणा एक महान क्षण है। संयुक्त राष्ट्र आम सभा के द्वारा विश्व योग दिवस के रुप में घोषणा करने के लिये इसने 3 महीनों से भी कम समय लिया। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 में इसके लिये आह्वान किया था जो अंतत: 11 दिसंबर 2014 में घोषित हो गया। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी देश के द्वारा दिये गये प्रस्ताव को यू.एन. के द्वारा मात्र 90 दिनों में ही लागू कर दिया गया हो। लोगों के स्वास्थ्य और भले के लिये पूरे विश्व भर के लोगों के लिये एक पूर्णतावादी दृष्टिकोण उपलब्ध कराने के लिये आम सभा के द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य और विदेश नीति के तहत इस स्वीकृत प्रस्ताव को अंगीकृत किया गया है।
पूरे विश्वभर की मानव जनसंख्या के जीवनशैली के ज्ञान और सकारात्मक बदलाव के एक महान स्तर को उत्पन्न करने के लिये संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित करने के दौरान योग के लिये खासतौर से एक दिन अंगीकृत करने के लिये भारतीय पी.एम. श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने विचार रखे। नकरात्मक जलवायु परिवर्तन के कारण गिरते स्वास्थ्य की समस्या से निपटने के लिये अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को अंगीकृत करने के लिये विश्व के नेताओं से मोदी ने आह्वान किया। खासतौर से, योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस के लिये उन्होंने 21 जून की तारीख को व्यक्त किया क्योंकि दुनिया के बहुत सारे भागों में लोगों के लिये बड़े महत्व के साथ ही उत्तरी गोलार्द्ध में ये सबसे लंबा दिन है।
विश्व योग दिवस उत्सव
विभिन्न वैश्विक नेताओं के द्वारा योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस के उत्सव को समर्थन प्राप्त है। इसे यू.एस.ए. चीन, कैनेडा आदि सहित 170 देशों से ज्यादा के लोगों के द्वारा मनाया जाता है। पूरे विश्व भर के आम लोगों के बीच योग के फायदों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये योगा प्रशिक्षण कैंपस, योगा प्रतियोगिता जैसे क्रिया-कलाप और बहुत सारी गतिविधियों के आयोजन के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मनाया जाता है। लोगों को ये बताने के लिये इसे मनाया जाता है कि नियमित योग अभ्यास बेहतर मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक स्वास्थ्य की ओर ले जाता है। ये सकारात्मक रुप से लोगों की जीवनशैली को बदलता है और सेहत के स्तर को बढ़ाता है।
योग के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय प्राथमिकता के अनुसार उचित तरीके से योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस को मनाने के लिये सभी सदस्य, पर्यवेक्षक राज्य, संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था संस्थान, दूसरे शैक्षणिक संस्थान, क्षेत्रीय संगठन, नागरिक समाज, सरकारी संगठन, गैर-सरकारी संगठन तथा व्यक्तिगत रुप से लोग इकट्ठा होते हैं।
विश्व योग दिवस का उद्देश्य
निम्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये योग के अंतरराष्ट्रीय दिवस को अंगीकृत किया गया है:
- योग के अद्भुत और प्राकृतिक फायदों के बारे में लोगों को बताना।
- योग अभ्यास के द्वारा लोगों को प्रकृति से जोड़ना।
- योग के द्वारा ध्यान की आदत को लोगों में बनाना।
- योग के समग्र फायदों की ओर पूरे विश्वभर में लोगों का ध्यान खींचना।
- पूरे विश्व भर में स्वास्थ्य चुनौतीपूर्ण बीमारियों की दर को घटाना।
- व्यस्त दिनचर्या से स्वास्थ्य के लिये एक दिन निकाल कर समुदायों को और करीब लाना।
- वृद्धि, विकास और शांति को पूरे विश्वभर में फैलाना।
- योग के द्वारा तनाव से राहत दिलाने के द्वारा खुद से उनकी बुरी परिस्थिति में लोगों की मदद करना।
- योग के द्वारा लोगों के बीच वैश्विक समन्वय को मजबूत करना।
- लोगों को शारीरिक और मानसिक बीमारियों के प्रति जागरुक बनाना और योग के माध्यम से इसका समाधन उपलब्ध कराना।
- अस्वास्थ्यकर कार्यों से बचाना और बेहतर स्वास्थ को बनाने के लिये अच्छे कार्य को सम्मान और प्रचारित करना।
- शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के उच्च स्तर का पूरी तरह से आनन्द लेने के लिये लोगों को उनके अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ्य जीवन-शैली के अधिकार के बारे में बताना।
- स्वास्थ्य की सुरक्षा और दीर्घकालिक स्वास्थ्य विकास के बीच संबंध जोड़ना।
- नियमित योग अभ्यास के द्वारा सभी स्वास्थ्य चुनौतीयों से पार पाना।
- योग अभ्यास के द्वारा लोगों के बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रचारित करना।
FAQs: Frequently Asked Questions on International Day of Yoga in Hindi
उत्तर: योग की उत्पत्ति 5000 साल पहले उत्तरी भारत में हुई थी।
उत्तर: योग के प्राचीन रूप को वैदिक योग कहा जाता है।
उत्तर: शवासन आमतौर पर विश्राम के लिए सत्र के अंत में किया जाता है।