एकता में अटूट शक्ति है – अर्थ, उदाहरण, उत्पत्ति, विस्तार, महत्त्व और लघु कथाएं

अर्थ (Meaning)

‘एकता में अटूट शक्ति है’ यह कहावत इस ओर इशारा करती है कि एक साथ रहने में ही शक्ति होती है। इसका मतलब है की समाज या लोगों का एक समूह एक साथ कई तरह की विपत्तियों और समस्याओं का सामना कर सकता है; जबकि दूसरी तरफ, अकेला इंसान मुसीबत में कुचला जा सकता हैं। इस कहावत का मुख्य उद्देश्य है समाज और लोगों के समूह के बीच एकता को बढ़ावा देना।

यह बताता है कि लोगों का एक समूह अगर एक टीम की तरह साथ होकर किसी समस्या से लड़ता हैं तो उससे आसानी से पार पाया जा सकता हैं, जबकि अकेले लड़ेंगे तो कोई संभावना नहीं दिखती है।

उदाहरण (Examples)

किसी भी कहावत का सही मतलब समझने के लिए उदाहरण सबसे बेहतर तरीका होता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मैं इस कहावत ‘एकता में अटूट शक्ति है’ पर आधारित कुछ ताजा उदाहरण आपके लिए लेकर आया हूँ जो इस कहावत को बेहतर तरह से समझने में आपकी मदद करेगा।

“अंग्रेज भारत पर इसलिए राज कर कर रहे थे क्योंकि फूट डालो, राज करो वाली नीति अपनाते थे तब तक जब तक कि महात्मा गांधी जैसे राष्ट्रीय नेताओं के प्रभावी नेतृत्व ने पूरे देश में लोगों को एकजुट कर लिया और अपनी स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से लड़ाई शुरू कर दी। यह ‘एकता में अटूट शक्ति है’ का एक आदर्श उदाहरण है।”

“अधिकारी ने अपने सैनिकों से कहा – याद रखें कि दुश्मन के आने पर हमें साथ रहना होगा। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं, तो वे हम पर आसानी से हावी हो सकते हैं। एकता में अटूट शक्ति है।”

“रोहन ने मोहन से पूछा – क्या तुम जानते हो कि सबसे मजबूत रस्सी को सैकड़ों कमजोर धागों को एक साथ बाँधने से बनाई जाती है, जिन्हें बच्चो द्वारा भी आसानी से तोड़ा जा सकता है। जब भी मुझे एक रस्सी दिखाई देती है, मुझे यह वाक्यांश याद आता है, ‘एकता में अटूट शक्ति है’, रोहन ने आगे जोड़ा।”

“अफ्रीकी केप भैंसें समूह बनाने और एक ताकतवर के खिलाफ अपने एक साथी पर शेर के हमले का विरोध करने के लिए जाने जाते हैं। ऐसा लगता है कि यहां तक ​​कि जानवरों को भी यह कहावत पता है – एकता में अटूट शक्ति है।”

“जंगली कुत्तों के एक समूह को उनकी एकता के कारण एक बाघ पर भी हावी होने के लिए जाना जाता है। यह सच है कि एकता में अटूट शक्ति है।”

उत्पत्ति (Origin)

‘एकता में अटूट शक्ति है’ इस कहावत का श्रेय 6वीं शताब्दी के ग्रीक कथा वाचक ईसप को जाता है। यह वाक्यांश ईसप द्वारा दिए गए कई दंतकथाओं में से एक में दिखाई देता है, जिसका नाम है, चार बैल और शेर। फैबल एक साहित्यिक कृति है, आमतौर पर जानवरों, किंवदंतियों और सभी की विशेषता वाली एक काल्पनिक कहानी है। कहानी में, यह वाक्यांश बिल्कुल साफ़ दिखाई देता है।

इसी तरह के अर्थ वाला एक अन्य वाक्यांश बाइबिल के नए नियम में भी दिखाई देता है। वाक्यांश के अनुसार “और यदि एक घर को अपने खिलाफ विभाजित किया जाए, तो वह घर खड़ा नहीं हो सकता है।”

वाक्यांश का एक और बेहद लोकप्रिय संदर्भ अंग्रेजी स्टेट्समैन, रॉबर्ट ग्रोसेटेस्ते ने 1911 में, एनसाइक्लोपीडिया ब्रिटानिका में बनाया था। उन्होंने कहा था, “यह लिखा है कि एकता में अटूट शक्ति है।”

कहावत का विस्तार (Expansion of idea)

यह कहावत ‘एकता में अटूट शक्ति है’  लोगों को एकता के प्रति प्रोत्साहित करता है। इस वाक्यांश ‘हम एक साथ खड़े हैं’ का मतलब है जितने ज्यादा समय तक लोगों का समूह एक साथ रहेगा और एक दुसरे की रक्षा करेगा, वे सभी किसी भी बड़े खतरे से खुद को बचा पाने में सक्षम होंगे।

वही दूसरी तरफ, ‘अलग अलग हो जाने पर गिरने’ का मतलब है लोग जब अलग अलग हो जाते हैं, वे अपनी ताकत खो देते हैं और सामने से आ रहे खतरे के प्रति कमजोर पड़ जाते हैं। इसलिए वह समूह जो एक साथ रहता है, सुरक्षित रहता है जबकि जो अलग अलग रहते हैं उन्हें दुश्मनों द्वारा नुकसान सहना पड़ता हैं।

महत्त्व (Importance)

यह कहावत हमें व्यापक परिप्रेक्ष्य में एकता और उसके महत्व का मूल्य सिखाती है। यह एक राष्ट्र के नागरिकों के बीच एकता और सद्भाव को बढ़ावा देती है, सबसे महत्वपूर्ण बात अगर राष्ट्र सांस्कृतिक रूप से भारत जैसा ही विविध है तो।

यह लोगों को सिखाती है कि जब तक वे एकजुट रहते हैं, तब तक उनके हितों की रक्षा की जाती है। लोकतांत्रिक गणतंत्र की सफलता में एकता एक बड़ा कारक है, क्योंकि, अगर लोग एकजुट नहीं हैं, तो न तो लोकतंत्र होगा और न ही एक समान शासन होगा।

यह कहावत रोजमर्रा की जिंदगी में भी काफी ज्यादा उपयोगी है। यह हमें अपने दोस्तों और परिवार के साथ प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने के साथ-साथ कठिन समय में दूसरों की मदद करना भी सिखाती है।

‘एकता में अटूट शक्ति है’ पर लघु कथाएं (Short Stories on ‘United We Stand Divided We Fall’)

किसी कहावत के नैतिक गुण को समझने के लिए कहानी एक बेहतर माध्यम होती है। आज मैं आपके लिए कुछ कहानियां लेकर आया हूँ ताकि आप ‘एकता में अटूट शक्ति है’ कहावत का बेहतर मतलब समझ सकें।

लघु कथा 1 (Short Story 1)

एक बार जंगल में एक बड़े बालों वाले भैंस और शेर रहते थे। शेर अक्सर ही उन भैंसों पर हमले की कोशिश करता था मगर भैंसे भी एकसाथ आकर उसका विरोध कर देते थे। जब भी शेर किसी एक भैंस के पीछे आता, बदले में उससे तीन गुना भैंसे उसके खिलाफ ही हमला कर देते थे।

शेर ने फिर एक योजना बनायीं और अपने चांलाक सियार साथियों की मदद ली। सियारों ने बहुत ही चांलाकी से भैंसों के बीच दुश्मनी लगा दी। वे सभी एक दूसरे से लड़ने लगे और अलग थलग हो गए। अब भैंसे अकेले ही चरते थे, और उनके साथ कोई भी दोस्त नही रहता जो उनपर हमले के वक़्त उन्हें बचा सके। ये उनके जीवन की सबसे बड़ी भूल थी, जिसे वो जल्द ही समझ गए थे।

इस फूट का फायदा उठाते हुए, शेर चार भैंसों पर एक के बाद एक हमला किया और उन्हें खा गया। इस वाक्यांश की यह लाइन एकदम सटीक है कि ‘एकता में अटूट शक्ति होती है’।

लघु कथा 2 (Short Story 2)

एक बार एक गाँव में बेहद ही अमीर बुजुर्ग व्यवसायी रहता था। उसके चार बेटे थे मगर वे सभी कभी किसी वजह से तो कभी किसी मुद्दे पर अक्सर ही आपस में लड़ते रहते थे। कभी जमीन का मामला रहता तो कभी पैसो की बात, लेकिन वे लोग तक़रीबन हर दिन और हमेशा ही लड़ते रहते थे।

एक दिन वो बुजुर्ग व्यवसायी काफी बीमार पड़ गया। उसे लगने लगा कि अब वो ज्यादा दिनों तक जीवित नहीं रह पायेगा। उसे अपने बच्चों की और भी ज्यादा चिंता सताने लगी थी। उसने सोचा कि अगर वो इसी तरह से आपस में ही लड़ते रहेंगे तो उसके जाने के बाद उन्हें कोई भी नुक्सान पहुंचा सकता है। वो अपने बच्चों को मरने से पहले एक सबक सिखाना चाहता था।

एक सुबह वो अपने बच्चों को बुलाता है और उनसे चार लकड़ियों लाने को कहता है जो सब एक बराबर हों। तब वो उसे दो टुकड़ों में तोड़ने को कहता है। वे सभी आसानी से लकड़ियों को तोड़ देते हैं। वह बुढा आदमी एक बार फिर से नयी लकड़ियाँ लेकर आने को कहता है। पिता क्या करना चाह रहे हैं इसका बच्चों को कोई भी अंदाजा नही लग पा रहा था, खैर उन्होंने वही किया जो उनके पिता ने कहा।

वे सभी एक एक लकड़ियाँ लेकर आये। तब पिता ने कहा कि उन सभी को एक साथ बाँध दो और अब उसे तोड़ो। एक के बाद एक सभी ने कोशिश की मगर उस लकड़ी के गुच्छे को कोई भी नहीं तोड़ पाया।

तब उनके पिता ने कहा, “बच्चों, तुम सभी लकड़ियों की तरह ही हो- अगर तुम सभी अलग अलग और अकेले रहोगे तो कोई भी तुम्हे डरा-धमका सकता है जबकि दूसरी तरफ अगर तुम सभी एक गुच्छे की तरह साथ साथ रहोगे तो कोई भी दुश्मन तुम्हारा कुछ नुकसान नहीं कर पायेगा।” इसके साथ ही उसने कहा, तुम सभी चारों यह बात याद रखना – एकता में अटूट शक्ति होती है।” सभी भाइयों को उनके पिता द्वारा दी गयी सीख समझ आ गयी थी और अब उन्होंने आपस नें झगड़ना भी बंद कर दिया था।

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