अपने बच्चे की स्मरण शक्ति को कैसे बढ़ाएं

अपने बच्चे की स्मरण शक्ति को कैसे बढ़ाएं

एक अभिभावक के तौर पर आपको हमेशा यह चिंता सताती है कि आपके बच्चों की सीखने की क्षमता में विकास कैसे हो। आपकी उनसे बड़ी उम्मीदें होती हैं और आप चाहते हैं कि वे अपने जीवन में सफलता की महान ऊंचाईयों को छूएं, लेकिन यदि आपके बच्चे की स्मरण शक्ति अच्छी ना हो तो आप परेशान हो जाते हैं। ऐसे में घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस प्रकार आप अपने बच्चों की स्मरण शक्ति को बढ़ा सकते हैं।

जैसा कि आप जानते हैं कि आपके बच्चों की स्मृति और उसके दिमाग की क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि उनके मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को प्रोत्साहित किया जाए। कई ऐसे सरल तरीके हैं जिनकी सहायता से बच्चों के मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर किया जा सकता है:

बच्चों की स्मरण शक्ति को बढ़ाने के उपाय

उचित खुराक: उचित आहार आपके बच्चों को उपयुक्त मानसिक फिटनेस का स्तर बनाए रखने में मदद करता है, जबकि अनुचित आहार ठीक इसके विपरीत कार्य करता है। आपको यह पता होना चाहिए कि मानव मस्तिष्क को काफी ऊर्जा की जरूरत होती है। शरीर के वजन का मात्र 2% होने के बावजूद, मस्तिष्क प्रतिदिन शरीर की कुल ऊर्जा खपत के 20 प्रतिशत का उपभोग करता है। इस वजह से स्वस्थ आहार, बच्चों में स्मरण शक्ति बढ़ाने का एक एक महत्वपूर्ण तरीका है।

अपने बच्चे की स्मरण शक्ति को कैसे बढ़ाएं

फल एवं सब्जियां: आपको अपने बच्चों को प्रचुर मात्रा में फल एवं सब्जियां प्रदान करना चाहिए। आप उन्हें नाश्ते में अच्छी तरह फल एवं सब्जियां खिलाएं और इसका फायदा उन्हें पूरे दिन मिलेगा। उनके मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन की एक अच्छी आपूर्ति की जरूरत होती है, जो ताजा फल एवं सब्जियों द्वारा बहुतायत से प्राप्त हो जाता है।

लौह युक्त खाद्य पदार्थ: आहार में लोहे की कमी से रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता कम हो सकती है जिससे मस्तिष्क तक पहुंचने वाली ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। लोहे की कमी की वजह से कई अन्य समस्याएं जैसे एकाग्रता खराब हो जाना, ऊर्जा में कमी एवं थकान इत्यादि समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। मस्तिष्क शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और इसलिए इसको खुराक मिलना जरूरी है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए आपको अपने बच्चों को प्रचूरता से लौह युक्त खाद्य पदार्थ खिलाना चाहिए।

पानी पीना: मानव मस्तिष्क में लगभग 75 प्रतिशत पानी होता है, इसलिए इसकी कार्यक्षमता इसे अच्छी मात्रा में पानी मिलने पर निर्भर करता है। पानी मस्तिष्क को सभी कार्यों जिसमें स्मरण शक्ति एवं विचार प्रक्रिया भी शामिल है, के लिए मस्तिष्क को विद्युत ऊर्जा प्रदान करता है। पानी की कमी की वजह से कई समस्याएं पैदा हो सकती है जैसे कि ध्यान केंद्रित करने में समस्या, याददाश्त में कमी, मस्तिष्क में थकान और साथ ही सरदर्द, नींद से संबंधित समस्याएं, गुस्सा एवं अवसाद इत्यादि। साथ ही, यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र की गतिविधियों को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए आप अपने बच्चों को खूब पानी पिलाएं। साथ ही, यह भी ध्यान रखें कि पानी की कमी की वजह से मस्तिष्क की कार्याक्षमता पर बुरा असर ना पड़े। बच्चों को ऐसा भोजन दें जिसमें संतृप्त वसा की मात्रा कम हो एवं सब्जियां व रेशे की मात्रा ज्यादा हो। इससे उनके मस्तिष्क में रक्त वाहिकाओं से संबंधित बीमारियां, जिनकी वजह से स्मरण शक्ति खराब होती है, होने की संभावना कम हो जाती है।

नियमित व्यायाम: एक स्वस्थ मस्तिष्क के लिए व्यायाम अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि व्यायाम के द्वारा मस्तिष्क के चयापचय प्रक्रिया में सुधार होता है। जब आपका बच्चा पौष्टिक आहार लेने के साथ ही नित्य व्यायाम भी करता है तो उसे निश्चित तौर पर लाभ होगा। इसलिए अपने बच्चे को रोज कम से कम 15 मिनट व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें।

 

मानसिक नोट बनाना: जब भी आपका बच्चा कोई कार्य करता है, उसे कहिए कि वह अपने मस्तिष्क में उस गतिविधि को ध्यान से अंकित करे। उदाहरणस्वरूप अगर आपका बच्चा कुछ लिख रहा हो तो आप उसे कहिए कि वह धीरे-धीरे या जोर से कहे, “मैं इस विषय पर लिख रहा हूं।” यह तरकीब किसी भी महत्वपूर्ण या रोजमर्रा के कार्यों के लिए भी काम कर सकती है और इससे उन्हें यह याद रखने में मदद मिलती है कि उन्होंने अपना कार्य पूरा किया या नहीं।

दूसरों को ध्यान से सुनना: अपने बच्चों को दूसरों की बातें धैर्यपूर्वक सुनने के लिए कहें। उनको सलाह दें कि किसी भी बातचीत को दौरान वे पूरी तरह से चौकस रहें।

पर्याप्त नींद: आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपका बच्चा पर्याप्त नींद ले। उसे रोज एक नीयत समय पर सो जाना चाहिए और निश्चित समय पर जल्दी उठने की आदत होनी चाहिए। आप यह भी सुनिश्चित करें कि वह तय समय पर सोने एवं जगने की प्रक्रिया का रोज पालन करें।

पढ़ना एवं सारांश लिखना: कुछ भी पढ़ने के बाद उसे संक्षेप में प्रस्तुत करने की आदत का विकास आपके बच्चों की स्मरण शक्ति को बेहतर बनाता है। मान लीजिए उन्होंने किसी पुस्तक का एक अध्याय पढ़ा तो आप उन्हें कहिए कि वे उस अध्याय के मुख्य बिंदुओं को याद रखें और उन्हें अंकित कर लें। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे उनके जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी कारगर साबित होंगी।

देर रात खाने से बचना: आप उन्हें सलाह दें कि वे रात का भोजन सोने के कम-से-कम तीन घंटे पहले कर लें। इससे उनके शरीर को भोजन पचाने में भी मदद मिलेगी और उन्हें समुचित आराम भी मिलेगा।

मल्टीटास्किंग से बचें: एक बार में एक ही कार्य करने की आदत के विकास के फलस्वरूप बच्चों की याद रखने की क्षमता में सुधार आता है और साथ ही उन्हें जानकारी को अवशोषित करने का अवसर भी मिल जाता है।

साथ में नोटबुक रखना: बच्चों को कहें कि वे अपने साथ हमेशा एक नोटबुक रखें और जैसे ही कोई विचार उनके मन में आता है उसका नोट बना लें। इस प्रक्रिया द्वारा उन्हें उनकी याददाश्त बनाए रखने में मदद मिलेगी।

अपना ज्ञान दूसरों से बांटना: और आखिर में बच्चों से ये कहें कि वे अपना ज्ञान दूसरों के साथ साझा करें। इससे उनकी आपस में दोस्ती तो बढ़ेगी ही और साथ में उनके समझ के स्तर का विकास भी होगा।

रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेना: आपके बच्चों की स्मरण शक्ति को बेहतर करने के लिए उनमें सीखने की क्षमता का विकास होना भी जरूरी है। पहेलियां सुलझाना, याद रखने की क्षमता जांचने वाले खेल खेलना, रचनात्मक कला का निर्माण,  प्रसंग आधारित गतिविधियां इत्यादि से बच्चों में ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का विकास होता है और साथ ही वे अपने मस्तिष्क की शक्ति का इस्तेमाल करना भी सीखते हैं। जितना ज्यादा वे अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल करना सीखेंगे उतना ही उनकी स्मरण शक्ति बेहतर होगी।

अगर आपको यह लगता है कि आपके बच्चे को स्मरण शक्ति से संबंधित कोई समस्या है तो उपर बताए गए सुझावों को अपनाने में देर ना करें और इन सभी गतिविधियों को सीखना वाकई मजेदार है।

अगर इन सभी सुझावों का पालन नियमपूर्वक किया जाए तो इसमें कोई शक नहीं है कि आपके बच्चे की स्मरण शक्ति अच्छी हो जाएगी। आपके बच्चों के बेहतर पढ़ाई के लिए शुभकामनाएं!

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