दिन में सपने देखना: आपके मस्तिष्क के लिए अच्छा या बुरा! (Daydreams: Good or Bad for Your Brain!)

दिवास्वप्न: आपके मस्तिष्क के लिए अच्छा या बुरा!

क्या आप दिन में सपने देखना पसंद करते है (Are you a Daydreamer)

हां बिल्कुल आप एक डे-ड्रीमर है, उन दिनों को याद किजिए जब आप बच्चे थे तो आप कल्पनाओं की तरह इसका उपयोग करते थे, जहां आप किसी सुपर हिट फिल्म के अभिनेता के रुप में होते थे, तो आपके पास कई सुपर पावर होते थे और आप सबसे बड़े हो जाया करते थे। आप कैसे नहीं हो सकते है, आपकी उबाऊ कक्षाओं को सहन करने के लिए यही एक सहारा हुआ करता था। और एक वयस्क के रूप में आपके सामने आने वाले जॉब साक्षात्कार या एक प्रेजेन्टेशन में आप इनमे खो जाया करते थे, आप कल्पना करने लगते थे कि आपसे कैसे सवाल किये जाएंगे और आप उसका जवाब कैसे दे रहे होंगे इसका एक चित्रण कर लेते थे। यही दिवास्वप्न है।

दिवास्वप्न एक काल्पनिक दुनियां की तरह होती है, जिसका आसपास के तत्कालिक व्यक्ति से कोई सम्बन्ध नही होता है। दिवास्वप्न काफी काल्पनिक होता है, यह एलियन सेना और सुपर पावर से भरा, या भावनात्मक रुप में भी हो सकता है। यह एक उत्तेजना की तरह होता है, लेकिन सारा काम आपका दिमाग कर रहा होता है, इसमे किसी वर्चुअल रियलिटी चश्मे या किसी कम्पयूटर एप्लिकेशन की आवश्यकता नही होती है।

वूप्सयंग नाम के एक कलाकार ने वर्ष 2014 में एक अनोखे प्रतियोगिता की शुरुआत की जिसका नाम ‘स्पेस आउट कॉम्पिटिशन था, जिसमें उम्मीदवार को जीतने के लिए स्पेस में या किसी खाली स्थान पर लगातार बहुत देर तक ध्यान केंद्रित किये रहना पड़ता था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया की उन्होंने इस प्रतियोगिता को इसलिए आयोजित किया ताकि वे ये बता सकें, की किस प्रकार अत्यधिक सोचने से लोगों का समय केवल व्यर्थ होता है और सीखने को कुछ नहीं मिलता और यही जब वे कोई काम करते हैं तो कितनी नयी बातें सीखते हैं।

जानें, दिवास्वप्न आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है या बुरा (Is Daydreaming Good or Bad for your Mental Health)

दिवास्वप्न आपके मस्तिष्क को नियमित दिनचर्या से विराम दिलाने का एक सबसे सरल और सुलभ तरीका है। तो चलिए देखते है कि दिवास्वप्न आपके मस्तिष्क के लिए अच्छा है या खराब।

दिवास्वप्न के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Facts about Daydreaming)

  • दिवास्वप्न मस्तिष्क द्वारा नियंत्रित होता है (Daydreams are Controlled by Your Brain)

हम अक्सर मस्तिष्क और मन का उपयोग योग्य शब्दों के रूप में करते है जो कि सत्य नही है, मस्तिष्क हमारे शरीर का एक मुर्त अंग है जबकि मन एक अमुर्त अंग है जो हमारी चेतना, सोच, निर्णय, भाषा और स्मृति को स्थानांतरित करता है।

संज्ञानात्मक वैज्ञानिक ‘एंथनी जैक’ के अनुसार हमारे पास सोचने की प्रवृत्ति है और हमारा मन एक चालक के रूप में हमारे मस्तिष्क को चलाता है लेकिन वास्तव में यह दोनों रिश्ता निभाता है। नेशनल जियोग्राफिक में प्रकाशित एक लेख में जैक ने दिवास्वप्न के बारे में बताया है कि हमारा मस्तिष्क में इसकी संरचना के कारण कुछ उतार-चढ़ाव होते है और इन्ही उतार-चढ़ाव के कारण दिवास्वप्न की संरचना का निर्धारण होता है।

  • मल्टीटास्कींग दिमाग (Our Brain Prefers Multitasking)

हमारे दिमाग में डोपामाइन नामक एक न्यूरोट्रांसमीटर निकलता है, यह हर कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करता है। डोपामाइन सीधे तौर पर हमारी आदत से जूड़ा होता है जो हमे खुशी और संतुष्टि देता है।

हमारा मस्तिष्क मल्टीटास्किंग पसंद करता है डोपामाईन इसका प्रमुख कारण है, यह प्रत्येक निपुण कार्य के साथ एक इनाम की तरह कार्य करता है। नियमित रूप से कार्य करते हुए दिवास्वप्न हमारे मस्तिष्क को झुठी उपलब्धि की भावना का एहसास कराता है।

  • जितना महसूस करते है उससे कही अधिक दिवास्वप्न की आदत होती है (We do Daydreaming More Often Than We Realize)

हार्वड गजट के 2010 में एक प्रकाशित लेख में मनोवैज्ञानिक डेनियल गीबर्ट और मैथ्यू ए. किलिंगवर्थ ने बताया है कि लोग अपने एक दिन का 46.9 प्रतिशत दिन डेड्रीम में बिताते है।

  • दिवास्वप्न के कारण दुख (Daydreaming Causes Unhappiness)

हावर्ड मनोवैज्ञानिक द्वारा किए गये एक अध्ययन में आईफोन वेब ऐप के जरिए 250,000 डेटा पॉइंट एकत्र किया गया था। इस ऐप को 2,250 लोगो को नियमित अन्तराल पर बाधित करने के लिए कुछ प्रश्न तैयार किये गये थे, जैसे कि वे कितने खुश थे, वे क्या कर रहे थे और क्या वे हाथ से काम करने के बारे में सोंच रहे थे या कुछ और।

इस अध्ययन में दावा किया गया है कि जब उनका मन भटक रहा था तो उनका मस्तिष्क दुख की ओर जा रहा था। उन्हें पता चला की दिवास्वप्न की तुलना में जब लोग अपने काम पर होते है तो वे ज्यादा खुश होते है।

दिवास्वप्न के सकारात्मक पहलु (Positive Aspects of Daydreaming)

  • दिवास्वप्न बहुत सुकुन देता है (Daydreams Can Be Very Relaxing)

हमारी छुट्टियों के दिनों में घूमने गए मनपसंद जगह की यादों के बारें में सोचना हमारे लिए बहुत सुखद अनुभव देता है। दिन भर के कामों के थकान के बाद अतीत या भविष्य की सुखद स्थानों या घटनाओं के बारे में सोचकर आपके दिमाग को बहुत आराम मिलता है।

  • दिवास्वप्न रचनात्मकता को बढ़ाता है (Daydreaming Boosts Your Creativity)

दिवास्वप्न हमारे मस्तिष्क की संरचना होती है, यह हमारे दिमाग में सभी नये विभिन्न भागों का उपयोग करके नये तरीके से इसकी रचना करता है। जो विवरण (व्याख्या) किसी एक संदर्भ में कभी साथ नही दिखायी दिए थे वो सब इसमें दिखाई देते है। इसके अभ्यास से विभिन्न  तरीको को खोजा जा सकता है जो कि हम अन्य तरीके से नही कर पाते है।

इस वजह से दिवास्वप्न देखने वाले अक्सर बहुत रचनात्मक लोगों में से एक होते है। कई अध्ययन में सुझाव दिया गया है कि जो लोग अक्सर दिवास्वप्न के बारे में बताते रहते है उनमें बौद्धिक और रचनात्मक क्षमता दूसरों से अधिक होती है।

  • दिवास्वप्न तनाव मुक्त भी करता है (Daydreaming also Works as a Stress Reliever)

किसी भी तनाव की स्थिति में दिवास्वप्न एक तनाव निवारक के रूप में कार्य करता है। यदि आप कामकाजी जिन्दगी में कठिन दौर से गुजर रहे हो या अपने साथी के साथ किसी बात पर कहा-सुनी के कारण आप तनाव में हैं, तो दिवास्वप्न में आप सुखद पलों को याद करके मस्तिष्क को उन तनाव की परिस्थितियों से दूर कर आपको आराम महसूस कराता है।

यह छोटा सा सुखद अनुभव आपके मस्तिष्क में लम्बे समय से हो रहे तनाव की स्थिति कम करके आपकी विवेक की क्षमता को बनाए रखता है।

  • परिपेक्ष्य क्षमता को भी बढ़ाता है (Daydreaming can Help You Gain Perspective)

ऐसा कभी नही होता कि आप जेन मोड में हो और आपके पास आई समस्या को आपने तुरंत हल कर लिया हो। परिस्थितियां हमेशा बदलती रहती है, तनाव और थकावट आपकी दृष्टि को इतना बदल देती है कि आप कभी-कभी अपनी समस्या का सरल समाधान भी नही देख पाते हैं।

दिवास्वप्न आपके मस्तिष्क को थकावट से बचाता है और आपके दिमाग को पर्याप्त शांति देता है, और एक नया परिपेक्ष्य ढूढ़ता है। आप एक नये दृष्टिकोण के साथ उस समस्या का हल निकाल सकते है और उस समस्या को हमेशा के लिए सुलझा सकते है जिससे आप महीनों से जुझ रहे होते है।

  • रिश्तों को अच्छा बनाता है (Daydreaming is Good for Your Relationship)

वैश्वीकरण ने इस दुनिया को बहुत सीमित कर दिया है, तकनिक की मदद से हम अपने दोस्तो, परिवार और अपने पार्टनर से कितने भी दूर क्यों न हो, हम एक सेकेन्ड के भीतर उनसे जुड़ सकते है। लेकिन लंबी दूरी के रिश्ते सामान्य रुप से हमारे काम नही आते है क्योकि वो सदैव दूर ही होते है।

भौगोलिक दूरी की वजह से रिश्तों में भावनात्मक दुरी सामान्य होता है। यही दूरी अक्सर माता-पिता, पार्टनर और दोस्तों के बीच तनाव का कारण बनता है। विभिन्न अध्ययनों में इस बात को दर्शाया गया है कि दिवास्वप्न हमे अपने साथी, परिवार और दोस्तों को मानिसक रुप से साथ होने का अनुभव कराता है। यह आपको वही अनुभव कराता है जो एहसास आपने उनके साथ रहकर की थी। यह आपको कम अकेलापन महसूस कराती है और भावनात्मक रूप से आपको उनके करीब महसूस कराती है।

  • समस्याओं को हल करने में मदद करता है (Daydreams can be Used to Solve Problem)

डॉ मधुकर त्रिवेदी (टेक्सास के साउथवेस्टर्न मेडिकल के मनोचिकित्सक) ने कहा है कि दिवास्वप्न आपकी समस्या सुलझाने और व्यक्तिगत गतिविधि या मुद्दों को सुलझाने की रणनीति विकसीत करने में सहायक होता है।

अतीत में हुई घटनाएं हो या आप भविष्य की कल्पना कर रहे हो तो आपके मस्तिष्क में विभिन्न परिस्थितियां उजागर होती है। पिछले दिवास्वप्न को ध्यान में रखते हुए आपको एक नया और सुलभ तरीका मिल सकता है, जिससे आप अपनी समस्या को हल कर सकते है, और भविष्य में ऐसी समस्या को हल करने के लिए आपको दिमागी सहायता भी मिलती है। आप वर्तमान समय में हो रही विभिन्न घटनाओं से निपट कर भविष्य की बाधाओं से निपटने की बेहतर रणनीति की कल्पना कर सकते है।

दिवास्वप्न के नकारात्मक प्रभाव (Negative Effects of Daydreaming)

  • भुलक्कड़ बनाता है (Daydreaming Make You Forgetful)

दिवास्वप्न का एक सामान्य दुष्प्रभाव है, “भूलना”। दिवास्वप्न देखने वालो को अक्सर एक अनुपस्थित मन वाले व्यक्ति के रूप में को संबोधित किया जाता है। यह भी देखा गया है कि दिवास्वप्न वाले व्यक्ति अक्सर पिछली घटनाओं और विवरणों को भूल जाते है।

डॉ पीटर डेलनी और लीली सख्यान के शोध को साइंटिफिक अमेरिकन ने 2010 में प्रकाशित किया था कि दिवास्वप्न के कारण घटनाओ को भुलाया जा सकता है। उन्होने सुझाव दिया था कि दिवास्वप्न से आगे या पीछे के दिनो में पहुचा जा सकता है, किसी बात को भुलाने में यह अधिक प्रभावी और आसान तरीके से इसको उपयोग में लाया जा सकता है।

  • आपकी एकाग्रता को बिगाड़ सकता है (Daydreaming Causes You to Lose Focus)

दिवास्वप्न देखते समय आपका मस्तिष्क खयाली दुनिया में रहता है, और आप अपने काम पर ध्यान केन्द्रित नही कर पाते हैं। जब आप (सर्जन या मशीन आपरेटर) का काम कर रहे हो तो यह बहुत विनाशकारी साबित हो सकता है।

आमतौर पर आपका दैनिक जीवन और नौकरी उतनी रोमांचक या घटनापूर्ण नही होती है, इसलिए आप चाहते है कि आपका अधिक समय मौज-मस्ती और रोमांचक ख्यालो वाली दूनिया में बीते। संकट तब शुरू होता है जब दिवास्वप्न आपकी रोजमर्रा की जिन्दगी में शामिल हो जाता है, इसलिए आप उन चीजों पर ध्यान केन्द्रित नही कर पाते है जिसे आप वर्तमान समय में करना चाहते है।

  • नकारात्मक सोच को बढ़ाता है (Daydreams can Magnify Negative Thinking)

हर कोई नोबेल प्राइज पाने या अपनी प्रेम कहानी को पूर्ण करने के सपने नही देखता है। जो लोग नकारात्मक विचार रखते है वो अपने नकारात्मक विचारों के बारे में सोचकर ही परेशान रहते है। उदाहरण के लिए, कुछ व्यक्ति ऐसे लोगों के बारे में सोच रहे होते है जिनसे उनका झगड़ा हुआ हो, कोई जो अपने बॉस से अपमानित हुआ हो, या फिर एक ऐसे भविष्य के बारे में सोचता हो जहां वह कुछ हासिल करने में असफल हो गया हो।

कभी-कभी लोग, जहा अपमानित हुए होते है, उस बारे में सोचते है। बार-बार अपने ब्रेक-अप या किसी से बहस के बारे में सोचते हैं और वर्तमान स्थिति के साथ खिलवाड़ करते हैं। एक नकारात्मक सोच के विस्तार से ही नकारात्मकता को बढ़ावा मिलता है।

  • डिप्रेशन की ओर ले जाता है (Daydreaming Pushes You Further into Depression)

दिवास्वप्न के कारण हम मस्तिष्क द्वारा एक पूरी दुनिया बनाने में सक्षम होते है। यह उस व्यक्ति के लिए बहुत आकर्षक होता है जो अक्सर उदास होता है और लोगों से बचने की कोशिश करता है। यह मानवीय संबंधों की जगह ले लेता है और उदास व्यक्ति को डिप्रेशन की ओर ले जाता है।

यह नकारात्मक परिस्थितियों में किसी व्यक्ति को बाहर आने से रोकता है। यदि कोई दोस्त या परिवार उन्हें बाहर चलने या पार्टी के लिए आमंत्रित करता है तो उनकी नकारत्मक सोच उन्हें न जाने के कई कारण देती है। डिप्रेशन के साथ अक्सर उनका सपने देखना उनकी वास्तविक दुनिया की तुलना में अधिक सकारात्मक और खुशहाल दुनिया दिखाई देती है इस कारण वो वास्तविक दुनिया से ज्यादा डिप्रेशन की दुनिया को पसंद करने लगते है। और समय के साथ उनकी वास्तविक दुनिया नकारात्मक दुनिया में बदल जाती है, यह वास्तविक दुनिया की हर चीज को उनके लिए बदल देती है और डिप्रेशन वाले व्यक्ति को ठीक होने से रोकती है।

  • सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है (Daydreams Affect Your Learning Ability)

छात्रों का कक्षा में दिवास्वप्न बहुत आम बात है, एक कठिन विषय की कक्षा में वो बोरिंग महसूस करते है इस वजह से वो उस विषय पर ठीक से ध्यान नही देते है। और दिवास्वप्न के कारण उनके वो विषय और ज्यादा कठिन और बोरिगं होते जाते है। क्योंकि वो कक्षा में पूरी तरह ध्यान नहीं देते इस कारण प्रत्येक कक्षा के बाद उनके लिए उस व्याख्यान को समझना और भी मुश्किल हो जाता है।

यह उनके ग्रेड और भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है और कठिन विषयों को सिखने की क्षमता को और खराब करता है।

  • मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्या को बढ़ाता है (Too Much Daydreaming Leads to Mental Health Problems)

एक तरफ दिवास्वप्न कई मानसिक विकारो से जुड़ा होता है, और दूसरी ओर अत्यधिक दिवास्वप्न से पीड़ित लोग एक अलग तरह के मनोरोग समस्या के रूप में पहचाने जा रहे है।

मॉल अडाप्टिव डेड्रीमिंग (एम.डी.) एक ऐसा चरण है जिसमे व्यक्ति ज्वलंत, विस्तृत और घंटो दिवास्वप्न की कल्पना करता रहता है। यह व्यापक दिवास्वप्न उसके वास्तविक जीवन के रिश्तों और जिम्मेदारियों को भुलाने को मजबूर कर देता है।

इस प्रकार की घटनाएं कई मनोवैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, जब से विभिन्न आनलाइन सहायता समूह सामने आयी है तब से एम.डी. से पीड़ित मरीज अपने संघर्षो को साझा कर रहे है और एक दूसरे को सहायता दे रहे है।

स्वस्थ दिवास्वप्न पाने के लिए क्या-क्या सावधानियां बरतें (Precautions That Can Help You Have Healthy Daydreams)

  • समय और अवधि का निर्धारण करें (Set a Time and Duration for Daydreaming)

दिवास्वप्न के लिए एक समय और अवधि निर्धारित करने की कोशिश करें, इससे आपको नकारात्मक परिणाम से बचने और अच्छे परिणाम प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इस तरह से आप ऐसे समय का चुनाव कर सकते है जिसके कारण आपके काम प्रभावित नही होंगे और आपका समय भी अधिक खर्च नही होगा।

मनोवैज्ञानिक डेनियल गिलबर्ट और मैथ्यू ए कलिंगवर्थ ने अपनी खोज में बताया है कि लोगों ने इस बात के लिए खुद को दोषी महसूस किया है कि वो अपने काम के दौरान घंटो दिवास्वप्न देख रहे थे। जिसके कारण कई लोगों ने खुद को बहुत उदास अनुभव किया है। दिवास्वप्न के लिए एक निश्चित समय और अवधि निर्धारण करने से आपको इस अपराधिक बोध को दूर करने में सहायता मिलेगी।

  • लक्ष्य निर्धारित दिवास्वप्न (Goal-Oriented Daydreaming)

एक आशावादी और लक्ष्य निर्धारित दिवास्वप्न से आपको सहायता मिलती है। लक्ष्य निर्धारित दिवास्वप्न अक्सर एक एथिलिट और मार्केटिंग के लोगों द्वारा अपनाया जाता है, उद्देश्य हासिल करने के लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे कैसे पूरा किया जाय उसके सपने देखता है।

इस तरह के लक्ष्य निर्धारित सपनों में उसकी नकारात्मक सोच प्रभावित नही करती है और उसे पहले से ही लक्ष्य निर्धारित जीत की प्राप्ति महसूस होने लगती है और यही भावना उसे लक्ष्य पाने के लिए आगे की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करती है। इसी दृष्टिकोण के कारण आपको लक्ष्य प्राप्ति और नये प्रभावी तरीकों को खोजने में मदद मिलती है।

  • दिवास्वप्न का आयोजन (Organized Daydreaming)

इस तरह के स्वप्न में वर्तमान या भविष्य के संघर्षो को हल करने के कई तरीकों के सपने शामिल होते है। इस तरह दिवास्वप्न को आप एक उपकरण के रूप में शामिल कर सकते है जो कि लगातार हो रहे तनावों से आपको मुक्त करेगा और आपके भविष्य के सपने को साकार करने में आपकी मदद करेगा।

  • दृष्टिकोण निर्धारित दिवास्वप्न (Approach Oriented Daydreaming)

दृष्टिकोण निर्धारित स्वप्न अनुभव के साथ कुछ सकारात्मकता से भी जुड़ा होता है। इस तरह का दृष्टिकोण हमारे सामाजिक परिस्थितियों में काफी सहायक साबित हो सकती है।

हमने पहले भी चर्चा की है कि अपने प्रियजनों के बारे में दिवास्वप्न मुख्य रूप से लंबी दूरी वाले रिश्तों में भावनात्मक संबंध को जीवित रखने में मदद करता है। दृष्टिकोण निर्धारित सपनों के साथ आप अधिक प्यार, खुशी और आपसी संबंध को जोड़कर रख सकते है।

  • दिवास्वप्न से परहेज (Avoidance Oriented Daydreaming)

जिन लोगों में नकारात्मक सोच वाली प्रवृत्ति होती है उनके लिए परहेज निर्धारित दिवास्वप्न बहुत जरूरी है। नकारात्मक विचार रखने वालों के लिए उनके ट्रिगर्स को जानना आवश्यक होता है, यदि आप पहले से नही जानते तो आप अपने मूड के उतार चढ़ाव को एक सप्ताह तक नोटिस करे तब आप खुद जान जायेंगे। परहेज निर्धारित दिवास्वप्न आपके लक्ष्य को ट्रिगर्स से बचाता है। इस तरह आप अपनी नकारात्मक दिवास्वप्न में कभी डूब नही सकते है।

निष्कर्ष

जेरोम एल. सिंगर, एक साईकोलाजी के प्रोफेसर है, वह येल के मेडिसीन स्कूल में बहुत ही सुन्दर तरीके से बताते है कि, दिवास्वप्न बस एक नाम और एक स्थान को प्रसारित करने की क्षमता के रूप में है। यह वह क्षमता है जो हमें सांसारिक कार्य से हमारे बचपन की यादों के शानदार सफर तक ले जाती है। जब जीवन बहुत सारे आनंद से भरा हो तो बुरे दिनों को एक बुरी आदत के रूप में भुलना बहुत मुश्किल है। इसे एक अच्छी आदत कहना भी उतना ही मुश्किल है क्योकि जो इसके नकारात्मक परिणामों से भरा होता है वह सभी आपको पहचानने की जरुरत है। इसलिए यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि आप अपने दिवास्वप्नों को कैसे संयत और नियंत्रित करें, ताकि वे आपके लिए नकारात्मक परिणामों का कारण न बन सके।

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