कैसे! हमेशा सकारात्मक सोचें और खुश रहें (How to Think Positive and Always Be Happy)

How to Think Positive and Always Be Happy

अपने जीवन में सकारात्मकता कैसे बढ़ायें, ये जानने से पहले यह जानें कि आप नकारात्मक विचार वाले व्यक्ति है या नहीं? क्या आप भी उन लोगों में से एक है जो यह मानते है कि अद्रिश्य शक्ति ही महाशक्ति है, क्योंकि लोग जो देख नहीं सकते उसे जज नहीं कर सकते। यदि कोई किसी योजना को रद्द करता है तो आपकी भी पहली प्रतिक्रिया यह होती है कि वह आपके साथ समय नहीं बिताना चाहता है। यदि आप इस तरह की सोच रखते है तो आप एक नकारात्मक विचार वालें व्यक्ति है।

आप अक्सर खुद को एक यथार्थवादी के रूप से छुपाते है, लेकिन यह सत्य नही हैं, जब आपके नकारात्मक विचारों का तथ्यों द्वारा समर्थन होता है, तब आप एक यथार्थवादी होते है, और जब ऐसा नही होता, तो आप कहते है कि आप खुद को सबसे खराब परिणाम के लिए तैयार कर रहे हैं। लेकिन तथ्य यह है कि आप अपने लिए खुद में नकारात्मक हो रहे है।

सच्चाई यह है कि कोई और नही, बल्कि आप खुद मानने लगते है कि वे ऐसा सोचते है। आप खुद के लिए सबसे खराब आलोचक होते है, और यही आपके जीवन का उद्देश्य बन जाता हैं। आप सोचते है कि खुद के प्रति कठोर होना ही आत्म संरक्षण है पर ऐसा नहीं है, यदि आप खुद को चोट नही पहुचाते है, तो कोई और आपको चोट नही पहुचा सकता है। आप अपने और अपने लोगों के बारें में की गई अच्छी बातों की कल्पना करें।

यहाँ ऐसे कई कारणों के बारे में बात की गयी है जो ये सिद्ध करते हैं कि आपको सकारात्मक क्यो सोचना चाहिए, और यदि आप जानते है कि आप नकारात्मक व्यक्ति हैं, तो आपको खुद को बेहतर बनाने की जरुरत है।

15 आसान तरीके जो आपके जीवन में सकारात्मकता ला सकते हैं (15 Easy Ways You Can Introduce Positive Thinking in Your Life)

यहां 15 सबसे आसान तरीके दिए गये है जो आपको सकारात्मक व्यक्ति बनाने में मदद कर सकते है-

  • रोज सुबह एक नियमित दिनचर्यो निर्धारित करे (Have a Morning Routine)

आप अपने लिए सुबह की एक नियमित दिनचर्या बनाने की कोशिश करे जो आपके व्यक्तिगत जीवन के अनुसार हो। ऐसा करने से आपका हर दिन आसान हो जाएगा और यह आपके अन्दर की व्यवहारिकता और भावनात्मकता को बढ़ावा देकर, आपके हर दिन को अच्छा बनाने में आपकी मदद करेगी। कुछ ऐसे स्वस्थ दिनचर्या अपनाये जो आपके अन्दर की साकारात्मकता को बढ़ाने में आपकी मदद करें।

  • अपने आस-पास सकारात्मक ऊर्जा को महसूस करें (Surround yourself with Positive Affirmations)

दृढ़वचन (प्रतिज्ञा) भले ही अच्छी नही लगती है, पर वो अपना काम करती है, अपने आस-पास, घर में, व्यक्तिगत जगह पर आत्म-सकारात्मक्ता वाले पोस्टर ऐसी जगह लगायें जहां से हर रोज आप उसे देख सकें। नकारात्मक दिनों में जब आपकी नजर इन पर पड़ेगी तो वो आपको सकारात्मक होने का एहसास दिलाएंगी।

  • अपनी सफलता का श्रेय खुद को दें (Take Credit)

अक्सर आध्यमिकता और विनम्रता के कारण हम अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने भगवान या अपने गुरू को देते है। जबकि एक नकारात्मक व्यक्ति के रुप में अपनी विफलता या कुछ भी गलत होने पर आप खुद को दोषी ठहराते है। इसलिए अपनी सफलता का श्रेय भी खुद को देना आवश्यक है। आप अपनी छोटी या बड़ी सफलताओं का श्रेय खुद को अवश्य दे क्योंकि इसे आपने खुद हासिल की है। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अधिक सकारात्मक होंगे और इस आत्म-विश्वास से आप अपनी किसी भी समस्या का सामाधान कर सकते है।

  • “चरम निष्कर्ष” पर पहुँचने से बचे (Try to Avoid Reaching to Extreme Conclusions)

आपके लिए ये दुनिया या तो काली है या सफेद, और आपकी एक छोटी सी गलती आपको बुरा बना देती है, कैरियर में एक छोटा सा गलत कदम सबकुछ बर्बाद कर देगा, आपके मित्र के साथ एक बहस आपके साथ रिश्ता खत्म कर देगा। लेकिन ऐसा नहीं है, दुनिया कई रंगो से भरी हुई है जैसे कि लाल, नीला, ग्रे और ग्रीन, अलग-अलग तरह के शेड्स है, और हर परिस्थिति में हमे परिणाम तक साथ जाने की आवश्यकता नही है।

जब आप खुद को चरम निष्कर्ष तक जाते हुए देखते है तब आप अन्य संभावित परिणामों को रंगो में खोजने का प्रयास करे। यह आपकी नकारात्मकता को दूर कर आपको अन्य विकल्प को तलाशने में आपकी मदद करेगा।

कभी-कभी अचानक ही लोग आपसे बात करना बंद कर देते है तो इसका मतलब यह नही है कि उन्हें अब आपमें रुचि नही या और कुछ। इसके पीछे कई कारण हो सकते है, इसलिए खुद को दोष देने या और कुछ निष्कर्ष निकालने से बेहतर है पहले आप उनसे बात करें।

  • अपने काम की जिम्मेदारी खुद लें (Start Taking Responsibility for Your Actions)

हर स्तिथि में चरम सीमा तक जाने की प्रवृत्ति आपको अपने काम की जिम्मेदारी लेने से दूर रखती है। जब परिस्थितियाँ हाथ से निकलने लगती है तो आप उन्हे यूँ ही छोड़ देते है और खुद को दोषी मानते है। ऐसा करने से बचें, यह संभव है कि 10 में से 9 कार्य आपने सफलता पूर्वक किये और एक कार्य जो गलत हुआ, वही आपकी नकारात्मकता का कारण बन सकती है।

जब आप एक कार्य की गलती की जिम्मेदारी खुद पर लेते है, तब आपको आवश्यकता है कि आप उन 9 अच्छे कार्य की जिम्मेदारी भी स्वयं लें, इस तरह से आप नकारात्मकता को दूर रखकर सकारात्मकता को ला सकते हैं।

  • खुद को क्षमा करें (Forgive Yourself)

एक गलती के कारण बार-बार खुद को अपमानित करने के बजाय, आपको खुद को माफ करने की जरूरत है। खुद को क्षमा करना भावनात्मक रूप से बदमाशी को रोकने का पहला कदम है। अतीत में जो भी हुआ उसे स्वीकार करें, और उससे सीखे ताकि आप फिर इसे कभी न दोहराएं और सबसे पहले इसके लिए आप खुद को माफ करना सीखें।

  • अपने मुसीबतों के बारे में बात करना सीखें (Talk about your Troubles)

दैनिक गतिविधि की एक लिस्ट बनाने से बहुत सारे व्यक्तियों को काफी मदद मिलती है। यदि आपके पास रोज लिखने का समय नही है तो आप इसे सप्ताह में एक बार कर सकते है, या इसे अपनी अच्छी सी आवाज में रिकार्ड कर सकते है। यदि आपको परेशानियों के बारे में बात करने से सहायता मिलती है, तो यह सबसे अच्छी बात है आप अपने किसी दोस्त या साथी से बात कर सकते है और यदि वो आपकी बातों का समर्थन करता है तो आपको इससे बहुत सहायता मिलती है। अपने अन्दर की बातो को बाहर निकालना बहुत आवश्यक होता है, नही तो दिमाग में ऐसी बातों को रखने से वो और बड़ी हो जाती है।

मैनें अक्सर महसूस किया है, कि जोर से बात करने में मुझे बहुत मदद मिलती है, जब मै ड्राईविंग करते समय या किसी से अपनी समस्याओं के बारे में बात करता हूँ तो मै विभिन्न तरीकों से अपनी समस्याओं का समाधान निकाल सकता हूँ।

  • कुछ देर ध्यान लगाने की कोशिश करें (Try to Meditate for a Minute or Two)

कुछ समय अपने आप को शांति रखे, बिना किसी समस्या के बारे में सोचे बस अपने दिमाग को शांत करें। ऐसा करने के लिए ध्यान सबसे अच्छा तरीका है, यह आपके मन को शांति देता है, ताकि आप अपने दिमाग से नकारात्मक आवाजों को दूर कर सकें। क्या आपने “ध्यान” करने से पहले कभी योग कक्षा या यू-ट्युब विडियों पर दिये अनुदेशों का पालन किया है। मुझे ध्यान लगाना बहुत कठिन लगता है इसलिए मै मोजार्ट की 40वी सीम्फनी जैसे संगीत पर ध्यान केन्द्रित करने की कोशिश करता हूँ, आप विशेष तस्वीरों का भी इस्तेमाल कर सकते है। ध्यान के द्वारा अपने दिमाग को शांत करके उसे कुछ मिनटों का आराम दें।

  • दुसरो जैसा व्यवहार खुद के साथ भी करें (Don’t Treat Yourself the Way you wouldn’t Treat Others)

अपनी आलोचना करके खुद को नीचा न दिखाएं, खुद के साथ ऐसा व्यवहार करके आप अपनी नकारात्मकता को दूर भगा सकते हैं। आपको लगता है कि आलोचना को जोर देकर नहीं बल्कि धीरे कह रहे है, तो यह आपके लिए हानिकारक नहीं होगा। लेकिन ऐसा नही है, आपके शब्द मायने रखते है चाहे वह सुनने लायक हो या न हो, आप खुद से जो भी कहते है वैसी ही गुणवत्ता आपके काम में दिखती है।

  •  सब कुछ व्यक्तिगत रूप से न लें (Try not to take everything personally)

सब कुछ व्यक्तिगत रूप से लेने की आपकी आदत आपको ज्यादा नुकसान पहुचाती है। सब कुछ आपके बारे में नही होता है, किसी ने आपके विचार के बारे में कुछ नही कहा तो इसका मतलब यह नही कि आपका विचार बुरा था, इसका मतलब यह भी हो सकता है कि किसी और का विचार आपके विचार से बेहतर था। लोगो के कार्यो को अन्य कारणों से देखने का प्रयास करें, ऐसे कारण जिनमें आप शामिल न हो।

  •  छोटी सोच से बचें (Avoid Microscopic View)

जब आपकी समस्या बड़ी होने लगती है तो तब आपको ऐसा लगता है कि आप उन्हें कभी हल नही कर सकते है, लेकिन आपको इससे बाहर निकलना ही आपके लिए अच्छा हेगा। आपकी समस्या अन्य लोगों की समस्या के मुकाबले कितनी बड़ी है, आप इसका मुल्यांकन अव्श्य करें। जिनके पास अपने बच्चों के खिलाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है, बरसात के दिनों में उनके पास उपर्युक्त घर कहां से आएगा। आप अपनी समस्या के बारें में अवश्य सोचें कि आपकी समस्या कितनी बड़ी है या यह बस एक बाधा है, जिसे वक्त के साथ आप दूर कर सकते है या उसका सामाधान निकाल सकते है।

  •  वास्तविकता में अपना मनोरंजन ढूढ़ें (Try to Infuse your Entertainment with Realistic Representations)

आधुनिक दुनिया में सभी लोग सोशल मिडिया पर अपना सर्वश्रेष्ट जीवन जी रहें है, आपके पसंदीदा टेलीविजन सिरीयल में किरदार या तो अच्छा होता है या तो बुरा होता है। अच्छे किरदार हमेशा ही बहुत अच्छे और सच्चे होते है, जिसमें आप खुद को फिट नही देख पाते है।

टेलीविजन या सोशल मीडिया पर जब हम अपने जैसे लोगों को देखते है, तब उनका प्रतिनिधित्व हमें अधिक प्रभावित करता है, जो लोग गलतियां करते है, थोड़े मुर्ख होते है, और खुद में एक अपूर्ण होते है, तो हम उनकी अपुर्णतओं को खुद में देखने की कोशिश करते है। ऐसे लोगों का अनुसरण कभी न करें जो आपको खुद में और आपके जीवन में बूरा महसूस कराते है।

  •  सकारात्मक व्यक्ति के साथ रहें (Surround Yourself with People who Think Positive)

आप जिनके साथ भी समय बिताते है, उनका आपके व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है। कोशिश करें कि आप सकारात्मक सोच रखने वालों के साथ रहें। सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति के साथ रहने से आपको अपने विचारों में बदलाव लाने के लिए आपको प्रेरणा मिलेगी।

यदि आपका साथी या आपका करीबी दोस्त नकारात्मक सोच रखता है तो उन्हें सकारात्मक सोचने के लिए अपने प्रयासों से उन्हे प्रेरित करें। नकारात्मक सोच के अपने अनुभवों और उससे होने वाली परेशानीयों को उनके साथ साझा करें। इस तरह के अनुभवों को साझा करने से आपके और आपके रिश्तों को अधिक समझ और मजबूती मिलेगी।

  •  बाहर निकलें (Step Outside)

घर से बाहर समय बिताना हमेशा आपके लिए फायदेमंद होता है, यदि आप घर के अन्दर काम कर रहे हैं तो आप दोपहर के भोजन के समय कुछ समय निकालें। छत पर या पार्क में जाए, जो भी आपके आस-पास खुली जगह है। यदि संभव हो सके तो आप महीनें में एक बार बाहर यात्रा की योजना बनाए या एक छोटी साप्ताहिक ड्राइव की योजना भी कर सकते है। प्रकृति के साथ होने पर आपको उन सभी नकारात्मकताओं से दूर होने में मदद मिलेगी जो आप खुद में महसूस करते है।

  •  भविष्य के लिए योजना बनाएं (Plan for Future)

नकारात्मक सोच अक्सर व्यक्ति को संकीर्ण सोच वाला बना देती है, और वह सामने आने वाली बड़ी बाधाओं को सही से नही देख पाता है। यदि आप अपने भविष्य के लिए योजना बनाकर चलने की कोशिश करते है तो आप इन सब चीजों को आसानी से एक परिपेक्ष में देख सकेंगे।

यदि आपके पास समय हो तो आप एक विजन बोर्ड पर काम करें। यदि आप अपने जीवन के किसी पहलु में संघर्ष कर रहें हो और नकारात्मक सोच आप पर हावी हो रही हो तो इस विजन बोर्ड को देखनें से आपके निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में आपको मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

सकारात्मक सोच ही एक ऐसा विकल्प है जिसे आप खुद के लिए पहले से ही बनाकर चलते है, यही कारण है कि आप यहां है। याद रखें आपको इसके लिए बहुत आभारी होना चाहिए। आपके पास केवल एक चांस नही बल्कि आप बार-बार कोशिश कर सकते है और अन्त में आप अपने और अपने आस पास के लोगों के प्रति दयालु होना सीख सकते है। यह एक रात में नही हो सकता है, यह एक प्रक्रिया है जिसे आप सकारात्मक सोच के साथ शुरु करते है। आप अपने लिए हर दिन दृढ़ संकल्प और सकारात्मक सोच का अभ्यास करें, तभी आपकी यात्रा सुखद होगी।

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