“मेरा स्कूली जीवन” विद्यालय जाने वाले छात्रो के अध्ययन का एक विषय है। यह विद्यार्थियो के लिये एक पसंदीदा विषय है, जिससे वह स्वंय का जुड़ाव महसूस कर सकते है और आसानी से अपने विचार साझा कर सकते है। इस विषय पे कई बार कक्षा में मिले कार्यो के अंतर्गत विद्यार्थियो से भाषण देने के लिए कहा जाता है।
मेरे स्कूल जीवन पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on My School Life in Hindi)
भाषण 1
प्रिय मित्रो- मैं आशा करती हुं कि आपका दिन मंगलमय हो!
आज के दिन मैं प्रतिष्ठा सिंह कक्षा 8 बी की छात्रा आज के इस अवसर पर मेरे स्कूली जीवन पर भाषण देना चाहूंगी, मुझे पुरा विश्वास है कि हम सब के पास अपने स्कूली जीवन के विषय में बताने के लिये कुछ ना कुछ तो जरुर होगा।
“स्कूल” शब्द अपने आप में ही बहुत भवनात्मक है और यह एक दूसरी ही दुनियां है, जहां हम अपना आधा दिन पढ़ते हुए गुजारते है। पढ़ने लिखने के आलावा हम अपने स्कूल में और कई तरह की मौज-मस्ती और अन्य मनोरंजक कार्य करते है जैसे कि खेल, नृत्य, संगीत आदि। हम स्कूल के वातावरण में काफी तेजी से विकास करते है यह वह जगह है जहा हमारे चरित्र और व्यक्तित्व को राष्ट्र निर्माण के लिये ढाला जाता है। हमारे प्रारंभिक जीवन का आधार बहुत मायने रखता है क्योकि हमारा पूरा भविष्य इसी पर निर्भर करता है। अभी मैं आठवी कक्षा में हुं और इस विद्यालय में मेरा अब तक का अनुभव और समय बहुत ही अच्छा रहा है और आज मैं जहा भी हुं अपने इस विद्यालय के बदौलत ही हुं।
इसके लिये मैं अपने माता-पिता को धन्यवाद देना चाहुंगी , जिन्होने मुझे इस शहर के सबसे अच्छे स्कूल में भेजा और इसके साथ ही मैं अपने आदरणीय प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकगणो का अभिवादन करना चाहुंगी जो सभी छात्र-छात्राओ के उन्नति के लिये हमेशा कार्य करते रहते है। मैं अपने कक्षा अध्यापक का भी विशेष रुप से धन्यवाद देना चाहुंगी जो हमेशा इतने धैर्य और प्यार से हमारे सभी प्रश्नो तथा समस्याओ का समाधान करने के लिये तैयार रहते है, मेरा अभी तक का स्कूली जीवन बहुत ही अच्छा रहा है और इसे लेकर मुझे किसी भी तरह की चिंता या पश्चाताप नही है।
मेरे विद्यालय ने मुझे बहुत कुछ दिया है, इसने मुझे आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और ज्ञान प्रदान किया है। वास्तव में विज्ञान तथा गणित जैसे विषयो की अंतर स्कूली प्रतियोगिताओ में मैने जो पुरस्कार और ट्राफियां जीती है, वह इस विषय में काफी कुछ बयान करती है। ये हमारे शिक्षको के द्वारा हमारी पढ़ाई और मानसिक विकास के उपर किये गये कठिन परिश्रम को दर्शाता है।
इस बात में कोइ शंका नही है कि हमारे विद्यालय के तरह यदि कई और विद्यालय इस पुरे देश में खुल जाये तो हमारे देश को कोई आगे बढ़ने से नही रोक सकता। यह तो हम सभी जानते है कि एक राष्ट्र के विकास में उस राष्ट्र के युवाओ का अहम योगदान होता है और यदि युवाओ का भविष्य खराब हो जाये तो उस राष्ट्र का भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है। इस प्रकार से हम कह सकते है कि जब युवा बढ़ते है तो देश भी आगे बढ़ता है।
यही वजह है कि, जिससे युवाओ को शिक्षित करने के लिये इतने प्रयास किये जाते है, ताकि उनमें स्वतंत्रता और हुनर पैदा किये जा सके जिससे कई तरह के रोजगार के अवसर पैदा हो सके और ज्यादे से ज्यादे युवाओ को अपना हुनर दिखाकर रोजगार तथा अपने राष्ट्र को गौरवनित करने का अवसर मिल सके।
मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि समाज के निर्माण में विद्यालय द्वारा एक अहम योगदान निभाया जाता है और इसके बिना कोई भी देश अराजकता की स्थिति में पहुंच जायेगा, इसीलिये हमारे समाज में विद्यालय एक अहम स्थान रखता है।
बस मुझे आप सब से इतना ही कहना था, और मेरी बातो को इतने धैर्य और प्रसन्न्ता से सुनने के लिये आप सभी श्रोताओ का धन्यवाद!
भाषण 2
नमस्कार दोस्तो- आज के इस कार्यक्रम में मैं आप सभी को मेरा हार्दिक अभिनंदन करता हूँ।
मुझे आशा है कि आप सभी का जीवन आनंदमयी रुप से बीत रहा होगा, इससे पहले कि मैं अपना भाषण शुरु करु मैं अपने कक्षा अध्यापक का विशेष रुप से आभार व्यक्त करना चाहुंगा, जिन्होने आप सब के सामने भाषण देने का अवसर दिया। मुझे उम्मीद है कि इस भाषण द्वारा मेरे मन का संकोच खत्म हो जायेगा, जिससे मैं और भी आत्मविश्वास के साथ अपनी बात कह सकूंगा। मेरे भाषण का विषय बहुत ही रोचक है और इसके लिये मुझे किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नही पड़ी और मैं अब आप से जो कुछ भी कहुंगा वह हर बात मेरे दिल से निकली होगी।
अपने स्कूली जीवन के विषय में मै क्या कह सकता हूँ, अभी तक तो सब अच्छा ही रहा है। यह एक बहुत ही शानदार और आनंददायी समय रहा है, इन पिछले 12 वर्षो में मैने काफी तेजी से विकास किया है और अब मैं आगे की चुनौतियो का सामना करने के लिये तैयार हूँ। आज का पूरा माहौल जोश से भरा हुआ है, दसवी की परीक्षा में सबसे अधिक अंक हासिल करने के बाद मेरे आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई है और मुझे यकीन है कि अब मैं आगे आने वाली चुनौतियो का सामना करने क लिये तैयार हूँ। यह बाते आज मैं इसलिये कह सकता हूँ क्योंकि मुझे उपने शिक्षको का भरपूर सहयोग मिला यदि वह मेरे साथ ना होते तो मैं यह सम्मान शायद ही प्राप्त कर पाता।
आज मैं जो कुछ भी हूँ, अपने शिक्षको के ही बदौलत हुं और कोई भी इस बात का श्रेय उनसे नही छीन सकता है। मैं अपने विद्यालय का बहुत ही आभारी हुं जिसने हमारे विकास और कौशल को निखारने के लिये हमें सर्वोत्तम साधन मुहैया करवाये। फिर चाहे वह पुस्तकालय हो या प्रयोगशालाएं, समय-समय से चलने वाली कार्यशालाएं और अतिरिक्त कक्षाए इन सभी ने हमे हमारे सपनो को साकार करने में सहायता प्रदान की है।
जब भी हम छात्रो को पढ़ाई को लेकर कोई समस्या होती थी तो हम इस विषय में सीधे अपने प्रधानाचार्य से बात कर सकते थे। हमारे विद्यालय का प्रबंधन भी काफी अच्छे से कार्य करता है और किसी भी समस्या का समाधान या किसी प्रकार का निर्णय लेने में कई दिनो या महीनो का समय नही लेता है। यही वजह है जो हमारे विद्यालय ने कई कार्यो में काफी नाम कमाया है और यह कहने के आवश्यकता नही है कि अपने इन्ही मानदंडो से इसे द्वारका के सबसे अच्छे विद्यालयो में गिना जाता है।
मैं यह विश्वास से कह सकता हुं कि मेरा विद्यालय सबसे अच्छे विद्यालयो में से एक है और यहा से जो भी उर्तीण होता है वह किसी ना किसी क्षेत्र में सफलता अवश्य प्राप्त करता है। हमारे विद्यालय की सबसे अच्छी बात यह है कि किसी समस्या को तुरंत नही खत्म करता है बल्कि की उसके जड़ तक जाके उसका समाधान ढूंढने का प्रयास करता है और छात्रो को उनके लक्ष्य की प्राप्ति में सहायता करता है। यदि हमारा भविष्य सुरक्षित है तो हम सुरक्षित हैं यही हमारे विद्यालय का मुख्य ध्येय है, जिसमें हमें इस तरीके से ढाला जाता है कि हम खुद को सशक्त कर सके और अपने जावन में आने वाली हर बाधाओ को पार कर सके।
मेरे लिये इससे अच्छा कोई विद्यालय नही हो सकता है। जिसने मेरे हुनर को तराशा और मेरी प्रतिभाओ को इस तरीके से प्रदर्शित किया जिससे मैं, मेरे शिक्षक और मेरे माता-पिता मेरी इन उपलब्धियो पर गौरव महसूस कर सके। अंत में मै यही कहना चाहता हूँ कि मेरी बस यही इच्छा है कि हमारा यह इसी तरह से विद्यालय आपार सफलता और सम्मान प्राप्त करे।
मेरे इस भाषण को सुनने के लिये आप सभी का धन्यवाद!
भाषण 3
आप सभी का हार्दिक स्वागत है, मुझे उम्मीद है कि आप सभी कुशल होंगे!
इससे पहले कि मैं अपना भाषण शुरु, मैं आज के इस भाषण समारोह में आप सब का स्वागत करना चाहुंगा। आज के अपने इस भाषण के लिये मैने मेरे स्कूली जीवन को चुना है और इस विषय पर मैं आप सबसे अपने विचार साझा करने को लेकर काफी उत्साहित हूँ।
स्कूली जीवन सभी के जीवन का सबसे अहम चरण होता है और मुझे उम्मीद है कि आप भी मेरी इस बात से सहमत होंगे। वास्तव में अब तक का मेरा स्कूली जीवन इतना अच्छा रहा है कि इसके लिये मैं अपने माता-पिता का जितना भी आभार व्यक्त करु कम है। इसके साथ ही मैं अपने शिक्षको को भी धन्यवाद देना चाहुंगा जिन्होने हर कठिनाई और चुनौतियो में मेरा मार्गदर्शन किया। मेरे शिक्षक मेरे जीवन में मेरे प्रेरणास्त्रोत रहे है, उन्होने सदैव अपने ज्ञान द्वारा हमारे व्यक्तित्व को निखारा है। आज मैं जो कुछ भी हूँ वो अपने विद्यालय में मिले शुरुआती ज्ञान और संस्कार के वजह से हूँ।
पठन-पाठन के साथ-साथ ही मैने जैसे कि बास्केटबाल, क्रिकेट संघ, वाद-विवाद जैसी अन्य पाठ्यक्रम गतिविधियो का भी मैने काफी आनंद लिया। यह सारा समय काफी सुखद रहा है और अब एक व्यक्ति के रुप में व्यस्क हो चुका हूँ। शायद सच ही कहा गया है कि “विद्यालय का जीवन, पूरे जीवन का सबसे अच्छा समय होता है” यह मुहावरा बिल्कुल सही है क्योंकि अपने इस 12 वर्ष के समयांतराल में हमने काफी कुछ नया सीखा है।
विद्यालय हमे एक ऐसा वातावरण मुहैया करवाता है जहा हम बढ़ते, सीखते और नयी चीजो का अनुभव करते है। इसके साथ ही हम विद्यालय में नये दोस्त बनाते है, जिससे हममें आत्मविश्वास उत्पन्न होता है जो हमे बाहर की दुनिया की चुनौतियो से निपटने सहायता करता है। यह वह जगह है जहाँ विद्यार्थी जीवन में हम विकास करते है जिससे हमारी सोचने की शक्ति का तेजी से विकास होता है।
विद्यालय हमें अनुशासन और समय का मूल्य सिखाता है, जिसके बिना हम कभी भी अपने लक्ष्यो की प्राप्त नही कर सकते है। अपने विद्यालय के दिनो में हम जो परीक्षाएं देते है उनसे हमे जीवन में आने वाले तमाम बड़ी समस्याओ का सामना करने में सहायता मिलती है। इसमे शंका की कोई गुजांइश नही है कि विद्यालय वह जगह है जहा एक व्यक्ति के रुप में हमारा समग्र विकास के साथ हमारी स्कूली क्षमताओ का विकास होता है। जिससे हमे कई नई चीजो को सीखने का अवसर मिलता है और हमारे व्यक्तित्व में और भी निखार आता है।
हालांकि जीवन में हर समय का अपना अलग ही महत्व होता है पर हम इतना अपने जीवन में कभी नही सीख पाते जितना हम अपने स्कूली जीवन में सीखते है क्योकि यह 12 वर्ष की एक लम्बी यात्रा होती है।
मैं इस बात को दृढ़ विश्वास से कह सकता हूँ कि मेरे विद्यालय ने मेरे जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी है- सुबह का वह जल्दी उठना, तैयार होना, कक्षा के अंदर पहुंचना, पढ़ना, लिखना, कामो को पूरा करना, परीक्षा में बैठना, वार्षिक कार्यक्रमो में भाग लेना, वाद-विवाद और खेल कार्यक्रमों हिस्सा लेना भला इन सब चीजो को मैं कैसे भूल सकता हूँ। ऐसी कोई भी चीज नही थी जो मेरे विद्यालय ने मुझे ना सिखायी हो और इस चीज के लिये मैं सदैव अपने विद्यालय का आभारी रहूँगा।
एक अच्छा विद्यालय अपने विद्यार्थियो को शिक्षा जैसी महात्वपूर्ण वस्तु प्रदान करता है, अच्छी शिक्षा का अर्थ सिर्फ किताबी ज्ञान नही है, बल्कि उस शिक्षा से है जो उस बच्चे/बच्ची के आजीवन काम आती है।
अब मैं आप सब से अपने इस भाषण को समाप्त करने की अनुमति चाहुंगा, आप सबके बहुमूल्य समय के लिये आप सभी की धन्यवाद!
भाषण 4
प्रिय मित्रो – आप सभी का इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है, इससे पहले कि इस उत्सव का शुभारंभ हो, उससे पहले मैं आदरणीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य, उप-प्रधानाचार्य और सभी शिक्षकगणो का विशेष स्वागत और आभार व्यक्त करना चाहुंगा।
मुझे आज आप सभी का अपने विद्यालय के वार्षिक समारोह में स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता महसूस हो रही है। मैं पुष्कर चावला, कक्षा 8 बी का छात्र इस कार्यक्रम में आप सब की मेजबानी करके खुद को गौरवानित महसूस कर रहा हूँ, मुझे इस बात की काफी खुशी है कि मुझे अपनी कक्षा अध्यापिका डॉ नैना गुप्ता के साथ मंच साझा करने का अवसर मिला है। यह वार्षिक महोत्सव हम सभी के लिये काफी विशेष है और हम सब बहुत ही उत्सुकता से इस मौज-मस्ती और उत्सव के दिन का इंतजार करते है। लेकिन दोस्तो इस बार मैं आपसे कुछ अतिरिक्त मजेदार और आनंददायी पलो के साथ ही मनमोहक खेल प्रतियोगिताओ का वादा करता हूँ।
इसके अलावा, आज के इस अवसर पर मैं आप सब के सम्मुख अपने विचारो को भी व्यक्त करना चाहुंगा क्योंकि यह हमारा अंतिम वर्ष है और इसके बाद हमारी उच्चतर माध्यमिक शिक्षा के साथ इस विद्यालय में हमारी यात्रा पूरी हो जायेगी।
इसलिये इस शुभ दिन पर अपने विद्यालय के विषय में मैं कुछ शब्द कहने के साथ ही अपने विद्यालय के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहुंगा।
ऐसा लगता है जैसे ये कल का दिन है, जब मैने इस विद्यालय में प्रवेश लिया हो। पर इस बात को दस वर्ष बीत चुके है, जब मेरे पिता मुझे इस विद्यालय में पहली बार लाये थे और जब मेरी ये शिक्षा यात्रा शुरु हुई थी उस वक्त मैं एक बच्चा था। पर आज मैं दसवी कक्षा में हूँ तथा व्यस्क हो चुका हूँ और अब मैं अपने सुनहरे सपनो के साथ आगे बढ़ने के लिये तैयार हूँ।
इस विद्यालय ने मुझे पढ़ने से लेकर लिखने तक हर एक बुनियादी चीज सीखायी। यहां मैने सिर्फ परीक्षाएं नही पास की बल्कि की चुनौतियो का सामना करना भी सीखा है। हमें यहा कक्षओ में सिर्फ किताबे नही पढ़ायी गयी है, ऐसे कुछ महात्वपूर्ण सीखे दि गयी है, जो आजीवन हमारे काम आयेगी। हमें सीखाया गया है कि किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है, इसके साथ ही समय के सदुपयोग के महत्व को भी समझाया गया।
पढ़ाई के अलावा हमने और कई अन्य गतिविधियो में भाग लिया, जिसमें मैने बास्केटबाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिया वही मेरे कुछ दोस्तो ने क्रीकेट, डांस और कुछ ने संगीत में अच्छा प्रदर्शन किया। इसके साथ ही समय-समय पर अंतर-स्कूली प्रतियोगताओ का भी आयोजन किया जाता था, जिससे हमने कई चीजे सीखी और हमारा समग्र विकास हुआ।
हमे अपनी प्रतिभा और हुनर को दिखाने के लिये भी कई मौके दिये गये और इसी वजह से आज हम बाहर की दुनिया का दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास से सामना कर सकते है। यदि हमारे विद्यालय ने लगातार हमारा इतना सहयोग और समर्थन नही किया होता तो आज हमारे इस मजबूत और बहुआयामी व्यक्तित्व का निर्माण नही हो पाता। इसलिए विद्यालय एक बच्चे स्कूली जीवन के निर्माण में अपना एक महत्वपूर्ण योगदान निभाता है। मै खुद को काफी भाग्यशाली मानता हूँ जो मुझे इस विद्यालय में अध्ययन का अवसर मिला जहां हर एक बच्चे के समग्र विकास पर हर तरीके से ध्यान दिया जाता है।
और अंत मै आपसे यही कहना चाहुंगा कि मुझे इस विद्यालय का एक छात्र होने पर वास्तव में काफी गर्व है। बस आपसे इतना ही कहते हुए मैं अपने इस भाषण को समाप्त करने की अनुमति चाहुंगा, तो आइये अब कार्यक्रम की शुरुआत करे।
मुझे अपना समय देने के लिये आप सभी श्रोताओ का धन्यवाद।