Author: लक्ष्मी श्रीवास्तव
लक्ष्मी श्रीवास्तव ने अर्थशास्त्र एवं पत्रकारिता में स्नातक किया है। इनकी समाज कल्याण के कार्यों में अति रूचि है। इस कारण इन्होंने समाज कार्य में परास्नातक किया है। इनके अनुसार, लेखनी ही वो विधा है, जिससे हम बड़ी आसानी से अपनी बात लोगो तक पहुँचा सकते हैं। ये अपना ज्यादातर समय सृजनात्मक कार्यों में लगाती है।
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पुराणों के अनुसार सतयुग, द्वापर, त्रेता और कलयुग इन चार युगों में समयकाल विभाजित है। द्वापर युग में युगपुरूष के रूप में असमान्य शक्तियों के ...
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परिवार में शामिल ज्यादातर सदस्य नैसर्गिक क्रियाओं द्वारा आपस में जुड़े होते हैं और कुछ जीवन के पथ पर चलते हुए समय के साथ (विवाह ...
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किसी क्षेत्र का ऋतु, उस क्षेत्र का औसत मौसम है, जो एक निश्चित समय में उस क्षेत्र पर प्रभाव डालता है। भारत का ऋतु चक्र ...
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भारत भूमि को युगों युगों से अनेक साधु-संत पीर फकीर ने जन्म लेकर कृतार्थ किया है। जिन सब में से एक संत रविदास हैं। इन्होंने ...
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किसी ने सत्य ही कहा है “ज़रा-ज़रा सी बात पर बिगड़ते देखा है, मैंनें हर ख्वाब के लिए डरते देखा है, बचपन था मेरा और ...
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किसी निश्चित भू-भाग के लोगों की संख्या को उस भू-भाग का जनसंख्या कहते हैं। आज विश्व में जनसंख्या तेजी से बढ़ता जा रहा है। इस ...
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पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा ही विभिन्न रंगों से सजाया हुआ भारत एक सुंदर देश है, जिसमें कहीं दूर तक फैली हरियाली नज़र आती है तो ...
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पूरे वर्ष में, ऐसे अनेक अवसर आते हैं जहां हम राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न दिवस को समारोह के रूप में मनाते ...
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विश्व में सूचनाओं के आदान प्रदान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इंटरनेट की संरचना की गई। इंटरनेट पर सामाग्री की भरमार है तथा इंटरनेट ...
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आज हम सभी के हाथ में एक टुल है, जिसे मोबाइल कहते हैं। मोबाइल की लत से आशय मोबाइल के न होने पर असहज (discomfort) ...