देशभक्ति के महत्व पर निबंध (Importance of Patriotism Essay in Hindi)

देशभक्ति की भावना लोगो में अंर्तमन में विधमान रहती है और यह लोगो के देश के प्रति असिम प्रेम और आत्मसमर्पण की भावना को प्रदर्शित करती है। दूसरे शब्दों में, देशभक्त वो व्यक्ति होता है जो अपनी मातृभूमि और उसके लोगों और राजनीतिक व्यवस्था के प्रति वफादार रहकर उसके विकास के लिए कार्य करता है। हालांकि देशभक्ति विश्व के सभी प्रकार के प्रेमो से बढ़कर होती हैं। देशभक्ति सत्ता से जुड़े लोगों या व्यक्तियों के शब्दों का पालन करना नहीं होता है बल्कि ये देश और उसकी राजनीतिक व्यवस्था के प्रति वफादारी को प्रदर्शित करता है, न कि किसी भी राजनीतिक नेता या सत्ता की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करता है।

देशभक्ति के महत्व पर लम्बे तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Importance of Patriotism in Hindi, Deshbhakti ka Mahatva par Nibandh Hindi mein)

देशभक्ति के महत्व पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्दों में) – Deshbhakti ka Mahatva par Nibandh

प्रस्तावना

देशभक्ति किसी के लिए उसके देश के प्रति प्यार और निष्ठा और अपने नागरिकों के साथ गठबंधन और भाईचारे की भावना को प्रकट करता है। ये बिना किसी शर्त के राष्ट्र का सम्मान और समर्थन करता है। देशभक्ति स्वाभाविक रूप से विकसित होती है और ये देश की संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होती है। यह किसी राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने पर गर्व करती है।

देशभक्तिः देश के लिए प्रेम

अपनी मातृभूमि के प्रति प्रेम और उसके लिए कुछ भी करने के उत्साह और बलिदान की भावना रखने वाले को देश भक्त के रुप में सम्बोधित किया जाता हैं, अर्थात निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना ही देशभक्ति कहलाता है। यह लोगों को देश के प्रति जीने, प्यार करने, लड़ने तथा जरुरत पड़ने पर अपने प्राणों को त्यागने के लिए भी प्रोत्साहित करती है। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरू आदि जैसे कई स्वतंत्रता सेनानी सच्चे एवं महान देशभक्त थे जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों को बलिदान कर दिया तथा अन्य नागरिकों को भी इसके लिए प्रेरित किया।

राष्ट्र का प्रेम किसी भी सांस्कृतिक, राजनीतिक, पारंपरिक या ऐतिहासिक आदि से संबंधित कई अलग-अलग पहलुओं के संयोजन से हो सकता है। कुछ देशभक्त देशभक्ति की भावना को देश के एक संयोजक के रूप में परिभाषित करते हैं। देशभक्ति में देश के नागरिकों के लिए प्यार और लिंग, जातीयता, जाति और धर्म से परे सभी के साथ मिल जुल कर रहने का आग्रह किया जाता है क्योंकि हम अपने देश के प्रत्येक व्यक्तियों से प्यार किए बिना अपने देश से प्यार नहीं कर सकते और ना ही देशभक्त कहला सकते है।

हालांकि लोगों के बीच की एकता और अखंडता राष्ट्र की प्रगति और विकास का कारण बन सकती है। देशभक्ति देश तथा लोगों की सेवा करने के लिए आगे बढ़कर स्वयंसेवी बनने की प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। इसके साथ ही यह करों का भुगतान करके लोगो को जिम्मेदारी के साथ कानून का पालन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करती है।

निष्कर्ष

इस बात का निष्कर्षयह है कि, हम देशभक्ति को मुख्य रूप से देश और उसके नागरिकों की सेवा करने के संदर्भ में परिभाषित कर सकते हैं। यह एकजुट रहने तथा देश के लोगों को एक साथ रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

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निबंध – 2 (400 शब्दों में) Deshbhakti ke Mahatva par Nibandh

प्रस्तावना

देशभक्ति किसी के देश के प्रति उसके प्यार और सम्मान की भावना को अभिव्यक्त करता हैं। यह किसी भी देश से उसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं से जुड़ा होता है।

देशभक्ति की भावना

देशभक्ति सिर्फ किसी के लिए उसके देश के प्रति प्यार और सम्मान को ही नहीं बल्कि उसकी सेवा करने की इच्छा को भी परिभाषित करता है। एक सच्चा देशभक्त एक सक्रिय कार्यकर्ता हाता है जो अपने देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपुर्ण कार्य करता है और अपने देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस करता है। एक देशभक्त वह होता है जो अपने देश की आजादी और शांति के लिए अपना महत्वपुर्ण योगदान देता है। ऐसे कई अवसर होते हैं जब किसी को निःस्वार्थ रूप से राष्ट्र की सेवा करने के लिए अपने व्यक्तिगत आनंद और अवकाश का त्याग करना पड़ता है, हालांकि एक सच्चा देशभक्त देश के लिए अपने प्राण को त्यागने में भी संकोच नहीं करता हैं।

महात्मा गांधी और उनके युग के अन्य प्रमुख नेताओं ने भारतीयों को देशभक्ति की भावना से प्रेरित किया जिसके कारण हमें ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। उस दौरान ऐसे कई देशभक्त थे जो निःस्वार्थ रूप से राष्ट्र की सेवा करते रहे  और अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों और सुखों का त्याग करने में संकोच नहीं किया करते थे। जिसके लिए भारतीय सेना के लोग सच्चे देशभक्त के सबसे अच्छे उदाहरण थे।

देशभक्त राष्ट्र की निःस्वार्थ रूप से सेवा करते हैं

हमने अतीत में कई सच्चे और महान देशभक्त देखे हैं जैसे सुभाष चंद्र बोस, टीपू सुल्तान, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, जवाहरलाल नेहरू और चंद्रशेखर आजाद आदि। एक सच्चा देशभक्त यह नहीं सोच सकता कि उसका देश कितना अच्छा है, परन्तु फिर भी वह अपने देश से प्यार करता रहता है और इसे अधिक बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करता रहता है। देशभक्त अपने देश के सुधार और अपने साथी प्राणियों के कल्याण के लिए सदैव कार्य करता रहता हैं।

हमारी अपनी मातृ भूमि का समर्थन करना हमारा नैतिक कर्तव्य है। ऐसे कई कारणों से देशभक्ति की भावना महत्वपूर्ण हो जाती है। हालांकि ये सत्य है कि देशभक्ति की भावना के बिना हमारा देश विकसित नहीं हो सकता। कल्पना कीजिए कि अगर एक सैनिक निःस्वार्थ रूप से देश के लिए लड़ाई न करे तो, तो देश के लिए अपनी सुरक्षा को खतरे में डालकर दुश्मनों से खुद को बचाने के लिए हमें मुश्किल हो जाएगी।

हम उन देशभक्तो को जो हमारे देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों को न्योछावर कर दिया। उनके बिना हम स्वतंत्रता का आनंद कैसे ले सकते हैं। हमें अपने देश के अतीत और वर्तमान में प्राप्त उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए। इसके साथ ही हमें अपने देश के विकास और समृद्धि के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।

निष्कर्ष

अगर हमारे देश में देशभक्ति भावनाएं नहीं होती या देशभक्ति भावनाएं विकसित ही नहीं होती तो कौन सा सामाजिक बुराइयों को खत्म करने या देश के लिए लड़ने के लिए आगे बढ़ने जा रहा है? देश के प्रति प्यार स्वाभाविक रूप से परिवार के प्रति प्यार की तरह ही विकसित होती है। हालांकि मैं अपने देश से बहुत प्यार करता हूं और इस पर बहुत गर्व भी करता हूं।

निबंध – 3 (500 शब्दों में)

प्रस्तावना

देशभक्ति किसी के लिए उसके देश के प्रति प्यार, सम्मान और गौरव की भावना को अभिव्यक्त करता है। भारत के बुजुर्ग नागरिक, विशेष रूप से जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन अनेक कठिनाइयों को महसूस किया था वे आज के युवा को देशभक्त नहीं समझते, हालांकि ये सत्य नहीं है। देश के युवाओं की विचार प्रक्रिया पिछली पीढ़ियों से थोड़ी अलग है परन्तु इसका यह अर्थ बिलकुल भी नहीं है कि उनके अन्दर में देशभक्ति की भावना नहीं हैं।

भारत के युवा वर्ग राष्ट्र के बारे में प्रेमपुर्वक विचार करते परन्तु देश के सांस्कृतिक तथा मूल्यों का अंधाधुंध पालन करने पर विश्वास नहीं रखते, बल्कि ये देश के मूल्यों पर गर्व करने तथा देश की समृद्धि के विकास पर कार्य करने के लिए अग्रसर रहते है। वे खुद पर विश्वास करते हैं और राष्ट्र की जिम्मेदारी लेते हैं। वे अपने देश को किसी भी तरह से बेहतर स्थान पर लाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।

देश के विकास में योगदान: प्रेम का एक प्रतिबिंब

हालांकि कुछ युवा जो पीछे बैठकर सरकार की तथा देश की व्यवस्था की आलोचना करते हैं, उनमें से अधिकतर देश को बेहतर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। हम सभी के एकजुट होने के कारण हमारे देश की प्रगति काफी तेजी से विकसित हुई हैं। जिसमें हमारे पास बेहतर शिक्षा प्रणाली, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, बेहतर बुनियादी ढांचा और स्थिर अर्थव्यवस्था आदि सुचारु रुप से शामिल है।

यह हमारे देश के युवाओं के प्रयासों का भुगतान है। आज के युवा मेहनती और बुद्धिमान है और वो देश को अपने अनूठे तरीके से सेवा भी दे रहे है। देश के विकास के लिए विभिन्न क्षेत्रों में उनके द्वारा किये गये योगदान देश के प्रति उनके प्रेम के प्रतिबिंब को प्रदर्शित करता है।

भारत का युवा बुराई को खत्म करने के लिए आवाज़ उठाता है

भारत का युवा राजनयिक या राजनीतिक नहीं है। ये सीधे दृष्टिकोण के साथ दिल से इसकी राय के लिए आवाज उठाता है। युवा बलात्कार, भ्रष्टाचार और आतंकवाद जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म कर देश को बेहतर बनाना चाहता है।

भारत का युवा समाज सोशल मीडिया पर लगातार सक्रिय रहता है और हमारे समाज के लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले विभिन्न सामाजिक मुद्दों जैसे अवसाद, आत्महत्या, ट्रोलिंग या और ऐसी अन्य बुराइयों पर आवाज उठाता है। इसीलिए उन्हें गलत नहीं समझा जाना चाहिए या कम करके आंका नहीं जाना चाहिए क्योंकि वे देश के भविष्य हैं।

देश के विकास के लिए परिवर्तन स्वीकार करना

युवा देश के भविष्य है और सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा भी और वे अपने देश या इसकी छवि को नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। हालाकि बदलते समय के साथ वे इन संस्कृतियों में बदलाव लाना चाहते हैं परन्तु वे इसे नष्ट नहीं करना चाहते। दरअसल, युवा हमारे समाज को लाभान्वित करने वाली पश्चिमी संस्कृति और विचारों को स्वीकार करना चाहते हैं। कुल मिलाकर हम यह कह सकते है कि युवाओं को देश के विकास में रूचि है और वे चाहते हैं कि राष्ट्र न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी विकसित हो। वे अपने समुदाय के निवासीयो के प्रति अधिक विचारशील, सहायक और सराहनीय हैं।

युवाओं के बीच देशभक्ति सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक मुद्दो द्वारा देखी जाती है। वे उच्च शिक्षा के साथ स्वतंत्र रूप से अपने आदर्श नेताओं को वोट देने में सामर्थ्य हैं। वे न केवल अपने नेताओं को वोट देते हैं बल्कि आवश्यकता पड़ने पर उनकी आलोचना करने तथा पूछताछ करने में भी सक्षम हाते हैं क्योंकि वे अच्छी तरह से जानते हैं कि ये सरकार लोगों की, लोगों के लिए तथा लोगों द्वारा है।

निष्कर्ष

युवा चाहते हैं कि देश एक सुरक्षित और बेहतर जगह हो जाये जहां वे स्वतंत्र रूप से रह सकें। वे चाहते हैं कि उनकी आवाज समाज द्वारा सुनी, समझी और स्वीकार की जाए। वे अपने देश से अत्धिक प्रेम करते हैं और वो देश तथा देश के लोगों के हित तथा उनके कल्याण के लिए कार्य करना चाहते हैं।

निबंध – 4 (600 शब्दों में)

प्रस्तावना

देशभक्ति एक व्यक्ति के राष्ट्र प्रेम की भावना है, देशभक्ति हमारे कर्मो में निहित है। यह वह उत्साह है जिससे हम अपने राष्ट्र के तरक्की के लिए कार्य करते है। यह वह गौरव है जिसका अनुभव हम अपने देश को प्रतिनिधित्व करते वक्त करते है। वह जो अपने देश का सदैव समर्थन करता है और इसके लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहता है वह एक देशभक्त है। यह एक प्रकार का स्वाभिक लगाव है, जिसका अनुभव हम अपने पैदा और बड़ा होने के स्थान के लिए करते है।

जीवन में देशभक्ति का महत्व

अपने प्रतिदिन के जीवन में देशभक्ति का अभ्यास करना बहुत आवश्यक है और इसके साथ ही हमें अपने देश के प्रगति के लिए भी सदैव कार्य करना चाहिए। इसके लिए हमें कर चुकाना चाहिए, नियमो का पालन करना चाहिए, मतदान तथा सामाजिक और आर्थिक कल्याण के कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। देशभक्ति वह कार्य है जिसमे समाज के भलाई के नजरियों पर गौर किया जाता है।

देशभक्ति एक तरह की प्रेरणा है, जिससे लोगो को देश के उन्नती के लिए और भी अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है। यह वह चीज जो हमे हमारे देश के विविधता में एकता को बनाए रखने तथा हर तरह के अत्याचार के विरुद्ध एकजुट होकर सामना करने की प्रेरणा देता है। हम कह सकते है कि यह एक तरह से अपने मातृभूमि की सेवा करने का इच्छा और जुनून है।

1.सामन्य अच्छाई

देशभक्ति पूरे समुदाय की एक बहुत ही महत्वपूर्ण धरोहर है। यह एक तरह की प्रतिबद्धता है, जिसमें नागरिक देश के कल्याण और प्रगति के लिए समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करने की अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हैं। हर किसी के पास बराबर अधिकार होते है और हम व्यक्ति की तरक्की के कारण ही देश तरक्की करता है।

2.वफादारी

देशभक्ति की अवधारणा में देश और उसके संविधान की प्रति निष्ठा भी शामिल है। देशभक्त अपनी मातृभूमि के प्रति वफादार होते हैं, एक तरह से यह अपने परिवार के प्रति वफादार होने जैसा है। यदि एक परिवार में आंतरिक विवाद और इसके लोग एक-दूसरे के प्रति वफादार नही है तो यह टूट जायेगा। ठीक इसी प्रकार से एक व्यक्ति का उसके देश के प्रति वफादार होना भी उतना ही आवश्यक है।

3.प्रेम और लगाव

देशभक्ति का मतलब सिर्फ देश से प्रेम करना नही होता इसका मतलब देश के नागरिको से भी प्रेम करना होता है। यह देश के लोगो के प्रति प्रेम और स्नेह को भी दर्शाता है, तथा विविधता होने के बावजूद एकता को भी प्रदर्शित करता है।

4.समान अधिकार

एक लोकतंत्र में, सभी नागरिकों को बराबर का अधिकार होता हैं, जिसमें सरकार सभी लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है। अलग-अलग जाति, धर्म, समुदाय और लिंग होने के बावजूद सभी नागरिकों के लिए कानून समान होता हैं, यह विविधता में एकता को दर्शाता है। एक देशभक्त चुनावो के अपने नेताओ के चुनाव या बदलाव और अपनी समाज के तरक्की के लिए मतदान में हमेशा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेता है। जिससे देश के नागरिको को और भी ज्यादे शक्ति मिलती है।

5.बुराईयो का अंत

देशभक्ति नागरिको के हरेक कार्य में दिखनी चाहिए। हमें ग्राहको को धोका देना, कम कर चुकाना, रिश्वत लेना, कमजोरो को सताना, दूध में पानी मिलाने जैसे बुरे और गैरकानूनी कार्यो में नही लिप्त होना चाहिए।

6.दार्शनिक कार्य

देशभक्ति दार्शनिक कार्यो में भी दिखाई देती है। अपने साथी नागरिको की सेवा और सहायता करना हमारा सबसे अच्छा सहयोग हो सकता है। हमे जरुरतमंद लोगो को समय, मदद या पैसै देकर सहायता करनी चाहिए। यह बहुत ही जरुरी है कि हम अपने आस-पास के लोगो का जीवन बेहतर करने का प्रयास करे।

निष्कर्ष

आज के समय देशभक्ति का मतलब सिर्फ देश के लिए जान कुर्बान कर देना ही नही होता है बल्कि की देश और इसके लोगो के भलाई के लिए जिम्मेदार तरीके से कार्य करना भी उसी प्रकार की सच्ची देशभक्ति है। इसका मतलब सिर्फ विचारो को ग्रहण करना नही अपने बल्कि की अपने विचारो और रायो को रखना भी होता है। छोटे-छोटे कार्यो द्वारा देशभक्ति को हमारे दैनिक जीवन में भी अपनाया जा सकता है। एक समाज, शहर, राज्य, तथा राष्ट्र की तरक्की इसके लोगो पर निर्भर करती है, इस प्रकार से हम कह सकते है कि एक देश को इसके निवासियो द्वारा ही एक सशक्त राष्ट्र बनाया जा सकता है।

Essay on Importance of Patriotism

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