खेल पर निबंध (Sports Essay in Hindi)

खेल

खेल एक शारीरिक क्रिया है, जिसके खेलने के तरीकों के अनुसार उसके अलग-अलग नाम होते हैं। खेल लगभग सभी बच्चों द्वारा पसंद किए जाते हैं, चाहे वे लड़की हो या लड़का। आमतौर पर, लोगों द्वारा खेलों के लाभ और महत्व के विषय में कई सारे तर्क दिए जाते हैं। और हाँ,  हरेक प्रकार का खेल शारीरिक, मानसिक, मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। यह एक व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। नियमित रुप से खेल खेलना हमारे मानसिक कौशल के विकास में काफी सहायक होता है। यह एक व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक कौशल में भी सुधार करता है। यह हमारे अंदर प्रेरणा, साहस, अनुशासन और एकाग्रता लाने का कार्य करता है। स्कूलों में खेल खेलना और इनमें भाग लेना विद्यार्थियों के कल्याण के लिए आवश्यक कर दिया गया है। खेल, कई प्रकार के नियमों द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है।

खेल पर बड़े तथा छोटे निबंध (Long and Short Essay on Sports in Hindi, Khel par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 – 300 शब्द)

परिचय

खेल सदा ही हमारेबीच लोकप्रिय रहे है। प्रायः सभी व्यक्ति कोई न कोई खेल अवश्य अवश्य खेलते है। किसी का प्रिय खेल क्रिकेट है, तो किसी का फुटबॉल, तो किसी का बैडमिंटन आदि। खेल हमारे शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए आवश्यक है।

खेल के प्रकार

खेल को दो प्रकारों में बांटा जा सकता है – मानसिक और शारीरिक खेल

चेस, लूडो, पहेली, आदि मानसिक खेलों की श्रेणी में आते है। इन खेलों में शरीर से ज़्यादा मष्तिष्क का इस्तेमाल होता है।क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, आदि शारीरिक खेलों की श्रेणी में आते है। इन खेलों में मष्तिष्क से ज़्यादा शरीर का इस्तेमाल होता है।

खेल के लाभ

खेल एक व्यक्ति को अच्छी भावना प्रदान करता है और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। यह व्यक्तित्व के वृद्धि तथा विकास के साथ ही देश के लिए भी उपयोगी होता है। हम नियमित रुप से खेलने के लाभ और महत्व को कभी भी अनदेखा नहीं कर सकते हैं। यह हमें हमेशा तंदुरुस्त और स्वस्थ रखने के साथ ही मादक पदार्थों की लत, अपराध और विकारों की समस्याओं से दूर रखता है।

निष्कर्ष

हमें बच्चों को खेलों के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और घर तथा स्कूली स्तर पर शिक्षकों और अभिभावकों की समान भागीदारी के द्वारा उनकी खेलों में रुचि को बढ़ावा देने का प्रयास करना चाहिए। आज के समय में स्पोर्ट्स और खेल बहुत ही रुचिकर हो गए हैं और किसी के भी द्वारा किसी भी समय खेले जा सकते हैं हालांकि, पढ़ाई और अन्य किसी में भी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इनका बचपन से ही अभ्यास होना चाहिए।

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निबंध 2 (400 शब्द)

प्रस्तावना

खेल शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती को सुधारने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और सरल तरीका हैं। आजकल सराकर के महत्वपूर्ण प्रयासों द्वारा खेल के क्षेत्रों में काफी सुधार आया है। हम खेलों द्वारा स्वास्थ्य और शरीर की तंदुरुस्ती को बनाए रखने के साथ ही खेलों में एक बेहतर भविष्य का निर्माण भी कर सकते हैं। यह सफलता और अच्छी नौकरी पाने का बहुत ही अच्छा तरीका है। यह नियमित रुप से मनोरंजन और शारीरिक गतिविधियों को प्राप्त करने का अच्छा साधन है। यह चरित्र और अनुशासन को बनाये रखने में भी काफी सहायक होता है, जो हमें पूरे जीवन भर थामे (पकड़े) रहती है। यह हमें सक्रिय बनाती है और हमें ऊर्जा और ताकत देती है।

खेल का मानसिक एवं शारीरिक वृद्धि पर प्रभाव

नियमित रुप से खेल खेलने से मानसिक और शारीरिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलता है। यह हमारे शारीरिक और मानसिक सन्तुलन को बनाए रखता है, इसके साथ ही यह हमारे एकाग्रता स्तर और स्मरण शक्ति को भी सुधारता है। खेल हमारे एकाग्रता को बढ़ाकर हमारे जीवन को शांतिपूर्ण बनाता है, इसके साथ ही यह हमें किसी भी कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए भी तैयार करता है।

खेल लोगों में मित्रता की भावना को विकसित करने में भी अहम योगदान निभाता है और दो लोगों के बीच के सभी मतभेदों को घटाता है। यह शरीर को आकार में रखता है, जो हमें मजबूत और सक्रिय बनाता है। इसके साथ ही  यह हमारे मस्तिष्क को शान्तिपूर्ण रखता है, जो सकारात्मक विचारों को लाता है और हमें बहुत सी बीमारियों और विकारों से दूर रखता रहता है।

खेल बहुत तरीकों से हमारे जीवन को उन्नत करने का कार्य करता हैं। ये हमें अनुशासन और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने लिए निरंतर कार्य और अभ्यास करना सिखाता हैं। यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से स्वस्थ बनाये रखता हैं और इस प्रकार, सामाजिक, भावनात्मक, मानसिक और बौद्धिक रूप से फिट रखते हैं।

निष्कर्ष

यह हमें बहुत ऊर्जा और मजबूती प्रदान करने के साथ ही पूरे शरीर में रक्त संचरण में सुधार करके सभी तरह की थकान और सुस्ती को सुधारता है और शारीरिक और मानसिक अच्छाई को बढ़ावा देता है। यह एक व्यक्ति की कुशलता, कार्य क्षमता को सुधारता है और मानसिक और शारीरिक रुप से थकान होने से बचाव करता है। यह छात्रों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने का अभिन्न हिस्सा है। खेल और शिक्षा दोनों को अपने जीवन में  एक साथ अपनाकर हम महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

निबंध 3 (500 शब्द)

प्रस्तावना

सभी समझते हैं कि, खेल का अर्थ केवल शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती है। यद्यपि, इसके अन्य बहुत से महत्वपूर्ण लाभ भी है। स्पोर्ट्स (खेल) और अच्छी शिक्षा दोनों ही एक साथ एक बच्चे के जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत ही आवश्यक हैं। हमें इन दोनों को ही स्कूल और कलेजों में बच्चों को आगे बढ़ाने और विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल बनाने के लिए समान प्राथमिकता देनी चाहिए। खेल का अर्थ न केवल शारीरिक व्यायाम से है बल्कि की इसका अर्थ विद्यार्थियों की पढ़ाई की और एकाग्रता स्तर को बढ़ावा देना से भी है। खेलों के बारे में आमतौर पर, कहा जाता है कि, “एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन रहता है”, जिसका अर्थ है कि, जीवन में आगे बढ़ने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए तंदुरुस्त शरीर में एक स्वस्थ मन होना चाहिए। जिसके लिए हमें अपने जीवन में खेलों को अपनाना होगा।

खेल और स्वास्थय

शरीर का स्वस्थ एक अच्छे जीवनयापन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें अपने लक्ष्य पर पूरी तरह से ध्यान केन्द्रित करने के लिए हमारा मानसिक और बौद्धिक रुप से स्वस्थ होना बहुत ही आवश्यक है। खेल द्वारा हममें उच्च स्तर का आत्मविश्वास पैदा है, जिससे हमारे जीवन में अनुशासन उत्पन्न होता है और यह अनुशासन हमारे साथ पूरे जीवन भर रहता है।

खेल के प्रकार

खेल कई प्रकार के होते हैं और उनके नाम, उनके खेलने के तरीके और नियमों के अनुसार होते हैं। कुछ प्रसिद्ध खेल, क्रिकेट, हॉकी (राष्ट्रीय खेल), फुटबॉल, बॉस्केट बॉल, वॉलीबॉल, टेनिस, दौड़, रस्सी कूद, ऊँची और लम्बी कूद, डिस्कस थ्रो, बैडमिंटन, तैराकी, खो-खो, कबड्डी, आदि है। खेल शरीर और मन, सुख और दुख के बीच सन्तुलन बनाने के द्वारा लाभ-हानि को ज्ञात करने का सबसे अच्छा तरीका है। कुछ घंटे नियमित रुप से खेल खेलना, स्कूलों में बच्चों के कल्याण और देश के बेहतर भविष्य के लिए काफी आवश्यक है।

निष्कर्ष

खेल स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को सुधारने और बनाए रखने, मानसिक कौशल और एकाग्रता स्तर के साथ ही सामाजिक और वार्तालाप या संवाद कौशल को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। नियमित रुप से खेल खेलना एक व्यक्ति को बहुत सी बीमारियों और शरीर के अंगों की बहुत सी परेशानियों, विशेष रुप से अधिक वजन, मोटापा और हृदय रोगों से सुरक्षित रखता है। बच्चों को कभी भी खेल खेलने के लिए हतोत्साहित नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें सदैव खेल में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

खेल

निबंध 4 (600 शब्द)

प्रस्तावना

भारत में प्राचीन समय से ही कई प्रकार के खेल खेले जाते हैं और देश का राष्ट्रीय खेल हॉकी को माना जाता है। विशेष रुप से, बच्चे खेलने के बहुत अधिक शौकीन होते हैं। वे आस-पास के क्षेत्र में, पार्कों, बगीचों में खेलते हैं। इसके साथ ही वह आमतौर पर स्कूलों में होने वाले खेलों में भी भागीदारी लेते हैं। स्कूल स्तर पर, जिला स्तर पर, राज्य स्तर पर, राष्ट्रीय स्तर पर और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के बच्चों और युवाओं की अधिकतम भागीदारी के लिए बहुत सी खेल गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यद्यपि, कभी-कभी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जैसे – ओलंपिक या कॉमनवेल्थ खेलों में खिलाड़ियों का खराब प्रदर्शन भारत में खिलाड़ियों के लिए अच्छी खेल सुविधाओं की कमी और अभाव को प्रदर्शित करता है।

इतिहास

प्राचीन यूनानी काल में कई तरह के खेलों की परंपरा स्थापित थी और ग्रीस की सैन्य संस्कृति और खेलों के विकास ने एक दूसरे को काफी प्रभावित किया। खेल उनकी संस्कृति का एक ऐसा प्रमुख अंग बन गया कि यूनान ने ओलिंपिक खेलों का आयोजन करना शुरु कर दिया, जो प्राचीन समय में हर चार साल पर पेलोपोनिस के एक छोटे से गाँव में ओलंपिया नाम से आयोजित किये जाते थे। खेल को पूर्ण व्यवस्थित रूप सर्वप्रथम यूनानियों ने ही दिया था। उनकी नागरिक व्यवस्था में खेल का महत्त्वपूर्ण स्थान था। उस युग में ओलिंपिक खेलों में विजय मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि समझी जाती थी। गीतकार उनकी प्रशंसा में गीत लिखते थे और कलाकार उनके चित्र तथा मूर्तियां बनाते थे।

भारतीय एथलीट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर

अभी भी भारतीय एथलीट अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के खेलों में मानक स्थिति को प्राप्त नहीं कर पाए हैं हालांकि, यह लगता है कि  आने वाले समय में वे ऐसा कर पाएंगे क्योंकि वर्तमान सालों में खेलों का क्षेत्र बढ़ गया है। इसे देश की सरकार द्वारा स्कूल और कालेजों में बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय एथलीट (खिलाड़ी) हर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल में अपनी पूर्ण भागीदारी दिखा रहे हैं और लगातार गुणवत्ता और मानक हासिल करने के लिए कोशिश कर रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों ने पिछले ओलंपिक खेलों में बहुत कम स्वर्ण पदक जीते थे हालांकि, वे बहुत ही साहस और उत्साह के साथ खेले थे, जिसने दर्शकों को काफी उत्साहित किया। भारत हॉकी, कुश्ती, क्रिकेट, आदि कई खेलों में अग्रणी है।

खिलाड़ी का चुनाव

सबसे अच्छे खिलाड़ी का चुनाव उन विद्यार्थियों में से किया जाता है, जो स्कूली स्तर और राज्य स्तर पर बहुत अच्छा खेलते हैं। अब भारत में खेलों की स्थिति बदल गई है और यह लोकप्रियता और सफलता पाने का अच्छा क्षेत्र बन गया है। यह शिक्षा से अलग नहीं है और यह भी आवश्यक नहीं है कि, यदि कोई अच्छा खेल खेलता है, तो उसके लिए शिक्षा की आवश्यकता नहीं है या यदि कोई पढ़ने में अच्छा है तो खेलों में शामिल नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह है कि कोई भी व्यक्ति खेलों में भाग ले सकता हैं, चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित। शिक्षा और खेल एक ही सिक्के अर्थात् सफलता के दो पहलू हैं। विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में खेल खेलना अनिवार्य कर दिया गया है, इसके साथ ही शिक्षकों और अभिभावकों को उनके स्तर पर उनके विकास और वृद्धि के साथ ही देश का भविष्य बनाने के लिए खेल खेलने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए।

निष्कर्ष

खेल बहुत तरीकों से हमारे जीवन को पोषित करने का कारय करते हैं। ये हमें अनुशासन और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने लिए निरंतर कार्य और अभ्यास करना सिखाते हैं। इसके साथ ही यह हमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरीकों से स्वस्थ रखते हैं और इस प्रकार हम  सामाजिक, भावनात्मक, मानसिक और बौद्धिक रूप से फिट रखते हैं। इस तरह के  एक प्रदूषित और दबाव के माहौल में जहाँ हर कोई तनाव देने के लिए और एक दूसरे के लिए समस्या पैदा करने के लिए तैयार हो जाता है, ऐसे में खेल मनोरंजन और मन को एकाग्र करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह एकाग्रता स्तर और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है और मस्तिष्क को सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण कर देता है।

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