वैश्विक आतंकवाद पर भाषण (Global Terrorism Speech)

वैश्विक आतंकवाद को लोगों के बीच खतरे और भय का सामान्य वातावरण बनाने और एक  विशिष्ट प्रकार की राजनीतिक उद्देश्य को पूरा करने के लिए, अपराध और हिंसा के विधिवत उपयोग के रूप में वर्णित किया जा सकता है। आजकल, स्कूलो और कॉलेजो में अनेक प्रकार के ज्ञान से भरे कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। जिसमें छात्रों को विभिन्न विषयों पर भाषण देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। आतंकवाद आज एक बहुत बड़ी समस्या है और वैश्विक आतंकवाद पर हमारा भाषण छात्रों को अपने विचार औऱ अनुभव के अनुसार भाषण तैयार करने में मदद कर सकता है।

वैश्विक आतंकवाद पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on Global Terrorism in Hindi)

भाषण – 1

सम्मानित प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को मेरा नमस्कार!

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज हम आतंकवाद के बारे में भविष्य की पीढ़ियों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए इस हॉल में इकट्ठे हुए हैं। आज हम उस विषय पर चर्चा करने जा रहे है जो पूरी दुनिया के सामने आने वाली प्रमुख समस्याओं में से एक है।

आतंकवाद, आम लोगों के बीच आतंक पैदा करने के लिए लोगों के समूह द्वारा किया गया गैरकानूनी काम है। मैं कुछ शब्दों में आतंकवाद की व्याख्या नहीं कर सकता, क्योंकि इसकी गहरी जड़ें पूरी दुनिया में फैली हुई हैं, जो कि अत्यंत चिंता का विषय बन गया है। पूरी दुनिया में  ये सामाजिक, धार्मिक, व्यक्तिगत और राजनीतिक सहित अन्य उद्देश्यों को प्राप्त करने और पूरा करने के लिए राजनेताओं, व्यापार उद्योगों और कई सामाजिक संगठनों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरीकों में से एक है।

हमारे देश के युवाओं पर भी आतंकवाद का बुरा प्रभाव पड़ता है। आतंकवाद के स्तर में वृद्धि के प्रमुख कारक दुनिया में रह रहे लोगों के विभिन्न धर्म और विचारधाराएं हैं। जिनके कारण न केवल हमारा देश बल्कि पूरी दुनिया आतंकवाद के हमलों का सामना कर रही है।

आज लोग पूरी दुनिया में आतंकवाद के फैलने तथा उनके हमलों से डर कर जी रही हैं, उदाहरण के तौर पर हम, इराक और ईरान देश को देख सकते है जो बुरे तरह से आतंक के इस जाल में फस चुके है। इसके साथ ही इस्लाम समुदाय के लोग भी आतंक के इस दलदल में फसते चले जा रहे है।

आतंकवादी आम तौर पर अपने हमलों में मशीन गन और बम का उपयोग करते हैं और ये रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों या संगीत कार्यक्रमों जैसे क्षेत्रों पर हमले के लिए अपना मुख्य लक्ष्य बनाते हैं। उल्लेख करने के लिए, हम बेल्जियम या पश्चिमी यूरोपीय जैसे कई स्थानों के अनगिनत घटनाओं पर नजर डाल सकते है। जहां बहुत सारे नागरिक इसका शिकार हुए थे, वहीं अगर हम भारत के बारे में बात करे तो 7 मार्च, 2018 को भोपाल-उज्जैन यात्री ट्रेन पर आतंकवादियों के बम से हमला करने पर 10 निर्दोष यात्री घायल हो गए थे। ऐसी कई सारी और घटनाएं पूरी दुनिया में देखी जा रही हैं और इनमे हजारों निर्दोष नागरिक हर साल मारे जा रहे हैं।

आतंकवाद से लड़ने के कई तरीके हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह के खतरों का जवाब देने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की आवश्यकता है, जो जरुरत पड़ने पर हमेशा लोगो की सहायता कर सके। जिससे मानव जीवन और संपत्ति का कम से कम नुकसान हो और उन्हें किसी भी प्रकार की हानि ना पहुँच सके। इसके अलावा, वैश्विक आतंकवाद के लिए बंदूक नियंत्रण एक और संभावित समाधान है जो अंततः आतंकवादियों द्वारा प्राप्त हथियारों को सीमित कर देगा और आतंकवादी संगठनों की पहचान कर, भविष्य में किसी भी प्रकार के आतंकवादी हमलों से बचने में मदद करेगा है।

समय आ गया है कि हम सभी को यह महसूस करना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति के अपने-अपने परिप्रेक्ष्य, मानसिक विचार, विश्वास और धर्म होते है। जब तक हम अपनी दुनिया में मतभेद रखेगें, तब तक आतंकवाद जारी रहेगा। हमें सबसे पहले इन मतभेदों को भुलाने और आतंकवाद की दर को कम करने की आवश्यक्ता है। संक्षेप में, मैं यह कहना चाहता हुं कि यह कोई ऐसी समस्या नहीं है, जिसे केवल एक देश हल कर सकता है। बल्कि इस गंभीर वैश्विक समस्या को हल करने के लिए हम सभी को एकजुट होने की आवश्यकता है।

धन्यवाद!

 

भाषण – 2

माननीय मुख्य अतिथि, कॉलेज के सम्मानित अध्यक्ष, सम्मानित प्रोफेसर और प्रिय मित्रों  मैं, पूरे कॉलेज की तरफ से आप सभी को समय निकालने और इस महत्वपूर्ण चर्चा का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हर साल की तरह, इस साल भी हमने एक  महत्वपुर्ण विषय चुना है, जो कि वैश्विक आतंकवाद है। जो न केवल हमारे देश के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है।

वैश्विक आतंकवाद को दुनिया भर में धार्मिक या राजनीतिक विचारधाराओं को बढ़ावा देने के इरादे से हिंसा और अपराध जैसी गतिविधियों के रूप में वर्णित किया गया है। वैश्विक आतंकवाद मुख्य रूप से सरकार, अंतर्राष्ट्रीय समूह या समुदाय पर दबाव डालने के लिए हिंसा और धमकी का उपयोग करते है।

वैश्विक आतंकवाद के विभिन्न रूप जैसे विदेशी भूमि पर हमले, आत्मघाती बम विस्फोट आदि हो सकते है। 2001 में वैश्विक आतंकवाद का कार्य समाप्त हुआ, जिसे 9/11 के रूप में भी जाना जाता है, जो डरावनी और भयावहता के कार्य को परिभाषित करता है। कुछ अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के सदस्यों ने न्यू यॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला किया था जिसके परिणामस्वरूप कई लोगो की मृत्यु हो गई थी। हालांकि आम तौर पर इस प्रकार के कई आतंकवादी हमले बड़े पैमाने पर देखे गये है। आत्मघाती हमला आम नागरिकों को मारने के साथ-साथ लोगो अंदर भय और आतंक का वातावरण पैदा कर देता है।

आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य आतंक फैलाना, झूठे वादे करना और अराजकता पैदा कर अधिक से अधिक निर्दोष लोगों की जान लेकर अपना उद्देश्य प्राप्त करना होता है। आतंकवादी आम तौर पर भीड़ वाले क्षेत्रों का चयन करते है ताकि वो अधिक से अधिक लोगों को मार या घायल कर सके। इसके कारण बहुत से लोग जो आतंकवाद के इस घटना के साक्षी बने होते है। वो इन घटनाओ के बाद कई प्रकार के चिंता और तनाव का सामना करते हैं। वैश्विक आतंकवाद के परिणामस्वरूप घायल लोगों की संख्या के साथ-साथ मृत्यु दर भी अत्यधिक बढ़ गई हैं।

जब वैश्विक आतंकवाद की घटना घटित होती है, तो यह न केवल उस देश को प्रभावित करता है बल्कि कि यह पड़ोसी देश के आर्थिक संतुलन और दुनिया भर में महंगाई दर वृद्धि को भी प्रभावित करता है। आतंकवाद आज एक बहुत बड़ी समस्या है और यह एक चर्चा का भी विषय है। ज्यादातर युवाओं को आज अपने लोगों के खिलाफ आतंकवाद फैलाने के लिए अन्य लोगों द्वारा नकारात्मक रूप से प्रभावित किया जा रहा है। हालांकि आतंकवाद के कई भिन्न कारण हो सकते हैं, परन्तु इनके प्रभाव हमेशा खतरनाक ही होते है, जैसे मृत्यु और रक्तपात।

आतंकवाद और क्रूरता से किसी भी तरह का लाभ नहीं होता बल्कि इसके कारण दुनिया भर के लोगों के अंदर भ्रम, डर, मृत्यु की संख्या और विकार आदि में वृद्धि पैदा करता है, इसीलिए हमे इसे रोकने के लिए अपना पूरा प्रयास करना चाहिए।

अधिक से अधिक युवा आज ऐसी गतिविधियों से प्रभावित हो रहे हैं इसीलिए सरकार को जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए। आज के युवाओं के अंदर अधिक आक्रामकता और कम धैर्य देखने को मिलता है। अगर उनकी कोई इच्छा पूरी नहीं होती है तो, वे हिंसा और आतंकवाद का मार्ग अपना लेते हैं और स्थानीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असंतुलन पैदा करने लगते हैं।

कुशल सैन्य हस्तक्षेपों ने कुछ देशों में आतंकवाद के प्रभाव को कम करने में मदद की है। कुछ देशों में लगातार बढ़ती आक्रामक और हिंसक गतिविधियों के प्रभाव के परिणामस्वरूप आतंक प्रेरित घटनाओ की संख्या में वृद्धि हुई है।

उचित कार्यवाही करके और जागरूकता फैलाकर, सरकार और अन्य मानवहित में काम करने वाले संगठन साथ मिलकर आतंकवाद के रोकथाम में अपना विशेष योगदान दे सकते है तथा विचलित युवाओं के क्रोध को कम करने और आतंकवाद को रोकने में मदद कर सकती हैं।

सीमा पर कठोर रक्षा उपायों और वैश्विक समझ तथा सहयोग आदि का उपयोग अपराधों और सामाजिक-विरोधी तत्वों को रोकने के लिए आवश्यक है। हालांकि, व्यक्ति द्वारा किए गए आतंकवादी कृत्य अनियमित और अप्रत्याशित होते हैं, परन्तु फिर भी वे कुछ परिचित सांख्यिकीय तरिको का पालन करते हैं। इससे सरकार को आतंकवादी समूहों तथा उनके कार्य-प्रणाली, रणनीति, युक्ति और आतंकवाद विरोधी अभियानों के प्रभाव को पहचानने में मदद मिल सकती है।

हालांकि यह विषय बहस योग्य है और अब मैं इस उम्मीद के साथ अपने भाषण को विराम देना चाहता हूं कि हर किसी ने मेरी बात सुनी है, मैं खासकर युवाओ की बात कर रहा हूं, जो आतंकवाद से लड़ने और दुनिया भर के लोगों में सद्भाव पैदा करने तथा जागरुकता फैलाने में अपना अहम योगदान दे सकते है।

धन्यवाद!

 

भाषण – 3

अमेरिकी लेखक बेल हुक लिखते हैं, “हिंसा में कोई जीवन नहीं है, हिंसा से जुड़ा हर एक कदम हमें मृत्यु के और करीब ले जाता है, फिर चाहे वो हमसे जुड़े साधारण हिंसा ही क्यों न हो जैसे विषाक्त खान-पान या बाल हिंसा तथा गृह युद्ध, गरीबी, नशा या क्षेत्रीय आतंकवाद इत्यादि। “यह सच है कि, हिंसा और मृत्यु का भय लोगों को अपने वर्तमान जीवन जीने से वंचित कर, उन्हें इसके बारे में सोचने पर मजबूर कर रहा हैं।

प्रधानाचार्य, समस्त शिक्षक गण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुप्रभात!

मैं _______, दोस्तों, आज मैं आप सबके सामने वैश्विक आतंकवाद के ऐसे विषय पर बाते करने जा रहा हूं। जिसके लिए किसी महत्वपूर्ण अवसर की जरुरत नहीं। यह वह समस्या है जो दुनिया भर के देशों को लंबे समय से परेशान कर रही है। बम विस्फोट, आतंकवादी हमले और निर्दोषों की मृत्यु आदि जैसै दैनिक समाचार, रिपोर्ट वास्तव में हमारे दिल की धड़कन को और अधिक बढ़ा देते है।

“दुश्मन” या “अन्य” शब्द अक्सर आतंकवादियों को यह बताती है कि वे कानून और शांति भंग करने वाले लोगो में से एक हैं। आतंकवाद अभी भी प्रचलित है, ये दो या दो से अधिक देशों के बीच उत्पन्न होने वाली राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संघर्ष को सरलता से बदलने के बजाये, अक्सर हिंसा और विवाद का रुप ले लेती हैं। विभिन्न देशों के लोगों के आत्म हित के लिए, अधिक शक्ति के लालच के लिए तथा शीर्ष पर होने की इच्छा के लिए ये दुनिया में आतंकवाद के प्रसार के प्राथमिक कारणों को बढ़ावा देती हैं।

देशों के निरंतर जवाबी कार्रवाई के घातक कार्य वैश्विक आतंकवाद को खत्म करने में और मुश्किले पैदा कर देते हैं। सूची में शीर्ष पर पहुंचने के लिए, प्रत्येक देश अपने हर संभव माध्यमों से दूसरे देश को नीचे गिराने की कोशिश करता है। हमले के लिए हथियार और उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाता है। वर्तमान समय में लगभग पूरे विश्व में आँख के लिये आँख जैसी हिसंक विचारधारा अपनायी जा रही है। जिसके कारण दुनिया भर के सैकड़ों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। 21वीं शताब्दी में लोगों में मानवता, नैतिकता और विवेक की कमी को वैश्विक आतंकवाद का मूल कारण माना जाता है।

इस विषय में मेरे विचार मलाला यूसुफज़ई के प्रसिद्ध उद्धरण से मिलते हैं, “यदि आप आवाज नही उठाएंगे तो आतंकवाद हर तरफ फैल जाएगा” इसलिए यह आतंकवाद के खिलाफ हमारे बात करने का अवसर है। हमें इस मुद्दे को हल करने, अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने और संघर्षों में राष्ट्रों और देशों के बीच शांति बनाये रखने की कोशिश करने की आवश्यक्ता है, क्योंकि सिर्फ शांति संधियो पर हस्ताक्षर करने से समाधान की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसीलिए हमें और आपको वैश्विक आतंकवाद को समाप्त करने के लिए अपना योगदान देना होगा।

इस समस्या को हल करने के लिये हमे लोगो के मानसिकता में बदलाव और उनके भीतर अच्छे विचारो को लाने की जरुरत है, जिससे की हर कीसी की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके । बहुत सारे शब्द जैसे कि दुश्मन आदि को हमारे दिमाग के भीतर से हटाये जाने की आवश्यकता है। मुझे आशा है कि आप सभी इस गंभीर मुद्दे पर विचार जरुर  करेंगे और आगामी पीढ़ियों के जीवन और भविष्य को सुरक्षित करने के लिए वैश्विक आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में अपना योगदान देगें।

बस आप सब से मुझे इतना ही कहना था।

धन्यवाद!


 

भाषण – 4

सम्मानित प्राधानाचार्य, सम्मानित शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रो – आप सभी यहां उपस्थित होने के हार्दिक अभिनंदन करता हुं!

जैसा कि आप सभी जानते हैं, हम राज्य स्तर पर खेले जाने वाले आगामी बहस प्रतियोगिता के लिए हमारी योजना पर चर्चा करने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। हमारे स्कूल से, हमने उन छात्रों को चुना है जिन्होंने हमें इंटर-स्कूल प्रतियोगिताओं में कई प्रश्नोत्तरी और बहस जीतने में मदद की है।

खैर, उन सभी विषयों में से जिन पर हम बहस या चर्चा कर सकते है,   उनमें से मैनें वैश्विक आतंकवाद को चुना है जो सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक है और जिसपर आज हम चर्चा करने जा रहे हैं।

वैश्विक आतंकवाद को हम, आम लोगों के बीच आतंक और भय पैदा करने के लिए हिंसा का जानबूझकर कर उपयोग किये जाने के तथ्य के रूप में भी परिभाषित कर सकते है। आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य राजनीतिक, वित्तीय, वैचारिक या धार्मिक लाभ हासिल करना है। किसी भी प्रकार का आतंकवाद किसी भी इरादे या स्थिति में अन्यायपूर्ण और  दंडनीय अपराध है।

वैश्विक आतंकवाद एक बेहद गंभीर समस्या है, जो वैश्विक स्तर पर शहरों, राष्ट्रों और बाजारो की सुरक्षा को कमजोर करता है। आम सभ्यता और मानव जाति के संबंध में आम लोगों और नेटवर्क पर बिना सोचे समझे हमलों के परिणामस्वरूप डरावनी और चिंता की भावना उत्पन्न होती है। वैश्विक आतंकवाद के पिछले दो वर्षों के रिकॉर्ड स्तर ने ना केवल जनता में भय का माहौल पैदा किया है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी कमजोर कर दिया है।

आतंकवाद आम लोगों के बीच भय और आतंक की स्थिति पैदा करता है, यह वैश्विक बाजार में अनिश्चितता और असुरक्षा की भावना भी पैदा करता है, जिससे यह निवेशकों के बीच आशंकाओं के उत्पन्न होनो के कारण और महगांई समेत कई अप्रत्याशित आर्थिक समस्याओ का कारण हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, धर्म के नाम पर आतंकवाद के कृत्यों में कई विरोधी-सामाजिक समूह शामिल हो रहे हैं। ये लोग भीड़ वाले स्थानों तथा क्षेत्रों का चयन करते है और बम तथा अन्य खतरनाक हथगोले, मिसाइलों आदि का उपयोग करते हैं, जिससे ये ज्यादा से ज्यादा लोगों को मार सके तथा उन्हें असहाय और कमजोर बना सके।

दुखद बात तो यह है कि कई युवा भी सामाजिक-विरोधी लोगों और तत्वों के नकारात्मक प्रभाव से प्रभावित हो रहे हैं और वे निर्दोष लोगों की हत्या के कामों में भी शामिल हो रहे हैं। इस भाषण के माध्यम से, मैं सभी को विशेष रूप से युवा लड़के-लड़कियों से यह अपील करना चाहूंता कि, आतंकवाद राष्ट्र विरोधी तत्व हैं जो युवाओं का अपने व्यक्तिगत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए शोषण करता हैं।

वैश्विक आतंकवाद, विश्व अर्थव्यवस्था पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव ड़ालते है जिसके परिणामस्वरूप बाजार में अप्रत्याशित रुप से गिरावट आ जाती है और कई निर्दोषों को आपनी जान से हाथ धोना पड़ता हैं। मुझे दृढ़ विश्वास है कि जब युवाओं को वैश्विक आतंकवाद के अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में पता चलेगा, तो वे खुद को ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से रोक देंगे।

अचानक मूल्य वृद्धि और मूल्य अस्थिरता आतंकवाद के अल्पकालिक प्रभाव को दर्शाते है, हालांकि आतंकवादी कृत्यों द्वारा उत्पादित जोखिम को कम करने के लिए बेहतर नियम, कानून और सुरक्षा लागू की गई है, परन्तु फिर भी व्यापारियों और निवेशकों को नए बाजारों में पैसा निवेश करने में बहुत डर लगता है।

कुछ देश सामान्य रूप से आतंकवाद से प्रभावित है, वही कुछ देश जैसे बर्मा, क्यूबा, ​उत्तरी कोरिया, ईरान, सीरिया आदि देशों गंभीर आतंकवादी गतिविधियो में लिप्त होने के कारण अमेरिका के द्वारा आर्थिक रूप से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। आर्थिक प्रतिबंधों के माध्यम से, अमेरिकी सरकार उन देशों की निंदा करती है जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं।

हम सभी जानते हैं कि किसी भी देश में आतंक के किसी भी कार्य, बड़े या छोटे के माध्यम से भयभीत, अस्थिर और आर्थिक अनिश्चितता का भाव उत्पन्न होता है। इसलिए, हमें सरकार और गैर सरकारी संगठनों को भाषण और सेमिनार आयोजित करने के लिए अपील करनी चाहिए, जिसके माध्यम से लोग आतंकवाद के नकारात्मक परिणामों से अवगत हो सके और वे इस तरह के कृत्यों को हतोत्साहित करने के लिए में पूर्ण योगदान दे।

मैं इस उम्मीद के साथ अब अपने भाषण को विराम देना चाहता हूं कि यहां मेरे दर्शक कभी भी अपने लक्ष्य से विचलित नहीं होंगे तथा आतंकवाद को समाप्त करने में अपना पूर्ण योगदान देगें।

धन्यवाद!

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