स्वच्छता के महत्व पर स्पीच

स्वच्छता का महत्व एक ऐसा विषय है, जो शायद हर उम्र के लिए समान महत्व रखता है। किसी के जीवन में इसका महत्व व्यक्ति विशेष के तौर पर उतना ही है, जितना कि एक छोटे से बालक के जीवन में होता है। स्वच्छता विभिन्न प्रकार की हो सकती है। कभी व्यवहारिक तो कभी वैचारिक। जब बच्चा छोटा होता है, तो हम तभी से उसे अच्छी आदतें सिखाते हैं। जिनमें स्वच्छता भी शामिल होती है, ठीक इसी प्रकार हमें बच्चों को व्यक्तिगत सफाई के साथ-साथ अपने परिवेश कि सफाई भी सिखाना चाहिये। उन्हे बताना चाहिये कि देश की सफाई भी हमारा कर्तव्य है।

स्वच्छता के महत्व पर लम्बे तथा छोटे भाषण (Long and Short Speech on Importance of Cleanliness in Hindi)

भाषण – 1

एक आदर्श जीवन वह होता है जिसमें जीवन व्यवस्थित रहता है। व्यवस्थित रहने का अर्थ है, सहि आदतों का मेल रहना क्यों कि हमारे पास अथाह धन होने के बावजूद भी अगर हमारे व्यवहार में स्वच्छता न रहे तो हमारा धन व्यर्थ है। स्वच्छता अच्छी आदतों मे से एक होती है और अच्छी आदतें सबको अपनी ओर आकर्षित करती हैं और जब जीवन में सब का सही मिश्रण हो तो उस व्यक्ति का अलग ही नाम होता है।

जीवन में स्वच्छता का महत्व इतना ज्यादा है कि हमारे प्रधान मंत्री मोदी जी ने भी, इसे समझते हुए स्वच्छ भारत अभियान जैसे राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रम चलाए। जिसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ पूरी तरह खुले में शौच मुक्त बनाना है। गंदगी के कारण कई सारी जानलेवा बिमारियां फैलती हैं और इनसे बचने का सबसे अच्छा तरीका है, दैनिक रुप से अपने शरीर, घर, आस-पास के क्षेत्र, स्कूल, कार्यालय कि सफाई। जरुरी नहीं कि हर जगह आप को ही सफाई करनी हो, आवश्यकता है जागरूकता की। कभी भी यहां-वहां कूड़ा न फेकें और कोई फेके तो उसे समझाएं। देश के सच्चे नागरिक होने के नाते सार्वजनिक स्थानों को गंदा न करें, अपने स्कूल, कार्यालय को साफ रखें। इस प्रकार आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि स्वच्छता किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है। आशा करती हूं कि आप लोगों को स्वच्छता का महत्व अवश्य समझ आया होगा।

स्वच्छ भारत, सुरक्षित भारत। धन्यवाद।


 

भाषण – 2

उपस्थित सभी बड़ों को मेरा सादर प्रणाम, मैं कक्षा 2 में पढ़ने वाली नमिता हूं और आज मैं आप सब के समक्ष स्वच्छता के महत्व को समझाने आयी हूं। यह एक ऐसा विषय है जिसका ज्ञान सभी को होना चाहिये, क्यों कि स्वच्छता हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। और बिना इसके शायद एक व्यवस्थित जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जैसा कि हमारे लिये सांस लेना, भोजन करना जरूरी होता है, ठीक उसी प्रकार स्वच्छता भी जरुरी है। और हम सब के जीवन में इसका महत्व बहुत ज्यादा है।

जब एक नन्हा बालक इस दुनिया में आता है तो उसे कुछ नहीं आता, उसे सब कुछ सिखाया जाता है। इस क्रम में उसमें स्वच्छता की भी आदत डाली जाती है। जिसे आगे चल कर वह अपनी आदत बना लेता है। जीवन मे स्वच्छता का पालन करना यह दर्शाता है कि हम अपने जीवन में अनुशासित भी हैं।

स्वच्छता हर क्षेत्र के लिये महत्वपूर्ण है। चाहे आप जहां भी जाएं जैसे कि स्कूल, घर, मंदिर, कार्यालय आदि। स्वच्छता हर जगह के लिये समान महत्व रखती है। हम जितना अपने घर को साफ रखते हैं, हमें दूसरी जगहों को भी उतना ही साफ रखना चाहिये, कभी भी सार्वजनिक स्थानों को गंदा नहीं करना चाहिये। क्यों कि वे देश के धरोहर हैं, और हमारा देश हमारी पहचान है। जब तक हम अपने धरोहर कि रक्षा नहीं करेंगे, तो हमारे यहां आने वाले पर्यटक कहां से करेंगे। इस लिये स्वच्छता जरुरी है और इसका महत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। आशा करती हूं कि मैने कुछ हद तक स्वच्छता के महत्व को समझाने में आपकी मद्द अवश्य की होगी।

इसी के साथ धन्यवाद।

 

भाषण – 3

हमारे माननीय प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल, सहकर्मियों और हमारे प्यारे छात्रों आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात!!

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि श्री नरेंद्र मोदी हमारे देश के प्रधान मंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया है ताकि सभी जगहों पर लोगों को स्वच्छता और सफाई के उच्च स्तर को बनाए रखने के लिए पूरे भारत में बहुत उत्साह के साथ अभियान चलाया जा सके चाहे फिर वह हमारे घर, कार्यस्थल, सार्वजनिक स्थान, सड़कें आदि क्यों न हो। इसलिए छात्रों में उसी भावना को पैदा करना हमारी जिम्मेदारी बनती है।

जैसे भोजन, पानी, ऑक्सीजन और अन्य चीजें हमारे अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं वैसे ही हमारे स्वस्थ शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए स्वच्छता भी महत्वपूर्ण है। क्या हम मलेरिया, पीलिया आदि जैसी बीमारियों से मरने वाले लोगों के बारे में खबरें नहीं सुनते हैं, जो गंदे परिवेश में पनपती हैं? इसलिए इस तरह के मामलों को रोकने के लिए भारत के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए जो हमारे देश की यात्रा करने वाले विदेशियों की नज़र, आत्मा और दिलों-दिमाग में सम्मानजनक स्थान हासिल करने में मदद करेगा।

और अगर हर भारतीय नागरिक इस स्वच्छ भारत अभियान में कुछ हद तक का योगदान देते हैं, तो हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि इस अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिए यह कितना प्रभावी साबित होगा। वास्तव में आप अपने आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भी सिखा सकते हैं, या जिनके बारे में आप जानते हैं कि उनके दिन-प्रतिदिन के जीवन में स्वच्छता का क्या महत्व है।

हालांकि प्रिय छात्रों कृप्या यह भी समझने की कोशिश करें कि आप इसे हर किसी पर भी लागू नहीं कर सकते। स्वच्छता एक अच्छी आदत है और हर कोई इसके साथ पैदा नहीं होता, इसलिए जो सफाई नहीं करते हैं, तो कोशिश करे उन्हें सफाई के लाभों को समझाने कि, जो दूसरों पर अपने विचार को थोपने की बजाए स्वच्छता पर जोर देती है। स्वच्छता भी विभिन्न प्रकार की हो सकती है जैसे निजी स्वच्छता, पर्यावरण की स्वच्छता, कार्यस्थल की सफाई (जैसे हमारे कार्यालय, स्कूल, कॉलेज आदि)। हमें रोज़मर्रा की जिंदगी में सफाई बरकरार रखने में ज्यादा समय नहीं लगता – जैसे हम खाना बनाने, खाना खाने, स्नान करने आदि जैसे नियमित रूप से सफाई के कार्य करते हैं, उसी तरह सफाई भी हमारे रोज़मर्रा के जीवन का एक अभिन्न अंग बनना चाहिए। वास्तव में छोटी-छोटी चीजों जैसे फर्श या सड़क पर कूड़ा न फेंक कर कूड़ेदान में कूड़ा फेंकना, सड़क पर थूकना या पेशाब नहीं करना आदि करके हम अपने परिवेश में पर्याप्त बदलाव ला सकते हैं।

हमें इसके साथ समझौता नहीं करना चाहिए और हमारे बच्चों को उनके बचपन से ही इसका अभ्यास करवाना चाहिए, ताकि वे एक जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में बड़े हों, जिसे पता हो कि कैसे एक स्वस्थ जीवन जिया जाता है। इस आदत को अपने बच्चों में माता-पिता द्वारा बाध्य किया जाना चाहिए क्योंकि माता-पिता, विशेष रूप से मां अपने बच्चे को और उसके व्यक्तित्व को सही आकार देने में मदद करती है।

जब हम जानते हैं कि स्वच्छता भगवान का दूसरा रूप है, तो हम अब भी इस मुद्दे के प्रति असंवेदनशील क्यों हैं? प्रदूषण के रूप में पर्यावरण को हानि पहुँचाने सहित कई स्वास्थ्य संबंधी गंभीर ख़तरे उत्पन्न हो सकते हैं। गंदे परिवेश में रोगाणु चारों ओर फैले जाते हैं जिन्हें हम हमारी नग्न आंखों से नहीं देख सकते हैं और कितनी तेजी से रोगाणुओं की संख्या बढ़ती है, उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते। यदि हमारे पर्यावरण में प्रदूषण बढ़ेगा तो यह अस्थमा, कैंसर, सीने में दर्द, फेफड़ों के संक्रमण जैसे रोगों को पैदा कर देगा जिससे व्यक्ति की मौत होनी निश्चित है।

इसलिए यह सही समय है जब हम जनता की चेतना को स्वच्छ बनाए रखने के लिए जगाएं, ताकि हम अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकें और सैकड़ों लोगों के जीवन को बचा सकें जो अस्वस्थ वातावरण के कारण मर जाते हैं।

धन्यवाद।

 

भाषण – 4

सुप्रभात मेरे प्रिय सर, मैम और मेरे सारे दोस्तों को नमस्ते। आज की सुबह सभा के लिए मैंने अपने विषय के रूप में सफाई को चुना है। यह दिनचर्या, परिवेश और स्वच्छता का एक बहुत जरूरी हिस्सा है।

सफाई केवल शारीरिक नहीं होती यह सामाजिक और मानसिक भी होती है, जो अच्छे व्यक्तित्व को बनाए रखने और दूसरों पर अच्छी छाप छोड़ने में सहायता करती है। स्वच्छता शरीर, मन और आत्मा को स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखकर अच्छे चरित्र को जन्म देती है।

क्या ऐसा नहीं है कि हम खुद को मजबूत और धनी महसूस करते हैं जब हम अपने आप को और हमारे परिवेश को साफ रखते हैं। यह हमारी आत्मा को सकारात्मक और खुश बनाता है। स्वच्छता को बनाए रखना स्वस्थ जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है, क्योंकि यह केवल स्वच्छता ही है जो बाहरी और आंतरिक रूप से साफ रखते हुए हमारे व्यक्तित्व को बेहतर बनाने में मदद करती है।

किसी ने सही ही कहा है कि स्वच्छता धार्मिकता का रास्ता है। इसका मतलब यह है कि स्वच्छता बनाए रखने और अच्छे विचार रखने से लोग परमेश्वर के करीब या निकट पहुँच जाते हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता को शरीर और आत्मा की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है जो स्वस्थ और आध्यात्मिक संबंध प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है। अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने, सकारात्मक रहने और नैतिक जीवन का नेतृत्व करने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी है।

हमारे शिक्षक चारों तरफ स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हैं। इसका कारण यह है कि वे जानते हैं कि एक स्वस्थ, सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए हम सभी को जीवन के हर पहलू में स्वच्छ आदतों का अभ्यास करना चाहिए क्योंकि अस्वस्थ हालातों ने बुराई को जन्म दिया है जबकि स्वच्छता पवित्रता का प्रतीक है।

खुद को साफ रखना या हमारे परिवेश को साफ रखना ज्यादा मुश्किल नहीं है। हमें इसे अपने लिए, हमारे आंतरिक सुख और शांति के लिए करना चाहिए। मनुष्य के रूप में सुरक्षित और स्वच्छ होने के लिए प्रोत्साहित करना हमारी ज़िम्मेदारी है। सफाई हमारी सकारात्मक सार्वजनिक छवि बनाने में मदद करती है तथा स्वस्थ और धनी रहने में हमारी सहायता करती है।

स्वच्छता को बनाए रख कर हम रोगों और अस्वास्थ्यकर सामाजिक, शारीरिक व मानसिक आंतरिक असुरक्षा से खुद को बचा सकते हैं। हमारी दिनचर्या में नियमित रूप से सफाई को शामिल करना बहुत सरल है। हमें सफाई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। हमारे लिए भोजन और पानी बहुत आवश्यक है।

मुझे खुशी है कि मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने हमेशा से मुझे प्रेरित किया है और पर्यावरण को बचाए रखने की कोशिश की है। उन्होंने हमेशा सफाई और स्वच्छता के महत्व पर ज़ोर दिया है। प्रत्येक बच्चे को स्वच्छता के महत्व को अवश्य बताया जाना चाहिए। बचपन से उन्हें यह विरासत में मिलना चाहिए। स्वच्छता से खाने की आदतों, साफ कपड़ों, यहाँ-वहां सामान न फैलाना, शौचालय इस्तेमाल करने के बाद उसकी सफाई जैसी कुछ बहुत ही आवश्यक स्वच्छता की रणनीति है जिसे हर एक को समझना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए।

धन्यवाद।

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