माँ पर भाषण

माँ सबसे प्यारी और पूजनीय इंसान है। दुनिया में किसी भी तरह का प्यार माता-पिता द्वारा किये गए प्रेम की बराबरी नहीं कर सकता। माँ, अपने बच्चे की सबसे अच्छी प्रशिक्षक और मार्गदर्शिका होती है। माँ ही वह पहली शख्स होती है जिसे हम अपनी ख़ुशी में सबसे पहले याद करते हैं। माँ को ईश्वर से अपने गर्भ में एक नवीन जीवन को गहन प्रेम और देखभाल के साथ विकसित करने की शक्ति का आशीष मिला है। कई बार हमें मदर्स डे जैसे अवसरों पर माताओं के लिए अपने जीवन में भूमिका निभाने के लिए हमारे प्यार और सम्मान को अभिव्यक्त करना पड़ता है। तो हम यहां पर आपको बहुत ही अच्छी गुणवत्ता का भाषण देने में आपकी सहायता करने के लिए माँ पर कुछ भाषण उपलब्ध करा रहे हैं जिसको बहुत सारे दर्शकों द्वारा सराहा गया है।

माँ पर स्पीच (Long and Short Speech on Mother in Hindi)

भाषण – 1

सभी को सुप्रभात! हम आज यहां हमारी जिंदगी के सबसे प्यारे और महत्वपूर्ण व्यक्ति माँ को धन्यवाद करने के लिए मौजूद हैं। माँ के बिना हम में से कोई अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता। इतना दर्द और पीड़ा सहकर हमें इस खूबसूरत दुनिया में लाने के लिए हम सब उसके शुक्रगुज़ार हैं।

अगाथा क्रिस्टी के शब्दों की माने तो, “अपने बच्चे के लिए माँ का प्यार दुनिया में सब चीजों से बढ़कर है। यह किसी कानून को नहीं जानता, किसी से नहीं डरता। यह सब चीजों से लड़ने की हिम्मत रखता है और अपने बच्चे के रास्ते में आने वाली हर मुसीबत को कुचलना जनता है।”

एक माँ अपने बच्चों को गर्भ में अपने खून के साथ पालती है और अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए बहुत त्याग करती है। वह इस पृथ्वी पर ईश्वर का विकल्प है। दुनिया का कोई भी प्रेम माता-पिता के प्रेम से अधिक नहीं हो सकता। संसार के सभी महान पुरुष अपनी मां के समर्थन और भक्ति के कारण ही उन उचाईंयों तक पहुंचे हैं जो हमेशा उनके लिए खड़ी रही और मुक़ाबले के लिए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रही। गांधीजी एक ऐसे व्यक्ति का एक उदाहरण है जो अपनी मां, पुतलीबाई, के प्यार और भक्ति के कारण आगे बढ़े हैं।

इस दुनिया में प्रवेश करने से लेकर इस दुनिया को अलविदा कहने तक हम अपने जीवन में कई रिश्तों की संरचना कर जाते हैं। कुछ रिश्ते थोड़ी देर के लिए बनाए जाते हैं, कुछ हमें धोखा दे जाते हैं, कुछ हमें छोड़ देते हैं जब हमें उनकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है और कुछ हमारा हर तरह के सुख-दुःख में साथ निभाते हैं। पर एक व्यक्ति जो किसी इंसान की बिना लालच के देखभाल, स्नेह और प्यार करती है वह “माँ” है। माँ अपने बच्चे की प्रशिक्षक और मार्गदर्शिका होती है। वह हमें सिखाती है कि हमें जीवन की मुसीबतों को कैसे झेलना है, कैसे बोलना है, कैसे लिखना है और व्यवहार संबंधी सभी सबक सिखाती है जो हमें बेहतर इंसान बनने और इस दुनिया में अपने आचरण को अच्छा रखने में मदद करता है।

हर मां को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए और उन सभी कार्यों और त्यागों के लिए उसकी प्रशंसा की जानी चाहिए जो वह अपने बच्चों के लिए करती हैं। माँ अपने बच्चों के लिए सब कुछ करती है और अब इस कर्तव्य का निर्वाहन करने का समय हमारा है। हमें पूरी तरह से कोशिश करनी चाहिए हम अपनी माँ के लिए अपयश का कारण न बने और उसे दुःख न पहुंचाए। हमें इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए कि हमारे जन्म के समय के बाद से ही हम हर चीज के लिए अपनी माँ पर निर्भर रहते थे। वहीँ एक व्यक्ति है जिसने हर समय हमारा साथ दिया और पूरे दिल से हमारा पालन-पोषण किया। उसका प्यार और स्नेह अतुलनीय है।

हमारी मां हमारी सुरक्षा ढाल है जो हमें हर प्रकार के हमलों और कठिनाइयों से बचाती है। वह अपने सभी दुःखों को भूल अपने बच्चे की ज़रूरतों को पूरा करती है। जैसा कि आप सब जानते हैं आज मातृ दिवस है हम सभी को विशेष रूप से न केवल इस विशेष दिन पर हमारी माताओं को खुश करने की प्रतिज्ञा करनी चाहिए, बल्कि अपने जीवन के बाकी समय में भी अपनी माताओं का ध्यान रखना चाहिए।

अंत में मैं यहाँ मौजूद सभी माताओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं देना चाहूंगा और मैं भगवान से दुआ करना चाहूँगा कि उनका हौसला और हिम्मत बनी रहे ताकि वे हर चुनौतीपूर्ण स्थिति का मुकाबला कर सकें।

धन्यवाद।

 

भाषण – 2

आप सभी को सुप्रभात!

आप सभी का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है! आशा है कि आप सभी अच्छे हैं और इस अवसर पर अपना कीमती समय देकर संतुष्ट होंगे।

आज हम सभी यहां हमारे जीवन में सबसे सुंदर और अद्भुत व्यक्तित्व “माँ” के बारे में बात करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। धरती पर सबसे सुंदर आत्मा के लिए अलग-अलग भाषाओँ में बोले जाने वाला यह शब्द एक समान लगने के साथ-साथ प्यार की अभिव्यक्तियां भी पैदा करता है। माँ वह है जो अपने बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं है। शायद भगवान की भौतिक उपस्थिति हर जगह संभव नहीं थी जिसके कारण उन्होंने ” माँ ” नामक मूर्ति बनाई। माँ वह इंसान है जो एक साथ कई कार्य करना जानती है। चाहे जो काम उसे दिया जाए वह हमेशा सही समय पर सही तरीके से उस काम को ख़त्म करना जानती है। पैसा कमाने से लेकर खाना पकाने तक और हमारे दोषों के लिए हमें डांटने से लेकर हमें लाड़ प्यार करने तक वह अपने किरदार को बेहद प्यार और स्नेह के साथ निभाती है।

हमारी मां हमारे अस्तित्व का निर्माता है। माँ वह है जिसने हमें महसूस कराया है कि वास्तव में जीवन क्या है? उसने हमें जीवन देने के साथ हमारे अन्दर कई गुणों को भी जन्म दिया है। है न?

मेरा मानना ​​है कि वह एक धागा है जो पूरे परिवार को एक साथ जोड़ती है, वह हमें प्रेरित करती है और हमारी ताकत को बढ़ाती है और आज जैसे भी हम हैं वह हमें इस दुनिया का सम्मान, आत्मविश्वास और शक्ति के साथ सामना करने में सक्षम बनाती है।

माँ वह है जो हमारे जीवन की नीवं डालती है, जो हमें शारीरिक और मानसिक रूप से दोनों से सक्षम बनाती है और हमें दुनिया का सामना करने के लिए शक्ति देती है। वह पहला व्यक्ति है जिसे हम अपने सुख और दुःख के समय में याद करते हैं। वह पहला व्यक्ति है जो हमारे दिमाग में आता है जब हम अस्वस्थ होते हैं, जब हम उदास होते हैं, जब हम कुछ हासिल करने में सक्षम नहीं होते हैं या जब हम सफलता की महानतम ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं।

आइए हम खुद से पूछें क्या वह वो इंसान नहीं है जिसका विचार हमारे मन में सबसे पहले आता है जब हम किसी स्थिति से डरते हैं या हमारे बिस्तर पर बीमार पड़ जाते हैं। जी हाँ! वह वही है। हर रोज़ सुबह उठने के बाद हमारा दोपहर का भोजन को पैक करने तक, दोपहर के भोजन के खाने के समय तक यह पुष्टि करने के लिए कि हमारा दोपहर का भोजन बना है या नहीं यह हमारी माँ ही है जो हमारा ध्यान रखती है, जो हमारी भलाई देखती है। मैं सभी माताओं को अपने अस्तित्व के लिए धन्यवाद करता हूं, क्योंकि उनके कारण ही आज हम यहाँ हैं।

किसी ने सही ही कहा है, “हर सफल व्यक्ति के पीछे, एक महिला का हाथ होता है”। मैं इस उदाहरण का समर्थन करता हूं और कहना चाहता हूँ कि यह महिला ‘माँ’ के अलावा अन्य कोई हो ही नहीं सकती। माँ वह है जिसकी प्रार्थनाएं सिर्फ अपने बच्चों के लिए ही होती हैं क्योंकि यह केवल माँ ही है जो पूरी दुनिया को अपने अन्दर समाए रखती है और अपने गर्भ में एक पूर्ण जीवन का पोषण गहन प्रेम और देखभाल के साथ करती है।

अपनी स्पीच का निष्कर्ष निकालते हुए मैं यही कहना चाहूंगा कि आप सभी अपनी माँ के साथ प्यार और सम्मान के साथ पेश आएं। हमेशा उसके आभारी रहें क्योंकि आप यह जीवन केवल अपनी माँ की वजह से जी रहे हैं। हम में से हर एक की जिम्मेदारी है कि हम अपनी माँ का सम्मान और देखरेख करें। आप इसे अपना प्यार या बलिदान कह सकते हैं लेकिन यह केवल माँ ही है जिसने हमारे अस्तित्व को सार्थक बना दिया है।

मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ माँ!

धन्यवाद !

 

भाषण – 3

यहां मौजूद सभी लोगों को सुप्रभात!

इस कार्यक्रम में आप सबका हार्दिक स्वागत है, मुझे उम्मीद है कि आप सबका दिन अच्छा रहा होगा और आप इस कार्यक्रम को लेकर उत्साहित होंगे।

हम सब यहां आज दुनियां की सबसे खूबसुरत और महत्वपूर्ण शख्सियत के बारे में बात करने के लिए इकठ्ठा हुए है, जिसे माँ के नाम से जाना जाता है। माँ के इस पद को विभिन्न भाषाओं में विभिन्न नामों से जाना जाता है लेकिन हर भाषा में इसका अर्थ एक ही होता है। माँ वह है, जो अपनी संतान के लिए संसार में ईश्वर से कम नही होती है क्योंकि ईश्वर भौतिक रुप से संसार में हर जगह मौजूद नही हो सकता है, इसलिए उसने माँ जैसे महान व्यक्तित्व को बनाया है। मैं माँ को एक साथ कई कार्य करने वाली एक देवी का रुप मानता हूं, जो हमारे लिए काम करने से कभी नही थकती है। हमें बस सोचने की देर होती है और वह हमारे हर लिये हर काम करती है, चाहे फिर वह खाना पकाना हो या फिर पैसे कमाना हो। वह हमें दुलारती भी है और हमारी गलतियों पर फटकारती भी है, वह अपने हर एक दायित्व को काफी प्रेम और लगाव के साथ निभाती है।

इसके साथ ही हमारी माँ हमारे अस्तित्व की निर्माता भी होती है। वह वो व्यक्ति है जो हमें यह सिखाती है कि वास्तव में जीवन क्या है। उन्होंने हमें जीवन देने के साथ ही हमे अच्छे संस्कार भी दिये है।

मेरा मानना है कि एक परिवार में वह माँ ही वह सदस्य होती है, जो पूरे परिवार को एकजुट रखती है। वह हमें प्रेरित करती है तथा हमें शक्तिशाली बनाने के साथ ही हर वह कार्य करती हैं, जिससे की हममें और भी ज्यादे गौरव, आत्मविश्वास और शक्ति पैदा हो।

माँ वह शख्सियत है, जो मानसिक तथा शारीरिक दोनो ही रुप से हमारा विकास करती है, ताकि हम इस दुनिया के हर समस्याओं का सामना कर सकें। एक माँ उसके बच्चे के लिए सबेरे के प्रकाश की तरह होती है। जिसका वह सुख तथा दुख दोनों ही समय में प्रतीक्षा करता है। जब हम उदास या फिर हताश होते है तो माँ ही वह पहली व्यक्ति होती है, जिसका हमारे मन में ख्याल आता है।

मेरे इस बात से काफी लोग सहमत होगें कि जब हम डरे होते है या फिर बीमार होते हैं तो हमें सबसे पहले अपने माँ का ही ख्याल आता है। हमें सुबह में जगाने से लेकर हमारे लिए खाना बनाने जैसे हर एक कार्य उनके द्वारा किया जाता है। इसके साथ ही उन्हें इस बात की भी चिंता रहती है कि हमने अपना खाना खाया या नही, वास्तव में वह हमारा हर एक तरीके से ख्याल रखती हैं। इसके लिए मैं हर एक माँ को धन्यवाद देना चाहुंगा क्योंकि आज हम जो कुछ भी है वह अपने माँ के वजह से ही है।

किसी ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा है कि “हर व्यक्ति के सफलता के पीछे एक औरत का हांथ होता है।” लेकिन मैं इस बात में थोड़ा परिवर्तन करना चाहूंगा क्योंकि मेरे अनुसार एक व्यक्ति के सफलता में यदि किसी का सबसे बड़ा योगदान होता है, तो वह सिर्फ उसके माँ का होता है। एक माँ को हमेशा अपने बच्चों की चिंता रहती है क्योंकि वह सिर्फ माँ ही होती है, जो अपने बच्चों के लिए एक पूरा संसार होती है और इसके साथ ही उसे ईश्वर द्वारा यह विशेष शक्ति प्राप्त होती है कि अपने बच्चे का अपने गर्भ में पालन-पोषण कर सके।

अंत में मैं आपसे बस इतना ही कहना चाहुंगा कि हम सभी को हमेशा अपनी माँ का ख्याल रखना चाहिए और उनकी इज्जत करनी चाहिए। हम हमेशा उनके अहसानमंद रहेंगे क्योंकि उन्होंने हमें जीवन दिया है। इसलिए यह सभी कि जिम्मेदारी है कि हम अपनी माँ की हमेशा इज्जत करें और उनकी सेवा करें। आप चाहे इसे एक माँ का प्रेम कह ले या फिर त्याग लेकिन वास्तव में वह वो व्यक्ति है। जिसने हमारे जीवन के महत्व को सार्थक किया है।

मेरे भाषण को इतने ध्यान से सुनने के लिए और अपना महत्वपूर्ण समय देने के लिए आप सबका धन्यवाद।


 

भाषण – 4

आप सभी को सुप्रभात!

मुझे इस बात की काफी खुशी है कि आज मुझे आप सबके सामने मातृ दिवस के इस विशेष दिन पर अपने विचारों को व्यक्त करने का अवसर मिला है।

क्या आपने भी कभी खुद से यह प्रश्न किया है कि एक माँ कौन है? वास्तव में एक माँ वह होती है, जो अपने संतान के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देती है। वह सिर्फ अपने बच्चे के अच्छी नींद के लिए खुद पूरी रात नही सोती है। वह खुद तब तक नही खाती है जब तक की उसकी बच्चा भोजन ना कर ले, वह खुद भूखी रहकर अपने हिस्से का भोजन भी अपने बच्चे को खिला देती है।

इस माँ शब्द का अर्थ बहुत ही अनोखा और सम्मानजनक है। यदि हमें इस खूबसुरत दुनियां में जीवन जीने का अवसर मिला है, तो उसका श्रेय सिर्फ हमारी माँ को जाता है। हमारे माँ ने हमें जन्म देते वक्त ना जाने कितनी पीड़ा सही है लेकिन हमारी एक मुस्कान से वह अपनी हर पीड़ा तथा दुख को भूल जाती है।

एक माँ अपने बच्चे को सबसे ज्यादे प्रेम करती है और उसके जीतना प्रेम हमें शायद ही दूसरा कोई कर सकता है। अपने अनूठे प्रेम तथा अपनेपन के कारण वह हमारे लिए हर समस्या ले जूझने के लिए तैयार रहती है। जब बात हमारे भविष्य और भलाई की हो तो वह बड़े से बड़े संकट का सामना करने से पीछे नही हटती है। हमारे पैदा होने से लेकर पूरे जीवन तक हमें कई सारे रिश्ते देखने को मिलते हैं। जिनमें से कुछ आपको धोखा देते है, वही कुछ आपके जरुरत के समय आपके साथ नही होते है और कुछ तो सिर्फ अपने स्वार्थवश आपके साथ होते है। लेकिन ‘मातृत्व’ वह बंधन है, जिसका हमारे त्याग तथा भलाई के लिए कोई सीमा और स्वार्थ नही होता है।

माँ हमारी सारी चिंताओं तथा दुखों को अपने अंदर समेट लेती है और हमें कभी इस बात का एहसास नही होने देती है कि हम अकेले है। हमारे बुरे से बुरे स्थिति में भी उसका प्रेम हमारे लिए कभी कम नही होता है। वह एक ऐसी सख्स है जो हमारे लिये एक पूरे संसार के समान होती है।

इस दुनिया में सिर्फ माँ ही ऐसी व्यक्ति है, जो हमारे लिये बिना किसी स्वार्थ या लाभ के चौबीसों घंटे काम करती है। उसके लिये ना तो किसी दिन छुट्टी होती है और ना ही उसे इसके लिये किसी प्रकार का मेहनताना मिलता है, लेकिन फिर सिर्फ हमारे खुशियों के लिए वह दिन-रात काम करते हुए हमारे जीवन को और भी बेहतर बनाने का कार्य करती है।

अंत में, मैं आप सबसे बस इतना ही कहना चाहुंगा कि हमें ईश्वर रुपी माँ का सदैव सम्मान करना चाहिए। इसके साथ ही हमें इस बात की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए कि हमें अपनी माँ के जीवन को हमेशा और भी बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।

अंत में बस मैं इतना ही कहना चाहूंगा कि माँ सिर्फ एक शब्द ही नही बल्कि की स्वयं में एक पूरा संसार होती है। अपना महत्वपूर्ण समय देने और मेरे इस भाषण को इतना ध्यानपूर्वक सुनने के लिए आप सबका धन्यवाद।

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