स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण

स्वच्छ भारत अभियान

हम बहुत सरल और साधारण शब्दों में स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण उपलब्ध करा रहे हैं। ये स्वच्छ भारत अभियान, सरकार द्वारा 2014 में भारत को स्वच्छ भारत बनाने के लिए शुरु किया गया था। ये भारत में सबसे बड़ा सामाजिक विषय है कि, भारत में स्वच्छता की कमी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कैसे सुलझाया जाये। प्रिय छात्रों या विद्यार्थियों, भारत में स्वच्छता लाने में भाग लेने के लिए स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार उपयोग करने के लिए, आप बिल्कुल सही जगह पर हो।

स्वच्छ भारत अभियान पर छोटे तथा बड़े भाषण (Long and Short Speech on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi)

भाषण 1

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप-प्रधानाचार्य महोदय, माननीय शिक्षक वृंद एवं यहां उपस्थित सभी बड़ो और साथियों को मेरा नमस्कार। आज मैं आप सबके सामने स्वच्छ भारत अभियान पर चंद शब्द बोलना चाहती हूं। स्वच्छ भारत अभियान अब किसी के परिचय का मोहताज नहीं है। देश का हर व्यक्ति इस अभियान से वाकिफ है और सफाई के इस अभियान में अपना सफल योगदान भी दे रहे हैं।

इस योजना का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2014 को मोदी जी के हाथों हुआ था और यह भी कहा कि 2019 तक इस योजना को सफल बनाना है। क्यों कि 2019 में गांधी जी की 150वीं जन्म तिथी है और इस अवसर पर मोदी जी उनको श्रद्धांजलि के तौर पर स्वच्छ भारत देना चाहते हैं। गांधी जी ने उस दौर में स्वच्छ भारत का स्वप्न देखा था। सरकार इस योजना कि सफलता के लिये बहुत धन खर्च कर रही है और अब तक भारके के 98 प्रतिशत क्षेत्रों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है। आशा करती हूं की आप लोगों को ये जानकारी ज्ञानवर्धक लगी होगी।

धन्यवाद।

स्वच्छ भारत अभियान

भाषण 2

सभी को सुबह की नमस्ते। मेरा नाम…………..और मैं कक्षा….में पढ़ता/पढ़ती हूँ। जैसा कि हम सभी इस महान अवसर पर इकट्ठा हुए हैं, मैं अपने शब्दों में, इस बहुत भारी भीड़ के सामने स्वच्छ भारत अभियान पर कुछ कहना चाहता/चाहती हूँ। ये विषय मैंने विशेषरुप से पूरे भारत में हमारे चारों ओर साफ-सफाई की बढ़ती हुयी आवश्यकता के कारण चुना है, जिसे केवल देश के सभी और प्रत्येक नागरिक के एक दूसरे के सहयोग और प्रयासों से ही सफल बनाया जा सकता है। भारत के महान व्यक्ति, महात्मा गाँधी ने कहा था कि,“स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।” भारत गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक मुद्दों के कारण आज भी विकासशील देश है। हमें समाज से उन सभी कारणों का उन्मूलन करने की आवश्यकता है जो देश के विकास और वृद्धि में बाधा डालते हैं।

और मैं समझती हूँ स्वच्छता अभियान, समाज से सभी बुराईयों को खत्म करने के साथ ही नागरिकों की वैयक्तिक वृद्धि के साथ देश की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छी शुरुआत है। केवल स्वच्छता मिशन की सफलता ही भारत में बहुत बड़े बदलाव को ला सकती है। ये भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की आन्तरिक और बाहरी वृद्धि और विकास से जुड़ी हुआ है जो इसके नारे की सम्पूर्णता में दिखायी देता है कि, “स्वच्छ, खुश और स्वस्थ्य नागरिक, स्वस्थ्य और विकसित राष्ट्र के निर्माण में भाग लेते हैं।” स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया कैंपेन भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के द्वारा 2014 में, महात्मा गाँधी के जन्मदिन (145वीं सालगिरह पर), 2 अक्टूबर को शुरु किया गया था।

महात्मा गाँधी भारतीय शासकों की कमजोरी से बहुत अच्छे से वाकिफ थे। उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए सपना देखा था और यहाँ तक कि उन्होंने ग्रामीण लोगो के बीच बहुत से साधनों के माध्यम से जोर दिया लेकिन लोगों की अधूरी भागीदारी के कारण इसे पूरा नहीं कर सके। स्वतंत्रता के बहुत सालों बाद भी, हम आज भी गन्दे वातावरण में रहते हुए अपने जीवन को हर एक क्षण खतरे में डाल रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, 30% ग्रामीण लोगों की स्वच्छ शौचालय तक पहुँच नहीं है और मैदानों में खुले शौच प्रणाली का प्रयोग करते हैं। भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में, संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि, “स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, देश भर में कचरा प्रबंधन और स्वच्छता के लिए “स्वच्छ भारत अभियान” को शुरु किया गया है। ये महात्मा गाँधी के लिए, 2019 में, उनकी 150वीं वर्षगांठ को मनाते समय हमारी तरफ से श्रद्धांजलि होगी।”

पूरे देश में स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए, स्वच्छता, सुरक्षित शौचालय और उचित अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों की समस्या को सुलझाने की बहुत आवश्यकता है। भारत के प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी ने, 2014 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान ‘स्वच्छ भारत’ पर जोर दिया था, हालांकि, ये मिशन 2 अक्टूबर 2014 के सफलतापूर्वक शुरु किया था। इस मिशन को 2019 तक, बापू की 150वीं वर्षगांठ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मिशन का लक्ष्य स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ही 2019 तक लोगों के लिए अस्वथ्यकारी प्रथाओं को खत्म करना है। भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा 25 सितम्बर 2014 को, पहला स्वच्छता कार्य शुरु किया गया था। ये भारत में सबसे बड़े अभियान के रुप में गिना जाता है जो अब चारों तरफ फैल (वायरल) गया है।

ये उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता भारत के बारे में वैश्विक धारणा को बदलने की क्षमता रखता है और हर साल बहुत से पर्यटकों को भारत में आने के लिए प्रभावित कर सकता है, जिससे एक अर्थ में भारत की बड़े स्तर पर आर्थिक वृद्धि होगी। इस अभियान के दौरान, प्रत्येक भारतीय नागरिक से हर साल अपने 100 घंटे भारत की सफाई के लिए देने का अनुरोध किया गया। सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए, 15 अगस्त 2015 तक, पूरे भारत के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने का नियम बनाया गया है। एक विद्यार्थी के रुप में, इससे भी अधिक एक भारतीय नागरिक के रुप में, यहाँ एकत्र हुए सभी लोगों से इस अभियान को 2019 तक सफल बनाने के लिए, मैं भी अनुरोध करता/करती हूँ।

जय हिन्द, जय भारत

“स्वच्छ भारत, सशक्त भारत”।

 

भाषण 3

मेरे आदरणीय प्रधानाचार्य, अध्यापक और मेरे सहपाठियों, सुबह की नमस्ते। मेरा नाम…….है। मैं कक्षा….में पढ़ता/पढ़ती हूँ। सबसे पहले मैं अपने कक्षा अध्यापक/अध्यापिका को इस महान अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान पर आप सभी के सामने अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए कुछ समय देने के लिए धन्यवाद कहना चाहूँगा/चाहूँगी। ये कहा जाता है कि, देश के युवा देश का भविष्य होते हैं। इसलिए, एक नागरिक, विद्यार्थी और एक युवा होने के नाते, मैं स्वंय को देश के विकास के लिए जिम्मेदार मानता/मानती हूँ और इस विषय का चुनाव देश में इस मिशन के बारे में भारत के लोगों के बीच में जागरुकता और सुधार लाने के लिए किया है।

ये मिशन स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया कैंपेन भी कहा जाता है। ये भारतीय सरकार द्वारा, 2 अक्टूबर 2014 को, चलाया जाने वाला सबसे बड़ा अभियान है। इस अभियान को शुरु करने की तिथि 2 अक्टूबर चुनी गयी जो महात्मा गाँधी के जन्म की सालगिरह होती है, क्योंकि भारत को स्वच्छ भारत बनाने का सपना बापू का था।

स्वच्छ भारत अभियान आधिकारिक रुप से राजघाट, नई दिल्ली में, प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के द्वारा स्वंय सड़कों को साफ करके शुरु किया गया। ये अभियान अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान है जिसमें लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारियों सहित स्कूल और कॉलेजों के बच्चों ने भाग लिया। भारत के प्रधानमंत्री ने अभियान को शुरु करते समय 9 प्रसिद्ध व्यक्तित्वों को अभियान के लिए अपने क्षेत्रों में पहल करने के साथ ही अभियान के बारे में प्रवाह लाने के लिए नामांकित किया था। इन्होंने उन 9 व्यक्तित्वों से भी अगले 9 व्यक्तियों को इस अभियान में शामिल करके इस श्रृंखला को (एक पेड़ की शाखाओं की तरह) तब तक जारी रखने के लिए भी अनुरोध किया था तब तक कि भारत का प्रत्येक नागरिक इस अभियान में शामिल न हो जाये क्योंकि इसे 2019, महात्मा गाँधी की 150वीं सालगिरह तक पूरा करना है।

इस मिशन का लक्ष्य व्यक्तिगत शौचालय, शुष्क शौचालयों को कम लागत वाले स्वस्थ्य शौचालयों में परिवर्तित करना, हैन्ड-पंप, उचित स्नान व्यवस्था, सफाई, स्वच्छ बाजारों या मंडियों, नालियों, नमी को रोकने वाले गढ्ढे, ठोस और द्रव्य अवशिष्ट निराकरण आदि की उचित व्यवस्था के साथ ही लोगों में स्वास्थ्य, साफ-सफाई, पर्यावरण को बनाये रखने और व्यक्तिगत स्वच्छता के बारे में जागरुकता लाना है। इस मिशन से पहले 1999 में 1 अप्रैल, भारत की सरकार ने कुल स्वच्छता अभियान (टोटल सैनिटेशन कैंपेन [टी.एस.सी.]) के नाम से एक अभियान शुरु किया था हालांकि, वो कुछ ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहा जिसके बाद इस मिशन में नयी जान डालने के लिए योजना शुरु की गयी, जिसे निर्मल ग्राम पुरस्कार कहा जाता था। इसके बाद 1 अप्रैल 2012 को, इसी कार्यक्रम को निर्मल भारत अभियान नाम दिया गया और अन्त में इसे 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान के नाम से दुबारा शुरु किया गया।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य 2019, 2 अक्टूबर ( महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती) तक भारत के स्वच्छ भारत के सपने को प्राप्त करना है। ये मिशन भारत की सरकार के द्वारा “राजनीति से परे” है और “राष्ट्रीयता की भावना से प्रेरित” करने के लिए, इसका श्रेय पूरे देश के नागरिकों को दिया जायेगा। इसके कुछ अन्य मुख्य उद्देश्य प्रत्येक क्षेत्र में खुले में शौच का उन्मूलन करना, हाथ से शौच उठाने की व्यवस्था को खत्म करना, नगर निगम के ठोस कचरो को दुबारा प्रयोग करने और रीसाइकिल करने के लिए प्रेरित करना, स्वच्छता और स्वास्थ्य के बारे में लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना, इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य से जोड़ते हुए और पूँजी खर्च और रखरखाव के लिए निजी क्षेत्रों को बड़े स्तर पर शामिल करना आदि हैं।

जय हिन्द, जय भारत

“स्वच्छ भारत, कुशल भारत”।

 

भाषण 4

आदरणीय प्रधानाध्यापक और अध्यापक/अध्यापिकाएं को सुबह की नमस्ते। मैं कक्षा……..में पढ़ता/पढ़ती हूँ। मैं इस विशेष अवसर पर आप सभी के सामने स्वच्छ भारत अभियान पर अपने विचार देना चाहता/चाहती हूँ। मैंने ये विषय विशेषरुप से इस अभियान का भाग होने और लोगों के बीच में स्वच्छ भारत के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए चुना है। स्वच्छ भारत अभियान भारत का अब तक का सबसे बड़ा मिशन है क्योंकि लगभग 30 लाख की संख्या में सरकारी कर्मचारियों और स्कूलों और कॉलेजों के विद्यार्थियों ने इसके शुरु होने के दिन इसमें भाग लिया था। ये मिशन 2 अक्टूबर, 2019 तक पूरा होने के लिए देश के प्रत्येक कोनें में से सभी आयु वर्ग के लोगों के सहयोग की अपेक्षा करता है। ये अभियान विशेषतः 2 अक्टूबर 2014 को (महात्मा गाँधी की 145वीं जयंती पर) गाँधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए शुरु किया गया।

महात्मा गाँधी ने स्वच्छ भारत के स्वप्न को देखा था और कहा कि, “स्वच्छता स्वतंत्रता से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है।” 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार, ये आकलन किया गया कि कुल ग्रामीण जनसंख्या का केवल 32.70% लोगों की शौचालयों तक पहुँच है। यू.एन. की रिपोर्ट के अनुसार, भारत वो देश है जहां लोगों की बहुत बड़ी संख्या खुले में शौच का प्रयोग करती है। प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी के राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान को वाल्मिकी बस्ती नयी दिल्ली में शुरु किया था। उन्होंने इस अभियान के शुरु होने के समय पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश के 125 अरब लोगों से इस अभियान से जुड़ने का निवेदन किया था।

उन्होंने महात्मा गाँधी और पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को उनके जन्मदिन पर श्रद्धांजलि देने के बाद स्वंय वाल्मिकी बस्ती के रास्ते को झाड़ू से साफ किया था। उन्होंने कहा था कि, “स्वच्छ भारत अभियान का प्रतीक चिह्न, सिर्फ एक प्रतीक चिह्न नहीं है, इसके माध्यम से गाँधीजी हमें देख रहे है और हम सभी को भारत को साफ करना चाहिए। मैं ये दावा नहीं कर रहा कि नवनिर्वाचित सरकार सब कुछ कर रही है। ये मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों या किसी भी जगह, हमें अपने आसपास साफ-सफाई रखने के प्रयास करने चाहिए। स्वच्छता केवल ‘सफाई कर्मचारियों’ की जिम्मेदारी नहीं है, ये 125 अरब भारतीयों की जिम्मेदारी है। यदि भारतीय मंगल ग्रह पर सबसे कम लागत पर पहुँच सकते हैं, तो क्या हम अपने चारों ओर के वातावरण को भी साफ नहीं कर सकते?”

स्वच्छ भारत अभियान के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित है: व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराना, खुले में शौच को खत्म करना, स्वच्छता के लिए लोगों में जागरुकता लाना, आम जनता के बीच में शौचालयों के प्रयोग को बढ़ावा देना, व्यवहारिक बदलाव को बढ़ावा देना, गाँवों को स्वच्छ रखना, ठोस और द्रव्य अपशिष्टों के निराकरण की उचित व्यवस्था, गाँवों में उचित पाइप लाइन की व्यवस्था, पानी की पूर्ति को सुनिश्चित करना आदि। इस मिशन का एकमात्र उद्देश्य अपने देश को हमेशा के लिए स्वच्छ और खुश नागरिकों के साथ साफ और विकसित देश बनाना है।

जय हिन्द, जय भारत

“साफ भारत, खुशहाल भारत”