भारत का स्वतंत्रता दिवस – 15 अगस्त 2022

Independence Day - 15 August
Independence Day 15 August

हर बार की तरह इस बार भी भारतीय स्वतंत्रता दिवस (Indian Independence Day) मनाए जाने की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही है। लाल किले को तिरंगों से सजाया जा रहा है। लोगों में इस बार के स्वतंत्रता दिवस का प्रसारण देखने के लिए उत्सुकता बढ़ती ही जा रही है। लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (Prime Minister’s Speech on Independence Day) का इंतजार सभी को बहुत बेसब्री से है। तो आईए जानते हैं कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर (Independence Day Event) पर ऐसा क्या खास है।

स्वतंत्रता दिवस पर 10 वाक्य || स्वतंत्रता दिवस समारोह पर 10 वाक्य || स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर 10 वाक्य || स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

76वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2022 (76th Independence Day of India 2022 in Hindi)

15 अगस्त 2022, सोमवार को पूरे भारत के लोगों द्वारा मनाया जायेगा। इस साल 2022 में भारत में 76वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाया जायेगा। 15 अगस्त 1947 को भारत में प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस बहुत ही खास होने वाला है क्योंकि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत शुरू किया गया एक अभियान “हर घर तिरंगा” चलाया जायेगा और इस अभियान के तहत स्वतंत्रता दिवस पर हर घर तिरंगा फहराया जायेगा।

76वें स्वतंत्रता दिवस 2022 पर विशेष? (What is Special on 76th Independence Day Celebration 2022)

1) इस वर्ष भारत 2022 में 15 अगस्त को अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ बड़े उत्साह के साथ मनाने जा रहा है।
2) इस गौरवशाली वर्ष को चिह्नित करने के लिए, उत्सव का नाम “आज़ादी का अमृत महोत्सव” रखा गया है।
3) आजादी का अमृत महोत्सव 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पहले ही शुरू हुआ था।
4) इस साल हर घर तिरंगा अभियान के तहत हर घर में झंडा फहराया जायेगा।
5) यूपी सरकार 15 अगस्त 2022 सोमवार को स्कूल, कॉलेज, सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर बंद नहीं करेगी।

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75वें स्वतंत्रता दिवस 2021 पर क्या खास था? (What was Special on 75th Independence Day 2021)

  • 18300 फीट ऊपर डोंकयाला दर्रे में भी तिरंगा फहराया गया था।
  • 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में ध्वजारोहण के बाद हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई।
  • अमेरिकी सेनेटरों ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत को शुभकामनाएं दी
  • भारत के स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगाठ मनाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में एक प्रमुख भारतीय सामुदायिक संगठन 15 अगस्त को न्युयॉर्क के प्रतिष्ठित टाइम स्क्वायर में सबसे बड़ा तिरंगा फहराएया।
  • कुछ जीवित स्वतंत्रता सेनानियों में से एक कार्तिक चंद्रा को 75वें स्वतंत्रता दिवस के समारोह के लिए आमंत्रित किया गया। हालाँकि उनका स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण वह यह यात्रा नहीं कर सकें।
  • भारतीय सेना ने लगभग 100 मीटर ऊंचा तिरंगा जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में फहराया
  • 75वें स्वतंत्रता दिवस की थीम थी “राष्ट्र पहले, हमेशा पहले”
  • 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से गुजरात के नवसारी जिले के दांडी तक 241 मील की यात्रा को हरी झंडी दिखाकर “आजादी का अमृत महोत्सव” (Azadi ka Amrit Mahotsav) नामक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम 75 सप्ताह तक चलेगा जो कि 12 मार्च से प्रत्येक सप्ताह 15 अगस्त 2022 तक मनाया जाएगा।

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भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (History of Indian Independence Day)

17वीँ शताब्दी के दौरान में कुछ यूरोपीय व्यापारियों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप की सीमा चौकी में प्रवेश किया गया। अपने विशाल सैन्य शक्ति की वजह से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को अपना गुलाम बना लिया और18वीं शताब्दी के दौरान, पूरे भारत में अंग्रेजों ने अपना स्थानीय साम्राज्य स्थापित कर लिया।

1857 में ब्राटीश शासन के खिलाफ भारतीयों द्वारा एक बहुत बड़े क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी और वे काफी निर्णायक सिद्ध हुई। 1857 की बगावत एक असरदार विद्रोह था जिसके बाद पूरे भारत से कई सारे संगठन उभर कर सामने आए। उनमें से एक था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी जिसका गठन वर्ष 1885 में हुआ।

लाहौर में 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में, भारत ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1947 में ब्रिटिश सरकार आश्वस्त हो चुकी थी कि वो लंबे समय तक भारत में अपनी शक्ति नहीं दिखा सकती। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी लगातार लड़ रहे थे और तब अंग्रेजों ने भारत को मुक्त करने का फैसला किया। देश की राजधानी दिल्ली में एक आधिकारिक समारोह रखा गया जहां सभी बड़े नेता और स्वतंत्रता सेनानियों (अबुल कलाम आजद, बी.आर.अंबेडकर, मास्टर तारा सिंह, आदि) ने भाग लेकर आजादी का पर्व मनाया।

15 अगस्त 1947 की मध्यरात्री, जवाहर लाल नेहरु ने भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया जहां उन्होंने “ट्रीस्ट ओवर डेस्टिनी” भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि “बहुत साल पहले हमने भाग्यवधु से प्रतिज्ञा की थी और अब समय आ गया है, जब हम अपने वादे को पूरा करें, ना ही पूर्णतया या पूरी मात्रा में बल्कि बहुत मजबूती से। मध्यरात्री घंटे के स्पर्श पर जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और आजादी के लिये जागेगा। एक पल आयेगा, जो आयेगा, लेकिन इतिहास में कभी कभार, जब हम पुराने से नए की ओर बढ़ते है, जब उम्र खत्म हो जाती है और राष्ट्र की आत्मा जो लंबे समय से दबायी गयी थी उसको अभिव्यक्ति मिल गयी है। आज हमने अपने दुर्भाग्य को समाप्त कर दिया और भारत ने खुद को फिर से खोजा है”।

इसके बाद, असेंबली सदस्यों ने पूरी निष्ठा से देश को अपनी सेवाएं देने के की कसमें खायी। भारतीय महिलाओं के समूह द्वारा असेंबली को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय ध्वज प्रस्तुत किया था। अत: भारत आधिकारिक रुप से स्वतंत्र देश हो गया और नेहरु तथा वायसराय लार्ड माउंटबेटन, क्रमश: प्रधानमंत्री और गवर्नर जनरल बने। महात्मा गांधी इस उत्सव में शामिल नहीं थे, वे कलकत्ता में रुके थे और हिन्दु तथा मुस्लिम के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिये 24 घंटे का व्रत रखा था।

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की समय रेखाएं (Timeline of Indian Freedom Struggle)

वर्षस्वतंत्रता संग्राम से संबंधित घटनाएं
1600ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना
1608अंग्रेजों द्वारा सूरत में पहली व्यापारी कोठी खोली गई
1611अंग्रेजों द्वारा मसूलिपट्टम में दूसरी व्यापारी कोठी खोली गई
1615सम्राट जेम्स प्रथन ने सर टॉमस रो को जहांगीर के दरबार में भेजा
1817ओडिशा में ब्रिटिश भारतीय सेना द्वारा पाईका विद्रोह का आयोजन
1857सैनिकों द्वारा गाव और सूअर की चर्बी वाले राईफल से इनकार
1857मंगल पांडे द्वारा ब्रिटिशों पर हमला और बाद में मंगल पांडे को फांसी
1857बदली-की-सेराई का युद्ध
1857लक्ष्मी बाई का विद्रोह
1857त्रिम्मू घाट का युद्ध
1858ईस्ट इंडिया कंपनी का अंत
1858रानी लक्ष्मी बाई की मृत्यु
1859तांत्या टोपे की हत्या
1864सर सैयद अहमद खान ने साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की
1877महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया
1878लॉर्ड लिटन द्वारा वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित किया गया
1882हंटर आयोग (भारतीय शिक्षा आयोग) की स्थापना की गई
1883लॉर्ड रिपन ने इल्बर्ट बिल का प्रस्ताव रखा
1885ए ओ ह्यूम द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना
1897स्वामी विवेकानंद द्वारा राम-कृष्ण मिशन की स्थापना की गई
1898लॉर्ड कर्जन को वायसराय बनाया गया
1905स्वदेशी आंदोलनों की शुरुआत
1905बंगाल का विभाजन
1906आंग्ल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना
1907सूरत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गरम दल और नरम दल में विभाजन
1908खुदीराम बोस की फांसी
1909‘मिंटो-मॉर्ले रिफॉर्म (इंडियन काउंसिल एक्ट)
1910इंडियन प्रेस ऐक्ट
1911बंगाल विभाजन रद्द
1912नई दिल्ली को भारत की नई राजधानी बनाई गई
1912राशबिहारी बोस और सचिंद्र सान्याल ने लॉर्ड हार्डिंग पर बम फेंका
1913गदर पार्टी की स्थापना
1914प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत
1915गांधी जी का अफ्रीका से वापसी
1915गोपाल कृष्ण गोखले की मौत
1916होम रूल की स्थापना
1916लखनऊ ऐक्ट पर हस्ताक्षर
1917चंपारण सत्याग्रह की शुरुआत
1918चंपारण अगरिया कानून पास
1918मद्रास लेबर यूनिया की स्थापना
1918खेड़ा सत्याग्रह
1918ट्रेड संघ आंदोलन की शुरुआत
1919रोलेट ऐक्ट पारित
1919जलियावाला बाग नरसंहार
1920असहयोग आंदोलन
1920तिलक का कांग्रेस डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना
1921मोपलाह विद्रोह
1922चौरी चौरा घटना
1923स्वराज पार्टी की स्थापना
1925काकोरी षड्यन्त्र
1925बरदौली सत्याग्रह
1927साइमन कमीशन की स्थापना
1928लाला लाजपत राय की पुलिस की लाठी से मौत
1928नेहरू रिपोर्ट में भारत के नए डोमिनीयन संविधान का प्रस्ताव
1929जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर अधिवेशन में भारतीय ध्वज फहराया
1929सेंट्रल असेंबली में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने बम फेंका
1930भारतीय राष्ट्रीय कपनग्रेस ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की
1930प्रथम गोलमेज सम्मेलन
1930सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत
1930दांडी यात्रा की शुरुआत
1931भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी
1931दूसरा गोलमेज सम्मेलन
1931गांधी इरविन समझौता
1932तीसरा गोलमेज सम्मेलन
1935भारत सरकार अधिनियम लागू
1937भारत सरकार अधिनियम के तहत भारत में चुनाव हुआ
1938सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने
1939द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत
1941रवींद्र नाथ टैगोर का निधन
1942भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत
1942आजाद हिन्द फौज की स्थापना
1943सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय अस्थायी सरकार के गठन की घोषणा की
1945शिमला सम्मेलन
1946भारत की अंतरिम सरकार बनी
1946भारत की संविधान सभा का पहला सम्मेलन
1946रॉयल इंडियन एयर-फोर्स विद्रोह
1947ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने भारत को आजाद करने की घोषणा की
1947लॉर्ड माउण्टबेटन आखरी वायसराय और प्रथम गवर्नर जनरल नियुक्त हुए
194715 अगस्त को भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभरा
Timelines of Indian Freedom Struggle

स्वतंत्रता दिवस उत्सव (Independence Day Celebration)

भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में स्वतंत्रता दिवस को मनाया जाता है। इसे हर साल प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में पूरे उत्सुकता से देखा जाता है। स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले की शाम को “राष्ट्र के नाम संबोधन” में हर साल भारत के राष्ट्रपति भाषण देते है। 15 अगस्त को देश की राजधानी में पूरे जुनून के साथ इसे मनाया जाता है, जहां दिल्ली के लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं। ध्वजारोहण के बाद, राष्ट्रगान होता है, 21 तोपों की सलामी दी जाती है तथा तिरंगे और महान पर्व को सम्मान दिया जाता है। अलग-अलग राज्य में विभिन्न सांस्कृतिक परंपरा से स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया जाता है। जहां हर राज्य के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय झंडे को फहराते हैं और प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमोंके साथनभ मंडल की शोभा और बढ़ा जाती है।

इस अवसर को लोग अपने दोस्त, परिवार, और पडोसियों के साथ फिल्म देखकर, पिकनिक मनाकर, समाजिक कार्यक्रमों में भाग लेकर मनाते है। इस दिन पर बच्चे अपने हाथ में तिरंगा लेकर ‘जय जवान जय जय किसान’ और दूसरे प्रसिद्ध नारे लगाते हैं। कई स्कूलो में रूप सज्जाप्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों की वेशभूषा में सुसज्जितहोना, अत्यंत मनोरमलगता है।

भारत में स्वतंत्रता दिवस का महत्व और प्रतीक (Importance and Symbol of Independence Day in India)

भारत में पतंग उड़ाने का खेल भी स्वतंत्रता दिवस का प्रतीक है, विभिन्न आकार प्रकार और स्टाईल के पतंगों से भारतीय आकाश पट जाता है। इनमें से कुछ तिरंगे के तीन रंगो में भी होते हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करते हैं। स्वतंत्रता दिवस का दूसरा प्रतीक नई दिल्ली का लाल किला है जहां 15 अगस्त 1947 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु ने तिरंगा फहराया था।

1947 में ब्रिटिश शासन से भारत की आजदी को याद करने के लिये हम स्वतंत्रता दिवस को मनाते हैं। 15 अगस्त भारत के पुनर्जन्म जैसा है। यह वो दिन है जब अंग्रेजों ने भारत को छोड़ दिया और इसकी बागडोर हिन्दुस्तानी नेताओं के हाथ में आयी। ये भारतियों के लिये बेहद महत्वपूर्ण दिन है और भारत के लोग इसे हर साल पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं और आजादी के इस पर्व की शान में कभी कोई कमी नहीं आने देंगे और समस्त विश्व को यह याद दिलाते रहेंगे कि सादगी भारत की परिभाषा है कमजोरी नहीं। हम सह भी सकते हैं और जरूरत पड़ने पर लड़ भी सकते हैं।

भारत का राष्ट्रीय ध्वज (Indian National Flag)

Flag of India

FAQs: Frequently Asked Questions

प्रश्न 1 – भारतीयों ने पहली बार स्वतंत्रता दिवस कब मनाया था?

उत्तर – भारतीयों ने पहली बार स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी 1930 को मनाया था।

प्रश्न 2 – 15 अगस्त 2021 को कौन सा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा?

उत्तर – 15 अगस्त 2021 को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा।

प्रश्न 3 – 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता समारोह में गांधी जी क्यों मौजूद नहीं थे?

उत्तर – 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता समारोह के दिन महात्मा गांधी बंगाल में हिन्दू मुस्लिम दंगों को शांत करवा रहे थे। 

प्रश्न 4 – भारत को गुलामी के कितने वर्षों बाद स्वतंत्रता मिली थी?

उत्तर – भारत को अंग्रेजों से लगभग 200 वर्षों बाद स्वतंत्रता मिली थी।

प्रश्न 5 – स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर झण्डा कौन फहराता है?

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर देश का प्रधानमंत्री झण्डा फहराते है।

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