मातृ दिवस पर भाषण

मातृ दिवस हम में से हर एक के लिए विशेष है और पूरे विश्व में इसे हर जगह मनाया जाता है। वास्तव में कई शैक्षिक संस्थानों और संगठनों में – इस दिन को बहुत उत्साह से मनाया जाता है। मातृ दिवस के दिन आपको भाषण देने की जरुरत पड़ सकती है इसलिए विद्यार्थियों और अन्य लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए हमने मातृ दिवस के लिए आसान और स्पष्ट भाषणों को उपलब्ध करवाया हैं। आप हमारी भाषणों पर नज़र डाल कर अपनी मां या अपने दर्शकों को प्रभावित करने के लिए आत्मविश्वास से मंच पर जा सकते हैं। अगर आप किसी स्पीच को लिखने में कठिनाई का सामना करें तो आप हमेशा हमारे भाषणों का सहारा ले सकते है।

मातृ दिवस पर स्पीच (Long and Short Speech on Mother’s Day in Hindi)

भाषण – 1

नमस्कार देवियों और सज्जनों,

आज हमारी कंपनी ने “मातृ दिवस” ​​के शुभ अवसर पर इस समारोह का आयोजन किया है और मैं सभी आदरणीय माताओं का आभार मानना ​​चाहूंगा जो इस घटना के अनुग्रह के लिए यहां आईं हैं। आज न केवल एक प्रबंधक के रूप में बल्कि एक बच्चे के रूप में भी मैं अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हूँ कि मुझे मेरी माँ को मेरे लिए इतना कुछ करने के लिए धन्यवाद करने का यह बेहतरीन अवसर मिला है। मेरे जीवन में सभी अनमोल कीमती चीज़ों के पीछे मेरी माँ ही है और वह उन सभी में सबसे कीमती है। वे मेरी खुशी में अपनी खुशी ढूंढती हैं। मेरे लिए वह मेरे जीवन का सबसे ख़ुशी का पल होता है जब मेरी माँ मुस्कुराती है।

मुझे लगता है यह कहना सही होगा कि माँ-बेटे का संबंध सबसे सुंदर और अवियोज्य बंधन है। मेरे लिए माँ वह व्यक्ति है जिसने मुझे हाथ पकड़कर अपने पैरों पर खड़े होना सिखाया, माँ वह व्यक्ति है जिसने मुझे सिखाया कि कैसे गलतियों से सीखना है। वह मेरे लिए प्यार को छोड़कर बदले में बिना किसी उम्मीद किए निस्वार्थ मदद करती थी। मैं अपनी मां के लिए हर विलासिता को छोड़ सकता हूं क्योंकि मुझे मेरी मां के साथ अधिक आराम और शांतिपूर्ण महसूस होता है और इसका कोई अन्य विकल्प भी नहीं है।

माँ किसी के भी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है और यही मेरे साथ भी है। जब मैं घर पहुंचता हूं तो ऐसा लगता है कि अगर मेरी मां वहां नहीं है तो घर में कोई भी नहीं है। मेरे बचपन में जब मैं गिर जाता था और घायल हो जाता था तो मेरे मुंह से सबसे पहला शब्द माँ ही निकलता था क्योंकि मुझे हमेशा पता था कि मेरी मां हर स्थिति में मेरे साथ है। उस समय से लेकर अब तक कुछ भी नहीं बदला है। आज मैं इस विशाल समृद्ध कंपनी का प्रबंधक हूं और मेरी इस सफलता का सबसे बड़ा कारण मेरी माँ ही है।

माँ के साथ सब कुछ  आसान लगता है क्योंकि मुझे पता है कि वह हर पल मेरे साथ है। जब मैं छोटा था तो मेरी सहायता के लिए वह मेरी परीक्षाओं के दौरान जगती रहती थी ताकि मैं अपने इम्तिहानों की तैयारी अच्छे से कर सकूँ। मेरी माँ ने मेरी खुशी और सफलता के लिए अनंत बलिदान दिए है। वह सही मायनों में देवी है जिसने मेरी जिंदगी के लिए अपना जीवन, खुशी और अपना सब कुछ बलिदान कर दिया। हर माँ ने अपने बच्चे के लिए बलिदान किया है और अभी भी निस्संदेह लगातार बलिदान कर रही है जिसकी वजह से वे सम्मान की हकदार हैं।

एक माँ के बिना हमारे जीवन का अस्तित्व असंभव है। मेरी माँ ने मेरे लिए वह सब कुछ किया जो वह कर सकती थी और अब जब मैं पूरी तरह से अपने पैरों पर खड़ा हो गया हूं तो अब हर चीज़ को वापस करने की मेरी बारी है जो मेरी माँ के चेहरे पर ख़ुशी ला सके। मेरा मानना ​​है कि किसी के पास भी इतनी पर्याप्त क्षमता नहीं है जितनी एक मां के पास है जो अपने बच्चे के लिए बलिदान करती है। हर सफल बच्चे के पीछे एक माँ होती है जो और यही कारण है कि ऐसा कहा गया है “हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का हाथ होता है अर्थात माँ।

अब इस स्पीच को खत्म करते हुए मैं हमारी कंपनी के मालिक को धन्यवाद करना चाहूँगा जिन्होंने मातृ दिवस के दिन इस समारोह को आयोजित किया और मैं उम्मीद करता हूँ की यह दिन मेरे साथ-साथ सभी माताओं को उम्र भर याद रहेगा।

आप सभी का धन्यवाद।

भाषण – 2

यहां उपस्थित सभी बड़ों को मेरा प्रणाम एवं भाइयों और बहनों को स्नेह भरा नमस्कार। मातृ दिवस के अवसर पर मैं अपने विचारों को पंक्तिबद्ध तरीके से व्यक्त कर रही हूं, ताकी आप उस माता के महानता को सहजता से समझ पाएं, कि कैसे एक मां अपने त्याग और ममत्व की छाओ में एक बच्चे के जीवन को संवारती है।

मां बच्चे का रिश्ता किसी परिभाषा का मोहताज नहीं होता, परंतु इसकी खूबसूरती को दर्शाने और अपनी माता के प्रति अपने स्नेह को प्रदर्शित करने के लिए हम इस दिवस को मनाते हैं। भारत में हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को हम मातृ दिवस के रुप में मनाते हैं। मैंने अपने शब्दों के माध्यम से इस रिश्ते कि खूबसूरती को आपके सामने लाने का सुंदर प्रयास कर रही हूं और आशा करती हूं कि यह आपको अवश्य पसंद आएगा।

आभार तुम्हारा कैसे व्यक्त करूँ मां, जिसने मुझे यह जीवन दान दिया। करुणा कि सागर हो तुम, जिसने हर गलती पर एक सीख दिया। मेरे पहली बार हंसने पर मुझसे अधिक तुम प्रसन्न हुई होगी। मैंने जब चलना सीखा तो मेरे चोटों पर मुझसे अधिक तुम रोई होगी। कहां न करूं गुणगान तुम्हारा मुझे बोलना, लिखना, पढ़ना भी पहले तुम्हीं ने बताया। सच कहूं तो किसी लायक नहीं थी मैं, मुझे इंसान तुम ही ने बनाया। एक नाम मिला था जो मुझे उसे परिचय का पात्र तुमने बनाया।

जब कभी कोई चिंता मुझे सताती, मेरे मन का हाल तुम जान लेती। परिस्थिति चाहें जैसी हो, न जाने कहां से समाधान तुम ले आती। सच में तुम महान हो जो दोस्त, अध्यापक, सलाहकार हर भूमिका को बखूबी निभाती। नारी शक्ति का प्रतीक होती है, ऐसा कथाओं में मैंने पढ़ा था, पर तुम इसका जीवंत उदाहरण हो मां।

परीक्षा मेरी होती थी पर रातों को तुम भी जागा करती थी, मेरे खाने पीने का ध्यान मुझसे अधिक तुम रखती हो। मैं चाहे जितना भी खालू तुम्हें दुबली ही नजर आती हूं, सच में हर वह बच्चा धन्य होता है जिसकी दुनिया में मां होती है। शायद मां कि महिमा को ही देखकर, भारत को भी माता कह बुलाया गया। वह मदर टेरेसा का ममत्व ही था, जो उन्हें मदर कि उपाधि दिया गया।

क्या करूं तुम्हारा गुणगान मैं, तुम्हारी ऋणी तो मैं आजीवन काल रहूंगी। फिर भी इस ऋण को पाकर मैं हमेशा प्रसन्न ही रहूंगी। सदैव हमारे पास ही रहना, क्यों कि तुम बिन जीवन मुमकिन नहीं। हम क्या खास दें तुम्हें मातृ दिवस पर, सब तो तुम्हारा ही दिया हमारे पास है। हां एक प्रतिज्ञा अवश्य कर सकती हूं कि, मुझसे जुड़े तुम्हारे हर ख्वाब को मैं साकार कर दिखाऊंगी, तुम्हारी इज्जत कभी कम न हो इस बात को सदैव ध्यान में मैं लाऊंगी। कभी-कभी मुझे गुस्सा आ जाने पर मैं तुम्हें कुछ कह देती हूं, क्षमा कर देना मुझे मां अब यह गलती मैं नहीं दोहराऊंगी। हमेशा तुम खुश रहना, और मैं उस खुशी कि वजह बनूंगी। तुम मेरी मां हो और मैं हमेशा तुम्हारी छोटी सी गुड़िया रहूंगी और अंत में जाते-जाते यही कहना चाहूंगी:

युग चाहें कोई भी आए, तुम ही जगत जननी कहलाओगी।

जग में जन्में हर बच्चे को, स्नेह भरा आंचल तुम ही दे पाओगी।

तुम्हारा गुणगान शब्दों में कैसे करूं, शब्द छोटे से लगते हैं।

शब्द नहीं तुम भावनाओं कि स्वामी हो, तुम्हें शत बार नमन मैं हर बार करूं।

धन्यवाद!

भाषण – 3

सम्मानित प्रिंसिपल, माननीय प्रबंध समिति, सम्मानित शिक्षकगण, आदरणीय माताओं और मेरे प्रिय साथी छात्रों – सुप्रभात!

आज मातृ दिवस के इस विशेष अवसर पर मैं स्कूल सभागार में हर मौजूद व्यक्ति का स्वागत करती हूं। इस विद्यालय की एक हेड गर्ल होने के नाते मुझे प्रबंध समिति द्वारा मातृ दिवस पर एक स्पीच देने का यह शानदार अवसर मिला है। सबसे पहले तो मैं मातृ दिवस के दिन माताओं पर स्पीच देने के लिए यह सम्मान देने के लिए समिति का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ। एक बार मैं अपना भाषण समाप्त कर लूँ तो मेरे साथी छात्र मंच पर आकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मुझसे जुड़ सकते हैं।

सभी बच्चों की माताओं को एक छत के नीचे देखना वाकई बहुत अच्छा लगता है और वातावरण भी उनकी उपस्थिति के साथ बहुत खुशनुमा हो गया है। हम सभी जानते हैं कि 10 मई का दिन सभी माताओं को समर्पित है और इसलिए इसे मातृ दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी बच्चों के लिए उनकी माताओं के प्रति अपना प्यार और कृत्य व्यक्त करने का सबसे अच्छा समय है ताकि उन्हें यह बताया जाए की वे हमारे लिए विशेष हैं। यह कहना ज़रूरी नहीं कि हमारी माता का हमारे से सबसे महत्वपूर्ण रिश्ता है जिसे भगवान ने हमें उपहार में दिया है। वह ऐसी व्यक्ति है जो हमारी ज़िंदगी को जीने लायक बनाती है।

विशेष रिश्तें और संबंध जो हम अपनी माँ के साथ साझा करते हैं उसे शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है। माँ अपने बच्चे के लिए बिना शर्त प्यार दिखाती है और अपने मूल्यवान सबक और शिक्षाओं के माध्यम से हमारे जीवन का पोषण करती है। जब हम ठोकर खाते हैं तो उसके समर्थन के साथ ही हम जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर कर सकते हैं इसी से हमें सही रास्ते को खोजने में मदद मिलती है। माँ का आशीर्वाद हमें रास्ते में लगी ठोकरों को दूर करता है और हमारे लक्ष्यों को पूरा करने में हमारी मदद करता है।

तो क्या यह हमारा कर्तव्य नहीं है कि हम अपनी मां को धैर्य से सुनें और हमारे जीवन में उन्हें महत्व दें?

कई दार्शनिकों ने देवताओं के स्तर से बढ़कर मां को दर्जा दिया है और देवी से उनकी तुलना की है। वास्तव में यह सच है क्योंकि वह हमें जन्म देती है और इस धरती पर हमारे अस्तित्व का कारण भी है। वह हमारे जीवन को सुंदर और सार्थक बनाने के लिए जिम्मेदार है। तो जो व्यक्ति हमारे जीवन में इतनी सारी खुशियाँ फ़ैलाता है तो क्या यह हमारी ज़िम्मेदार नहीं बनती कि हम उसे प्यार दे और विशेष महसूस करवाएं? हालांकि वह हमसे भव्य चीजों की अपेक्षा नहीं करती है परन्तु हम केवल अपने सेवा भाव से उन्हें हमारे जीवन में उनके महत्व को महसूस करवा सकते हैं।

इसलिए आज के समय को मत गवाओं और उन्हें बताओं कि वह आपके लिए कितनी विशेष है और वह वास्तव में आपके जीवन में एक अनमोल उपहार की तरह है। अपनी मां के साथ इस दिन का जश्न मनाएं और सुनिश्चित करें कि इस दिन के अंत तक उन्हें पता चले की वह आपके लिए कितनी प्रिय है।

कभी-कभी हम अपनी मां के संघर्ष और दर्द को भूल जाते हैं और हमें अपने कार्यों के माध्यम से अनजाने में उन्हें चोट पहुँचा बैठते हैं। याद रखें कि हमारी मां कभी भी हमारे साथ अपने संघर्ष के दिनों के दर्द को साझा नहीं करती लेकिन हम कई तरह से उनके बोझ को कम करने और अपने काम से उनकी मदद करने का प्रयास कर सकते हैं। मुझे यकीन है कि आप सभी इस तथ्य से सहमत होंगे कि वे हमारे लिए स्वर्गदूत की तरह हैं जो लगातार हमारे बेहतर जीवन के लिए प्रार्थना कर रही हैं और हम पर अपना प्रेम और दया न्योछावर कर रही हैं।

तो आइए हम एक साथ आकर इस क्षण को उनके लिए खास बनाते हैं। धन्यवाद!


भाषण – 4

माननीय प्रधानाचार्य, आदरणीय प्रोफेसरों और मेरे प्रिय मित्रों – मैं दिल से अपने कॉलेज समारोह में सभी का स्वागत करता हूं।

मैं समाजशास्त्र स्ट्रीम का अंतिम वर्ष का छात्र मातृ दिवस पर एक स्पीच देना चाहता हूं। मां पर स्पीच लिखते हुए मुझे एहसास हुआ कि हम बहुत ही दुर्लभ अवसरों पर अपने प्रियजनों के लिए कुछ कहने के लिए खुद को व्यक्त करते हैं और आज का दिन हमारी माताओं के बारे में है। स्पीच लिखने में मुझे ज्यादा मेहनत नहीं लगी लेकिन फिर भी मुझे यह बताने की ज़रूरत है कि हमारी मां हमारे लिए कितना महत्व रखती है।

मैं मातृ दिवस के लिए और भी उत्साहित हूँ क्योंकि यह वसंत के महीने में आता है। मैं उम्मीद करता हूँ कि हर कोई इस मौसम के महत्व को जानता है अर्थात् जन्म, जीवन, विकास और कायाकल्प। वास्तव में ये सभी गुण हमारी माताओं के साथ उचित रूप से जुड़े हो सकते हैं क्योंकि उसने हमें जीवन दिया है और हमें इस धरती पर आने का मौका दिया है – वह एक पोषणकारी आकृति है जो हमें हिम्मत देती है और जीवन के हर स्तर पर हमारा मार्गदर्शन करती है।

वह वास्तव में हमारे लिए भगवान का दिया सबसे बढ़िया उपहार है और उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह हमें बिना शर्त प्यार और स्नेह करती है। हमारे लिए उसका प्यार अतुलनीय है और वह हमेशा हमारे लिए सुरक्षात्मक बनी रहती है। यहां तक ​​कि जब हम गलती कर देते हैं तब भी वह हमारा हाथ पकड़कर हमें सही रास्ते दिखाती है। वह हमें धार्मिकता और नैतिक संकट के समय हमारे सिद्धांतों को कैसे कायम रखना चाहिए यह सिखाती है। हम उसके बिना अपने जीवन की एक पल की भी कल्पना नहीं कर सकते।

मां-बच्चे का रिश्ता इतना खास है कि हमारे कुछ भी कहने से पहले वह हमारी जरूरतों को जान लेती है। हमारे मनोदशाओं को समझने के लिए हमारी पसंद/नापसंद जानने से वह हमारी हर तंत्रिका को जान जाती है। तो चलिए इस मौके को ना गवांते हुए और आश्चर्यजनक उपहार और प्रेमपूर्ण इशारों के साथ हमारी माताओं को आश्चर्यचकित करें। सबसे पहले तो अपनी माँ को गले लगाएं और उनके गाल पर चुम्बन देते हुए बताएं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं।

वास्तव में मेरी स्पीच को खत्म करने से पहले मैं अपनी मां के लिए कुछ शब्द कहना चाहता हूँ। वह न केवल मेरी मां है बल्कि मेरी सबसे अद्भुत साथी भी है। मैं उससे कभी भी कुछ नहीं छिपाता – चाहे वह सही हो या गलत हो। जब मैं अपने लक्ष्यों को हासिल करता हूं तो उसकी खुशी की कोई सीमा नहीं रहती और अगर मैं कुछ गलत कर बैठता हूँ तो वह बहुत परेशान हो जाती है। वह मेरी चुप्पी पढ़ सकती है और जानती है कि मेरे लिए अच्छा क्या होगा। मेरी ऐसी कोई मांग नहीं है जिसे मेरी माँ ने कभी पूरा नहीं किया है चाहे वह मेरी पसंद की चीजें खरीदने के बारे में रही हो या मेरे कॉलेज की यात्राओं के लिए पिताजी से मंजूरी लेनी हो। मुझे अपने जीवन में मेरी माँ के अद्वितीय समर्थन का वर्णन करने के लिए शब्दों की कमी महसूस हो रही है।

अब मैं न केवल अपनी मां के लिए बल्कि यहाँ मौजूद सभी माताओं के लिए भगवान के आशीर्वाद की कामना करना चाहता हूं जो हम सभी का पालन-पोषण करती हैं और हमें बिना शर्त प्यार करती हैं। ईश्वर हमारी माताओं को सदा खुश रखे! ऐसा कोई दिन ना आए जब उन्हें कोई परेशानी हो या किसी प्रकार की हानि पहुंचे।

धन्यवाद।

More Information:

मातृ दिवस पर निबंध

माँ पर भाषण

मेरी माँ पर भाषण

मातृ दिवस पर नारा

माँ पर कविता

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *